भास्कर न्यूज | लुधियाना ट्रांसपोर्ट विभाग के आदेशों पर वित्तीय घाटे को पूरा करने के लिए नए नए नियमों को लागू किया जा रहा है। जिसका सीधे तौर पर बोझ आम जनता पर पड़ रहा है। आए दिनों पहले फैंसी नंबरों के दाम डबल कर दिए गए, बिना बताए ही एजेंसियों की आईडी बंद कर बकाया खड़ा कर दिया गया और अब चालान का भुगतान करने के लिए आने वाले लोगो के डॉक्यूमेंट सीन करने भी बंद कर दिए गए। डॉक्यूमेंट सीन न होने के चलते लोगों को अधिक पैसे आरटीओ आफिस में जमा करवाने पड़ रहे हैं। बता दें कि ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहनों का चालान करते समय आरसी व लाइसेंस देखा जाता है। मौके पर ये डॉक्यूमेंट न होने पर चालान कर दिया जाता है। परंतु चालान का भुगतान करते समय अगर ये डॉक्यूमेंट व्यक्ति द्वारा आरटीओ को दिखा दिए जाते हैं तो चालान की रकम कम हो जाती है। -एटीओ के पास भी होती है पावर-बता दें कि पहले एटीओ रहे अभिषेक बांसल द्वारा भी चालान का भुगतान करने के लिए आने वाले लोगों के डॉक्यूमेंट को जांच परख कर सीन कर दिया जाता था। इससे व्यक्ति के चालान की रकम भी कम हो जाती थी। नए एटीओ राम मूर्त द्वारा 24 जनवरी को जॉइन किया गया था परंतु अब एक महीना पूरा होने को है उनकी अभी तक आईडी नहीं बनाई गई है। अगर एटीओ की आईडी बन जाती है तो आरटीओ आफिस में आने वाले लोगों के आधे काम उनके पास चले जाएंगे और लोगों के काम भी तेजी से होंगे। वहीं, आरटीओ कुलदीप बावा ने बताया कि ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए हैं कि लोग चालान का भुगतान करने के लिए समय पर नहीं आ रहे हैं। अगर चालान के 15 दिन के अंदर डॉक्यूमेंट लेकर व्यक्ति चालान का भुगतान करने के लिए आता है तो उस संबंध में विचार किया जा सकता है। अन्यथा डॉक्यूमेंट सीन नहीं होंगे। बता दें कि जो नंबर बढ़ते क्रम में हैं वह पहले आम सीरीज में आसानी से मिल जाता था। परंतु ट्रांसपोर्ट विभाग ने पैसों के लालच में कहे या विभाग को हो रहे घाटे को देखते हुए बढ़ते क्रम वाले नंबर भी बोली में शामिल कर दिए है। इससे वाहन चालक हताक्ष है और नंबरों के बढ़ाए गए रिजर्व प्राइज को लेकर हैरान और परेशान भी हैं कि इतने अधिक पैसे क्यों बढ़ाए गए हैं और ज्यादा दाम में नंबर कौन खरीद पाएगा। सिस्टम अपडेट करने में समय लगता: ट्रांसपोर्ट विभाग के उच्च अधिकारी ने बताया कि फैंसी नंबरों के प्राइज बढ़ाए गए हैं। उसके लिए पहले नोटिफिकेशन जारी किया गया था। उसके बाद इसे सिस्टम में अपडेट करने व ट्रायल करने में समय लगता है। एक सप्ताह में इसे शुरू कर दिया जाएगा। ताकि लोग अपनी पसंद से नंबर ले सकें। बढ़ते क्रम में नंबर लगवाना है प्रिंस शर्मा ने बताया कि उसने दो दिन पहले थार गाड़ी निकलवाई है। जिस पर बढ़ते क्रम में नंबर लगवाना है। परंतु एजेंसी वाले अपनी मर्जी से कोई भी नंबर लगाने को कह रहे है। जबकि मनपसंद नंबर के लिए जो भी खर्च आएगा उसके पैसे अदा करने को भी वह तैयार है। लेकिन विभाग द्वारा नंबरों की बोली अभी तक शुरू ही नहीं की गई है। अब ऐसे में वह नंबर लगाए तो लगाए कैसे। भास्कर न्यूज । लुधियाना ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से वीआईपी नंबरों के रिजर्व प्राइज बढ़ा दिए गए हैं। इसके चलते अब आवेदकों को मनपसंद नंबर खरीदने के लिए भी सोच विचार करना पड़ेगा। परंतु ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा अभी तक वीआईपी नंबरों की नीलामी शुरू नहीं की है। जिस कारण लोग वाहन तो खरीद रहे हैं परंतु नए वाहनों पर नंबर नहीं लगा पा रहे हैं। हालांकि एजेंसी द्वारा एक सप्ताह का समय वाहन खरीदने पर दिया जा रहा है और ये कहा जा रहा है कि अगर एक सप्ताह में नंबर नहीं लगता तो एजेंसी नार्मल नंबर वाहन पर लगा देगी। लाखों रुपए वाहन खरीदने पर लगाने के बावजूद भी वाहन चालक अपने मन पसंदीदा नंबर को नहीं खरीद पा रहा हैं। भास्कर न्यूज | लुधियाना ट्रांसपोर्ट विभाग के आदेशों पर वित्तीय घाटे को पूरा करने के लिए नए नए नियमों को लागू किया जा रहा है। जिसका सीधे तौर पर बोझ आम जनता पर पड़ रहा है। आए दिनों पहले फैंसी नंबरों के दाम डबल कर दिए गए, बिना बताए ही एजेंसियों की आईडी बंद कर बकाया खड़ा कर दिया गया और अब चालान का भुगतान करने के लिए आने वाले लोगो के डॉक्यूमेंट सीन करने भी बंद कर दिए गए। डॉक्यूमेंट सीन न होने के चलते लोगों को अधिक पैसे आरटीओ आफिस में जमा करवाने पड़ रहे हैं। बता दें कि ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहनों का चालान करते समय आरसी व लाइसेंस देखा जाता है। मौके पर ये डॉक्यूमेंट न होने पर चालान कर दिया जाता है। परंतु चालान का भुगतान करते समय अगर ये डॉक्यूमेंट व्यक्ति द्वारा आरटीओ को दिखा दिए जाते हैं तो चालान की रकम कम हो जाती है। -एटीओ के पास भी होती है पावर-बता दें कि पहले एटीओ रहे अभिषेक बांसल द्वारा भी चालान का भुगतान करने के लिए आने वाले लोगों के डॉक्यूमेंट को जांच परख कर सीन कर दिया जाता था। इससे व्यक्ति के चालान की रकम भी कम हो जाती थी। नए एटीओ राम मूर्त द्वारा 24 जनवरी को जॉइन किया गया था परंतु अब एक महीना पूरा होने को है उनकी अभी तक आईडी नहीं बनाई गई है। अगर एटीओ की आईडी बन जाती है तो आरटीओ आफिस में आने वाले लोगों के आधे काम उनके पास चले जाएंगे और लोगों के काम भी तेजी से होंगे। वहीं, आरटीओ कुलदीप बावा ने बताया कि ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए हैं कि लोग चालान का भुगतान करने के लिए समय पर नहीं आ रहे हैं। अगर चालान के 15 दिन के अंदर डॉक्यूमेंट लेकर व्यक्ति चालान का भुगतान करने के लिए आता है तो उस संबंध में विचार किया जा सकता है। अन्यथा डॉक्यूमेंट सीन नहीं होंगे। बता दें कि जो नंबर बढ़ते क्रम में हैं वह पहले आम सीरीज में आसानी से मिल जाता था। परंतु ट्रांसपोर्ट विभाग ने पैसों के लालच में कहे या विभाग को हो रहे घाटे को देखते हुए बढ़ते क्रम वाले नंबर भी बोली में शामिल कर दिए है। इससे वाहन चालक हताक्ष है और नंबरों के बढ़ाए गए रिजर्व प्राइज को लेकर हैरान और परेशान भी हैं कि इतने अधिक पैसे क्यों बढ़ाए गए हैं और ज्यादा दाम में नंबर कौन खरीद पाएगा। सिस्टम अपडेट करने में समय लगता: ट्रांसपोर्ट विभाग के उच्च अधिकारी ने बताया कि फैंसी नंबरों के प्राइज बढ़ाए गए हैं। उसके लिए पहले नोटिफिकेशन जारी किया गया था। उसके बाद इसे सिस्टम में अपडेट करने व ट्रायल करने में समय लगता है। एक सप्ताह में इसे शुरू कर दिया जाएगा। ताकि लोग अपनी पसंद से नंबर ले सकें। बढ़ते क्रम में नंबर लगवाना है प्रिंस शर्मा ने बताया कि उसने दो दिन पहले थार गाड़ी निकलवाई है। जिस पर बढ़ते क्रम में नंबर लगवाना है। परंतु एजेंसी वाले अपनी मर्जी से कोई भी नंबर लगाने को कह रहे है। जबकि मनपसंद नंबर के लिए जो भी खर्च आएगा उसके पैसे अदा करने को भी वह तैयार है। लेकिन विभाग द्वारा नंबरों की बोली अभी तक शुरू ही नहीं की गई है। अब ऐसे में वह नंबर लगाए तो लगाए कैसे। भास्कर न्यूज । लुधियाना ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से वीआईपी नंबरों के रिजर्व प्राइज बढ़ा दिए गए हैं। इसके चलते अब आवेदकों को मनपसंद नंबर खरीदने के लिए भी सोच विचार करना पड़ेगा। परंतु ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा अभी तक वीआईपी नंबरों की नीलामी शुरू नहीं की है। जिस कारण लोग वाहन तो खरीद रहे हैं परंतु नए वाहनों पर नंबर नहीं लगा पा रहे हैं। हालांकि एजेंसी द्वारा एक सप्ताह का समय वाहन खरीदने पर दिया जा रहा है और ये कहा जा रहा है कि अगर एक सप्ताह में नंबर नहीं लगता तो एजेंसी नार्मल नंबर वाहन पर लगा देगी। लाखों रुपए वाहन खरीदने पर लगाने के बावजूद भी वाहन चालक अपने मन पसंदीदा नंबर को नहीं खरीद पा रहा हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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होशियारपुर में दो सगे भाईयों की मौत:भतीजा हुआ घायल, चिंतपूर्णी से माथा टेक कर लौटा वापस, बस स्टैंड पर कर रहे थे बात
होशियारपुर में दो सगे भाईयों की मौत:भतीजा हुआ घायल, चिंतपूर्णी से माथा टेक कर लौटा वापस, बस स्टैंड पर कर रहे थे बात होशियारपुर के बीती रात करीब पौने बारह बजे तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से दो भाईयों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य युवक गंभीर रुप से घायल हो गया। घायल युवक को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे का पता चलते ही एसएसएफ टीम, इंचार्ज एएसआई पवन कुमार की अगुवाई में मौके पर पहुंची। शवों को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। हादसे के बाद अज्ञात वाहन चालक मौके से फरार हो गया। बस स्टैंड पर तेज रफ्तार वाहन ने कुचला घायल अजय कुमार (18) पुत्र मंगत राम उर्फ शिंदर निवासी चौटाला (हरियाना) ने बताया कि उसके चाचा जोगिंदरपाल उर्फ जिंदा (45) रविवार को माता चिंतपूर्णी मंदिर में माथा टेकने गया था। देर रात वह वापस लौट रहा था। उसने रात को फोन करके बताया कि वह बस में आ रहा है और उसको बस स्टैंड भुंगा से ले जाएं। चाचा रात 11.30 बजे बस से उतरा था। अजय ने बताया कि वह रात का समय होने के कारण चाचा को बस स्टैंड से लेने के लिए अपने पिता मंगत राम उर्फ शिंदर को साथ लेकर गया। बस स्टैंड पहुंच कर आपस में चाचा के साथ बातें कर ही रहे थे कि 11.40 के करीब एक तेज रफ्तार वाहन के चालक ने वाहन को लापरवाही से चलाते हुए उन तीनों को बुरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया। जिस कारण उसके चाचा और पिता की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि वह घायल हो गया।
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18वीं लोकसभा का पहला सत्र:पंजाब के सांसद 25 जून को लेंगे शपथ; अमृतपाल का नाम भी लिस्ट में, लेकिन नहीं पहुंच पाएंगे
18वीं लोकसभा का पहला सत्र:पंजाब के सांसद 25 जून को लेंगे शपथ; अमृतपाल का नाम भी लिस्ट में, लेकिन नहीं पहुंच पाएंगे 18वीं लोकसभा का पहला सत्र आज से शुरू होने जा रहा है। इसकी शुरुआत 540 सांसदों को शपथ दिलाने से होगी। पंजाब के सांसदों को मंगलवार 25 जून को शपथ का समय दिया गया है। जिसमें जेल से चुनाव लड़ने और जीतने वाले अमृतपाल सिंह समेत सभी 13 सांसदों के नाम हैं। लेकिन अमृतपाल सिंह इस दौरान न तो संसद पहुंच पाएंगे और न ही शपथ ले पाएंगे। अमृतपाल सिंह की बात करें तो वे मार्च 2023 से एनएसए के तहत असम के डिब्रूगढ़ की जेल में हैं। एनएसए एक ऐसा कानून है जो सरकार को बिना किसी औपचारिक आरोप के 12 महीने तक व्यक्तियों को हिरासत में रखने की अनुमति देता है। लेकिन अमृतपाल सिंह को अब एक साल से ज्यादा हो गया है और पंजाब सरकार ने उनकी NSA को दूसरी बार बढ़ा दिया है। ऐसे में स्पष्ट है कि संसद कार्यालय की तरफ से भेजे गए 25 जून के समय में अमृतपाल ना जेल से बाहर आ पाएगा और ना ही शपथ ले पाएगा। शपथ के लिए नहीं आ पाएंगे अमृतपाल अमृतपाल सिंह के वकील एडवोकेट राजदेव सिंह खालसा ने बताया कि संसद कार्यालय की तरफ से हर नए चुने गए सांसद को शपथ के लिए समय दिया जाता है। 25 जून को पंजाब के सभी सांसदों को समय दिया गया है। कार्यालय सभी सांसदों को फोन पर भी समय की जानकारी देता है, जो अमृतपाल सिंह की तरफ से दर्ज करवाए गए फोन नंबर भी की गई। लेकिन उन्हें जानकारी दे दी गई है कि अमृतपाल सिंह जेल में है। जिसके बाद अमृतपाल सिंह अभी जेल से शपथ के लिए नहीं आ पाएंगे। शपथ के लिए होंगे ऑर्डर एडवोकेट राजदेव सिंह खालसा ने बताया कि अमृतपाल सिंह की बेल के लिए एप्लिकेशन डीसी कार्यालय और पंजाब सरकार के गृह विभाग के पास पहले ही दी जा चुकी है। अब जब अमृतपाल सिंह के नाम के जब भी ऑर्डर निकलेंगे, उन्हें असम की डिब्रूगढ़ जेल से बाहर लाकर सांसद ले जाया जाएगा। जहां उन्हें शपथ दिलाई जाएगी। संसद का हर कदम है कठिन अमृतपाल को संविधानिक तौर पर सांसद बनने के लिए सबसे पहले शपथ लेना जरूरी है। चुनावी जीत का मतलब है कि जेल में रहने के बावजूद अब अमृतपाल के पास सांसद के रूप में संवैधानिक जनादेश है। जेल में बंद चुने गए सांसद के शपथ लेने को लेकर संविधान में कोई अलग से फैसला नहीं लिया गया। लेकिन, पुराने उदाहरणों पर नजर दौएं तो कई ऐसे नेता हैं, जिन्होंने जेल में बंद होने पर शपथ लेने के लिए अस्थायी पैरोल ली। संजय सिंह को मिली थी एक दिन की छूट इसी साल मार्च में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह, जो उस समय मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में तिहाड़ में कैद थे, को एक अदालत ने दूसरे कार्यकाल के लिए राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ लेने की अनुमति दी थी। ट्रायल कोर्ट ने जेल सुपरिंटेंडेंट को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उसे पर्याप्त सुरक्षा के साथ संसद तक ले जाया जाए और वापस जेल में लाया जाए। 2021 में, असम के सिबसागर से जीतने के बाद एक NIA अदालत ने अखिल गोगोई को असम विधान सभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए अस्थायी रूप से जेल छोड़ने की अनुमति दी थी। जॉर्ज फर्नांडिस हुए थे जेल से रिहा एक मामले में जेल से सबसे प्रसिद्ध चुनावी जीत 1977 में हुई थी। आपातकाल के दौरान जेल में रहते हुए ट्रेड यूनियनवादी जॉर्ज फर्नांडीस मुजफ्फरपुर सीट से चुने गए थे। शपथ समारोह से पहले उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया था। हर कदम पर अनुमति लेनी होगी जेल में सांसद को शपथ लेने की अनुमति देना जमानत पर रिहा होने के समान नहीं है। यह एक दिन की विशेष पैरोल के समान है। संसद में हर कदम पर जेल में बंद सांसद को अलग-अलग जगहों से अनुमति लेनी होगी। इतना ही नहीं, अगर वे संसद से गैरमौजूद रहना चाहते हैं तो उसके लिए भी स्पीकर को लिखना होगा। यह बहुत जरूरी है क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 101(4) में कहा गया है कि यदि कोई सांसद बिना अनुमति के सभी बैठकों से 60 दिनों से अधिक समय तक गैरमौजूद रहता है, तो उसकी सीट को खाली घोषित कर दिया जाएगा। सत्र में भाग लेने के लिए भी लेनी होगी अनुमति संसद सत्र में भाग लेने या संसद में वोट डालने के लिए सांसद को अनुमति के लिए अदालत का रुख करना होगा। वहीं, अगर इस कार्यकाल के दौरान किसी भी मामले में उसे दो साल या उससे अधिक की सजा हो जाती है तो उसे अयोग्य करार कर दिया जाएगा। एडवोकेट गोरसी का कहना है कि अब जब वे भारी बहुमत से सांसद बने हैं तो सभी को लोगों के मैंडेट का स्वागत करना चाहिए। 12 मामले हैं अमृतपाल पर सरकार चुनावों के परिणाम देखते हुए अगर NSA हटा देती है तो भी अमृतपाल सिंह को अदालतों के फेर में फंसे रहना पड़ेगा। अमृतपाल सिंह पर अजनाला थाने पर अवैध हथियारों के साथ हमला करने सहित 12 मामले विभिन्न थानों में दर्ज है। इतना ही नहीं, एक मामला उस पर असम के थाने में भी दर्ज है। जिसमें उससे पुलिस ने सर्च के दौरान डिब्रूगढ़ जेल से इलेक्ट्रानिक गैजेट्स बरामद किए थे।
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अमृतसर में बस में पकड़ा गया सिंथेटिक खोया:बीकानेर से बस में लाया जा रहा था 10 क्विंटल खोया, सेहत विभाग ने पकडा
अमृतसर में बस में पकड़ा गया सिंथेटिक खोया:बीकानेर से बस में लाया जा रहा था 10 क्विंटल खोया, सेहत विभाग ने पकडा पंजाब के अमृतसर में बुधवार की सुबह सेहत विभाग ने कार्रवाई करते हुए 10 क्विंटल खोया बरामद किया है। खोया बीकानेर से बस में अमृतसर लाया जा रहा था। सेहत विभाग ने पकड़ा खोया सेहत विभाग के अधिकारी राजिंदर पाल सिंह ने बताया कि फूड एंड ड्रग कमिश्नर अभिनव त्रिखा के निर्देशों के तहत अमृतसर डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी और सिविल सर्जन डॉक्टर किरन दीप कौर की अगुवाई में उन्होंने खोया पकड़ा है। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से सुबह 4 बजे गोल्डन गेट के पास नाका लगाया था। करीब 4.30 बजे बीकानेर से एक बस आई। शक के आधार पर बस का पीछा कर रोका राठौर बस के नाम से आई बस पर उन्होंने शक के आधार पर पीछा किया और सिटी सेंटर आकर बस को रुकवाया। फिर बस की चेकिंग की गई। जिसमें 20 बोरियां में खोया बरामद हुई हैं। जिसके बाद वजन करने पर कुल 10 क्विंटल खोया हुआ। यह खोया बीकानेर के शंकर लाल ने भेजा है। यह खोया यहां अलग अलग दुकानों पर सप्लाई होना था। उन्होंने कहा कि यह खोया दुकानों पर ज्यादा सप्लाई होना था। पहले भी बीकानेर स्वीट्स की दुकानों पर सैंपलिंग की गई थी और अब गहराई से जांच की जा रही थी। जिसके तहत यह खोया बरामद किया गया है। उन्होंने बताया कि यह खोया जिन दुकानों पर सप्लाई होना था। वहां भी सैंपलिंग की जाएगी। जो कसूरवार पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्यवाई की जाएगी।