इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा में 25 से 29 अगस्त 24 तक चलने वाले जन्माष्टमी पर्व के दौरान कानून व्यवस्था की जवाबदेही जिला प्रशासन को सौंपी है। कोर्ट ने राज्य सरकार की भीड़ नियंत्रण योजना के अंतर्गत लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था को मंदिर के भीतर तक ही सीमित रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकार की शेष योजना को जारी रखने की अनुमति दी है। कोर्ट ने रिसीवर के जरिए 1939 से चल रही मंदिर व्यवस्था के तहत सिविल जज जूनियर डिवीजन मथुरा के परामर्श से सीसीटीवी कैमरे लगाने की छूट दी है। हाईकोर्ट ने डीएम को दिया आदेश
हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी को आदेश दिया है कि वह सिविल जज के निर्देश का अनुपालन कराएं। 1939 के मुंसिफ के आदेश से भीड़ प्रबंधन, मंदिर प्रबंधन देख रहा है, जो रिसीवर द्वारा किया जा रहा है। हालांकि इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। कोर्ट ने कहा- अभी सरकारी योजनाओं सहित मंदिर प्रबंधन की देखरेख में जन्माष्टमी पर्व के इंतजाम किए जाएंगे। याचिका की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की खंडपीठ ने अनंत शर्मा व एक अन्य की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया। सरकार को भीड़ प्रबंधन पर निर्देश जारी किए
इससे पहले कोर्ट ने 8 नवंबर 23 को सरकार को भीड़ प्रबंधन को लेकर कुछ निर्देश जारी किए थे। इनका पालन नहीं किया जा सका। अब सरकार ने अर्जी देकर निर्देशों में संशोधन की मांग की गई है। लोगों ने सरकार की मांग पर आपत्ति की और कहा भीड़ नियंत्रण कोर्ट के आदेश से नहीं हो सकता। सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा जन्माष्टमी पर्व पर उचित इंतजाम किया जाएगा। मंदिर के अंदर व बाहर लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी। विभिन्न स्थानों पर बाहर स्क्रीन लगाई जाएगी। साथ ही भीड़ नियंत्रण के लिए बैरिकेडिंग की जाएगी। एक समय में एक निश्चित संख्या मंदिर में प्रवेश करेगी। जिला प्रशासन बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की देखभाल व्यवस्था करेगा। ठाकुर बांके बिहारी जी विराजमान मंदिर में मंगला आरती के समय 2023 मे बनी कमेटी ने 600 लोगो के प्रवेश की अनुमति दी है। पूरे क्षेत्र को 3 जोन व 10 सेक्टर में बांटा गया है। मेले के दौरान एडीएम व एसपी जोन एरिया में व एसडीएम व डीएसपी सेक्टर में तैनात रहेंगे। दर्शन के समय मंदिर में भीड़ रुकने नहीं पायेगी। अधिवक्ता संकल्प गोस्वामी ने मंदिर के बाहर लाइव स्ट्रीमिंग का विरोध किया। जिस पर कोर्ट ने केवल मंदिर के भीतर ही लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा में 25 से 29 अगस्त 24 तक चलने वाले जन्माष्टमी पर्व के दौरान कानून व्यवस्था की जवाबदेही जिला प्रशासन को सौंपी है। कोर्ट ने राज्य सरकार की भीड़ नियंत्रण योजना के अंतर्गत लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था को मंदिर के भीतर तक ही सीमित रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकार की शेष योजना को जारी रखने की अनुमति दी है। कोर्ट ने रिसीवर के जरिए 1939 से चल रही मंदिर व्यवस्था के तहत सिविल जज जूनियर डिवीजन मथुरा के परामर्श से सीसीटीवी कैमरे लगाने की छूट दी है। हाईकोर्ट ने डीएम को दिया आदेश
हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी को आदेश दिया है कि वह सिविल जज के निर्देश का अनुपालन कराएं। 1939 के मुंसिफ के आदेश से भीड़ प्रबंधन, मंदिर प्रबंधन देख रहा है, जो रिसीवर द्वारा किया जा रहा है। हालांकि इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। कोर्ट ने कहा- अभी सरकारी योजनाओं सहित मंदिर प्रबंधन की देखरेख में जन्माष्टमी पर्व के इंतजाम किए जाएंगे। याचिका की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की खंडपीठ ने अनंत शर्मा व एक अन्य की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया। सरकार को भीड़ प्रबंधन पर निर्देश जारी किए
इससे पहले कोर्ट ने 8 नवंबर 23 को सरकार को भीड़ प्रबंधन को लेकर कुछ निर्देश जारी किए थे। इनका पालन नहीं किया जा सका। अब सरकार ने अर्जी देकर निर्देशों में संशोधन की मांग की गई है। लोगों ने सरकार की मांग पर आपत्ति की और कहा भीड़ नियंत्रण कोर्ट के आदेश से नहीं हो सकता। सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा जन्माष्टमी पर्व पर उचित इंतजाम किया जाएगा। मंदिर के अंदर व बाहर लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी। विभिन्न स्थानों पर बाहर स्क्रीन लगाई जाएगी। साथ ही भीड़ नियंत्रण के लिए बैरिकेडिंग की जाएगी। एक समय में एक निश्चित संख्या मंदिर में प्रवेश करेगी। जिला प्रशासन बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की देखभाल व्यवस्था करेगा। ठाकुर बांके बिहारी जी विराजमान मंदिर में मंगला आरती के समय 2023 मे बनी कमेटी ने 600 लोगो के प्रवेश की अनुमति दी है। पूरे क्षेत्र को 3 जोन व 10 सेक्टर में बांटा गया है। मेले के दौरान एडीएम व एसपी जोन एरिया में व एसडीएम व डीएसपी सेक्टर में तैनात रहेंगे। दर्शन के समय मंदिर में भीड़ रुकने नहीं पायेगी। अधिवक्ता संकल्प गोस्वामी ने मंदिर के बाहर लाइव स्ट्रीमिंग का विरोध किया। जिस पर कोर्ट ने केवल मंदिर के भीतर ही लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति दी है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर