हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 2 दिन हुई भारी बारिश के बाद संजौली में बड़ा लैंड स्लाइड हुआ है। जानकारी के मुताबिक लैंड स्लाइड में शिमला नगर निगम के इंजन घर वार्ड में बने खेल के मैदान की दीवार ढह गई है। जिसके कारण मैदान के बड़े हिस्से में दरार आ गई है। दीवार ढहने से एक गाड़ी और एक ढारा चपेट में आ गया है। घटना शनिवार की बताई जा रही है। ढारा और गाड़ी चपेट में आए जानकारी के मुताबिक यह खेल का मैदान शिमला नगर निगम का है और इंजन घर वार्ड के अंतर्गत आता है। संजौली शिमला का सबसे भीड़ भाड़ वाला क्षेत्र है। इस खेल के मैदान में बच्चे और युवा खेलने पहुंचते है। गनीमत यह रही कि लैंड स्लाइड की घटना रात के अंधेरे में हुई है। उस वक्त वहां पर कोई नहीं था और हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। परन्तु दीवार ढहने से एक गाड़ी और एक ढारा चपेट में आ गया है। दीवार के अगले हिस्से पर भी गिरने का खतरा बन गया है। जिसके कारण दो अन्य ढारों को भी खाली कराने के निर्देश दे दिए है। स्थानीय पार्षद के पूर्व पार्षद पर आरोप स्थानीय पार्षद अंकुश ने बताया कि पूर्व पार्षद ने भाजपा शासित नगर निगम में नियमों को ताक पर रख कर काम किया है। उन्होंने कहा कि खेल के मैदान में कोई ड्रेनेज सिस्टम नहीं है। सड़क का सारा पानी मैदान में आता है। उन्होंने कहा कि पूर्व पार्षद आरती चौहान ने मामले में लीपा-पोती की है। उन्होंने कहा कि जितना मैदान का पैसा आया, उस हिसाब से काम नहीं हुआ है । अंकुश ने कहा कि पूर्व पार्षद ने हवा में डंगे लगा दिए है। नींव को खाली रख दिया जिसके कारण मैदान का कार्य कच्चा रह गया और बारिश के कारण लैंड स्लाइड हो गया है। जांच कराने की मांग वर्तमान पार्षद अंकुश ने मांग करते हुए कहा कि नगर निगम को मामले में जांच करनी चाहिए कि पूर्व पार्षद ने चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए हवा में डंगे लगा दिए और जनता के करोड़ों रुपए बर्बाद किए है। इसकी जांच होनी चाहिए। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 2 दिन हुई भारी बारिश के बाद संजौली में बड़ा लैंड स्लाइड हुआ है। जानकारी के मुताबिक लैंड स्लाइड में शिमला नगर निगम के इंजन घर वार्ड में बने खेल के मैदान की दीवार ढह गई है। जिसके कारण मैदान के बड़े हिस्से में दरार आ गई है। दीवार ढहने से एक गाड़ी और एक ढारा चपेट में आ गया है। घटना शनिवार की बताई जा रही है। ढारा और गाड़ी चपेट में आए जानकारी के मुताबिक यह खेल का मैदान शिमला नगर निगम का है और इंजन घर वार्ड के अंतर्गत आता है। संजौली शिमला का सबसे भीड़ भाड़ वाला क्षेत्र है। इस खेल के मैदान में बच्चे और युवा खेलने पहुंचते है। गनीमत यह रही कि लैंड स्लाइड की घटना रात के अंधेरे में हुई है। उस वक्त वहां पर कोई नहीं था और हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। परन्तु दीवार ढहने से एक गाड़ी और एक ढारा चपेट में आ गया है। दीवार के अगले हिस्से पर भी गिरने का खतरा बन गया है। जिसके कारण दो अन्य ढारों को भी खाली कराने के निर्देश दे दिए है। स्थानीय पार्षद के पूर्व पार्षद पर आरोप स्थानीय पार्षद अंकुश ने बताया कि पूर्व पार्षद ने भाजपा शासित नगर निगम में नियमों को ताक पर रख कर काम किया है। उन्होंने कहा कि खेल के मैदान में कोई ड्रेनेज सिस्टम नहीं है। सड़क का सारा पानी मैदान में आता है। उन्होंने कहा कि पूर्व पार्षद आरती चौहान ने मामले में लीपा-पोती की है। उन्होंने कहा कि जितना मैदान का पैसा आया, उस हिसाब से काम नहीं हुआ है । अंकुश ने कहा कि पूर्व पार्षद ने हवा में डंगे लगा दिए है। नींव को खाली रख दिया जिसके कारण मैदान का कार्य कच्चा रह गया और बारिश के कारण लैंड स्लाइड हो गया है। जांच कराने की मांग वर्तमान पार्षद अंकुश ने मांग करते हुए कहा कि नगर निगम को मामले में जांच करनी चाहिए कि पूर्व पार्षद ने चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए हवा में डंगे लगा दिए और जनता के करोड़ों रुपए बर्बाद किए है। इसकी जांच होनी चाहिए। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल सरकार रोकेगी विद्यार्थियों का पलायन:बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी बोले- कलस्टर बनाकर दी जाएगी हॉस्टल सुविधा हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार प्रयत्नशील है। राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में जहां सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बच्चों की संख्या बहुत कम है, वहां चार-पांच स्कूलों का एक कलस्टर बनाकर हॉस्टल की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। छात्र छात्राओं को फ्री गुणात्मक शिक्षा प्रदान की जाएगी, ताकि विद्यार्थियों को पलायन करने की आवश्यकता ना पडे़। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार आने वाले समय में इस कार्य को किन्नौर जिले से शुरू कर प्रदेश के अन्य सभी जनजातीय क्षेत्रों में भी इसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किन्नौर के सरकारी स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए पहले ही जवाहर उत्कृष्ट विद्यालय योजना को लागू किया था, मगर भाजपा के शासनकाल में इस पर विराम लगा दिया था। प्रदेश में कांग्रेस सरकार आते ही स्कूलों के गुणात्मक शिक्षा को मजबूत करने के लिए विद्यालयों को दिए जाने वाले प्रोत्साहन राशि को शुरू कर दिया। स्कूलों का वार्षिक मूल्यांकन उन्होंने कहा कि, जवाहर उत्कृष्ट विद्यालय योजना के तहत किन्नौर जिले में प्राइमरी, माध्यमिक, हाई एवं सेकेंडरी स्कूल स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले सभी विद्यालयों को प्रोत्साहन राशि सहित ट्रॉफी प्रदान की गई। इस योजना के तहत एलिमेंट्री एवं सेकेंडरी स्कूल में एक पैरामीटर के तहत वार्षिक मूल्यांकन कर प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्राइमरी, मिडिल, हाई एवं सेकेंडरी स्कूलों को 50 हजार, 30 हजार व 20 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के साथ ट्रॉफी प्रदान की जा रही है। यह स्कूल रहे अब्बल प्राइमरी स्तर पर केंद्र प्राथमिक स्कूल पांगी प्रथम, केंद्र प्राथमिक स्कूल ख्वांगी द्वितीय तथा प्राइमरी स्कूल ब्रेलंगी तीसरे स्थान पर रहे। माध्यमिक स्तर पर राजकीय मिडिल स्कूल कल्पा गांव प्रथम, तरांडा द्वितीय तथा मिडिल स्कूल जानी तीसरे स्थान पर रहा। उच्च विद्यालयों में राजकीय उच्च विद्यालय छोलटू प्रथम, उच्च विद्यालय सुंगरा द्वितीय तथा उच्च विद्यालय थेमगारंग तृतीय स्थान प्राप्त किया। उच्चतर स्तर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रिकांगपिओ प्रथम, सीनियर सेकेंडरी स्कूल कोठी द्वितीय तथा गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल कल्पा तृतीय स्थान रहा।