उतर भारत की सबसे कठिनतम श्रीखंड कैलाश के दर्शन को निरमंड के दशनामी जूना अखाडा से माता अंबिका माता और दत्तात्रेय स्वामी की 29वीं छड़ी यात्रा गुरुवार को श्रीखंड यात्रा पर रवाना हो गई। छड़ी यात्रा को तहसीलदार निरमंड जय गोपाल शर्मा और छड़ी यात्रा समिति के अध्यक्ष टाकेश्वर शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। निरमंड से छड़ी यात्रा को अखिल भारतीय पंच दशनामी जूना अखाड़ा जींद के महंत श्री राम चन्द गिरी ने दावत गिरी की अध्यक्षता में सैकड़ों साधु- महात्माओं ने विधिवत पूजा अर्चना के बाद वाद्य यंत्रों की ध्वनि,शंखनाद और बम बम भोले-हर हर महादेव के जयकारों के साथ रवाना किया। 24 जुलाई को लौटेगी वापस बता दें कि, इस छडी यात्रा में देश के विभिन्न अखाड़ों के दर्जनों साधु- संतों ने भाग लिया। छड़ी यात्रा समिति के अध्यक्ष टकेश्वर शर्मा ने बताया कि यह छड़ी यात्रा गुरुवार सायं तक जाओं, सिंहगाड होते हुए भराटीनाला पहुंचेगी। जबकि 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के दिन श्रीखंड कैलाश के दर्शन करने के बाद छड़ी 24 जुलाई की शाम को वापस जूना अखाड़ा निरमंड पहुंच जाएगी। 25 जुलाई को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर कारदार पुष्पेंद्र शर्मा, छड़ी यात्रा समिति के सचिव मयंक शर्मा, उपाध्यक्ष खेम राज सोनी, कपिल शर्मा, विकास शर्मा, हेम दिवाकर दत्ता, अनूप कुमार सहित निरमंड क्षेत्र के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। समिति अध्यक्ष टकेश्वर शर्मा ने बताया कि श्रीखंड कैलाश के दर्शनों के लिए निरमंड के जूना अखाडे से माता अंबिका और दतात्रेय स्वामी की छड़ी यात्रा वर्ष 1996 में शुरू की गई थी।छड़ी यात्रा प्राचीन समय से जाती है, जो हर साल देव शयनी एकादशी को निरमंड से रवाना होती है और गुरु पूर्णिमा के दर्शन करके वापस आती है। उतर भारत की सबसे कठिनतम श्रीखंड कैलाश के दर्शन को निरमंड के दशनामी जूना अखाडा से माता अंबिका माता और दत्तात्रेय स्वामी की 29वीं छड़ी यात्रा गुरुवार को श्रीखंड यात्रा पर रवाना हो गई। छड़ी यात्रा को तहसीलदार निरमंड जय गोपाल शर्मा और छड़ी यात्रा समिति के अध्यक्ष टाकेश्वर शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। निरमंड से छड़ी यात्रा को अखिल भारतीय पंच दशनामी जूना अखाड़ा जींद के महंत श्री राम चन्द गिरी ने दावत गिरी की अध्यक्षता में सैकड़ों साधु- महात्माओं ने विधिवत पूजा अर्चना के बाद वाद्य यंत्रों की ध्वनि,शंखनाद और बम बम भोले-हर हर महादेव के जयकारों के साथ रवाना किया। 24 जुलाई को लौटेगी वापस बता दें कि, इस छडी यात्रा में देश के विभिन्न अखाड़ों के दर्जनों साधु- संतों ने भाग लिया। छड़ी यात्रा समिति के अध्यक्ष टकेश्वर शर्मा ने बताया कि यह छड़ी यात्रा गुरुवार सायं तक जाओं, सिंहगाड होते हुए भराटीनाला पहुंचेगी। जबकि 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के दिन श्रीखंड कैलाश के दर्शन करने के बाद छड़ी 24 जुलाई की शाम को वापस जूना अखाड़ा निरमंड पहुंच जाएगी। 25 जुलाई को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर कारदार पुष्पेंद्र शर्मा, छड़ी यात्रा समिति के सचिव मयंक शर्मा, उपाध्यक्ष खेम राज सोनी, कपिल शर्मा, विकास शर्मा, हेम दिवाकर दत्ता, अनूप कुमार सहित निरमंड क्षेत्र के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। समिति अध्यक्ष टकेश्वर शर्मा ने बताया कि श्रीखंड कैलाश के दर्शनों के लिए निरमंड के जूना अखाडे से माता अंबिका और दतात्रेय स्वामी की छड़ी यात्रा वर्ष 1996 में शुरू की गई थी।छड़ी यात्रा प्राचीन समय से जाती है, जो हर साल देव शयनी एकादशी को निरमंड से रवाना होती है और गुरु पूर्णिमा के दर्शन करके वापस आती है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल कैबिनेट मीटिंग में आज CPS को लेकर चर्चा:विधानसभा के शीत-कालीन सत्र की डेट और होम-स्टे पॉलिसी को मिल सकती है मंजूरी हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह आज सचिवालय में कैबिनेट मीटिंग लेंगे। इसमें विधानसभा के शीत कालीन सत्र के अलावा मुख्य संसदीय सचिव को हटाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। कैबिनेट में विभिन्न विभागों में भर्तियों को भी मंजूरी मिल सकती है। बता दें कि हाईकोर्ट ने बीते बुधवार को CPS की नियुक्ति को निरस्त कर दिया है। राज्य सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई है। सरकार की याचिका अभी एडमिट होनी है। लिहाजा कैबिनेट मीटिंग में विभिन्न कानूनी पहलुओं पर चर्चा होगी, ताकि सर्वोच्च अदालत में सरकार अपना पक्ष मजबूती से रख सके। इस फैसले के कारण सरकार को झटका लगा है। सियासी गलियारों में विधायकों की सदस्यता जाने को लेकर चर्चा हो रही है। लिहाजा सियासी संकट से बचने को सरकार आज चर्चा करेगी। विधानसभा के शीत सत्र की तिथि पर लग सकती है मुहर प्रदेश में दिसंबर विधानसभा का शीत-कालीन सत्र तय है। इसकी तिथि भी आज कैबिनेट में तय हो सकती है। हिमाचल विधानसभा का शीत कालीन सत्र धर्मशाला के तपोवन में होना है। सरकार के दो साल पूरा करने को लेकर हो सकती है चर्चा हिमाचल सरकार 11 दिसंबर को 2 साल पूरा करने जा रही है। 2 साल पूरा करने पर सरकार जश्न मनाएगी या नहीं? इसका फैसला कैबिनेट में लिया जा सकता है। यदि मनाया जाए तो इसका स्वरूप क्या होना चाहिए और कहा मनाया जाए, इसे लेकर कैबिनेट में चर्चा की जा सकती है। कैबिनेट मीटिंग में इसे लेकर भी चर्चा हो सकती है। इसमें सरकार के दो साल के जश्न को लेकर फैसला लिया जा सकता है। बीते साल जब सरकार को एक साल हुआ था, तब धर्मशाला में जश्न मनाया गया था। कैबिनेट में विभिन्न विभागों में भर्तियों को मिल सकती है मंजूरी कैबिनेट मीटिंग में विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को भरने का भी फैसला हो सकता है। इसी तरह सीएम की बजट घोषणाओं को भी कैबिनेट में मंजूरी के लिए लाया जा सकता है। होम स्टे पॉलिसी पर भी हो सकती है चर्चा कैबिनेट मीटिंग में राज्य सरकार द्वारा बनाई जा रही होम स्टे पॉलिसी को भी मंजूरी मिल सकती है। दरअसल, राज्य सरकार बाहरी राज्यों के लोगों द्वारा होम स्टे चलाने पर रोक लगा सकती है, क्योंकि बीते सालों के दौरान जिन लोगों को धारा 118 के तहत रिहायशी मकान के लिए जमीन दी गई थी उन्होंने उन मकानों में होम स्टे शुरू कर दिए है। कानून इसकी इजाजत नहीं देता। इसी तरह संशोधित पॉलिसी में पंजीकरण अनिवार्य होगा और शुल्क की दर्रें बढ़ाई जा सकती है। होम स्टे में बिजली और पानी व्यवसायिक दरों पर किया जा सकता है।
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लोकसभा चुनाव के इम्तिहान में CM समेत 8 मंत्री फेल:डिप्टी सीएम-शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर बने “हीरो’; बोर्ड-निगमों की फौज भी काम नहीं आई हिमाचल प्रदेश में सुक्खू कैबिनेट के 7 मंत्री लोकसभा चुनाव की परीक्षा में फेल हुए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इस परीक्षा को पास नहीं कर पाए। CM समेत 8 मंत्री अपने-अपने विधानसभा हलकों से पार्टी प्रत्याशी को लीड नहीं दिला पाए। नतीजा यह है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो गया। ऊना जिला के हरोली विधानसभा से विधायक व प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, किन्नौर से विधायक व बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर तीन मंत्री ही इस परीक्षा में पास हुए हैं। मुकेश समेत दो मंत्रियों का कद ऊंचा लोकसभा चुनाव के नतीजों से मुकेश अग्निहोत्री का कद ऊंचा हुआ है। क्योंकि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र से पार्टी कैंडिडेट सतपाल रायजादा को लीड दिलाई है। साथ ही अपने गृह जिला ऊना की दो विधानसभा सीटों कुटलैहड़ और गगरेट के उपचुनाव में भी कांग्रेस की जीत हुई है। CM के हलके से अनुराग को 2153 की लीड मुख्यमंत्री सुक्खू के नादौन हलके से बीजेपी के अनुराग ठाकुर 2153 से ज्यादा मतों की लीड ले गए। इसी संसदीय सीट पर टीसीपी मिनिस्टर राजेश धर्माणी भी बिलासपुर के घुमारवीं हलके से पार्टी कैंडिडेट को बढ़त नहीं दिला सके। धर्माणी के हलके से अनुराग को 13753 की लीड मिली। हैरानी इस बात की है कि सत्तपाल रायजादा अपने विधानसभा क्षेत्र ऊना से खुद बी लीड नहीं ले सके और उनके विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी ने 326 मतों की बढ़त ली है। इससे अनुराग ठाकुर की जीत की राह आसान हो गई और करीब पौने दो लाख मतों के अंतर से चुनाव जीत गए। शिमला सीट पर मंत्री रोहित ने दिलाई लीड कमोबेश यही हाल शिमला संसदीय क्षेत्र में भी है। इस सीट से सुक्खू सरकार में पांच कैबिनेट मंत्री, तीन CPS सहित कैबिनेट रैंक वाले नेताओं की लंबी-चौड़ी लिस्ट है। मगर रोहित ठाकुर को छोड़कर सब अपने अपने चुनाव क्षेत्र में पिट गए। कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी जो अभी कसौली से विधायक है, वह भी अपने कसोली विधानसभा से लीड नहीं ले सके। शिमला सीट पर ये मंत्री नाकाम शिमला संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत शिलाई के विधायक व मंत्री हर्षवर्धन चौहान, सोलन के धनीराम शांडिल, जुब्बल कोटखाई के रोहित ठाकुर, शिमला ग्रामीण के विक्रमादित्य सिंह और कसुम्पटी के विधायक अनिरुद्ध सिंह सुक्खू कैबिनेट में मंत्री है। इनमें से केवल रोहित ठाकुर के जुब्बल कोटखाई विधानसभा से 5937 वोट की लीड कांग्रेस ले पाई है। शिलाई से बीजेपी को 2317 वोट की बढ़त, सोलन से 5016, शिमला ग्रामीण से 6448 और कसुम्पटी से 6039 वोट की लीड मिली है। हालांकि विक्रमादित्य सिंह अपने चुनाव की वजह से शिमला ग्रामीण में प्रचार नहीं कर पाए। मगर दूसरे मंत्री तो अपने अपने चुनाव क्षेत्र में डटे रहे। फिर भी लीड नहीं दिला सके। यह लीड संबंधित क्षेत्र के लोकप्रियता और सरकार की जनता में लोकप्रियता को दर्शाता है। मंडी सीट पर मंत्री जगत नेगी ने दिलाई 8562 वोट की लीड अब बात करेंगे मंडी लोकसभा सीट की। इस सीट से सुक्खू सरकार में किन्नौर से इकलौते मंत्री जगत सिंह नेगी है। किन्नौर से कांग्रेस को 8562 वोट की लीड मिली है। किन्नौर के अलावा मंडी संसदीय हलके के तीन अन्य विधानसभा आनी, लाहौल स्पीति और रामपुर से भी कांग्रेस को बढ़त मिली है। रामपुर विक्रमादित्य सिंह का घर है। आनी और लाहौल स्पीति में विक्रमादित्य की अपनी और पार्टी वर्कर की मेहनत से लीड मिली है। कांगड़ा की एक भी विधानसभा से कांग्रेस को बढ़त नहीं कांगड़ा संसदीय सीट ऐसी है जहां 17 में से एक भी विधानसभा सीट पर कांग्रेस को बढ़त नहीं मिली, जबकि सुक्खू सरकार में कांगड़ा के ज्वाली से कृषि मंत्री चंद्र कुमार, जयसिंहपुर से यादवेंद्र गोमा आयुष मंत्री है। ज्वाली से बीजेपी को 12640 वोट और जयसिंहपुर से 8833 वोट की बढ़त मिली है। इसी तरह फतेहपुर से विधायक भवानी सिंह पठानिया, नगरोटा के विधायक आरएस बाली, शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया को कैबिनेट रैंक और जिले से दो सीपीए है। मगर कोई भी नेता कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा को लीड नहीं दिला सका। हिमाचल में सीएम समेत 11 मंत्री फेल प्रदेश में सीएम व डिप्टी सीएम समेत 11 मंत्री, छह मुख्य संसदीय सचिव के साथ साथ बोर्ड निगमों में एक दर्जन से ज्यादा नेताओं की ताजपोशी और करीब एक दर्जन को मुख्यमंत्री ने कैबिनेट रैंक दे रखे है। 8 मंत्रियों के अलावा पांच CPS दून से रामकुमार, कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, पालमपुर से आशीष बुटेल, बैजनाथ से किशोरी लाल और अर्की से संजय अवस्थी भी लोकसभा चुनाव में अपने हलकों से कांग्रेस प्रत्याशियों को लीड नहीं दिला सके। सीपीएस में केवल एमएल ब्राक्टा ही अपने रोहड़ू विधानसभा से लीड दिलाने में कामयाब रहे हैं।