<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> दुकानों और होटलों पर मराठी में बोर्ड लगाने को लेकर कई बार महाराष्ट्र की राजनीति गरमा चुकी है. राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस हो या फिर शिवसेना, सड़कों पर मराठी बोर्ड लगाने की लड़ाई लड़ाई लड़ चुकी हैं. लेकिन अब उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है. शिवसेना यूबीटी ने होटल का मेनू और बिल मराठी भाषा में करने की मांग शुरू कर दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता कृष्ण पावले ने जिलाधिकारी को खत लिखा है. उन्होंने मांग की है कि मुंबई के होटल, दुकान या माल में मेनू कार्ड और बिल मराठी होने चाहिए. उन्होंने कहा कि बिल अंग्रेजी में होते हैं. बहुत सारे मराठी लोग अंग्रेजी नहीं समझ पाते. कृष्ण पावले ने कहा, “हमारा दबाव नहीं निवेदन है. हमारी मराठी भाषा को सम्मान दीजिए. ऐसा नहीं होने पर हम विरोध करेंगे.” होटल संचालकों और ग्राहकों ने भी मराठी भाषा विवाद पर प्रतिक्रया दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मराठी बोर्ड के बाद मेनू कार्ड पर सियासत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि मुंबई में रहने के लिए मराठी भाषा का सम्मान बेहद जरूरी है. होटल का मेनू कार्ड मराठी भाषा के साथ अंग्रेजी में करना अच्छा होगा. उन्होंने कहा कि मुंबई में सभी राज्य के लोग रहते हैं. शिवसेना यूबीटी की तरफ से मराठी मेनू कार्ड वाली मांग पर राज ठाकरे की एमएनएस ने सवाल उठाए हैं. एमएनएस नेता यशवंत किलेदार ने कहा कि शिवसेना यूबीटी का मराठी मेनू कार्ड मामला पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एमएनएस और शिवसेना यूबीटी में तकरार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने पूछा कि अब मुद्दा क्यों उठाया जा रहा है. उद्धव ठाकरे ने सरकार में रहते कदम क्यों नहीं उठाया. फिलहाल आगामी बजट में मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए भरपूर सहायता राशि का ऐलान किया जा सकता है. महानगरपालिका चुनाव में मराठी मेनू कार्ड चुनावी मुद्दा बन सकता है. चुनाव के दौरान अभी खामोश रहने वाली पार्टी को भी स्डैंड साफ करना होगा. </p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/E_HccJ8Qv90?si=zybqKeRBOdlXAzTQ” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”Maharashtra: समृद्धि एक्सप्रेसवे पर दर्दनाक हादसा, एसयूवी पलटने से दो लोगों की मौत, छह घायल” href=”https://www.abplive.com/city/mumbai/maharashtra-accident-on-samruddhi-expressway-two-killed-in-collision-of-two-cars-2899785″ target=”_self”>Maharashtra: समृद्धि एक्सप्रेसवे पर दर्दनाक हादसा, एसयूवी पलटने से दो लोगों की मौत, छह घायल</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> दुकानों और होटलों पर मराठी में बोर्ड लगाने को लेकर कई बार महाराष्ट्र की राजनीति गरमा चुकी है. राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस हो या फिर शिवसेना, सड़कों पर मराठी बोर्ड लगाने की लड़ाई लड़ाई लड़ चुकी हैं. लेकिन अब उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है. शिवसेना यूबीटी ने होटल का मेनू और बिल मराठी भाषा में करने की मांग शुरू कर दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता कृष्ण पावले ने जिलाधिकारी को खत लिखा है. उन्होंने मांग की है कि मुंबई के होटल, दुकान या माल में मेनू कार्ड और बिल मराठी होने चाहिए. उन्होंने कहा कि बिल अंग्रेजी में होते हैं. बहुत सारे मराठी लोग अंग्रेजी नहीं समझ पाते. कृष्ण पावले ने कहा, “हमारा दबाव नहीं निवेदन है. हमारी मराठी भाषा को सम्मान दीजिए. ऐसा नहीं होने पर हम विरोध करेंगे.” होटल संचालकों और ग्राहकों ने भी मराठी भाषा विवाद पर प्रतिक्रया दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मराठी बोर्ड के बाद मेनू कार्ड पर सियासत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि मुंबई में रहने के लिए मराठी भाषा का सम्मान बेहद जरूरी है. होटल का मेनू कार्ड मराठी भाषा के साथ अंग्रेजी में करना अच्छा होगा. उन्होंने कहा कि मुंबई में सभी राज्य के लोग रहते हैं. शिवसेना यूबीटी की तरफ से मराठी मेनू कार्ड वाली मांग पर राज ठाकरे की एमएनएस ने सवाल उठाए हैं. एमएनएस नेता यशवंत किलेदार ने कहा कि शिवसेना यूबीटी का मराठी मेनू कार्ड मामला पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एमएनएस और शिवसेना यूबीटी में तकरार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने पूछा कि अब मुद्दा क्यों उठाया जा रहा है. उद्धव ठाकरे ने सरकार में रहते कदम क्यों नहीं उठाया. फिलहाल आगामी बजट में मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए भरपूर सहायता राशि का ऐलान किया जा सकता है. महानगरपालिका चुनाव में मराठी मेनू कार्ड चुनावी मुद्दा बन सकता है. चुनाव के दौरान अभी खामोश रहने वाली पार्टी को भी स्डैंड साफ करना होगा. </p>
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