शिमला में सरकारी नौकरी की मांग कर रहे दृष्टिहीन दिव्यांगों ने बुधवार को सचिवालय के बाहर चक्का जाम किया। इस दौरान सड़क के दोनों और लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे दिव्यांगों को बलपूर्वक सड़क से उठाया। इस दौरान पुलिस और दिव्यांगों के बीच धक्का मुक्की हुई। दृष्टिबाधित बेरोजगार, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलने की मांग पर अड़े रहे। इसके बाद शाम करीब पांच बजे उनकी मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से मुलाकात हो पाई। सीएम ने इनकी नौकरी की मांग पूरी करने के लिए पांच सितंबर तक का का समय मांगा है। प्रदर्शन करने वालों में कई महिलाएं भी शामिल थी। इनके साथ भी पुलिस द्वारा धक्का मुक्की की गई। 275 दिन से हड़ताल पर बैठे दृष्टि बाधित बेरोजगार आपको बता दें कि दृष्टिहीन बेरोजगार 275 दिन से शिमला में धरने पर बैठे हुए हैं और बैकलॉग कोटे से सभी पद एकमुश्त भरने की मांग कर रहे हैं। आज दिन में अचानक सभी सचिवालय के बाहर पहुंच गए और चक्का जाम किया। नेता प्रतिपक्ष बोले- दिव्यांगों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रही सरकार इस दौरान इनके साथ किए बल प्रयोग को लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने X पर पोस्ट कर लिखा कि दिव्यांगजनों के साथ सरकार अन्याय व अमानवीय व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस आलाकमान और राहुल गांधी हिमाचल के दृष्टिबाधित युवाओं को न्याय कब देंगे। सोशल मीडिया में भी पुलिस के व्यवहार की लोग निंदा कर रहे है। दृष्टिबाधित बेरोजगार पहले भी कई बार इस तरह यातायात बाधित करके प्रदर्शन कर चुके हैं। शिमला में सरकारी नौकरी की मांग कर रहे दृष्टिहीन दिव्यांगों ने बुधवार को सचिवालय के बाहर चक्का जाम किया। इस दौरान सड़क के दोनों और लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे दिव्यांगों को बलपूर्वक सड़क से उठाया। इस दौरान पुलिस और दिव्यांगों के बीच धक्का मुक्की हुई। दृष्टिबाधित बेरोजगार, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलने की मांग पर अड़े रहे। इसके बाद शाम करीब पांच बजे उनकी मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से मुलाकात हो पाई। सीएम ने इनकी नौकरी की मांग पूरी करने के लिए पांच सितंबर तक का का समय मांगा है। प्रदर्शन करने वालों में कई महिलाएं भी शामिल थी। इनके साथ भी पुलिस द्वारा धक्का मुक्की की गई। 275 दिन से हड़ताल पर बैठे दृष्टि बाधित बेरोजगार आपको बता दें कि दृष्टिहीन बेरोजगार 275 दिन से शिमला में धरने पर बैठे हुए हैं और बैकलॉग कोटे से सभी पद एकमुश्त भरने की मांग कर रहे हैं। आज दिन में अचानक सभी सचिवालय के बाहर पहुंच गए और चक्का जाम किया। नेता प्रतिपक्ष बोले- दिव्यांगों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रही सरकार इस दौरान इनके साथ किए बल प्रयोग को लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने X पर पोस्ट कर लिखा कि दिव्यांगजनों के साथ सरकार अन्याय व अमानवीय व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस आलाकमान और राहुल गांधी हिमाचल के दृष्टिबाधित युवाओं को न्याय कब देंगे। सोशल मीडिया में भी पुलिस के व्यवहार की लोग निंदा कर रहे है। दृष्टिबाधित बेरोजगार पहले भी कई बार इस तरह यातायात बाधित करके प्रदर्शन कर चुके हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल CM और नेता प्रतिपक्ष की प्रतिष्ठा दांव पर:उपचुनाव में जीत से सर्वमान्य नेता के तौर पर उभरेंगे; सियासी संकट पहले टाल चुके सुक्खू हिमाचल प्रदेश में तीन विधानसभा सीटों पर उप चुनाव के नतीजों से सरकार को खतरा नहीं है। मगर यह तय है कि सत्तारूढ़ दल की जीत हुई तो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कांग्रेस में सियासी कद बढ़ेगा। कांग्रेस हारी तो सीएम सुक्खू को इसका जिम्मा लेना होगा। इससे बीजेपी और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मजबूत नेता के तौर पर उभरेंगे। प्रदेश की सियासत में होलीलॉज खेमा पहले ही लोकसभा चुनाव में विक्रमादित्य सिंह की हार के बाद कमजोर पड़ गया है। वहीं छह में चार सीटें जून में हुए उपचुनाव में जीतकर सुक्खू मजबूत हुए हैं। अब तीन सीटों की जीत सुक्खू को ओर मजबूती देगी। इसलिए यह लड़ाई साख बचाने की है। खासकर देहरा विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, क्योंकि यहां मुख्यमंत्री की पत्नी कमलेश ठाकुर चुनाव लड़ रही हैं। देहरा में इस वजह से होशियार बनाम सीएम सुक्खू मुकाबला कांग्रेस ने देहरा में स्थानीय नेता डॉ. राजेश का टिकट काटकर हमीरपुर जिला के नादौन से संबंध रखने वाली सीएम की पत्नी कमलेश ठाकुर को प्रत्याशी बनाया है। इस वजह से देहरा में मुकाबला बीजेपी के होशियार सिंह बनाम कमलेश ठाकुर कम तथा होशियार बनाम सुखविंदर सुक्खू ज्यादा है। हमीरपुर सीट के नतीजे दूसरा उपचुनाव सीएम के गृह जिला हमीरपुर में है। इस सीट पर भी सीएम की साख दाव पर लगी हुई है। मुख्यमंत्री की अपने गृह जिला में हार कई सवाल खड़े करेगी। यहां पर भी जीत हुई तो सरकार पर सियासी टालने वाले सुक्खू अब कांग्रेस में सर्वमान्य नेता के तौर पर उभरेंगे। नालागढ़ में होलीलॉज की प्रतिष्ठा दांव पर उधर, नालागढ़ सीट के नतीजे सीएम से ज्यादा होलीलॉज गुट को कमजोर व मजबूत करेंगे, क्योंकि कांग्रेस ने नालागढ़ से वीरभद्र सिंह के करीबी बावा हरदीप को मैदान में उतार रखा है। लिहाजा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने यहां बावा हरदीप की जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया है। BJP की जीत से जयराम मजबूत होंगे अब बात बीजेपी की करेंगे। भारतीय जनता पार्टी की उपचुनाव में जीत से नेता प्रतिपक्ष जयराम का सियासी कद ऊंचा होगा। वहीं बीजेपी की हार हुई तो जयराम ठाकुर पर भी पार्टी के भीतर सवाल उठेंगे, क्योंकि सत्तारूढ़ कांग्रेस इन नौ उपचुनाव के लिए जयराम को ही दोषी बता चुका है। BJP की हार हुई तो नेता प्रतिपक्ष पर उठेंगे सवाल राज्यसभा चुनाव के दौरान सरकार पर जो संकट आया था, यह सब सरकार को गिराने के लिए किया गया। जयराम ठाकुर बार बार सरकार बनाने के दावे कर रहे थे। सरकार पर संकट तो छह विधानसभा उपचुनाव के नतीजे पहले ही टाल चुके हैं। अब लड़ाई मजबूती की है। चाहे वो मजबूती विधानसभा में विधायकों के संख्या बल की हो या फिर मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष की अपना कद बढ़ाने की हो।
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सीएम सुक्खू ने परिवार संग कराई गुप्त तांत्रिक खप्पर पूजा:देहरा ज्वालामुखी मंदिर में अनुष्ठान; राज्य पर मंडरा रहे संकट को दूर करने मांगी मन्नत
सीएम सुक्खू ने परिवार संग कराई गुप्त तांत्रिक खप्पर पूजा:देहरा ज्वालामुखी मंदिर में अनुष्ठान; राज्य पर मंडरा रहे संकट को दूर करने मांगी मन्नत हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने देहरा में आज मां ज्वालामुखी मंदिर में गुप्त तांत्रिक पूजा करई। इस पूजा में उन्होंने अपने परिवार सहित भाग लिया। मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी देहरा की विधायक कमलेश ठाकुर और ज्वालामुखी विधायक संजय रत्न भी इस दौरान मौजूद रहे। जानकारी के मुताबिक, यह पूजा राज्य पर मंडरा रहे आर्थिक संकट, ऑपरेशन लॉट्स और अन्य चुनौतियों को दूर करने के लिए की गई है। मान्यता है कि मंदिर के मुख्य द्वार पर स्थित योगिनी कुंड में की जाने वाली खप्पर पूजा से शत्रु नाश, पितृ दोष और वास्तु दोष समाप्त होता है। क्या है खप्पर पूजा?
खप्पर पूजा एक प्राचीन तांत्रिक अनुष्ठान है, जो मां ज्वालामुखी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। यह पूजा पूरी गोपनीयता में की जाती है। इसमें कई जटिल मंत्रों और विधियों का प्रयोग होता है। क्यों है पूजा अहम?
राज्य सरकार के सूत्रों के मुताबिक, इस समय हिमाचल प्रदेश कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए मुख्यमंत्री ने इस पूजा का आयोजन किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ज्वालामुखी मंदिर में खप्पर पूजा के बाद मीडिया से पूजा के बारे में कोई बात नहीं की। उन्होंने कहा कि आज वह उन घोषणाओं को पूरा करने जा रहे हैं, जो उन्होंने देहरा विधानसभा के उपचुनावों के बाद की थी। आज देहरा में एसपी ऑफिस और मुख्यमंत्री कार्यालय खोल रहा हूं। इससे पहले एसई ऑफिस इलैक्ट्रिसिटी, एसई ऑफिस पीडब्ल्यूडी, एसई जल शक्ति विभाग खोला है। पौंग बांध विस्थापितों को उनका हक दिलाने के लिए कार्य किया जा रहा है। पर्यटन की दृष्टि से 100 करोड रुपए देहरा के पौंग बांध पर लगाया जा रहा है, ताकि यहां पर्यटन विकसित हो।