विनेश फोगाट की मां बोलीं- बेटी हिम्मत वाली:पिता पर गई, रक्तदान किया तो बेहोश हुई, संन्यास न लेने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे

विनेश फोगाट की मां बोलीं- बेटी हिम्मत वाली:पिता पर गई, रक्तदान किया तो बेहोश हुई, संन्यास न लेने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे

ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट की मां प्रेमलता फोगाट ने बेटी के भारत लौटने पर कहा कि बेटी हिम्मत वाली होती हैं और लड़ सकती हैं। पहले वे पढ़ती नहीं थीं, इसलिए भोली थीं। आज बेटियां भी पढ़ी-लिखी हैं। अगर बच्चा पढ़ा-लिखा है तो उसे देखकर हिम्मत भी बढ़ती है। बेटियां आगे बढ़ रही हैं और किसी को उनकी जरूरत नहीं है। प्रेमलता ने कहा कि देश ने बेटी को गोल्ड मेडलिस्ट की तरह सम्मान दिया है। यह बहुत खुशी की बात है। विनेश फोगट जब फाइनल में गई तो लगा कि गोल्ड मेडल आएगा। लेकिन अयोग्य घोषित होने की खबर मिलने पर सदमा लगा। लेकिन 2 किलो वजन बढ़ने के बाद उन्होंने वजन कम करने के लिए पूरी रात मेहनत की। उन्होंने अपने बाल भी कटवाए और जब रक्तदान किया तो बेहोश हो गईं। उन्होंने कहा कि विनेश फोगट के पिता की मौत के बाद उन्होंने खुद हिम्मत रखी। वहीं बेटियों ने खूब मेहनत की। परिवार ने उनका पूरा साथ दिया और ताऊ महावीर फोगट ने भी उन्हें कुश्ती में उतारा। विनेश फोगट ने इतिहास रच दिया। बेटी पैदा हो तो उसे ऐसा काम करना चाहिए, चाहे पढ़ाई हो या कोई और क्षेत्र। मनाने की कोशिश करेंगे कि संन्यास न ले विनेश फोगट की मां प्रेमलता ने बताया कि विनेश के पिता कहते थे कि बेटी परिवार का नाम रोशन करेगी। उन्हें पता था कि विनेश के दादा पहलवान थे और ताऊ भी पहलवान थे। विनेश फोगट ने कुश्ती के लिए अपना सबकुछ त्याग दिया था। विनेश का सपना था कि वह हर टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीते, बस ओलंपिक बाकी है। विनेश खूब मेहनत कर रही हैं, ऐसी बेटी सभी को होनी चाहिए। विनेश फोगट के संन्यास पर बेटी कह रही हैं कि वह संन्यास नहीं लेंगी, लेकिन उन्हें मनाने की कोशिश की जाएगी। विनेश कुश्ती के बिना ध्यान नहीं लगा पाती। विनेश में अपने पिता की तरह ही जज्बा है और कड़ी मेहनत करती है। विनेश अपने पिता पर गई है। ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट की मां प्रेमलता फोगाट ने बेटी के भारत लौटने पर कहा कि बेटी हिम्मत वाली होती हैं और लड़ सकती हैं। पहले वे पढ़ती नहीं थीं, इसलिए भोली थीं। आज बेटियां भी पढ़ी-लिखी हैं। अगर बच्चा पढ़ा-लिखा है तो उसे देखकर हिम्मत भी बढ़ती है। बेटियां आगे बढ़ रही हैं और किसी को उनकी जरूरत नहीं है। प्रेमलता ने कहा कि देश ने बेटी को गोल्ड मेडलिस्ट की तरह सम्मान दिया है। यह बहुत खुशी की बात है। विनेश फोगट जब फाइनल में गई तो लगा कि गोल्ड मेडल आएगा। लेकिन अयोग्य घोषित होने की खबर मिलने पर सदमा लगा। लेकिन 2 किलो वजन बढ़ने के बाद उन्होंने वजन कम करने के लिए पूरी रात मेहनत की। उन्होंने अपने बाल भी कटवाए और जब रक्तदान किया तो बेहोश हो गईं। उन्होंने कहा कि विनेश फोगट के पिता की मौत के बाद उन्होंने खुद हिम्मत रखी। वहीं बेटियों ने खूब मेहनत की। परिवार ने उनका पूरा साथ दिया और ताऊ महावीर फोगट ने भी उन्हें कुश्ती में उतारा। विनेश फोगट ने इतिहास रच दिया। बेटी पैदा हो तो उसे ऐसा काम करना चाहिए, चाहे पढ़ाई हो या कोई और क्षेत्र। मनाने की कोशिश करेंगे कि संन्यास न ले विनेश फोगट की मां प्रेमलता ने बताया कि विनेश के पिता कहते थे कि बेटी परिवार का नाम रोशन करेगी। उन्हें पता था कि विनेश के दादा पहलवान थे और ताऊ भी पहलवान थे। विनेश फोगट ने कुश्ती के लिए अपना सबकुछ त्याग दिया था। विनेश का सपना था कि वह हर टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीते, बस ओलंपिक बाकी है। विनेश खूब मेहनत कर रही हैं, ऐसी बेटी सभी को होनी चाहिए। विनेश फोगट के संन्यास पर बेटी कह रही हैं कि वह संन्यास नहीं लेंगी, लेकिन उन्हें मनाने की कोशिश की जाएगी। विनेश कुश्ती के बिना ध्यान नहीं लगा पाती। विनेश में अपने पिता की तरह ही जज्बा है और कड़ी मेहनत करती है। विनेश अपने पिता पर गई है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर