वाराणसी में कर्ज से परेशान एक युवक ने घर में फांसी लगा ली। वह एक दवा कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेटिव (एमआर) था। उसकी लाश के पास से 6 पेज का एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने बेटी, मां और पत्नी का जिक्र किया है। पुलिस ने उसके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटना की छानबीन शुरू कर दी है। घटना बुधवार को लंका थाना क्षेत्र के हरिओम नगर कॉलोनी की है। चार साल से किराए के मकान में रहता था परिवार शैलेंद्र कुमार सिंह (45) जौनपुर के केराकत का रहने वाला था। वह वर्तमान में वाराणसी में एक दवा कंपनी में एमआर था। वह लंका थाना क्षेत्र के हरिओम नगर कॉलोनी में युधिष्ठिर सिंह के मकान में 4 साल से किराए पर परिवार के साथ रहता था। उनके साथ पत्नी सारिका और बेटी हर्षिता (10) रहती थी। पत्नी पास में ही एक प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं। कर्ज से परेशान होकर लगाई फांसी पूछताछ में पता चला है कि शैलेंद्र ने अपने परिवार के कामों के लिए कई लोगों से कर्ज ले रखा था। बुधवार को वह घर पर था। जबकि पत्नी स्कूल में पढ़ाने गई थी और बेटी भी घर से बाहर थी।तभी कर्जदारों के फोन आने लगे। उसके पास उन्हें लौटाने के लिए रुपए नहीं थे। परेशान होकर उसने घर के अंदर ही फांसी लगा ली। मां को लिखा, मैं लायक बेटा नहीं बन सका शैलेंद्र ने जान देने से पहले 6 पेज का एक बड़ा सा सुसाइड नोट लिखा। नोट में मां, बेटी और अपनी पत्नी का जिक्र किया। अपनी मां को संबोधित करते हुए लिखा कि मां मैं लायक बेटा नहीं बन सका। कक्षा छह में पढ़ने वाली बेटी हर्षिता के लिए लिखा किअब मैं जा रहा हूं, मम्मी को ज्यादा परेशान मत करना, अच्छे से पढ़ाई करना और अफसर बनना। उसने पुलिस को संबोधित पत्र में लिखा कि स्वेच्छा से जान दे रहा हूं। इसके लिए किसी को भी परेशान न किया किया जाए। सुसाइड से पहले दोस्त को भेजा था मैसेज शैलेंद्र ने सुसाइड से पहले बुधवार को मित्र राकेश को मैसेज भेजा। उसमें लिखा है कि सुसाइड करने जा रहा हूं। पत्नी को बता दिया जाए, सुसाइड नोट फ्रिज पर रखा है। मैसेज पढ़ते ही राकेश के होश उड़ गए, उसने शैलेंद्र को फोन किया लेकिन फोन उठा ही नहीं। इसके बाद उसने लंका पुलिस को घटना की सूचना दी। राकेश की सूचना पर पुलिस शाम 4 बजे घर पहुंची तो अंदर से कुंडी लगी थी। घर में कोई नहीं था। पुलिस मकान के अंदर दाखिल हुई तो कमरे के अंदर किचन में पंखे की कुंडी में दुपट्टे के सहारे शैलेंद्र का शव लटका हुआ मिला। उसके बाद पत्नी सारिका को सूचना दी गई। पत्नी जैसे ही घर पहुंची पति का शव देखकर बदहवास हो गई। पुलिस बोली- सभी बिंदुओं पर कर रहे जांच लंका इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सुसाइड नोट बरामद हुआ है। पता चला है कि कर्ज के दबाव के चलते शैलेंद्र ने ये कदम उठाया। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। सुसाइड नोट को साक्ष्य के तौर कब्जे में लिया है। सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। वाराणसी में कर्ज से परेशान एक युवक ने घर में फांसी लगा ली। वह एक दवा कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेटिव (एमआर) था। उसकी लाश के पास से 6 पेज का एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने बेटी, मां और पत्नी का जिक्र किया है। पुलिस ने उसके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटना की छानबीन शुरू कर दी है। घटना बुधवार को लंका थाना क्षेत्र के हरिओम नगर कॉलोनी की है। चार साल से किराए के मकान में रहता था परिवार शैलेंद्र कुमार सिंह (45) जौनपुर के केराकत का रहने वाला था। वह वर्तमान में वाराणसी में एक दवा कंपनी में एमआर था। वह लंका थाना क्षेत्र के हरिओम नगर कॉलोनी में युधिष्ठिर सिंह के मकान में 4 साल से किराए पर परिवार के साथ रहता था। उनके साथ पत्नी सारिका और बेटी हर्षिता (10) रहती थी। पत्नी पास में ही एक प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं। कर्ज से परेशान होकर लगाई फांसी पूछताछ में पता चला है कि शैलेंद्र ने अपने परिवार के कामों के लिए कई लोगों से कर्ज ले रखा था। बुधवार को वह घर पर था। जबकि पत्नी स्कूल में पढ़ाने गई थी और बेटी भी घर से बाहर थी।तभी कर्जदारों के फोन आने लगे। उसके पास उन्हें लौटाने के लिए रुपए नहीं थे। परेशान होकर उसने घर के अंदर ही फांसी लगा ली। मां को लिखा, मैं लायक बेटा नहीं बन सका शैलेंद्र ने जान देने से पहले 6 पेज का एक बड़ा सा सुसाइड नोट लिखा। नोट में मां, बेटी और अपनी पत्नी का जिक्र किया। अपनी मां को संबोधित करते हुए लिखा कि मां मैं लायक बेटा नहीं बन सका। कक्षा छह में पढ़ने वाली बेटी हर्षिता के लिए लिखा किअब मैं जा रहा हूं, मम्मी को ज्यादा परेशान मत करना, अच्छे से पढ़ाई करना और अफसर बनना। उसने पुलिस को संबोधित पत्र में लिखा कि स्वेच्छा से जान दे रहा हूं। इसके लिए किसी को भी परेशान न किया किया जाए। सुसाइड से पहले दोस्त को भेजा था मैसेज शैलेंद्र ने सुसाइड से पहले बुधवार को मित्र राकेश को मैसेज भेजा। उसमें लिखा है कि सुसाइड करने जा रहा हूं। पत्नी को बता दिया जाए, सुसाइड नोट फ्रिज पर रखा है। मैसेज पढ़ते ही राकेश के होश उड़ गए, उसने शैलेंद्र को फोन किया लेकिन फोन उठा ही नहीं। इसके बाद उसने लंका पुलिस को घटना की सूचना दी। राकेश की सूचना पर पुलिस शाम 4 बजे घर पहुंची तो अंदर से कुंडी लगी थी। घर में कोई नहीं था। पुलिस मकान के अंदर दाखिल हुई तो कमरे के अंदर किचन में पंखे की कुंडी में दुपट्टे के सहारे शैलेंद्र का शव लटका हुआ मिला। उसके बाद पत्नी सारिका को सूचना दी गई। पत्नी जैसे ही घर पहुंची पति का शव देखकर बदहवास हो गई। पुलिस बोली- सभी बिंदुओं पर कर रहे जांच लंका इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सुसाइड नोट बरामद हुआ है। पता चला है कि कर्ज के दबाव के चलते शैलेंद्र ने ये कदम उठाया। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। सुसाइड नोट को साक्ष्य के तौर कब्जे में लिया है। सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री पर आरोप तय:जूनियर महिला कोच का यौन शोषण केस; चंडीगढ़ कोर्ट में अब गवाहों के बयान दर्ज होंगे
हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री पर आरोप तय:जूनियर महिला कोच का यौन शोषण केस; चंडीगढ़ कोर्ट में अब गवाहों के बयान दर्ज होंगे हरियाणा में 3 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले BJP नेता पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जूनियर महिला कोच के यौन शोषण मामले में चंडीगढ़ की कोर्ट ने उन पर आरोप तय कर दिए हैं। संदीप सिंह के खिलाफ कोर्ट ने IPC की धारा 354, 354 A, 354 B, 506 और 509 के तहत किए गए आरोप तय किए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी। इसी दिन गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे। इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह की आरोपों को हटाने की याचिका और पीड़िता की ओर रेप की कोशिश की धारा जोड़ने की याचिका खारिज कर दी थी। बता दें कि कोच के आरोपों के बाद संदीप सिंह से खेल विभाग वापस ले लिया गया था। हालांकि तत्कालीन सीएम मनोहर लाल की कैबिनेट में वह मंत्री बने रहे। हालांकि खट्टर की जगह नायब सैनी के CM बनने के बाद संदीप को दोबारा मंत्री नहीं बनाया गया। महिला कोच के संदीप पर लगाए 5 गंभीर आरोप 1. मंत्री ने स्नैपचैट व इंस्टाग्राम पर मैसेज भेजे
जूनियर महिला कोच ने आरोप लगाया था कि 2016 रियो ओलिंपिक में हिस्सा लेने के बाद वह खेल विभाग में जूनियर कोच के तौर पर भर्ती हुई थी। जिसके बाद खेल मंत्री संदीप सिंह ने इंस्टाग्राम और स्नैपचैट पर उसको मैसेज भेजे। फिर मुझे चंडीगढ सेक्टर 7 लेक साइड मिलने के लिए बुलाया। मैं नहीं गई तो वे मुझे इंस्टाग्राम पर ब्लॉक और अनब्लॉक करते रहे। महिला कोच के आरोपों के मुताबिक 1 जुलाई को मंत्री ने उसे स्नैपचैट कॉल किया। जिसमें डॉक्यूमेंट्स वैरिफिकेशन के लिए मुझे सेक्टर 7, चंडीगढ़ में अपने आवास पर आने के लिए कहा। 2. मंत्री ने कहा- तुम मुझे खुश रखो, मैं तुम्हें खुश रखूंगा
महिला कोच ने कहा कि इसके बाद वह मंत्री के सरकारी घर पर पहुंची। वहां वे कैमरा वाले ऑफिस में नहीं बैठना चाहते थे। वह मुझे अलग केबिन में लेकर गए। वहां मेरे पैर पर हाथ रखा। मंत्री ने कहा कि तुम मुझे खुश रखो, मैं तुम्हें खुश रखूंगा। मेरी बात मानने पर आपको सभी सुविधाएं और मनचाही जगह पोस्टिंग मिलेगी। 3. मेरी टी-शर्ट फट गई
महिला कोच ने संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि शाम करीब 6.50 बजे मंत्री संदीप सिंह ने उससे छेड़छाड़ की। इस दौरान महिला कोच की टी-शर्ट फट गई। किसी तरह वह उनके चंगुल से छूटकर बाहर गई। 4. बात नहीं मानी तो ट्रांसफर कर दिया
महिला कोच ने आरोप लगाया कि जब मैंने मंत्री की बात नहीं मानी तो मेरी ट्रांसफर कर दी गई। मेरी ट्रेंनिग तक रोक दी गई। मैंने घटना की शिकायत के लिए DGP कार्यालय, CM हाउस और तत्कालीन गृह मंत्री अनिल विज समेत हर स्तर पर प्रयास किया, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई। 5. रेप की कोशिश के भी लगाए थे आरोप
इसके बाद महिला कोच ने दावा किया था कि संदीप सिंह ने उसे डॉक्यूमेंट चेक करने के लिए चंडीगढ़ स्थित सरकारी आवास बुलाकर रेप करने की कोशिश की थी। वह उनके घर पहुंची और स्टाफ से वॉशरूम पूछा। स्टाफ ने उसे बैडरुम के वॉशरूम में भेज दिया। जब वह बाहर आई तो मंत्री उसके सामने खड़ा हुआ था। उसने अचानक मेरा हाथ पकड़ कर सामने पड़े बेड पर पुश कर दिया। इसके बाद मैं बेड पर गिर गई और वह भी इस दौरान बेड पर आ गया। कोच ने दावा किया कि उसने उसकी टी-शर्ट पकड़कर ऊपर करने की कोशिश की। इसके बाद मेरे नजदीक आने और मुझे किस करने की कोशिश की। उसने यह भी दावा किया था कि उसके द्वारा मंत्री से छोड़ने की काफी रिक्वेस्ट की गई, लेकिन मंत्री उसे जबरन बाथरुम में लेकर गया, जहां उसने अपना लोअर भी उतार दिया। साथ ही मुझे काफी फोर्स से अपनी ओर खींचा। इस दौरान मंत्री ने बाथरुम की कुंडी भी लगा दी। जब मैंने इसका विरोध किया गया तो वह मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करने लगा। जब मंत्री नहीं माना तो मैंने उनको थप्पड़ मार दिया। इसके बाद मंत्री ने भी मुझे भी थप्पड़ मारा। इस पर मैं रोने लगी। तब मंत्री कहने लगा कि स्पोर्ट्स वाली लड़कियां वर्जिन नहीं होती हैं। मंत्री संदीप ने कहा था- आरोप गलत, ट्रांसफर किया तो साजिश
खेल मंत्री रहते संदीप ने इन सब आरोपों को खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है। जिसमें उन्हें फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला कोच पंचकूला में रहने के लिए इस तरह के आरोप लगा रही है। उन्होंने महिला कोच का ट्रांसफर झज्जर कर दिया और वह पंचकूला रहना चाहती थी, इसलिए ऐसे आरोप लगा रही है। आरोप तय होने में डेढ़ साल का समय लगा
संदीप सिंह के खिलाफ आरोप तय करने की कार्रवाई में ही लगभग डेढ़ वर्ष से ज्यादा समय लगा है। 26 दिसंबर 2022 को जूनियर महिला कोच ने हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न सहित अन्य आरोप लगाते हुए चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दी थी। जांच के बाद 31 दिसंबर की रात 11 बजे सेक्टर-26 थाने में संदीप सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 342, 354, 354ए, 354बी, 506 के तहत पुलिस ने केस दर्ज किया था। चंडीगढ़ पुलिस की SIT ने की जांच
इस मामले की जांच के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने DSP पलक गोयल के सुपरविजन में मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) गठित की गई थी। इसमें साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रंजीत सिंह, महिला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर उषा और एक महिला एसआई को शामिल किया गया था। एसआईटी की जांच के बाद संदीप सिंह के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 509 भी जोड़ी थी।
कांग्रेस ने महाराष्ट्र में MLC चुनाव में उतारा उम्मीदवार, इस नेता को दिया टिकट
कांग्रेस ने महाराष्ट्र में MLC चुनाव में उतारा उम्मीदवार, इस नेता को दिया टिकट <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Congress MLC Candidate:</strong> कांग्रेस ने महाराष्ट्र में एमएलसी चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है. पार्टी ने प्रज्ञा राजीव सातव को टिकट दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”> </p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>Congress has announced Pradnya Rajeev Satav as its candidate for MLC elections in Maharashtra <a href=”https://t.co/t2Y2YRDfj7″>pic.twitter.com/t2Y2YRDfj7</a></p>
— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1807760636413149319?ref_src=twsrc%5Etfw”>July 1, 2024</a></blockquote>
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KGMU में प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोपी डॉक्टर निलंबित:मिली भगत से चल रहा खेल, डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन का एक्शन
KGMU में प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोपी डॉक्टर निलंबित:मिली भगत से चल रहा खेल, डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन का एक्शन यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU में ENT विभाग में तैनात डॉक्टर पर निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करने के मामले में डिप्टी सीएम द्वारा जांच के आदेश के बाद आरोपी डॉक्टर को निलंबित कर दिया।जांच पूरी होने के बाद आरोपी जूनियर डॉक्टर रमेश कुमार के खिलाफ आगे की कार्रवाई होगी। इससे पहले विभागाध्यक्ष ने डॉक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। इस बीच मामले में एक बड़ा तथ्य ये सामने आया है कि आरोपी डॉक्टर KGMU में बांड पर तैनात था और करीब 3 महीने पहले ही बॉन्ड खत्म हो गया था। बॉन्ड खत्म होने के बाद भी OPD में था तैनात इस बीच शुरुआती जांच में ये सामने आया है कि डॉ. रमेश कुमार का बॉन्ड करीब तीन महीने पहले ही पूरा हो चुका था। इसके बावजूद सीनियर डॉक्टर के कहने पर उसे दोबारा तैनाती देकर तीन महीने के लिए रख दिया गया। जांच में दोषी साबित होने पर उसके खिलाफ और कठोर एक्शन लेने की तैयारी है। जांच टीम में शामिल है ये लोग KGMU प्रशासन ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की अध्यक्षता में समिति बनाई है। इस समिति में चिकित्सा अधीक्षक, कुलसचिव, प्रॉक्टर और नाक, कान और गला विभाग के अध्यक्ष हैं। अधिकारियों का कहना है कि पड़ताल चल रही है। जांच पूरी होने के बाद दोषी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। निजी अस्पताल संचालक को भेजा गया नोटिस वहीं, उपमुख्यमंत्री के निर्देश पर लखनऊ शहर का स्वास्थ्य महकमा भी हरकत में आया। CMO डॉ. एनबी सिंह ने 2 सदस्यीय जांच समिति गठन के निर्देश देते हुए फौरन कार्रवाई करने की बात भी कही। विभागीय अफसरों का कहना है कि अस्पताल संचालक के फोन नंबर पर नोटिस भेजकर इलाज से जुड़े दस्तावेज मांगे गए हैं। रवि श्रीवास्तव 2 साल से यह अस्पताल चला रहा था। फिलहाल जो जानकारी मिल रही उसके मुताबिक संचालक बिल्डिंग खाली करके हफ्ते भर पहले ही भाग गया है। ऐसे में अब मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई का ही रास्ता बचता दिख रहा है। मिली भगत का खेल, बिना पैरवी मिल गया वेंटिलेटर जिस KGMU में वेंटिलेटर पाने के लिए कई बार तगड़ा जुगाड़ भी बेअसर साबित होता है, वहां निजी अस्पताल में ऑपेरशन के बाद मरीज की हालत बिगड़ने पर सीधे वेंटिलेटर सपोर्ट मिलना, गजब की सेटिंग दर्शाता है। बिना विभागीय मातहतों से जुगाड़ के ऐसा संभव नही। निजी अस्तपाल से लाई गई महिला को सीधे वेंटिलेटर मिल गया। पूनम मौर्या के परिवार के लोगों की माने तो हालत खराब होने पर अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने ही उन्हें KGMU में भर्ती कराया था। इसके लिए न तो उन्हें ट्रॉमा सेंटर और न किसी दूसरे विभाग जाना पड़ा। शताब्दी फेज-2 भवन में मौजूद वेंटिलेटर यूनिट में पूनम को भर्ती किया गया था। 26 अक्टूबर से 9 नवंबर के बीच दवाओं पर करीब एक लाख रुपये का खर्च आया। हालांकि, वेंटिलेटर चार्ज के नाम पर कोई पैसा नहीं जमा कराया गया। ऐसा संभव है कि निजी अस्पताल प्रशासन ने ही इसका शुल्क चुकाया हो।