हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) के पेंशनर्स ने मंगलवार को शिमला में प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। दरअसल, HRTC प्रबंधन 12 नवंबर को भी अपने सैकड़ों कर्मचारियों को पेंशन नहीं दे पाया है। जबकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने अक्टूबर महीने की सैलरी-पेंशन सभी को 28 अक्टूबर को देने के निर्देश दिए थे। HRTC पेंशनर संघ के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि निगम के 70 कर्मचारियों को बीती शाम को ही पेंशन दी गई है। जबकि 30 फीसदी कर्मचारी अभी भी ऐसे है, जिन्हें पेंशन नहीं मिली। उन्होंने सुक्खू सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि पेंशनर ने आहत होकर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है और सरकार और HRTC प्रबंधन के खिलाफ शिमला के तारादेवी में नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने उनकी अक्टूबर माह की पेंशन के साथ साथ देनदारियां भी चुकता करने की मांग की। फीकी रही पेंशनर की दिवाली- राजेंद्र अध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि HRTC से रिटायर कर्मचारियों की इस बार दिवाली भी फीकी रही है, क्योंकि उनके पास पर्व मनाने को पैसा नहीं था। इससे एचआरटीसी से रिटायर कर्मियों भी दिवाली नहीं मना सके। HRTC के 8500 पेंशनर परेशान राजेंद्र ठाकुर ने निगम और सरकार को उनकी देनदारियां चुकता नहीं करने पर प्रदेशभर में जन जागरण अभियान चलाने की चेतावनी दी। HRTC के लगभग 8500 हजार पेंशनर्स है, जो हर महीने समय पर पेंशन नहीं मिलने से परेशान है। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) के पेंशनर्स ने मंगलवार को शिमला में प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। दरअसल, HRTC प्रबंधन 12 नवंबर को भी अपने सैकड़ों कर्मचारियों को पेंशन नहीं दे पाया है। जबकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने अक्टूबर महीने की सैलरी-पेंशन सभी को 28 अक्टूबर को देने के निर्देश दिए थे। HRTC पेंशनर संघ के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि निगम के 70 कर्मचारियों को बीती शाम को ही पेंशन दी गई है। जबकि 30 फीसदी कर्मचारी अभी भी ऐसे है, जिन्हें पेंशन नहीं मिली। उन्होंने सुक्खू सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि पेंशनर ने आहत होकर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है और सरकार और HRTC प्रबंधन के खिलाफ शिमला के तारादेवी में नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने उनकी अक्टूबर माह की पेंशन के साथ साथ देनदारियां भी चुकता करने की मांग की। फीकी रही पेंशनर की दिवाली- राजेंद्र अध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि HRTC से रिटायर कर्मचारियों की इस बार दिवाली भी फीकी रही है, क्योंकि उनके पास पर्व मनाने को पैसा नहीं था। इससे एचआरटीसी से रिटायर कर्मियों भी दिवाली नहीं मना सके। HRTC के 8500 पेंशनर परेशान राजेंद्र ठाकुर ने निगम और सरकार को उनकी देनदारियां चुकता नहीं करने पर प्रदेशभर में जन जागरण अभियान चलाने की चेतावनी दी। HRTC के लगभग 8500 हजार पेंशनर्स है, जो हर महीने समय पर पेंशन नहीं मिलने से परेशान है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
मणिमहेश में उमड़ा आस्था का सैलाब:24 घंटे में 1 लाख श्रद्धालु पहुंचे, 12KM लंबा ट्रैफिक जाम, सुबह 3:40 बजे से चल रहा शाही स्नान
मणिमहेश में उमड़ा आस्था का सैलाब:24 घंटे में 1 लाख श्रद्धालु पहुंचे, 12KM लंबा ट्रैफिक जाम, सुबह 3:40 बजे से चल रहा शाही स्नान उत्तर भारत की पवित्र एवं पावन मणिमहेश यात्रा के लिए हिमाचल के भरमौर में भारी जन सैलाब उमड़ आया है। पिछले 24 घंटे में एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु भरमौर से मणिमहेश के लिए रवाना हो गए हैं, जहां पर सुबह 3:40 बजे से शाही स्नान चल रहा है। छोटे शाही स्नान का शुभ मुहूर्त आज आधी रात 2:20 बजे तक रहेगा। माना जा रहा है तब तक एक लाख से ज्यादा शिव भक्त डल में डुबकी लगाएंगे। शाही बड़ा स्नान राधा अष्टमी के अवसर पर यानी 11 सितंबर को होगा। देशभर से पहुंच रहे श्रद्धालु हर हर महादेव का जयकारा लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं और भरमौर से मणिमहेश तक इसकी गूंज सुनाई दे रही है। ज्यादातर श्रद्धालु पैदल चल कर मणिमहेश पहुंच रहे हैं। इसी के साथ आज से आधिकारिक तौर पर मणिमहेश यात्रा शुरू हो गई है। हेलिकॉप्टर की उड़ान में खराब मौसम बाधा उत्पन्न कर रहा हालांकि सरकार ने भरमौर से मणिमहेश के लिए हेली टैक्सी सेवा भी शुरू कर रखी है। मगर इसकी उड़ान में खराब मौसम बाधा उत्पन्न कर रहा है। कुछ श्रद्धालु घोड़े व खच्चरों पर भी इस यात्रा को पूरा कर रहे हैं। इससे पहले इतने श्रद्धालु कभी नहीं आए: SDM SDM भरमौर कुलविंदर सिंह ने बताया कि छोटा शाही स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का सही आंकड़ा कल तक पता चलेगा। मगर पिछले कल और आज सुबह 10 बजे तक एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु मणिमहेश को रवाना हो चुके है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों बता रहे कि इससे पहले कभी भी इतनी संख्या में छोटे शाही स्नान को श्रद्धालु नहीं पहुंचे। श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण पंजीकरण भी नहीं हो पा रहा है। 12KM लंबा ट्रैफिक जाम आलम यह है कि मणिमहेश यात्रियों के कारण पिछले कल भरमौर से पहले हाईवे पर 12 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लगा रहा। सैकड़ों श्रद्धालु आधी रात तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहे। आज भी काफी संख्या में वाहन ट्रैफिक जाम में फंसे है। स्थानीय प्रशासन ने मणिमहेश में रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के जवानों के अलावा पर्वतारोहण संस्थान के स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है। इसी तरह 5 स्थानों पर शिविरों में मेडिकल टीम की तैनात की गई है। यहां बनाए गए कैंप प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा के लिए भरमौर, हड़सर, धनछो, सुंदरासी और गौरीकुंड में 5 जगह कैंप स्थापित किए है। यहां प्रत्येक श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य जांच के बाद ही आगे भेजा जाएगा, क्योंकि 13385.83 फीट की ऊंचाई पर स्थित मणिमहेश में कई बार ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इन कैंप में मेडिकल टीमें तैनात की गई है। घोड़े पर यात्रा को देने होंगे 4700 रुपए भरमौर के हड़सर से मणिमहेश तक घोड़ा-खच्चर से आने-जाने का किराया 4700 रुपए प्रति सवारी तय किया गया है। इसी तरह 5 कैंप के बीच का भी अलग अलग किराया निर्धारित किया गया है। तय किराया से ज्यादा दर्रें वसूलने पर कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह कुली के लिए भी किराया तय किया गया है। उत्तर भारत की कठिन धार्मिक यात्रा मणिमहेश यात्रा को उत्तर भारत की कठिन धार्मिक यात्रा माना जाता है। 13 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थिति मणिमहेश पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को ऊंचे-ऊंचे पहाड़ चढ़ने पढ़ते हैं। यह यात्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सुंदर दृश्यों के लिए भी जानी जाती है, क्योंकि इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को घने जंगलों, अल्पाइन घास के मैदानों और चट्टानों के बीच बीच से होकर गुजरना पड़ता है। इस दौरान हिमालय का मनमोहक दृश्य भीदेखने को मिलता हैं। यही वजह है कि यह अध्यात्मिक यात्रा रोमांच और प्राकृतिक सुंदरता का भी आभास कराती है। मणिमहेश यात्रा के लिए इन निर्देशों का करें पालन मणिमहेश के कैलाश शिखर में शिव का निवास ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव मणिमहेश के कैलाश शिखर पर निवास करते हैं, जो झील से दिखाई देता है। यह यात्रा हर साल, आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में हिंदू त्यौहार जन्माष्टमी के अवसर पर होती है। माना जाता है कि यह यात्रा 9वीं शताब्दी में शुरू हुई थी जब एक स्थानीय राजा, राजा साहिल वर्मन को भगवान शिव के दर्शन हुए थे जिन्होंने मणिमहेश झील पर एक मंदिर स्थापित करने का निर्देश दिया।
हिमाचल में शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की खैर नहीं:2345 लाइसेंस धारकों पर लटकी तलवार, शिमला के सबसे ज्यादा मामले
हिमाचल में शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की खैर नहीं:2345 लाइसेंस धारकों पर लटकी तलवार, शिमला के सबसे ज्यादा मामले हिमाचल प्रदेश में पुलिस विभाग ने शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए तैयारी कर ली है। इसके लिए पुलिस एक विशेष अभियान शुरू कर दिया है। पुलिस द्वारा शुरू किया गया अभियान 23 सितंबर से आगामी 29 सितंबर तक चलेगा। इसका उद्देश्य विशेष रूप से रात 9 से 11 साढ़े बजे के बीच होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को कम करना है। एएसपी यातायात, पर्यटक एवं रेलवे नरवीर सिंह राठौर ने सोमवार को प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि शिमला इकाई सड़क दुर्घटना और यातायात प्रवर्तन डाटा का पूरा विश्लेषण कर रही है, जिसमें शराब पीकर गाड़ी चलाने से जुड़ीं घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि का पता चला है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने अभी तक प्रदेश में गंभीर उल्लंघन के वाले प्रदेश के 2345 ड्राइविंग लाइसेंसों को निलंबित या रद्द करने की सिफारिश की है, जिनमें से लगभग 1400 शराब पीकर गाड़ी चलाने से संबंधित हैं। राठौर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश पुलिस मोटर वाहन कानूनों को प्रभावी ढंग से विनियमित और लागू करने के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। सड़क सुरक्षा प्रवर्तन योजना से निगरानी शिमला पुलिस मुख्यालय द्वारा भी सड़क सुरक्षा प्रवर्तन योजना की बारीकी से निगरानी की जा रही है और कर्मियों को यातायात प्रवर्तन के लिए डिजिटल उपकरणों का अधिकतम उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने और प्रदेश वासियों तथा पर्यटकों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए लगातार हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं, डीजीपी हिमाचल प्रदेश पुलिस डा. अतुल वर्मा के बताया कि चालू वर्ष में पुलिस ने अलग अलग जिलों से 2345 ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित या रद्द करने की सिफारिश की गई है, जिनमें से लगभग 1400 मामले शराब पीकर गाड़ी चलाने से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि शिमला ट्रैफिक टूरिस्ट और रेलवे यूनिट के विश्लेषण में ये जो आंकड़े सामने आए हैं, वे बेहद चिंताजनक हैं। ऐसे में विभाग विशेष अभियान चलाकर वाहन चालकों को जागरूक करने की दिशा में भी काम कर रहा है। शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों में शिमला में सबसे अव्वल पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में शिमला जिला में सर्वाधिक व लाहौल स्पीति में सबसे कम शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले सामने आए है। पुलिस के आंकड़ों के अनुसार शिमला में शिमला में 288 , बद्दी में 107, बिलासपुर में 113, चंबा में 127, हमीरपुर में 30, कांगड़ा में 113, किन्नौर में 139, कुल्लू में 70, लाहौल स्पीति में 07, मंडी में 96, नूरपुर में 12, सिरमौर में 32, सोलन में 210, ऊना में 35 सहित हिमाचल प्रदेश में कुल 1379 हुए हैं।
सोलन में स्क्रैप डीलर की फर्म को नोटिस:बोर्ड ने 7 दिन के अंदर मांगा जवाब, ड्रम धोकर नाले में फेंका केमिकल
सोलन में स्क्रैप डीलर की फर्म को नोटिस:बोर्ड ने 7 दिन के अंदर मांगा जवाब, ड्रम धोकर नाले में फेंका केमिकल हिमाचल प्रदेश के सोलन के नालागढ़ में साजिश के तहत खुद पर फायरिंग करवाने वाले स्क्रैप डीलर का एक और कारनामा सामने आया है। आरोपी की रियल एंटरप्राइस नामक फर्म को प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने नोटिस देते हुए सात दिन के भीतर जवाब मांगा है। अगर जवाब संतोषजनक नहीं मिलता है, तो बिजली काटी जा सकती है। नाले में फेंका जा रहा केमिकल प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के पास पुख़्ता सबूत थे कि यह फर्म भटोली कलां की नामी मल्टी नेशनल कंपनी से आने वाले केमिकल ड्रमों को खुले में धोता था, जिसका सारा केमिकल नाले में फेंका जा रहा था। जिससे एरिया में प्रदूषण फैलाया जा रहा था। ऐसे में कंपनी पर भी कई सवाल खड़े हो रहे है कि आख़िर किस आधार पर उक्त फ़र्म को वेंडर बनाया गया था। भारी जुर्माने का भी प्रावधान प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर उक्त फ़र्म पर एन्वायर्नमेंट कॉम्पेनसेशन के तहत भारी जुर्माना भी लग सकता है। जिसमें 10 हज़ार से 15 लाख तक के जुर्माने का भारी प्रावधान भी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अनिल जोशी द्वारा पत्र में इस बात का हवाला दिया है कि 23 सिंतबर 2024 को आपके यूनिट का औचक निरीक्षण किया था। जिसमें मौके पर पाया था कि यूनिट में लाए केमिकल ड्रम बाहर खुले में धोकर केमिकल फेंक रहे है। लंबे समय से बंद था प्लांट इन ड्रमों को प्लांट के बाहर खुले स्थान पर धोया जा रहा था और इस गंदे व जहरीले कैमिकल युक्त पानी को नाले में फेंका जा रहा था। हैरानी तो तब हुई, जब विभागीय अधिकारियों ने यह पाया कि रीयल स्क्रैप एंटरप्राइजिज का ट्रिटमैंट प्लांट लंबे समय से बंद था और उसकी लोग बुक भी मेंटेन नहीं की गई थी। गांव के नाले में बिना अनुमति जहरीला बिना शोधित जल निपटारा करने पर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड बद्दी ने 5 अक्टूबर को नोटिस भी उपरोक्त यूनिट को दिया था। 23 सितंबर को जो सैंपल लिए गए थे, उसके नतीजे नहीं थे। उस समय विभाग ने उक्त यूनिट को दोषी मानते हुए व पर्यावरण को दूषित करने के आरोप में बिजली काटने की बात कही थी। अवहेलना पर काटी जाएगी बिजली वहीं राज्य प्रदूषण नियंत्रण के सदस्य सचिव अनिल जोशी ने बताया कि मलपुर के रीयल स्क्रैप एंटरप्राइजिज को प्रदूषण बोर्ड नियमों की अवहेलना करने पर नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा एन्वायर्नमेंट कंपनसेशन के रूप में भारी जुर्माना लगाए जाने का भी प्रावधान है। उन्होंने बताया कि अवहेलना पर बिजली भी काटी जा सकती है।