हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला से दिल्ली रवाना हो गए हैं। सीएम सुक्खू कल दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री के समक्ष हिमाचल के कई मसलों को उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश के पावर प्रोजेक्ट में हिमाचली हित बेचे है। स्टेट को मिलने वाली रॉयल्टी माफ की है। इस मसले को वह प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया जाएगा। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के पास लंबित पड़े हिमाचल के करोड़ों रुपए के भुगतान का मामला भी उठाया जाएगा। केंद्र से हिमाचल को मिलनी प्रस्तावित आपदा राशि को लेकर भी बात करेंगे। उन्होंने कहा कि पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (PDNA) की ग्रांट हिमाचल को नहीं मिल पाई है। इसे लेकर भी प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। हिमाचल ने बीबीएमसी से लेना है 4000 करोड़ BBMB के पास हिमाचल की 4000 करोड़ रुपए से ज्यादा की हिस्सेदारी है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी हिमाचल को नहीं दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 27-9-2011 को हिमाचल के पक्ष में फैसला दिया और बीबीएमबी की तरफ से परिचालित विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल की हिस्सेदारी 7.19 फीसदी तय की। यह हिस्सेदारी 27 सितंबर से 2011 से प्रदेश को मिलनी शुरू हो गई है। मगर 2011 से पहले का एरियर अभी तक नहीं मिल पाया। हिमाचल की पूर्व सरकार ने पावर प्रोजेक्ट में रॉयल्टी कम की थी। मुख्यमंत्री सुक्खू का कहना है कि इससे हिमाचल को हर साल करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। लिहाजा रॉयल्टी के मसले पर भी मुख्यमंत्री दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे, क्योंकि कई केंद्रीय कंपनियों ने रॉयल्टी के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला से दिल्ली रवाना हो गए हैं। सीएम सुक्खू कल दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री के समक्ष हिमाचल के कई मसलों को उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश के पावर प्रोजेक्ट में हिमाचली हित बेचे है। स्टेट को मिलने वाली रॉयल्टी माफ की है। इस मसले को वह प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया जाएगा। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के पास लंबित पड़े हिमाचल के करोड़ों रुपए के भुगतान का मामला भी उठाया जाएगा। केंद्र से हिमाचल को मिलनी प्रस्तावित आपदा राशि को लेकर भी बात करेंगे। उन्होंने कहा कि पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (PDNA) की ग्रांट हिमाचल को नहीं मिल पाई है। इसे लेकर भी प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। हिमाचल ने बीबीएमसी से लेना है 4000 करोड़ BBMB के पास हिमाचल की 4000 करोड़ रुपए से ज्यादा की हिस्सेदारी है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी हिमाचल को नहीं दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 27-9-2011 को हिमाचल के पक्ष में फैसला दिया और बीबीएमबी की तरफ से परिचालित विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल की हिस्सेदारी 7.19 फीसदी तय की। यह हिस्सेदारी 27 सितंबर से 2011 से प्रदेश को मिलनी शुरू हो गई है। मगर 2011 से पहले का एरियर अभी तक नहीं मिल पाया। हिमाचल की पूर्व सरकार ने पावर प्रोजेक्ट में रॉयल्टी कम की थी। मुख्यमंत्री सुक्खू का कहना है कि इससे हिमाचल को हर साल करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। लिहाजा रॉयल्टी के मसले पर भी मुख्यमंत्री दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे, क्योंकि कई केंद्रीय कंपनियों ने रॉयल्टी के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट:सरकार ने अस्पतालों को जारी किए निर्देश; विदेश से आने वालों पर नजर रखने को बोला
हिमाचल में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट:सरकार ने अस्पतालों को जारी किए निर्देश; विदेश से आने वालों पर नजर रखने को बोला दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ने पर पूरे विश्व मे हड़कंप मचा हुआ है। हिमाचल में भी प्रदेश सरकार ने बीमारी को लेकर अलर्ट जारी कर दिया। स्वास्थ्य सचिव एम सुधा की अध्यक्षता में शुक्रवार को संपन्न बैठक में सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों को एहतियात बरतने को कहा गया है। विदेशों से आने वाले लोगों पर नजर बनाए रखने को कहा गया है। डॉक्टरों के अनुसार मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है। स्माल पॉक्स इसके लक्षण है। डॉक्टरों कहना है 1958 में हुए शोध में इस बीमारी को बन्दरों में पाया गया था। इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स पड़ा है। बताया जाता है कि शुरू में पॉक्स जानवरों से इंसानों में फैलने वाली एक जूनोटिक बीमारी थी। लेकिन अब यह इंसान से इंसान के संपर्क से फैलने वाली सीधी बीमारी है। हालांकि ये कम गंभीर है और ऑर्थोपॉक्सवायरस संक्रमण है, जिसे 1980 में दुनिया भर में खत्म घोषित कर दिया गया था। ऐसे फैलता है मंकीपॉक्स डॉक्टरों मानते है कि मंकीपॉक्स एक संक्रामक रोग है। जो लोगों में इससे ग्रसित मरीज के संपर्क में आने से फैलता है। परन्तु यह कई अन्य संक्रामक बीमारियों की तरह हवा में नहीं फैलती है । मंकीपॉक्स त्वचा से त्वचा का संपर्क, यौन संबंध, बिस्तर और कपड़ों को छूना, सुरक्षा मानकों का पालन न करने से फैलता है। बीमारी के ये हैं लक्षण डॉक्टरों के अनुसार मंकीपॉक्स शुरुआती लक्षणों में व्यक्ति को तेज सिरदर्द, सूजन, पीठ में दर्द, बुखार इत्यादि आता है। कहा जाता है कि बुखार आने के एक सप्ताह के भीतर शरीर पर चकते (छाले) और लाल धब्बे दिखाई देने लगते हैं. बीमारी में ज्यादातर छाले चेहरे और हाथों पर पाए जाते हैं। मंकीपॉक्स से ऐसे करें बचाव जो लोग बीमार लोगों के संपर्क में आते हैं, उन्हें पॉक्स हो सकता है. यानी शरीर पर छाले आ जाते है। परन्तु इससे घबराने की जरूरत नही है मंकी फॉक्स ज्यादा गंभीर बीमारी नही है परंतु यह एक संक्रमण है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के फैलता है इसलिए इसे फैलने से रोकने के लिए सावधानी जरूरी है। हॉस्पिटल में संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाले हेल्थ वर्कर्स को खुद पर काफी ध्यान देना पड़ता है और SOP का पालन करना पड़ता है।
हिमाचल में तापमान में भारी उछाल:मैक्सिमम टैम्परेचर नॉर्मल से 3.5 डिग्री ज्यादा, मिनिमम भी 2.3 डिग्री ज्यादा हुआ, 5 दिन बारिश के आसार नहीं
हिमाचल में तापमान में भारी उछाल:मैक्सिमम टैम्परेचर नॉर्मल से 3.5 डिग्री ज्यादा, मिनिमम भी 2.3 डिग्री ज्यादा हुआ, 5 दिन बारिश के आसार नहीं हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान तापमान में भारी उछाल आया है। प्रदेश का अधिकतम तापमान नॉर्मल से 3.1 डिग्री ज्यादा और न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 2.3 डिग्री अधिक हो गया है। यानी दिन के साथ साथ रातें भी गर्म होने लगी है। कई शहरों का तापमान नॉर्मल से 5 डिग्री तक ज्यादा हुआ है। आमतौर पर 15 अक्टूबर के बाद पहाड़ों पर तापमान में कमी आती है, लेकिन इस बार सर्दी के मौसम में भी तापमान गिरने के बजाय बढ़ता जा रहा है। आलम यह है कि प्रदेश के 11 शहरों का पारा 30 डिग्री सेल्सियस पार हो गया है। इससे खासकर दिन के वक्त मैदानी इलाकों में लोगों के पसीने छूटने लगे है। किस शहर में नॉर्मल से कितना ज्यादा तापमान हमीरपुर का अधिकतम तापमान नॉर्मल की तुलना में 4.6 डिग्री ज्यादा दर्ज किया गया। शिमला का तापमान नॉर्मल से 4.4 डिग्री ज्यादा, भुंतर का 4.8 डिग्री, कल्पा का 3.1 डिग्री, धर्मशाला का 3.6 डिग्री, नाहन 2.2 डिग्री, केलांग 4.5 डिग्री, सोलन 3.5 डिग्री, मनाली 2.7 डिग्री और कांगड़ा का अधिकतम तापमान नॉर्मल से 3.5 डिग्री अधिक हुआ है। 11 शहर जहां 30 डिग्री पार पहुंचा तापमान इसी तरह रात का तापमान भी नॉर्मल से ज्यादा हुआ है। मनाली के न्यूनतम तापमान में सामान्य की तुलना में सबसे ज्यादा 4.5 डिग्री का उछाल दर्ज किया गया। लाहौल स्पीति के केलांग में 20 अक्टूबर के बाद तापमान माइनस में रहता है, लेकिन मंगलवार रात को केलांग का तापमान भी सामान्य से 3 डिग्री के उछाल के साथ 4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। अन्य शहरों के न्यूनतम तापमान में भी इसी तरह उछाल आया है। लंबे ड्राइ स्पेल के कारण आया उछाल मौसम विभाग की माने तो लंबे ड्राइ स्पेल के कारण तापमान सामान्य से ज्यादा चल रहा है। प्रदेश के सात जिलों चंबा, बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला, सोलन, सिरमौर व कुल्लू में एक महीने से पानी की बूंद तक नहीं बरसी। वहीं कांगड़ा, लाहौल स्पीति और किन्नौर जिला में भी हल्की बूंदबांदी हुई है। ऊना जिला में जरूर 8 मिलीमीटर बारिश अक्टूबर माह में हुई है। अन्य जिलों में बारिश नहीं होने से सूखे जैसे हालात पनपने लगे हैं, क्योंकि इस बार मानसून सीजन में भी सामान्य से 19 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
हिमाचल में वातावरण की वेस्ट एनर्जी से बनेगी बिजली:IIT मंडी के शोधकर्ताओं ने बनाया एडवांस्ड थर्मोइलेक्ट्रिक मटेरियल, बोले- जल्द तैयार होगा मॉड्यूल
हिमाचल में वातावरण की वेस्ट एनर्जी से बनेगी बिजली:IIT मंडी के शोधकर्ताओं ने बनाया एडवांस्ड थर्मोइलेक्ट्रिक मटेरियल, बोले- जल्द तैयार होगा मॉड्यूल हिमाचल में IIT मंडी के शोधनकर्ताओं ने ऐसे एडवांस्ड थर्मोइलेक्ट्रिक मटेरियल का निर्माण किया है, जो वातावरण में मौजूद वेस्ट एनर्जी को बिजली में तब्दील कर सकेंगे। इससे ग्लोबल वार्मिंग को भी कम किया जा सकेगा। IIT मंडी के स्कूल ऑफ फिजिकल साइंसेस के प्रोफेसर डॉ. अजय सोनी ने अपने सहयोगियों डॉ. केवल सिंह राणा, आदित्य सिंह, सुश्री निधि, अनिमेष भुई, डॉ. चंदन बेरा और प्रो. कनिष्क बिस्वास के साथ मिलकर बड़े यूनिट सेल मिनरल चाल्कोजेनाइड्स पर गहन अध्ययन किया है। प्रोफेसर डॉ. अजय सोनी ने बताया कि हम रोजमर्रा के कार्यों के लिए ऐसी चीजों का इस्तेमाल करते हैं, तो एनर्जी का उत्पादन करते हैं। इसमें घर में इस्तेमाल होने वाले पंखे, रेफ्रिजरेटर, कार या फिर छोटे-बड़े सभी प्रकार के उद्योग शामिल हैं। इनसे रोजाना वेस्ट एनर्जी निकलती है, जोकि ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनती है। लेकिन अब इस वेस्ट एनर्जी को एडवांस्ड थर्मोइलेक्ट्रिक मटेरियल की मदद से दोबारा बिजली में कन्वर्ट किया जा सकेगा। हालांकि इसके लिए अभी एक मॉड्यूल का बनना बाकी है। जिसके बाद इस एनर्जी को बिजली में तब्दील करके इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस पर कार्य जारी है। वेस्ट एनर्जी का नहीं हो रहा इस्तेमाल शोधकर्ता डॉ. केवल सिंह राणा ने बताया कि जो शोध किया गया है। उससे दूरदराज के क्षेत्रों में बिजली उत्पादन में काफी ज्यादा मदद मिलेगी। क्योंकि वातावरण की वेस्ट एनर्जी का अभी तक कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा है और अब इसके सही इस्तेमाल की तरफ जो प्रयास किए जा रहे हैं उसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।