हिमाचल प्रदेश बेरोजगार शारीरिक शिक्षक संघ ने प्रदेश की सुक्खू सरकार को मोर्चा खोल दिया है। बीते 10 दिनों से शिमला के चौड़ा मैदान में अनशन पर बैठे शारीरिक शिक्षक संघ ने शनिवार को शिमला में चौड़ा मैदान से लेकर विधानसभा तक प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोश रैली निकाली। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार शारीरिक शिक्षकों के 870 पदों की भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करें। संघ ने औलान करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार यदि जल्द शारीरिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं करती तो प्रदेश के 22 हजार बेरोजगार सरकार के खिलाफ मुख्यमंत्री के घर के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे। उनके पास आत्मदाह के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचता। सरकार की भर्ती कराने की मंशा नहीं बेरोजगार शारीरिक शिक्षक संघ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष रमेश राजपूत ने कहा कि सरकार ने शारीरिक शिक्षकों के 870 पदों को भरने की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। जो कोर्ट में जाने की वजह से लटक गई थी। प्रदेश सरकार शारीरिक शिक्षकों का पक्ष मजबूती से नहीं रख रही हैं। उन्होंने कहा कि शारीरिक शिक्षक सरकार द्वारा तय किए गए सभी आर एंड पी रूल्स पूरे करते है। उन्होंने कहा कि सरकार मामले में शारीरिक शिक्षकों का पक्ष मजबूती से कोर्ट रखें या कोर्ट को फंसे पदों को छोड़ कर बाकी पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दें। संघ ने कहा कि उन्होंने बार-बार यह मामला सरकार के ध्यान में लाया। लेकिन अब तो उन्हें सरकार से विश्वास उठ रहा है। उन्हें लग रहा है कि सरकार की भर्ती कराने की मंशा नहीं हैं। इसलिए आज मजबूरन बेरोजगार शारीरिक शिक्षक मैदान धरना-प्रदर्शन करना पड़ रहा है। आत्मदाह की दी चेतावनी मंडी के सरकाघाट से शिमला पहुंचे समीर कुमार ने कहा कि उनकी उम्र 50 साल से ऊपर हो गई है। ऐसे में वो कितने साल नौकरी का इंतजार करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अगर जल्दी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं करती तो उनके पास आत्मदाह के अलावा और कोई चारा नहीं रहता। भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग बेरोजगार शारीरिक शिक्षक संघ ने दो टूक शब्दों में प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों को 20 से 25 साल डिप्लोमा किए हुए हो गए है। उम्र 45 से ज्यादा हो गई है, ऐसे में कब नौकरी करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अगर जल्दी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं करती तो प्रदेश भर 22 हजार बेरोजगार शारीरिक शिक्षक परिवार सहित शिमला में मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे। हिमाचल प्रदेश बेरोजगार शारीरिक शिक्षक संघ ने प्रदेश की सुक्खू सरकार को मोर्चा खोल दिया है। बीते 10 दिनों से शिमला के चौड़ा मैदान में अनशन पर बैठे शारीरिक शिक्षक संघ ने शनिवार को शिमला में चौड़ा मैदान से लेकर विधानसभा तक प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोश रैली निकाली। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार शारीरिक शिक्षकों के 870 पदों की भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करें। संघ ने औलान करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार यदि जल्द शारीरिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं करती तो प्रदेश के 22 हजार बेरोजगार सरकार के खिलाफ मुख्यमंत्री के घर के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे। उनके पास आत्मदाह के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचता। सरकार की भर्ती कराने की मंशा नहीं बेरोजगार शारीरिक शिक्षक संघ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष रमेश राजपूत ने कहा कि सरकार ने शारीरिक शिक्षकों के 870 पदों को भरने की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। जो कोर्ट में जाने की वजह से लटक गई थी। प्रदेश सरकार शारीरिक शिक्षकों का पक्ष मजबूती से नहीं रख रही हैं। उन्होंने कहा कि शारीरिक शिक्षक सरकार द्वारा तय किए गए सभी आर एंड पी रूल्स पूरे करते है। उन्होंने कहा कि सरकार मामले में शारीरिक शिक्षकों का पक्ष मजबूती से कोर्ट रखें या कोर्ट को फंसे पदों को छोड़ कर बाकी पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दें। संघ ने कहा कि उन्होंने बार-बार यह मामला सरकार के ध्यान में लाया। लेकिन अब तो उन्हें सरकार से विश्वास उठ रहा है। उन्हें लग रहा है कि सरकार की भर्ती कराने की मंशा नहीं हैं। इसलिए आज मजबूरन बेरोजगार शारीरिक शिक्षक मैदान धरना-प्रदर्शन करना पड़ रहा है। आत्मदाह की दी चेतावनी मंडी के सरकाघाट से शिमला पहुंचे समीर कुमार ने कहा कि उनकी उम्र 50 साल से ऊपर हो गई है। ऐसे में वो कितने साल नौकरी का इंतजार करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अगर जल्दी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं करती तो उनके पास आत्मदाह के अलावा और कोई चारा नहीं रहता। भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग बेरोजगार शारीरिक शिक्षक संघ ने दो टूक शब्दों में प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों को 20 से 25 साल डिप्लोमा किए हुए हो गए है। उम्र 45 से ज्यादा हो गई है, ऐसे में कब नौकरी करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अगर जल्दी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं करती तो प्रदेश भर 22 हजार बेरोजगार शारीरिक शिक्षक परिवार सहित शिमला में मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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जालंधर में ग्रेट खली के लिए बेची जमीन:4 लाख खर्च पूरे शरीर पर बनंवाए टैटू, गांव की जमीन पर बनवाएगा मंदिर जालंधर में ग्रेट खेली के एक प्रशंसक की हैरान कर देने वाली दीवानगी सामने आई है। नांगल श्री आनंदपुर साहिब कस्बा पुनपली में ढाबा चलाने वाले गरीबदास ने चार लाख रुपए खर्च कर अपने पूरे शरीर पर द ग्रेट खली के टैटू बनवाए हैं। ढाबे पर करता था काम जब गरीबदास से पूछा गया कि उसने अपने शरीर पर ग्रेट खली के टैटू बनवाने का क्या कारण है तो गरीबदास ने बताया कि 2005 में वह जालंधर के एक ढाबे पर काम किया करता था। ढाबे पर खाना खाने के लिए लोग आया करते थे। लोग आपस में बात किया करते थे कि एक पहलवान (खली) है जिसका कद 7 फीट है और वह विदेश में रेसलिंग कर अपने देश का नाम रोशन कर रहा है। जहां भी वह जाता है वहां पर लोगों की भीड़ लग जाती है। तब गरीब दास के मन मे उससे मिलने के बारे मे सोचा। 500 रुपए में खरीदा टिकट गरीबदास ने कहा की उसने ग्रेट खली की फोटो तक नहीं देखी थी, मगर मन में तमन्ना थी कि उसे एक बार मिलना है। गरीबदास ने बताया कि उसे एक बार मालूम हुआ कि नंगल डेम में रेसलिंग करने के लिए द ग्रेट खली का बड़ा शो है। जिसकी टिकट 300 और 500 की बिक रही है। अगले ही दिन गरीबदास ने 500 रुपए की टिकट खरीदकर खली को देखने के लिए वहां पहुंच गया। पहली बार देखकर बन गया फेन ग्राउंड में ग्रेट खली को पहली बार देखा तो वह उसे देखकर खली का फेन हो गया। गरीबदास ने बताया कि वह अभी तक कुंवारा है। उसके पांच भाई-बहन हैं। बड़ा भाई बुधराम छोटा वह और उसकी तीन बहने हैं जो शादीशुदा है। माता-पिता के देहांत के बाद वह अलग ही ढाबा चलाकर अपना गुजर बसर कर रहा है। गरीब दास ने कहा कि उसने अपने शरीर पर चार लाख रुपए खर्च कर ग्रेट खली के टैटू बनवाए हैं। गरीबदास की ऐसी दीवानगी देखी नहीं गरीब दास ने अपनी दो मरला जमीन बेचकर वहां से दो लाख लेकर और कुछ जमा किए रूपयों से द ग्रेट खली के टैटू बनवाए हैं। गरीबदास ने कहा कि उसके गांव में थोड़ी सी जमीन है। वहां पर द ग्रेट खली का मंदिर बनाएगा बस यह आखरी तमन्ना है।
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हिमाचल में 2.59 वोटर कल चुनेंगे अपना विधायक:मतदान केंद्रों को आज रवाना होगी पोलिंग पार्टी; बाएं हाथ की बीच वाली उंगली पर लगेगी स्याही हिमाचल प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों पर कल (10 जुलाई) वोटिंग होगी। इससे पहले 98 मतदान केंद्रों को पोलिंग पार्टियां आज रवाना की जाएगी, जबकि 217 मतदान दल पिछले कल ही भेज दिए थे। इलेक्शन कमीशन के निर्देशानुसार, शाम पांच बजे तक सभी पोलिंग बूथ वोटिंग के लिए तैयार करने को कहा गया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनीष गर्ग ने बताया कि चुनाव को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर दी गई है। तीन सीटों पर हो रहे विधानसभा उप चुनाव के लिए कुल 315 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इनमें 23 पोलिंग बूथ संवेदनशील है। उन्होंने बताया कि उप चुनाव में कल सुबह सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक वोटिंग चलेगी। इन चुनाव में 2.59 लाख वोटर अपने विधायक चुनेंगे। तर्जनी नहीं बीच वाली उंगली पर लगेगी स्याही मनीष गर्ग ने बताया कि निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक वोटिंग से पहले वोटर्स के बाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर स्याही लगाई जाती है। मगर इस बार उप चुनाव में बाएं हाथ की बीच वाली उंगली में स्याही लगाई जाएगी, क्योंकि प्रदेश में बीते एक जून को संपन्न लोकसभा व छह विधानसभा उपचुनाव के दौरान लगाई गई इंक कई लोगों के अभी तक नहीं मिट पाई है। आज डोर टू डोर चल रहा प्रचार प्रदेश में सोमवार शाम छह बजे ही साइसेंस पीरियड शुरू हो गया है। इसके बाद पब्लिक मीटिंग, रोड शो और झुंडों में प्रचार पर रोक लग गई है। लिहाजा प्रत्याशी और उनके समर्थक आज वन टू वन प्रचार कर सकेंगे। पांच से ज्यादा लोगों को एक साथ प्रचार की इजाजत नहीं होगी। शराब के ठेके भी बंद प्रदेश में तीन सीटों पर उप चुनाव के दृष्टिगत संबंधित क्षेत्रों में साइलेंस पीरियड शुरू होते ही शराब के ठेके और शराब परोसने वाले बीयर-बार, होटल व ढाबे भी बंद हो गए हैं। इलेक्शन कमीशन ने साइलेंस पीरियड के दौरान शराब परोसने व शराब ठेके खुले रखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश राज्य के एक्साइज डिपार्टमेंट को दिए हैं। मतगणना वाले दिन भी शराब परोसने वाले प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। कल EVM में कैद होगी किस्मत हिमाचल की नालागढ़, हमीरपुर और देहरा विधानसभा सीट पर वोटिंग खत्म होते ही तीनों सीटों पर दावेदारों की किस्मत EVM में कैद हो जाएगी। इनके मतों की गणना 13 जुलाई को होगी।
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