शिमला पुलिस ने चिट्टा (हेरोइन) तस्करी में शामिल शाही महात्मा गैंग के 16 तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अब तक इस गैंग के 62 लोगों को पकड़ चुकी है। ऑपरेशन क्लीन के तहत शिमला पुलिस तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने वीरवार को यशवंत सिंह (53) निवासी रोहड़ू, प्रदीप चौहान (25) निवासी रोहड़ू, ललित ठाकुर (29) निवासी रोहड़ू, अमन नेगी (24) रोहड़ू, वृज मोहन (35) रोहड़ू, रवीश (32) रोहड़ू, विजेंदर रावत (35), मोहित ठाकुर (25), प्रशांत राठौर (30), साहिल ठाकुर (29) रोहड़ू , हितेश ठाकुर (27), हर्ष धांटा (29), सार्थक सूद (27), कुणाल शादरु , जतिन ठाकुर और श्रेयस मेहता (27) साल गिरफ्तार किया है। बता दें कि, शाही महात्मा नाम का यह गैंग जुब्बल कोटखाई और रोहड़ू क्षेत्र में चिट्टा की सप्लाई करता था। यह गैंग लगातार तीन-चार साल से सक्रिय है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस दूसरे आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। पुलिस को अंदेशा है कि इस गैंग में अभी कुछ और भी तस्कर शामिल हो सकते हैं। क्या बोले एसपी शिमला? SP शिमला संजीव गांधी ने बताया कि यह एक अंतरराज्यीय गिरोह है। इस गिरोह ने सात से आठ करोड़ रुपए की ड्रग मनी अर्जित की थी। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ पुलिस ने जिला में ऑपरेशन क्लीन चला रखा है। पुलिस नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखेगी। पुलिस की कार्रवाई सभी नशा तस्कर गैंग को जड़ से उखाड़ फेंकने तक जारी रहेगी। इस मामले में भी पुलिस की जांच अभी भी जारी है। क्या है पूरा मामला पुलिस ने इस मामले में एक महीना पहले रोहड़ू क्षेत्र से कश्मीर के एक व्यक्ति को 468 ग्राम चिट्टा (हेरोइन) के साथ गिरफ्तार किया था, जिसके बाद पुलिस गैंग के सरगना शाही महात्मा (शशि नेगी) तक पहुंची। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करते ही गैंग का भंडाफोड़ किया और इस गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी जारी है। शिमला पुलिस ने चिट्टा (हेरोइन) तस्करी में शामिल शाही महात्मा गैंग के 16 तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अब तक इस गैंग के 62 लोगों को पकड़ चुकी है। ऑपरेशन क्लीन के तहत शिमला पुलिस तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने वीरवार को यशवंत सिंह (53) निवासी रोहड़ू, प्रदीप चौहान (25) निवासी रोहड़ू, ललित ठाकुर (29) निवासी रोहड़ू, अमन नेगी (24) रोहड़ू, वृज मोहन (35) रोहड़ू, रवीश (32) रोहड़ू, विजेंदर रावत (35), मोहित ठाकुर (25), प्रशांत राठौर (30), साहिल ठाकुर (29) रोहड़ू , हितेश ठाकुर (27), हर्ष धांटा (29), सार्थक सूद (27), कुणाल शादरु , जतिन ठाकुर और श्रेयस मेहता (27) साल गिरफ्तार किया है। बता दें कि, शाही महात्मा नाम का यह गैंग जुब्बल कोटखाई और रोहड़ू क्षेत्र में चिट्टा की सप्लाई करता था। यह गैंग लगातार तीन-चार साल से सक्रिय है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस दूसरे आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। पुलिस को अंदेशा है कि इस गैंग में अभी कुछ और भी तस्कर शामिल हो सकते हैं। क्या बोले एसपी शिमला? SP शिमला संजीव गांधी ने बताया कि यह एक अंतरराज्यीय गिरोह है। इस गिरोह ने सात से आठ करोड़ रुपए की ड्रग मनी अर्जित की थी। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ पुलिस ने जिला में ऑपरेशन क्लीन चला रखा है। पुलिस नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखेगी। पुलिस की कार्रवाई सभी नशा तस्कर गैंग को जड़ से उखाड़ फेंकने तक जारी रहेगी। इस मामले में भी पुलिस की जांच अभी भी जारी है। क्या है पूरा मामला पुलिस ने इस मामले में एक महीना पहले रोहड़ू क्षेत्र से कश्मीर के एक व्यक्ति को 468 ग्राम चिट्टा (हेरोइन) के साथ गिरफ्तार किया था, जिसके बाद पुलिस गैंग के सरगना शाही महात्मा (शशि नेगी) तक पहुंची। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करते ही गैंग का भंडाफोड़ किया और इस गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी जारी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में कर्मचारियों ने 17 सितंबर को बुलाई गेट मीटिंग:DA-एरियर पर फिर खोलेंगे मोर्चा; प्रिविलेज मोशन को लेकर सरकार से नाराज हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। विधानसभा सत्र से पहले DA और एरियर की मांग को लेकर मोर्चा खोल कर बैठे सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ ने एक बार फिर 17 सितंबर को गेट मीटिंग का ऐलान कर दिया है। सरकार कर्मचारी नेताओं के खिलाफ सख्ती में नजर आ रही है। वहीं कर्मचारियों ने भी फिर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। प्रिविलेज मोशन से डरने वाले नहीं कर्मचारी नेता
सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि महासंघ ने तय किया है कि कर्मचारियों के मुद्दों पर 17 सितंबर को गेट मीटिंग होगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान सचिवालय कर्मचारियों ने अपना काम पूरी निष्ठा से किया। लेकिन इसका इनाम उन्हें प्रिविलेज मोशन के रूप में दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार चुने हुए कर्मचारी नेताओं के खिलाफ प्रिविलेज मोशन लाया गया। उन्होंने कहा कि प्रिविलेज मोशन आया है, लेकिन इससे वह डरने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि न तो विधानसभा में विघ्न डाला न ही विधानसभा में किसी को गाली दी, फिर भी प्रिविलेज मोशन लाया गया। कर्मचारियों ने पूर्व में फूंके है सीएम के पुतले, किसी ने नहीं लाया प्रिविलेज मोशन प्रदेश में पहले भी कर्मचारियों ने प्रदर्शन किए है और प्रदर्शन ही नही कर्मचारियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्रियों के पुतले तक फूंके है. उनका घेराव घेराव तक किया है मगर फिर भी कभी किसी मुख्यमंत्री ने कर्मचारी नेताओं के खिलाफ प्रिविलेज पोस्ट मोशन हीं लाया. उन्होंने कहा कि यह सरकार कर्मचारियों की बदौलत बनी है, मगर कर्मचारियों की गेट मीटिंग पर मेमो लाया गया. कर्मचारी सरकार के परिवार के लोग वार्ता के लिए तैयार उन्होंने कहा कि कर्मचारी सरकार के परिवार के लोग हैं। उन्होंने वार्ता का रास्ता खुला रखा है। प्रदेश सरकार वार्ता के लिए बुलाती है, तो कर्मचारी वार्ता के लिए तैयार हैं। मगर सरकार ने अभी तक बात नहीं सुनी। ऐसे में महासंघ ने तय किया है कि 17 सितंबर को गेट मीटिंग की जाएगी। इसके बाद आगे की रणनीति तय होगी। संजीव शर्मा ने कहा कि सार्वजनिक अवकाश का भी एक रास्ता है, लेकिन वो नहीं चाहते नोबत यहां तक आए। क्या है कर्मचारियों का मामला? बता दें कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारियों की DA की तीन किश्त पेंडिंग है और चौथी देने को हो गयी है। ऐसे में लंबित DA एरियर की मांग को लेकर कर्मचारियों ने विधानसभा मानसून सत्र से पहले प्रदेश सरकार के खिलाफ विशाल गेट मीटिंग की। जिसमें सरकार व कर्मचारियों के बीच गतिरोध शुरू हुआ था जो टूटने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार ने विधानसभा में कर्मचारी नेताओं के खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस लाए है। सरकार सख्ती में नजर आ रही और कर्मचारी एक बार फिर मोर्चा खोलने की तैयारी में है।