केंद्र में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी कुछ देर बाद शिमला पहुंचेंगे। दोनों नेता शिमला से महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावी नतीजों पर नजर रखेंगे। सूत्रों की माने तो राहुल और सोनिया अगले कुछ दिन शिमला के छराबड़ा में रुकेंगे। एक-दो दिन बाद प्रियंका गांधी भी छराबड़ा आ सकती हैं। सूचना के अनुसार, सोनिया गांधी शाम सात बजे तक और राहुल गांधी रात 9 बजे तक छराबड़ा पहुंच सकते हैं। प्रियंका ने छराबड़ा में बना रखा अपना घर बता दें कि शिमला से करीब 14 किलोमीटर दूर प्रियंका गांधी ने पहाड़ी शैली में अपना घर बना रखा है। प्रियंका गांधी साल में सात-आठ बार यहां आती रहती है। राहुल और प्रियंका गांधी भी बीच बीच में यहां आते रहे हैं। प्रियंका ने छराबड़ा में मनाई थी दिवाली जब किसी राज्य में चुनाव संपन्न होते है तो उस दौरान भी तीनों नेता खासकर प्रियंका गांधी चुनावी थकान मिटाने छराबड़ा पहुंचते हैं। प्रियंका गांधी अपने पति रोबर्ट वाड्रा के साथ बीते माह छराबड़ा में ही दिवाली मनाकर वापस लौटी थी। केंद्र में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी कुछ देर बाद शिमला पहुंचेंगे। दोनों नेता शिमला से महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावी नतीजों पर नजर रखेंगे। सूत्रों की माने तो राहुल और सोनिया अगले कुछ दिन शिमला के छराबड़ा में रुकेंगे। एक-दो दिन बाद प्रियंका गांधी भी छराबड़ा आ सकती हैं। सूचना के अनुसार, सोनिया गांधी शाम सात बजे तक और राहुल गांधी रात 9 बजे तक छराबड़ा पहुंच सकते हैं। प्रियंका ने छराबड़ा में बना रखा अपना घर बता दें कि शिमला से करीब 14 किलोमीटर दूर प्रियंका गांधी ने पहाड़ी शैली में अपना घर बना रखा है। प्रियंका गांधी साल में सात-आठ बार यहां आती रहती है। राहुल और प्रियंका गांधी भी बीच बीच में यहां आते रहे हैं। प्रियंका ने छराबड़ा में मनाई थी दिवाली जब किसी राज्य में चुनाव संपन्न होते है तो उस दौरान भी तीनों नेता खासकर प्रियंका गांधी चुनावी थकान मिटाने छराबड़ा पहुंचते हैं। प्रियंका गांधी अपने पति रोबर्ट वाड्रा के साथ बीते माह छराबड़ा में ही दिवाली मनाकर वापस लौटी थी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल में ट्रेजरी बंद पर बयानबाजी तेज:पूर्व CM बोले-अराजकता का माहौल बना, CM के मीडिया सलाहकार का पलटवार, हालात के लिए जयराम जिम्मेदार
हिमाचल में ट्रेजरी बंद पर बयानबाजी तेज:पूर्व CM बोले-अराजकता का माहौल बना, CM के मीडिया सलाहकार का पलटवार, हालात के लिए जयराम जिम्मेदार हिमाचल प्रदेश में ठेकेदारों की पेमेंट पर संग्राम छिड़ गया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के अराजकता फैलाने वाले बयान पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के प्रधान मीडिया सलाहाकार नरेश चौहान ने पलटवार करते हुए कहा, प्रदेश में जो हालात बने हैं, उसके लिए पूर्व जयराम सरकार जिम्मेदार है। नरेश चौहान ने कहा कि 2 महीने से ट्रेजरी बंद के आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने गलत ढंग से लोन दिए। स्टेट कोऑपरेटिव बैंक और कांगड़ा कोऑपरेटिव बैंकों का एनपीए बढ़ा है। वित्तीय अनुशासन के लिए कुछ फैसले जरूर लिए हैं। इससे आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। बता दें कि जयराम ठाकुर ने कहा था कि ट्रेजरी दो महीने से अघोषित रूप से बंद है। इससे अराजकता का माहौल बन गया है। इससे सभी प्रकार के विकास कार्य ठप पड़े हैं। सरकार ने सभी वेंडर का भुगतान रोक दिया है। उन्होंने कहा, अगर ट्रेजरी बंद होगी तो प्रदेश का काम प्रभावी तरीके से कैसे चलेगा। 21 नवंबर के बाद रुका भुगतान 21 नवंबर के बाद से लोक निर्माण विभाग (PWD) के ठेकेदारों की पेमेंट का भुगतान नहीं किया जा रहा है। 5-10 हजार रुपए की ही कुछ पेमेंट ठेकेदारों को दी जा रही है। इससे ठेकेदार अपने इंजीनियरों, कर्मचारियों और मजदूरों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं। कुछ ठेकेदार अब काम बंद करने की तैयारी में हैं, क्योंकि पीडब्ल्यूडी द्वारा बिल पास किए जाने के बावजूद उनका भुगतान खजाने से नहीं हो रहा है। 825 करोड़ की पेमेंट पेंडिंग जानकारी के मुताबिक, पीडब्ल्यूडी ठेकेदारों को सरकार ने 825 करोड़ से अधिक का भुगतान करना है। यह भी बताया जा रहा है कि ‘ए’ श्रेणी के कई ठेकेदारों का 50 लाख से अधिक का भुगतान लंबित है। ठेकेदार बार-बार पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों के पास जाकर भुगतान की मांग कर रहे हैं। लेकिन भुगतान नहीं दिया जा रहा है। इस संबंध में ठेकेदार पीडब्ल्यूडी मंत्री से भी मिल चुके हैं। प्रदेश में करीब 5000 ठेकेदार पंजीकृत हैं। इनके परिवार, कर्मचारी और मजदूर समेत हजारों परिवारों की आजीविका इन पर निर्भर है।
कंगना रनोट पर राजस्व मंत्री का हमला:बोले- जब आपदा आईं, तब नहीं पहुंची, 6 दिन बाद घड़ियाली आंसू बहाकर चली गई
कंगना रनोट पर राजस्व मंत्री का हमला:बोले- जब आपदा आईं, तब नहीं पहुंची, 6 दिन बाद घड़ियाली आंसू बहाकर चली गई हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र में सोमवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने मंडी से सांसद कंगना रनोट पर तीखा हमला बोला। जगत नेगी ने कहा कि, प्रदेश में जब आपदा आई तब कंगना रनोट ने कहा कि उन्हें अधिकारियों ने सलाह दी है कि अभी येलो अलर्ट है। इसलिए प्रदेश मत आना। यदि वो आती तो मेकअप धुल जाता। जगत नेगी ने कहा, कंगना हिमाचल तब पहुंची, जब यहां सब कुछ ठीक हो गया था और घड़ियाली आंसू बहाकर वापस चली गई। उन्होंने कहा कि 31 जुलाई की रात आपदा में मंडी संसदीय क्षेत्र के 54 लोग लापता हो गए थे। राज्य सरकार दिन रात रेस्क्यू में जुटी रही। यह सब कंगना रनोट के संसदीय क्षेत्र में हुआ। बीजेपी सांसद कंगना सब कुछ सामान्य होने के बाद घटनास्थल पर पहुंचती हैं। आपदा पर चर्चा का जवाब दे रहे थे जगत नेगी राजस्व मंत्री जगत नेगी विधानसभा के मानसून सत्र में सोमवार को आपदा पर 4 दिन चली चर्चा का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कंगना को भी निशाने पर लिया। जगत नेगी ने कहा, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आपदा को लेकर सदन में चर्चा की शुरुआत की। इस पर 30 विधायकों ने अपनी-अपनी बात रखी है। मगर, आज नेता प्रतिपक्ष सदन से गायब हैं और सबको साथ लेकर चले गए। 31 जुलाई की रात आपदा, 6 अगस्त को पहुंची थी कंगना बता दें कि, प्रदेश में बीते 31 जुलाई की आधी रात मंडी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत रामपुर के समेज, कुल्लू के बाघीपुल, मंडी की चौहारघाटी, श्रीकंड के रास्ते में सिंघगाड़ में बादल फटने के बाद भारी तबाही हुई थी। 3 जगह 54 लोग बाढ़ में बह गए और लैंडस्लाइड में दब गए थे। तब कंगना रनोट ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कहा कि अधिकारियों ने उन्हें अभी हिमाचल नहीं आने की सलाह दी गई है। इसके बाद कंगना का सोशल मीडिया में जबरदस्त विरोध भी हुआ। PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी तंज कसा था। आपदा के छठें दिन प्रदेश आई कंगना कंगना रनोट प्रदेश में आपदा के छठें दिन आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंची। सबसे पहले वह रामपुर के समेज गई, जहां 36 लोग बाढ़ में बह गए थे। इसके बाद वह बाघीपुल और चौहारघाटी भी पहुंची। इस पर राज्य के राजस्व मंत्री ने तंज कसा है।
हिमाचल के 2 उद्योगों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई:सिंबोइसिस फॉर्मा को 42 लाख की पैनल्टी; साई-टेक की बिजली काटने के निर्देश
हिमाचल के 2 उद्योगों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई:सिंबोइसिस फॉर्मा को 42 लाख की पैनल्टी; साई-टेक की बिजली काटने के निर्देश प्रदेश के इंडस्ट्रियल एरिया काला अंब में हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HPPCB) ने दो उद्योगों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। HPPCB ने सिंबोइसिस फॉर्मा पर 42 लाख रुपए की पैनल्टी लगाई है, जबकि साई टेक दवा उद्योग की बिजली काटने के निर्देश दिए गए हैं। HPPCB के एन्वायर्नमेंट इंजीनियर अतुल परमार ने बताया कि सिंबोइसिस फॉर्मा के ढाई-तीन साल से लगातार सैंपल फेल हो रहे थे। इसे देखते हुए फैक्ट्री प्रबंधन को बार बार नोटिस दिए गए। मगर उद्योग प्रबंधन ने एक बार भी जवाब नहीं दिया। एक्सपाइरी दवाईयों का ट्रैक्टर नदी में डालते हुए पकड़ा अतुल परमार ने बताया कि सिंबोइसिस फॉर्मा को HPPCB के सहायक अभियंता ने एक्सपायरी डेट की दवाइयों का ट्रैक्टर नदी में डालते हुए पकड़ा थी। SDO की रिपोर्ट के आधार पर और नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों के हिसाब से 42 लाख की पैनल्टी लगाई गई है। बोर्ड की कार्रवाई से उद्योग प्रबंधन में हड़कंप अतुल परमार ने बताया कि साई टेक कंपनी के भी तीन सैंपल फेल हुए है। इसे देखते हुए बिजली बोर्ड को साई टेक की बिजली काटने के निर्देश दिए गए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की इस कार्रवाई से उद्योग प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। दोनों दवा उद्योग एक ही व्यक्ति के बताए जा रहे हैं। NGT के आदेशों पर कार्रवाई बता दें कि औद्योगिक क्षेत्रों की नदियों व खड्डों के सैंपल बार बार फेल हो रहे हैं। इससे कई नदियों का पानी पीने लायक तो दूर खेतीबाड़ी में प्रयोग करने लायक भी नहीं बचा। इसे लेकर NGT कई बार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी फटकार लगा चुका है। NGT के आदेशों पर प्रदेश की सभी नदियों व खड्डों में पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए HPPCB ने एक्शन प्लान बना रखे है और इस पर कार्रवाई जारी है। दवा उद्योगों पर की गई कार्रवाई भी इसी का हिस्सा है।