ओलंपियन महिला रेसलर एवं जुलाना से विधायक विनेश फोगाट को हरियाणा सरकार द्वारा इनाम की राशि दिए जाने के बाद भाजपा नेत्री और उनकी चचेरी बहन एवं पूर्व इंटरनेशनल महिला रेसलर बबीता फोगाट ने ट्वीट किया। हालांकि भाजपा नेत्री ने विनेश फोगाट का कहीं नाम नहीं लिया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि यदि सरकार 15 साल पहले वर्तमान सुविधाएं मुहैया करवाती तो मेडलों में देश कहीं आगे होता और उन्हें भी अपना खेल नहीं छोड़ना पड़ता। वहीं उन्होंने खिलाड़ियों का समर्थन करने और खेल में राजनीतिकरण को दूर रखने की बात लिखी है। विनेश ने पेरिस ओलिंपिक में लिया था भाग पेरिस ओलिंपिक में रेसलर विनेश फोगाट ने शानदार प्रदर्शन किया था और फाइनल तक पहुंच गई थी। लेकिन फाइनल से पहले उनका 100 ग्राम वजन अधिक पाए जाने पर डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था। जिससे देश भर के खेल प्रेमियों में मायूसी छा गई थी। हालांकि हरियाणा सरकार ने रजत पदक विजेता के समान ईनामी राशि देने की घोषणा की थी। विधानसभा में उठाया था मुद्दा ओलिंपिक के बाद विनेश ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की और वे जुलाना से विधायक बनी। विधानसभा सत्र ने उन्होंने अपनी ईनामी राशि का मुद्दा उठाया तो सरकार ने उनको हाल ही में ईनामी राशि दी है। उनको ईनामी राशि दिए जाने के बाद उनकी चचेरी बहन एवं भाजपा नेत्री बबीता फोगाट ने विनेश का नाम लिए बिना 24 घंटे में एक्स-हैंडल पर दो ट्वीट किए है और साथ ही एक निजी चैनल को दिए गए इंटरव्यू का वीडियो भी शेयर किया है। पहले ट्वीट में ये लिखा भाजपा नेत्री बबीता फोगाट ने पहले ट्वीट में लिखा है कि “जो सुविधाएं मोदी जी की सरकार में अब खिलाड़ियों को मिल रही हैं, अगर मुझे वही सुविधाएं मिलतीं तो मुझे खेल नहीं छोड़ना पड़ता”!! इस ट्वीट के साथ उन्होंने अपने एक इंटरव्यू का विडियो भी शेयर किया है। जिसमें ओलिंपिक में मेडल नहीं मिलने की उनकी टीस बाहर आई है। विडियो भी किया शेयर उन्होंने जो विडियो शेयर किया है, उसमें उन्होंने कहा है कि एक खिलाड़ी को बनाने में सालों लग जाते हैं। खिलाड़ी को बहुत संघर्ष करना पड़ता है। कई बार वह मेडल के करीब भी पहुंच जाता है। लेकिन हासिल नहीं कर पाता। उन्होंने कहा कि सुविधाएं लेट मिली हैं। पहले सुविधाएं मिलती तो नहीं छोड़ना पड़ता गेम बबीता ने कहा कि जो सुविधाएं 2014 के बाद मिलीं यदि ये ही सुविधाएं अगले 15 साल मिली होती, तो आज हम मेडल तालिका में और भी ऊपर होते। बबीता फोगाट ने कहा कि उसने 2018 में गेम छोड़ दिया। वे उस पड़ाव में थी कि ओलिंपिक तक पहुंच गई थी। लेकिन मेडल नहीं मिल पाया। उन्हें घुटनों में दिक्कत थी और यदि ये सुविधाएं उन्हें 10 साल पहले मिल गई होती तो 2018 में गेम छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती और वो लगातार खेलती। दूसरे ट्वीट में खिलाड़ियों के आंदोलन का जिक्र बबीता फोगाट ने जो दूसरा ट्वीट किया है। उसमें उन्होंने लिखा है कि “मैं खिलाड़ियों के साथ थी, हूं और रहूंगी। इसी तरह मैं पार्टी के साथ भी हूं और आगे भी रहूंगी। लेकिन जब किसी भी खिलाड़ियों के मंच का राजनीतिकरण होगा तो मैं वहां पर नहीं रहूंगी” इस ट्वीट के साथ भी उन्होंने इंटरव्यू का वीडियो शेयर किया है। जिसमें खिलाड़ियों के आंदोलन में पहले समर्थन देने और बाद में पीछे हटने के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने खिलाड़ियों को जब तक सपोट किया, तब तक एक खिलाड़ी के तौर पर खिलाड़ियों की आवाज उठाई। आंदोलन में खिलाड़ी के तौर पर गई थीं बबीता ने कहा कि वे वहां पर राजनीतिक मंच के जरिए नहीं बल्कि एक खिलाड़ी के तौर पर गई थीं। भाजपा नेत्री ने कहा उन्होंने तब भी खिलाड़ियों को समर्थन किया, आज भी करती हैं और आगे भी करती रहेंगी। लेकिन जब उन्हें लगा कि खिलाड़ियों का मंच राजनीतिक मंच हो गया है। अपने स्वार्थ के लिए खिलाड़ियों का मसीहा अपने आप को बताने वाले ने वहां पर राजनीति शुरू की तो वे पीछे हट गई। वे खिलाड़ियों की उचित मांगों के लिए खड़ी रहेंगी। ओलंपियन महिला रेसलर एवं जुलाना से विधायक विनेश फोगाट को हरियाणा सरकार द्वारा इनाम की राशि दिए जाने के बाद भाजपा नेत्री और उनकी चचेरी बहन एवं पूर्व इंटरनेशनल महिला रेसलर बबीता फोगाट ने ट्वीट किया। हालांकि भाजपा नेत्री ने विनेश फोगाट का कहीं नाम नहीं लिया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि यदि सरकार 15 साल पहले वर्तमान सुविधाएं मुहैया करवाती तो मेडलों में देश कहीं आगे होता और उन्हें भी अपना खेल नहीं छोड़ना पड़ता। वहीं उन्होंने खिलाड़ियों का समर्थन करने और खेल में राजनीतिकरण को दूर रखने की बात लिखी है। विनेश ने पेरिस ओलिंपिक में लिया था भाग पेरिस ओलिंपिक में रेसलर विनेश फोगाट ने शानदार प्रदर्शन किया था और फाइनल तक पहुंच गई थी। लेकिन फाइनल से पहले उनका 100 ग्राम वजन अधिक पाए जाने पर डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था। जिससे देश भर के खेल प्रेमियों में मायूसी छा गई थी। हालांकि हरियाणा सरकार ने रजत पदक विजेता के समान ईनामी राशि देने की घोषणा की थी। विधानसभा में उठाया था मुद्दा ओलिंपिक के बाद विनेश ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की और वे जुलाना से विधायक बनी। विधानसभा सत्र ने उन्होंने अपनी ईनामी राशि का मुद्दा उठाया तो सरकार ने उनको हाल ही में ईनामी राशि दी है। उनको ईनामी राशि दिए जाने के बाद उनकी चचेरी बहन एवं भाजपा नेत्री बबीता फोगाट ने विनेश का नाम लिए बिना 24 घंटे में एक्स-हैंडल पर दो ट्वीट किए है और साथ ही एक निजी चैनल को दिए गए इंटरव्यू का वीडियो भी शेयर किया है। पहले ट्वीट में ये लिखा भाजपा नेत्री बबीता फोगाट ने पहले ट्वीट में लिखा है कि “जो सुविधाएं मोदी जी की सरकार में अब खिलाड़ियों को मिल रही हैं, अगर मुझे वही सुविधाएं मिलतीं तो मुझे खेल नहीं छोड़ना पड़ता”!! इस ट्वीट के साथ उन्होंने अपने एक इंटरव्यू का विडियो भी शेयर किया है। जिसमें ओलिंपिक में मेडल नहीं मिलने की उनकी टीस बाहर आई है। विडियो भी किया शेयर उन्होंने जो विडियो शेयर किया है, उसमें उन्होंने कहा है कि एक खिलाड़ी को बनाने में सालों लग जाते हैं। खिलाड़ी को बहुत संघर्ष करना पड़ता है। कई बार वह मेडल के करीब भी पहुंच जाता है। लेकिन हासिल नहीं कर पाता। उन्होंने कहा कि सुविधाएं लेट मिली हैं। पहले सुविधाएं मिलती तो नहीं छोड़ना पड़ता गेम बबीता ने कहा कि जो सुविधाएं 2014 के बाद मिलीं यदि ये ही सुविधाएं अगले 15 साल मिली होती, तो आज हम मेडल तालिका में और भी ऊपर होते। बबीता फोगाट ने कहा कि उसने 2018 में गेम छोड़ दिया। वे उस पड़ाव में थी कि ओलिंपिक तक पहुंच गई थी। लेकिन मेडल नहीं मिल पाया। उन्हें घुटनों में दिक्कत थी और यदि ये सुविधाएं उन्हें 10 साल पहले मिल गई होती तो 2018 में गेम छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती और वो लगातार खेलती। दूसरे ट्वीट में खिलाड़ियों के आंदोलन का जिक्र बबीता फोगाट ने जो दूसरा ट्वीट किया है। उसमें उन्होंने लिखा है कि “मैं खिलाड़ियों के साथ थी, हूं और रहूंगी। इसी तरह मैं पार्टी के साथ भी हूं और आगे भी रहूंगी। लेकिन जब किसी भी खिलाड़ियों के मंच का राजनीतिकरण होगा तो मैं वहां पर नहीं रहूंगी” इस ट्वीट के साथ भी उन्होंने इंटरव्यू का वीडियो शेयर किया है। जिसमें खिलाड़ियों के आंदोलन में पहले समर्थन देने और बाद में पीछे हटने के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने खिलाड़ियों को जब तक सपोट किया, तब तक एक खिलाड़ी के तौर पर खिलाड़ियों की आवाज उठाई। आंदोलन में खिलाड़ी के तौर पर गई थीं बबीता ने कहा कि वे वहां पर राजनीतिक मंच के जरिए नहीं बल्कि एक खिलाड़ी के तौर पर गई थीं। भाजपा नेत्री ने कहा उन्होंने तब भी खिलाड़ियों को समर्थन किया, आज भी करती हैं और आगे भी करती रहेंगी। लेकिन जब उन्हें लगा कि खिलाड़ियों का मंच राजनीतिक मंच हो गया है। अपने स्वार्थ के लिए खिलाड़ियों का मसीहा अपने आप को बताने वाले ने वहां पर राजनीति शुरू की तो वे पीछे हट गई। वे खिलाड़ियों की उचित मांगों के लिए खड़ी रहेंगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
