शराब कारोबारी और उनके परिवार की हत्या के खुलासे के करीब पुलिस पहुंच गई है। अब भतीजे विक्की की अरेस्टिंग का प्रयास वाराणसी पुलिस कर रही है। भास्कर एक बार फिर उस घर पर पहुंचा, जहां पर राजेंद्र गुप्ता के पूरे परिवार का मर्डर हुआ। मर्डर के 1 दिन बाद कोई रिश्तेदार मिलने नहीं पहुंचा था। मगर अब घर में लोगों की जमावड़ा मिला। हम घर के पीछे हिस्से में पहुंचे। यहां दीवार का एक हिस्से की ईट गिरी हुई मिली। पास खड़े पुलिस के जवान ने बताया कि अनुमान है कि कत्ल के बाद यही से बदमाश भागे हैं। 10 किमी दूर जिस घर से राजेंद्र गुप्ता की लाश मिली, उस घर से एक स्कूटी मिली है। पुलिस उसकी भी पड़ताल कर रही है। वहीं घर के सामने रहने वाले जो 4 लड़के गायब बताए जा रहे थे, उनकी लोकेशन मुंबई में मिल गई है। यह भी सामने आया है कि उनका इस मर्डर केस से कोई लिंक नहीं है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… 5 मंजिला मकान, 40 किरायेदार भदैनी पावर हाउस के सामने की गली में राजेंद्र गुप्ता का मकान है। यह मकान पांच मंजिला है। मकान के फर्स्ट फ्लोर, सेकेंड फ्लोर और थर्ड फ्लोर में राजेंद्र के फ्लैट हैं। अन्य फ्लैट किराए पर उठाए गए हैं। इसके अलावा, इस घर को चारों ओर टीन शेड में छोटे-छोटे कमरे हैं। इनमें करीब 40 किराएदार रहते हैं। राजेंद्र की पत्नी नीतू गुप्ता और तीनों बच्चों की लाश इसी घर के सेकेंड फ्लोर से मंगलवार को बरामद की गई। हम बुधवार की शाम करीब 4 बजे राजेंद्र के घर पहुंचे। यहां नीतू के मायके के लोग नहीं थे। लेकिन, राजेंद्र के घर-परिवार और रिश्तेदार आए थे। जहां लाशें मिलीं, उस क्राइम स्पॉट की साफ-सफाई की जा चुकी थी। हमने एक-एक कर सभी से बात करनी चाही। लेकिन, कैमरे के सामने किसी ने कुछ नहीं कहा। रिश्तेदार यही बोले- जो कुछ भी हुआ, वो बहुत बुरा है। मंगलवार को जो किराएदार अपनी बात रख रहे थे। अब पुलिसिया कार्रवाई के डर से वह भी सहमे दिखाई दिए। घर में एंट्री के दो रास्ते, कोई CCTV नहीं
राजेंद्र के घर का चारों तरफ घूमने पर पता चला कि अंदर आने के लिए दो रास्ते हैं। पहला- पावर हाउस के ठीक सामने से गली से होते हुए आता है। दूसरा- रविंद्रपुरी मार्ग से अस्सी घाट को जोड़ने वाले गली से होते हुए घर के पिछले हिस्से के पास पहुंचता हैं। इन दोनों रास्तों पर चलने के बाद सामने आया कि इनमें कहीं पर भी ऐसी जगह CCTV नहीं लगा है, जहां से किसी भी संदिग्ध के आने और जाने को सही तरीके से कैप्चर किया जा सके।
पुलिस ने क्राइम स्पॉट को सील किया
घटना के दूसरे दिन कई रिश्तेदार पहुंच नहीं पाए थे। उनका आना-जाना शुरू हो चुका है। वहीं, दूसरी तरफ पुलिस ने घर में काम करने वाली नौकरानी और मां शारदा से दोबारा पूछताछ की। पुलिस ने क्राइम स्पॉट को सील किया है। जिन कमरों में लाशें मिली थीं, वहां पर कोई आ-जा नहीं सकता है।
ममेरे भाई बोले – वह भले आदमी थे कारोबारी राजेंद्र के ममेरे भाई राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि राजेंद्र काफी अच्छे व्यक्ति थे। वह अपने भतीजे और भतीजी को भी अपने साथ रखे थे। भतीजी यहीं पर रहकर पढ़ाई करती थी। अभी जून में ही महमूरगंज स्थित एक होटल में धूमधाम से उसकी शादी भी हुई थी। पूरा परिवार खुश था और भतीजे भी खुश थे। राजेंद्र जिम्मेदारी के साथ उन लोगों को पढ़ाई करवाई थी। अब वह लोग नौकरी भी अच्छी जगह कर रहे हैं, हमें नहीं लगता कि उन्होंने ऐसी चीज की होगी। इस घर के आस-पास रहने वाले लोगों ने बताया कि यह घटना कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी के दिन हुई है। ठीक 28 साल पहले भी इसी तिथि में इस घर में हत्या हुई थी। तब कृष्ण गुप्ता और उनकी पत्नी की मौत हुई थी। राजेंद्र की अलमारी से मिली ज्योतिष की किताबें लोगों से बातचीत करके सामने आया कि राजेंद्र लोगों की समस्याओं के समाधान का दावा करता था। वह लोगों से उनकी जन्म कुंडली और समस्याओं के बारे में पूछता था और उन्हें समाधान बताता था। दिल्ली, पीलीभीत, कानपुर, लखनऊ अहमदाबाद और देश के कई हिस्सों से साहू, गुप्ता जायसवाल समेत अन्य लोगों की कुंडलियों पर वह गहन मंथन करता था। यहां तक कि लोगों से फोन पर हुई बातचीत को अपने सवालों और जवाब के हिसाब से लिखता था जो रजिस्टर मिले हैं। जन्म कुंडली से लेकर सवाल जवाब का पूरा एक पर्चा मिला है। जिसमें शादी न होने से लेकर शादी के बाद हो रही परेशानी घर और संपत्ति से जुड़ी परेशानियों तक के सवाल शामिल थे। जिस पर राजेंद्र जवाब भी देता था। रजिस्टर में कई मोबाइल नंबर भी मिले हैं। जिनसे वह लगातार संपर्क में रहता था और लोगों से बातचीत करके उनकी समस्याओं का समाधान करता था। इसके अलावा घर से वस्तु और ज्योतिष की किताबें भी मिली हैं। 27 साल पहले छोटे भाई-पत्नी की हत्या का केस चला राजेंद्र के पड़ोसियों ने बताया कि संपत्ति के लालच में राजेंद्र ने 28 साल पहले वर्ष 1996 में अपने छोटे भाई कृष्णा और उसकी पत्नी मंजू की हत्या भाड़े के शूटरों से कराई थी। वर्ष 1997 में राजेंद्र पर उसके पिता लक्ष्मी नारायण गुप्ता और उनके एक चौकीदार की हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। हालाकि, राजेंद्र की मां शारदा देवी ही मामले में वादी थी। इस कारण मां को अपने पक्ष में करके वह जेल से बाहर आ गया था। वहीं, कृष्णा और मंजू की हत्या का मामला रफा-दफा हो गया। जेल से बाहर आने के बाद वर्ष 1999 में उसने भदैनी में अपने किरायेदार एक ब्राह्मण परिवार की नीतू से प्रेम विवाह किया था। नीतू से प्रेम विवाह के बाद ही परिजन ने उससे नाता तोड़ लिया था। राजेंद्र गुप्ता के बाबा पन्ना साव अपने दौर के संपन्न लोगों में शुमार थे। भदैनी इलाके के लोगों ने बताया कि पन्ना साव किराये पर 150 रिक्शा चलवा कर बड़े पैमाने पर चल-अचल संपत्ति के मालिक बन गए। शराब कारोबारी और उनके परिवार की हत्या के खुलासे के करीब पुलिस पहुंच गई है। अब भतीजे विक्की की अरेस्टिंग का प्रयास वाराणसी पुलिस कर रही है। भास्कर एक बार फिर उस घर पर पहुंचा, जहां पर राजेंद्र गुप्ता के पूरे परिवार का मर्डर हुआ। मर्डर के 1 दिन बाद कोई रिश्तेदार मिलने नहीं पहुंचा था। मगर अब घर में लोगों की जमावड़ा मिला। हम घर के पीछे हिस्से में पहुंचे। यहां दीवार का एक हिस्से की ईट गिरी हुई मिली। पास खड़े पुलिस के जवान ने बताया कि अनुमान है कि कत्ल के बाद यही से बदमाश भागे हैं। 10 किमी दूर जिस घर से राजेंद्र गुप्ता की लाश मिली, उस घर से एक स्कूटी मिली है। पुलिस उसकी भी पड़ताल कर रही है। वहीं घर के सामने रहने वाले जो 4 लड़के गायब बताए जा रहे थे, उनकी लोकेशन मुंबई में मिल गई है। यह भी सामने आया है कि उनका इस मर्डर केस से कोई लिंक नहीं है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… 5 मंजिला मकान, 40 किरायेदार भदैनी पावर हाउस के सामने की गली में राजेंद्र गुप्ता का मकान है। यह मकान पांच मंजिला है। मकान के फर्स्ट फ्लोर, सेकेंड फ्लोर और थर्ड फ्लोर में राजेंद्र के फ्लैट हैं। अन्य फ्लैट किराए पर उठाए गए हैं। इसके अलावा, इस घर को चारों ओर टीन शेड में छोटे-छोटे कमरे हैं। इनमें करीब 40 किराएदार रहते हैं। राजेंद्र की पत्नी नीतू गुप्ता और तीनों बच्चों की लाश इसी घर के सेकेंड फ्लोर से मंगलवार को बरामद की गई। हम बुधवार की शाम करीब 4 बजे राजेंद्र के घर पहुंचे। यहां नीतू के मायके के लोग नहीं थे। लेकिन, राजेंद्र के घर-परिवार और रिश्तेदार आए थे। जहां लाशें मिलीं, उस क्राइम स्पॉट की साफ-सफाई की जा चुकी थी। हमने एक-एक कर सभी से बात करनी चाही। लेकिन, कैमरे के सामने किसी ने कुछ नहीं कहा। रिश्तेदार यही बोले- जो कुछ भी हुआ, वो बहुत बुरा है। मंगलवार को जो किराएदार अपनी बात रख रहे थे। अब पुलिसिया कार्रवाई के डर से वह भी सहमे दिखाई दिए। घर में एंट्री के दो रास्ते, कोई CCTV नहीं
राजेंद्र के घर का चारों तरफ घूमने पर पता चला कि अंदर आने के लिए दो रास्ते हैं। पहला- पावर हाउस के ठीक सामने से गली से होते हुए आता है। दूसरा- रविंद्रपुरी मार्ग से अस्सी घाट को जोड़ने वाले गली से होते हुए घर के पिछले हिस्से के पास पहुंचता हैं। इन दोनों रास्तों पर चलने के बाद सामने आया कि इनमें कहीं पर भी ऐसी जगह CCTV नहीं लगा है, जहां से किसी भी संदिग्ध के आने और जाने को सही तरीके से कैप्चर किया जा सके।
पुलिस ने क्राइम स्पॉट को सील किया
घटना के दूसरे दिन कई रिश्तेदार पहुंच नहीं पाए थे। उनका आना-जाना शुरू हो चुका है। वहीं, दूसरी तरफ पुलिस ने घर में काम करने वाली नौकरानी और मां शारदा से दोबारा पूछताछ की। पुलिस ने क्राइम स्पॉट को सील किया है। जिन कमरों में लाशें मिली थीं, वहां पर कोई आ-जा नहीं सकता है।
ममेरे भाई बोले – वह भले आदमी थे कारोबारी राजेंद्र के ममेरे भाई राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि राजेंद्र काफी अच्छे व्यक्ति थे। वह अपने भतीजे और भतीजी को भी अपने साथ रखे थे। भतीजी यहीं पर रहकर पढ़ाई करती थी। अभी जून में ही महमूरगंज स्थित एक होटल में धूमधाम से उसकी शादी भी हुई थी। पूरा परिवार खुश था और भतीजे भी खुश थे। राजेंद्र जिम्मेदारी के साथ उन लोगों को पढ़ाई करवाई थी। अब वह लोग नौकरी भी अच्छी जगह कर रहे हैं, हमें नहीं लगता कि उन्होंने ऐसी चीज की होगी। इस घर के आस-पास रहने वाले लोगों ने बताया कि यह घटना कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी के दिन हुई है। ठीक 28 साल पहले भी इसी तिथि में इस घर में हत्या हुई थी। तब कृष्ण गुप्ता और उनकी पत्नी की मौत हुई थी। राजेंद्र की अलमारी से मिली ज्योतिष की किताबें लोगों से बातचीत करके सामने आया कि राजेंद्र लोगों की समस्याओं के समाधान का दावा करता था। वह लोगों से उनकी जन्म कुंडली और समस्याओं के बारे में पूछता था और उन्हें समाधान बताता था। दिल्ली, पीलीभीत, कानपुर, लखनऊ अहमदाबाद और देश के कई हिस्सों से साहू, गुप्ता जायसवाल समेत अन्य लोगों की कुंडलियों पर वह गहन मंथन करता था। यहां तक कि लोगों से फोन पर हुई बातचीत को अपने सवालों और जवाब के हिसाब से लिखता था जो रजिस्टर मिले हैं। जन्म कुंडली से लेकर सवाल जवाब का पूरा एक पर्चा मिला है। जिसमें शादी न होने से लेकर शादी के बाद हो रही परेशानी घर और संपत्ति से जुड़ी परेशानियों तक के सवाल शामिल थे। जिस पर राजेंद्र जवाब भी देता था। रजिस्टर में कई मोबाइल नंबर भी मिले हैं। जिनसे वह लगातार संपर्क में रहता था और लोगों से बातचीत करके उनकी समस्याओं का समाधान करता था। इसके अलावा घर से वस्तु और ज्योतिष की किताबें भी मिली हैं। 27 साल पहले छोटे भाई-पत्नी की हत्या का केस चला राजेंद्र के पड़ोसियों ने बताया कि संपत्ति के लालच में राजेंद्र ने 28 साल पहले वर्ष 1996 में अपने छोटे भाई कृष्णा और उसकी पत्नी मंजू की हत्या भाड़े के शूटरों से कराई थी। वर्ष 1997 में राजेंद्र पर उसके पिता लक्ष्मी नारायण गुप्ता और उनके एक चौकीदार की हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। हालाकि, राजेंद्र की मां शारदा देवी ही मामले में वादी थी। इस कारण मां को अपने पक्ष में करके वह जेल से बाहर आ गया था। वहीं, कृष्णा और मंजू की हत्या का मामला रफा-दफा हो गया। जेल से बाहर आने के बाद वर्ष 1999 में उसने भदैनी में अपने किरायेदार एक ब्राह्मण परिवार की नीतू से प्रेम विवाह किया था। नीतू से प्रेम विवाह के बाद ही परिजन ने उससे नाता तोड़ लिया था। राजेंद्र गुप्ता के बाबा पन्ना साव अपने दौर के संपन्न लोगों में शुमार थे। भदैनी इलाके के लोगों ने बताया कि पन्ना साव किराये पर 150 रिक्शा चलवा कर बड़े पैमाने पर चल-अचल संपत्ति के मालिक बन गए। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर