नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले पंजाब के पांच बार के मुख्यमंत्री रहे स्व. प्रकाश सिंह बादल को याद किया है। उन्होंने एनडीए संसदीय दल की मीटिंग में कहा कि NDA में प्रकाश सिंह बादल का योगदान काफी अहम रहा है। हालांकि किसान आंदोलन की वजह से गठबंधन टूट गया था। इस बार अकेले लड़े थे चुनाव इस बार शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के मिलकर लाेकसभा चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी थी। दोनों दलों में मीटिंगों का दौर भी शुरू हो गया था। लेकिन चुनाव की तारीखें घोषित होने से पहले फिर से किसान आंदोलन शुरू हो गया था। इसके अलावा बंदी सिखों की रिहाई जैसे कई मुद्दे थे। जिस पर दोनों दलों में सहमति नहीं बन पाई थी। इसके बाद दोनों दलों ने अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया। दोनों दलों की तरफ से सभी 13 सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतार गए। हालांकि इससे पहले साल 2022 विधानसभा चुनाव भी दोनों ने अकेले लड़ा था। साथ लड़ते तो 5 सीटें जीत सकते थे साल 2024 के लोकसभा चुनाव में गत वर्षों की तुलना में अकाली दल और बीजेपी का परिणाम बहुत ही खराब रहा है। भाजपा एक भी सीट राज्य में नहीं जीत पाई है। जबकि शिरोमणि अकाली दल अपनी बठिंडा सीट को बचाने में कामयाब रही है। यहां से पार्टी प्रधान सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर चौथी बार सांसद बनी है। हालांकि चुनाव नतीजों की तरफ देखे तो अगर यह दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ते थे, तो पांच सीटें जीते सकते थे। क्योंकि इन सीटों पर मिले वोटों की संख्या विजेता रहे उम्मीदवारों से काफी अधिक हैं। इन सीटों में गुरदासपुर, पटियाला, लुधियाना, फिरोजपुर व अमृतसर शामिल हैं। हालांकि शिरोमणि अकाली दल के नेता भी इस चीज को मान रहे हैं कि अलग चुनाव लड़ने का फैसला गलत था। अकाली नेता प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा का कहना है कि हमारी हालत तो नोटा जैसी हो गई है। गठजोड़ किया होता तो शायद जीते जाते। जबकि 2019 के चुनाव में चार सीटें दोनों दलों ने जीती थी। कौन थे प्रकाश सिंह बादल प्रकाश सिंह बादल ने साल 1947 में राजनीति शुरू की थी। उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। तब वे सबसे कम उम्र के सरपंच बने थे। 1957 में उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। 1969 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की। 1969-70 तक वे पंचायत राज, पशु पालन, डेयरी आदि मंत्रालयों के मंत्री रहे। इसके अलावा वे 1970-71, 1977-80, 1997-2002 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने। वे 1972, 1980 और 2002 में विरोधी दल के नेता भी बने। मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री रहते वे सांसद भी चुने गए। 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद वे सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार भी बने। हालांकि चुनाव में वह हार गए थे। नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले पंजाब के पांच बार के मुख्यमंत्री रहे स्व. प्रकाश सिंह बादल को याद किया है। उन्होंने एनडीए संसदीय दल की मीटिंग में कहा कि NDA में प्रकाश सिंह बादल का योगदान काफी अहम रहा है। हालांकि किसान आंदोलन की वजह से गठबंधन टूट गया था। इस बार अकेले लड़े थे चुनाव इस बार शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के मिलकर लाेकसभा चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी थी। दोनों दलों में मीटिंगों का दौर भी शुरू हो गया था। लेकिन चुनाव की तारीखें घोषित होने से पहले फिर से किसान आंदोलन शुरू हो गया था। इसके अलावा बंदी सिखों की रिहाई जैसे कई मुद्दे थे। जिस पर दोनों दलों में सहमति नहीं बन पाई थी। इसके बाद दोनों दलों ने अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया। दोनों दलों की तरफ से सभी 13 सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतार गए। हालांकि इससे पहले साल 2022 विधानसभा चुनाव भी दोनों ने अकेले लड़ा था। साथ लड़ते तो 5 सीटें जीत सकते थे साल 2024 के लोकसभा चुनाव में गत वर्षों की तुलना में अकाली दल और बीजेपी का परिणाम बहुत ही खराब रहा है। भाजपा एक भी सीट राज्य में नहीं जीत पाई है। जबकि शिरोमणि अकाली दल अपनी बठिंडा सीट को बचाने में कामयाब रही है। यहां से पार्टी प्रधान सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर चौथी बार सांसद बनी है। हालांकि चुनाव नतीजों की तरफ देखे तो अगर यह दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ते थे, तो पांच सीटें जीते सकते थे। क्योंकि इन सीटों पर मिले वोटों की संख्या विजेता रहे उम्मीदवारों से काफी अधिक हैं। इन सीटों में गुरदासपुर, पटियाला, लुधियाना, फिरोजपुर व अमृतसर शामिल हैं। हालांकि शिरोमणि अकाली दल के नेता भी इस चीज को मान रहे हैं कि अलग चुनाव लड़ने का फैसला गलत था। अकाली नेता प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा का कहना है कि हमारी हालत तो नोटा जैसी हो गई है। गठजोड़ किया होता तो शायद जीते जाते। जबकि 2019 के चुनाव में चार सीटें दोनों दलों ने जीती थी। कौन थे प्रकाश सिंह बादल प्रकाश सिंह बादल ने साल 1947 में राजनीति शुरू की थी। उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। तब वे सबसे कम उम्र के सरपंच बने थे। 1957 में उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। 1969 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की। 1969-70 तक वे पंचायत राज, पशु पालन, डेयरी आदि मंत्रालयों के मंत्री रहे। इसके अलावा वे 1970-71, 1977-80, 1997-2002 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने। वे 1972, 1980 और 2002 में विरोधी दल के नेता भी बने। मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री रहते वे सांसद भी चुने गए। 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद वे सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार भी बने। हालांकि चुनाव में वह हार गए थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ समेत पंजाब के 8 जिलों में बारिश का अलर्ट:19 जिलों में छाएगा कोहरा, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव, चंडीगढ़ में तापमान में गिरावट पंजाब-चंडीगढ़ का तापमान लगातार गिर रहा है। सभी शहरों का न्यूनतम तापमान 5 से 8 डिग्री के बीच बना हुआ है, जबकि अधिकतम 25 डिग्री के आसपास दर्ज किया जा रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आज पंजाब के 19 जिलों में कोहरे को लेकर अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 8 जिलों में बारिश की भी संभावना है। पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। इसका असर उत्तर भारत के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में देखने को मिलेगा। इसका असर कल भी रहेगा। जिसके चलते चंडीगढ़ के अलावा पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, मुक्तसर, मोगा, बठिंडा, लुधियाना, बरनाला, मानसा, फतेहगढ़ साहिब, एसएएस नगर और मलेरकोटला में कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया गया है। चंडीगढ़ के साथ ही पंजाब के एसएएस नगर, फतेहगढ़ साहिब, जालंधर, कपूरथला, होशियारपुर, तरनतारन, अमृतसर, गुरदासपुर और पठानकोट में भी बारिश की संभावना है। वहीं, अबोहर में आज सबसे कम 4.1 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। 9 के बाद गिरावट होगी दर्ज पश्चिमी विक्षोभ के चलते दो दिन तापमान में अधिक बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। लेकिन 8-9 को पहाड़ों पर बर्फबारी व बारिश के बाद मैदानी इलाकों में तापमान में गिरावट देखने को मिलेगा। यहां तापमान में 2 से 3 डिग्री तक और बदलाव होगा। हालांकि, यहां अभी तक तापमान सामान्य के करीब बना हुआ है। चंडीगढ़ सहित पंजाब के शहरों में कैसा रहेगा मौसम चंडीगढ़- हल्की धुंध रहने और बादल छाने का अनुमान है। तापमान 7 से 23 डिग्री के बीच बना रह सकता है। अमृतसर- हल्की धुंध रहने और बादल छाने का अनुमान है। तापमान 7 से 19 डिग्री के बीच बना रह सकता है। जालंधर- हल्की धुंध रहने और बादल छाने का अनुमान है। तापमान 7 से 21 डिग्री के बीच बना रह सकता है। लुधियाना- हल्की धुंध रहने और बादल छाने का अनुमान है। तापमान 6 से 25 डिग्री के बीच बना रह सकता है। पटियाला- हल्की धुंध रहने और बादल छाने का अनुमान है। तापमान 7 से 22 डिग्री के बीच बना रह सकता है। मोहाली- हल्की धुंध रहने और बादल छाने का अनुमान है। तापमान 8 से 23 डिग्री के बीच बना रह सकता है।
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