भास्कर न्यूज | जालंधर अमर नगर में दो पड़ोसियों के बीच करीब चार महीने पहले हुए मामूली विवाद को लेकर एक पक्ष ने पुलिस पर कोई कार्रवाई न करने के आरोप लगाया हैं। सोमवार को इस मामले में एक पीड़ित पक्ष की तरफ से पुलिस कमिश्नर को इसकी शिकायत दी गई है। पीड़ित जनक राज ने बताया कि 22 मार्च को उनका मामले में एक पक्ष के पड़ोसी के साथ मामूली विवाद को लेकर झगड़ा हुआ था। इसमें पड़ोसियों ने उन पर व उनके परिवार पर तेजधार हथियारों से हमला कर घायल कर दिया था। घायल व्यक्तियों का डॉक्टरी मेडिकल भी कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट भी पुलिस को सौंपी गई थी, लेकिन पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस शिकायत के बाद भी 4 महीने बीत गए हैं। सीपी ने शिकायत को एसीपी नॉर्थ को मार्क कर जल्द मामले में कार्रवाई करने की हिदायत दी है। भास्कर न्यूज | जालंधर अमर नगर में दो पड़ोसियों के बीच करीब चार महीने पहले हुए मामूली विवाद को लेकर एक पक्ष ने पुलिस पर कोई कार्रवाई न करने के आरोप लगाया हैं। सोमवार को इस मामले में एक पीड़ित पक्ष की तरफ से पुलिस कमिश्नर को इसकी शिकायत दी गई है। पीड़ित जनक राज ने बताया कि 22 मार्च को उनका मामले में एक पक्ष के पड़ोसी के साथ मामूली विवाद को लेकर झगड़ा हुआ था। इसमें पड़ोसियों ने उन पर व उनके परिवार पर तेजधार हथियारों से हमला कर घायल कर दिया था। घायल व्यक्तियों का डॉक्टरी मेडिकल भी कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट भी पुलिस को सौंपी गई थी, लेकिन पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस शिकायत के बाद भी 4 महीने बीत गए हैं। सीपी ने शिकायत को एसीपी नॉर्थ को मार्क कर जल्द मामले में कार्रवाई करने की हिदायत दी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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इंटरव्यू के समय AGTF की हिरासत में था लॉरेंस:बर्खास्त DSP ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका, कहा- जान को खतरा; सरकार को नोटिस गैंगस्टर लॉरेंस के टीवी इंटरव्यू के मामले में अपनी बर्खास्तगी के आदेश को चुनौती देने वाले बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह फिर हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। उन्होंने गैंगस्टर लॉरेंस मामले में खुद को भी पक्षकार बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि उनकी जान को खतरा है। उनका यह भी दावा है कि इंटरव्यू के समय लॉरेंस एजीटीएफ की हिरासत में था। इसके बावजूद यह दर्शाया गया है कि लॉरेंस उनकी हिरासत में था। ऐसे में जिन अधिकारियों की हिरासत में लॉरेंस था, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्हें इस मामले में बलि का बकरा बनाया गया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि 19 फरवरी तक जवाब दाखिल करना है। गुरशेर ने कोर्ट में मुख्य रूप से दो दलीलें दीं गुरशेर के वकील ने कोर्ट में मुख्य रूप से जांच की बातें सामने रखीं। उन्होंने बताया कि सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड की जांच एजीटीएफ कर रही थी। उनके पास कोई पूछताछ केंद्र नहीं था। ऐसे में उन्हें सीआईए खरड़ में रखा गया था। ऐसे में वे हमेशा एजीटीएफ की हिरासत में ही रहते थे। इसके बावजूद यह दिखाया गया है कि लॉरेंस उनकी हिरासत में था। जो कि बिल्कुल झूठ है। गुरशेर सिंह का करियर शानदार रहा है। उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। उनके प्रमोशन की भी तैयारी की जा रही थी। लेकिन इस मामले में उनका नाम आने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। वकील ने बताया कि उन्होंने एक और अर्जी दाखिल की थी। जिसके बाद दो कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। वहीं, सरकारी वकील ने कहा कि इस मामले में सरकार किस तरह जवाब दाखिल करे। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा गठित एसआईटी ने जांच के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने कहा कि संधू की अर्जी में सवाल उठाए गए हैं। जिसका जवाब चाहिए। पहले इंटरव्यू में ली मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को प्रसारित हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस ने कहा कि मूसेवाला गाने की बजाय गैंगवार में शामिल हो रहा था। मूसेवाला अपने कॉलेज के दोस्त अकाली नेता विक्की मिड्दुखेड़ा की हत्या में भी शामिल था, इसलिए उसने उसे मरवा दिया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक यह वही इंटरव्यू है जो उसने सीआईए की हिरासत से दिया था। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है।
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होशियारपुर 3 बदमाशों को किया गिरफ्तार:12 से अधिक वारदातों को दे चुके अंजाम, 10 अधिक मामले है दर्ज, लूट का सामान बरामद होशियारपुर जिले के दसूहा थाना पुलिस ने इलाके में लूटपाट चोरी की घटनाओं को अंजाम देने के मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनमें से इनका एक साथी साहिल को पकड़ने के लिए टीम छापेमारी कर रही हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान गुरदित्ता उर्फ गगन पुत्र जोगिंदरपाल निवासी गांव ऊंची बस्सी, पंकज उर्फ चनोटा पुत्र करतार सिंह निवासी फत्तुवाल थाना मुकेरिया और सुमित कुमार उर्फ बाज पुत्र बलविंदर कुमार निवासी चरखा कॉलोनी के रूप में की गई। जिन्हें अदालत में पेश कर अन्य जानकारियां जुटाई जा रही हैं। लूट का सामान बरामद थाना प्रभारी हरप्रेम सिंह ने बताया की इलाके में लगातार चोरी और लूटपाट जैसी घटनाओं को लेकर इलाके में अलग अलग टीमें काम कर रही थी। जिसके तहत एएसआई सरबजीत सिंह द्वारा पार्टी सहित इन सभी आरोपियों को हिरासत में लिया गया। पहली जांच में आरोपियों ने इलाके में हुई कई घटनाओं को अंजाम देने की बात कबूली है। पुलिस ने इन अभी से वारदातों में अंजाम देने वाले वाहनों सहित पैसे सहित अन्य सामान भी बरामद किया है। विभिन्न थानों में 10 से अधिक मामले दर्ज थाना प्रमुख ने बताया की पकड़े गए आरोपी सुमित और पंकज के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में 10 से अधिक मामले दर्ज हैं। आरोपियों द्वारा इलाके के विभिन्न स्थानों पर चोरी और लूटपाट जैसी दर्जन भर से अधिक वारदातों को अंजाम दिया गया था। उन्होंने बताया की यह सभी आरोपी एक गैंग के तौर पर काम थे। जो पहले इलाके की रेकी कर फिर समय पाते ही घटना को अंजाम देकर वहां से दूसरे इलाके में चले जाते थे। पुलिस की टीम एक अन्य भगोड़े आरोपी की तलाश कर रही है। जिसके पकड़ में आते ही अन्य वारदातों के ओर भी जल्द खुलासे किए जाएंगे।
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लुधियाना में भारतमाला परियोजना पर लग सकती ब्रेक:बालाजी ट्रेडिंग कंपनी और ठेकेदार में हुई झड़प,SHO बोले-धमकाने वालों पर दी है FIR पंजाब के लुधियाना में भारतमाला परियोजना के तहत ग्रीनफील्ड दिल्ली-अमृतसर-कटरा हाईवे प्रोजेक्ट पर चल रहे काम पर ब्रेक लग सकती है। ठेकेदार द्वारा काम अधर में छोड़ने की इच्छा जताई जा रही है। कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है और उन्हें ठीक से काम नहीं करने दिया जा रहा है। इन परिस्थितियों के कारण, परियोजना पर काम कर रही कई अन्य ठेकेदार कंपनियां पहले ही काम छोड़ चुकी हैं, और उन्हें भी इस पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। श्री बालाजी ट्रेडिंग कंपनी पर धमकाने के आरोप दरअसल, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के अधिकारियों ने पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा को पत्र लिखकर लुधियाना ग्रामीण के दाखा थाना क्षेत्र में ठेकेदार कंपनी एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के लिए काम कर रही श्री बालाजी ट्रेडिंग कंपनी द्वारा पैसों के विवाद को लेकर धमकाने की शिकायतों के बावजूद पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाया। डीजीपी के आदेश के बाद किया मामला दर्ज पत्र में जालंधर ग्रामीण के नूरमहल इलाके में ग्रामीणों द्वारा ठेकेदार कंपनी के एक कर्मचारी पर हमले का भी जिक्र किया गया, जहां पुलिस मामला दर्ज होने के बाद आरोपियों को जमानत मिल गई थी। पंजाब के मुख्य सचिव ने डीजीपी पंजाब गौरव यादव को पत्र लिखकर इस मामले में कार्रवाई के आदेश दिए और इसके बाद लुधियाना ग्रामीण के दाखा थाने में मामला दर्ज किया गया। एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के एजीएम लाइजनिंग ब्रिजेश बोले… एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के एजीएम लाइजनिंग ब्रिजेश कुमार ने आरोप लगाया कि उन्हें शुरू से ही कानून व्यवस्था की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उनकी कंपनी प्रधानमंत्री के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए मलेरकोटला से लेकर गुरदासपुर जिले तक अलग-अलग सेक्शन पर काम कर रही है, लेकिन मौजूदा हालात के कारण उन्हें भी दूसरी कंपनियों की तरह प्रोजेक्ट छोड़ने पर विचार करना पड़ रहा है। उन्होंने दावा किया कि उनके कर्मचारियों को अपनी जान का डर है। उन्होंने बताया कि कंपनी ने करीब 50 फीसदी काम पूरा कर लिया है, लेकिन अब उसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए। इसी तरह एक अन्य अधिकारी ने कहा कि उनके कर्मचारी काफी डरे हुए हैं। पैसों के विवाद के कारण ठेकेदार ने साथियों सहित धमकाया हाल ही में नूरमहल में उनके एक कर्मचारी पर हमला हुआ था, जिसका अभी भी इलाज चल रहा है। इसके अलावा हाल ही में उनके साथ काम करने वाला एक ठेकेदार पैसों के विवाद को लेकर अपने साथियों के साथ उनके दफ्तर आया और उन्हें धमकाया। वे काफी डरे हुए हैं और अगर सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई तो काम जारी रखना मुश्किल हो जाएगा। एसएचओ इंस्पेक्टर केएस धालीवाल बोले… उधर, दाखा थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर केएस धालीवाल ने बताया कि बालाजी ट्रेडिंग कंपनी के संदीप शर्मा और मनीष गोदारा ने प्रोजेक्ट के तहत मैटीरियल सप्लाई करने का ठेका लिया था। उनका कंस्ट्रक्शन कंपनी से पैसों का विवाद था, जिसके चलते वे कुछ साथियों के साथ कंपनी के दफ्तर पहुंचे। दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। पुलिस ने दफ्तर में दाखिल होने और धमकाने के आरोप में मुकेश गोदारा, संदीप शर्मा और अज्ञात लोगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 351 (2) (आपराधिक धमकी), 79 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द, हाव-भाव या कृत्य), 191 (3) (दंगा, जानलेवा हथियार से लैस होना) और 190 (एक ही उद्देश्य के खिलाफ गैरकानूनी तरीके से एकत्र होना) के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच की जा रही है।