शरजील इमाम की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी, हाई कोर्ट में जामिया हिंसा केस की सुनवाई

शरजील इमाम की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी, हाई कोर्ट में जामिया हिंसा केस की सुनवाई

<p style=”text-align: justify;”><strong>Sharjeel Imam News:</strong> जामिया हिंसा मामले (2019) में दिल्ली हाई कोर्ट ने शरजील इमाम के खिलाफ हिंसा और आगजनी समेत गंभीर आरोप तय करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस से जवाब मांगा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>साकेत कोर्ट ने क्यों बताया था ‘मुख्य साजिशकर्ता’?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>7 मार्च को साकेत कोर्ट ने शरजील इमाम और आसिफ इकबाल तान्हा समेत 11 आरोपियों के खिलाफ संगीन आरोप तय किए थे. कोर्ट ने कहा था कि शरजील इमाम इस हिंसा का मास्टरमाइंड था. उसने न केवल हिंसा को भड़काया बल्कि इसे एक गहरी साजिश के तहत अंजाम दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कौन-कौन आरोपी?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>साकेत कोर्ट ने जिन 11 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए हैं, उनमें शरजील इमाम, आसिफ इकबाल तान्हा, आशु खान, चंदन कुमार, अनल हुसैन, अनवर, यूनुस, जुम्मन, राणा, मोहम्मद हारुन और मोहम्मद फुरकान शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पुलिस का दावा ?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम को 2019 में भड़की हिंसा का ‘मास्टरमाइंड’ बताते हुए कहा कि वह CAA के विरोध को एक राष्ट्रीय आंदोलन में बदलने की कोशिश कर रहा था. पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, शरजील ने अपने भाषणों के जरिए सरकार के खिलाफ नफरत फैलाने और हिंसा भड़काने का प्रयास किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>चार्जशीट में यह भी कहा गया कि <a title=”CAA” href=”https://www.abplive.com/topic/caa” data-type=”interlinkingkeywords”>CAA</a> विरोध की आड़ में मुस्लिम बहुल इलाकों में झूठा प्रचार किया गया कि इस कानून के जरिए उनकी नागरिकता छीनी जाएगी और उन्हें डिटेंशन कैंप में भेजा जाएगा. इसी भड़काऊ प्रचार के कारण दिल्ली में हिंसा फैली.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या हाई कोर्ट पलटेगा फैसला ?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अब हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होगी. क्या शरजील इमाम को साकेत कोर्ट के आदेश से राहत मिलेगी, या फिर दिल्ली पुलिस अपने दावों को और मजबूत करेगी? यह आने वाले दिनों में साफ होगा. फिलहाल, दिल्ली हाई कोर्ट के इस नोटिस से मामले में नया मोड़ आ गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-assembly-speaker-vijender-gupta-told-decision-reject-special-mention-notice-given-by-opposition-ann-2913407″>दिल्ली विधानसभा स्पीकर का विपक्ष को सख्त संदेश, ‘सदन की कार्यवाही में बाधा डालने नहीं दूंगा'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Sharjeel Imam News:</strong> जामिया हिंसा मामले (2019) में दिल्ली हाई कोर्ट ने शरजील इमाम के खिलाफ हिंसा और आगजनी समेत गंभीर आरोप तय करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस से जवाब मांगा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>साकेत कोर्ट ने क्यों बताया था ‘मुख्य साजिशकर्ता’?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>7 मार्च को साकेत कोर्ट ने शरजील इमाम और आसिफ इकबाल तान्हा समेत 11 आरोपियों के खिलाफ संगीन आरोप तय किए थे. कोर्ट ने कहा था कि शरजील इमाम इस हिंसा का मास्टरमाइंड था. उसने न केवल हिंसा को भड़काया बल्कि इसे एक गहरी साजिश के तहत अंजाम दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कौन-कौन आरोपी?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>साकेत कोर्ट ने जिन 11 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए हैं, उनमें शरजील इमाम, आसिफ इकबाल तान्हा, आशु खान, चंदन कुमार, अनल हुसैन, अनवर, यूनुस, जुम्मन, राणा, मोहम्मद हारुन और मोहम्मद फुरकान शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पुलिस का दावा ?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम को 2019 में भड़की हिंसा का ‘मास्टरमाइंड’ बताते हुए कहा कि वह CAA के विरोध को एक राष्ट्रीय आंदोलन में बदलने की कोशिश कर रहा था. पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, शरजील ने अपने भाषणों के जरिए सरकार के खिलाफ नफरत फैलाने और हिंसा भड़काने का प्रयास किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>चार्जशीट में यह भी कहा गया कि <a title=”CAA” href=”https://www.abplive.com/topic/caa” data-type=”interlinkingkeywords”>CAA</a> विरोध की आड़ में मुस्लिम बहुल इलाकों में झूठा प्रचार किया गया कि इस कानून के जरिए उनकी नागरिकता छीनी जाएगी और उन्हें डिटेंशन कैंप में भेजा जाएगा. इसी भड़काऊ प्रचार के कारण दिल्ली में हिंसा फैली.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या हाई कोर्ट पलटेगा फैसला ?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अब हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होगी. क्या शरजील इमाम को साकेत कोर्ट के आदेश से राहत मिलेगी, या फिर दिल्ली पुलिस अपने दावों को और मजबूत करेगी? यह आने वाले दिनों में साफ होगा. फिलहाल, दिल्ली हाई कोर्ट के इस नोटिस से मामले में नया मोड़ आ गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-assembly-speaker-vijender-gupta-told-decision-reject-special-mention-notice-given-by-opposition-ann-2913407″>दिल्ली विधानसभा स्पीकर का विपक्ष को सख्त संदेश, ‘सदन की कार्यवाही में बाधा डालने नहीं दूंगा'</a></strong></p>  दिल्ली NCR ‘दो कौड़ी के लड़के से प्यार हो गया और…’, मेरठ सौरभ राजपूत हत्याकांड पर कथावाचकों ने क्या कहा?