शिमला के आइस स्केटिंग रिंक में उमड़ी भीड़:देशभर के टूरिस्ट भी कर सकेंगे स्केटिंग; 300 रुपए देनी होगी फीस

शिमला के आइस स्केटिंग रिंक में उमड़ी भीड़:देशभर के टूरिस्ट भी कर सकेंगे स्केटिंग; 300 रुपए देनी होगी फीस

हिमाचल प्रदेश राजधानी शिमला में ब्रिटिश काल में बने आइस स्केटिंग रिंक में चार दिन से स्केटिंग हो रही है। मगर अभी सुबह के टाइम ही स्केटिंग हो पा रही है। दिन में तापमान ज्यादा होने से शाम को आइस नहीं टिक पा रही। जैसे जैसे ठंड बढ़ेगी और रिंक में ज्यादा आइस जमेगी, उसके बाद सुबह और शाम दोनों सेशन में स्केटिंग हो जाएगी। बता दें कि शिमला के लक्कड़ बाजार में ब्रिटिश काल से आइस स्केटिंग रिंक बना हुआ है। यहां दिसंबर के दूसरे सप्ताह से अगले तीन महीने तक स्केटिंग होती है, जिसमे लोकल के साथ साथ देशी-विदेशी पर्यटक भी स्केटिंग का आनंद उठाते हैं। सेकेंड सेटर-डे की छुट्टी की वजह से आज भी बड़ी संख्या में स्केटर्स ने यहां स्केटिंग की। इस दौरान स्केटर्स में जबरदस्त उत्साह देखा गया। एशिया का इकलौता आइस स्केटिंग रिंक प्राकृतिक विधि से आइस जमाने वाला यह एशिया का इकलौता आइस स्केटिंग रिंक है। यहां पर अब अगले दो से तीन महीने तक 300 रुपए फीस देकर स्केटिंग की जा सकेगी। पर्यटक भी स्केटिंग का आनंद उठा सकेंगे। उन्हें अपने साथ स्केट लाने की भी जरूरत नहीं होगी। इन्हें स्केटिंग क्लब मुहैया कराता है। शिमला में प्राकृतिक विधि से जमाई जाती है बर्फ शिमला के लक्कड़ बाजार रिंक में प्राकृतिक विधि से आइस को जमाया जाता है। यहां पर शाम के समय रिंक में पानी डाला जाता है। सुबह को यह जम जाता है। इस पर स्केटिंग होती है। हालांकि, आसमान में बादल छाने और तापमान अधिक होने से आइस जमाने में कठिनाई होती है। इससे यह पिघल जाती है, लेकिन ठंड में यह जल्दी जम जाती है। 104 साल पुराना हैं स्केटिंग का इतिहास शिमला के आइस स्केटिंग रिंक में साल 1920 से हर साल स्केटिंग होती आई है। इस रिंक का स्केटिंग का 104 साल पुराना इतिहास है। एक दशक पहले तक यहां 15 नवंबर से स्केटिंग शुरू हो जाती थी। मगर, पिछले आठ-10 सालों से मौसम में आए बदलाव की वजह से दिसंबर के दूसरे व तीसरे सप्ताह में ही स्केटिंग शुरू हो पा रही है। एक-दो दशक पहले तक पहाड़ों पर दिसंबर में अच्छी बर्फबारी होती थी। इससे तापमान जमाव बिंदू से नीचे गिर जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से दिसंबर के बजाय अभ फरवरी-मार्च में ज्यादा बर्फबारी हो रही है और दिसंबर का मौसम गर्म जा रहा है। इस वजह से यहां स्केटिंग शुरू होने में देरी हो रही है। अभी दो घंटे होगी स्केटिंग : रजत शिमला के आइस स्केटिंग रिंक क्लब के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी रजत मल्होत्रा और क्लब के पदाधिकारी सुदीप महाजन ने बताया कि आज से स्केटिंग शुरू गई है। पहले दिन 50 से ज्यादा स्केटर्स ने यहां स्केटिंग की। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों सहित देशभर के पर्यटक भी शिमला में स्केटिंग का आनंद उठा सकेंगे। हिमाचल प्रदेश राजधानी शिमला में ब्रिटिश काल में बने आइस स्केटिंग रिंक में चार दिन से स्केटिंग हो रही है। मगर अभी सुबह के टाइम ही स्केटिंग हो पा रही है। दिन में तापमान ज्यादा होने से शाम को आइस नहीं टिक पा रही। जैसे जैसे ठंड बढ़ेगी और रिंक में ज्यादा आइस जमेगी, उसके बाद सुबह और शाम दोनों सेशन में स्केटिंग हो जाएगी। बता दें कि शिमला के लक्कड़ बाजार में ब्रिटिश काल से आइस स्केटिंग रिंक बना हुआ है। यहां दिसंबर के दूसरे सप्ताह से अगले तीन महीने तक स्केटिंग होती है, जिसमे लोकल के साथ साथ देशी-विदेशी पर्यटक भी स्केटिंग का आनंद उठाते हैं। सेकेंड सेटर-डे की छुट्टी की वजह से आज भी बड़ी संख्या में स्केटर्स ने यहां स्केटिंग की। इस दौरान स्केटर्स में जबरदस्त उत्साह देखा गया। एशिया का इकलौता आइस स्केटिंग रिंक प्राकृतिक विधि से आइस जमाने वाला यह एशिया का इकलौता आइस स्केटिंग रिंक है। यहां पर अब अगले दो से तीन महीने तक 300 रुपए फीस देकर स्केटिंग की जा सकेगी। पर्यटक भी स्केटिंग का आनंद उठा सकेंगे। उन्हें अपने साथ स्केट लाने की भी जरूरत नहीं होगी। इन्हें स्केटिंग क्लब मुहैया कराता है। शिमला में प्राकृतिक विधि से जमाई जाती है बर्फ शिमला के लक्कड़ बाजार रिंक में प्राकृतिक विधि से आइस को जमाया जाता है। यहां पर शाम के समय रिंक में पानी डाला जाता है। सुबह को यह जम जाता है। इस पर स्केटिंग होती है। हालांकि, आसमान में बादल छाने और तापमान अधिक होने से आइस जमाने में कठिनाई होती है। इससे यह पिघल जाती है, लेकिन ठंड में यह जल्दी जम जाती है। 104 साल पुराना हैं स्केटिंग का इतिहास शिमला के आइस स्केटिंग रिंक में साल 1920 से हर साल स्केटिंग होती आई है। इस रिंक का स्केटिंग का 104 साल पुराना इतिहास है। एक दशक पहले तक यहां 15 नवंबर से स्केटिंग शुरू हो जाती थी। मगर, पिछले आठ-10 सालों से मौसम में आए बदलाव की वजह से दिसंबर के दूसरे व तीसरे सप्ताह में ही स्केटिंग शुरू हो पा रही है। एक-दो दशक पहले तक पहाड़ों पर दिसंबर में अच्छी बर्फबारी होती थी। इससे तापमान जमाव बिंदू से नीचे गिर जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से दिसंबर के बजाय अभ फरवरी-मार्च में ज्यादा बर्फबारी हो रही है और दिसंबर का मौसम गर्म जा रहा है। इस वजह से यहां स्केटिंग शुरू होने में देरी हो रही है। अभी दो घंटे होगी स्केटिंग : रजत शिमला के आइस स्केटिंग रिंक क्लब के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी रजत मल्होत्रा और क्लब के पदाधिकारी सुदीप महाजन ने बताया कि आज से स्केटिंग शुरू गई है। पहले दिन 50 से ज्यादा स्केटर्स ने यहां स्केटिंग की। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों सहित देशभर के पर्यटक भी शिमला में स्केटिंग का आनंद उठा सकेंगे।   हिमाचल | दैनिक भास्कर