भास्कर न्यूज | जालंधर श्री कष्ट निवारण बालाजी मंदिर, शेखां बाजार में भक्तों ने श्री बालाजी महाराज की चौंकी करवाई। इसकी अध्यक्षता मंदिर के संस्थापक रमन अरोड़ा ने की। उन्होंने विद्वानों से विधिवत पूजन करवाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। पूजन के बाद भक्तों ने दरबार में माथा टेककर अपने परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। मंदिर परिसर में दीपक सरगम एवं पार्टी ने हनुमान चालीसा का पाठ, ‘भक्तों दरवाजा खोल के रखना मेरे बांके बिहारी आएंगे’, ‘काली कमली वाला मेरा यार है’, ‘मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है’ व अन्य भजन सुनाकर भक्तों को झूमने पर विवश किया। अरोड़ा ने इस मौके पर कहा कि ‘मनुष्य को सुधारने के लिए सत्संग के सिवाय कोई दूसरा उपाय नहीं है। बिना सत्संग के व्यक्ति को विवेक की प्राप्ति नहीं होती। सत्संग से मूर्ख व्यक्ति भी सुधर जाता है, जैसे पारस मणि को छूकर लोहा सोना बन जाता है।’ उन्होंने कहा कि ‘जीवन में किसी भी विकट परिस्थिति में सत्संग का प्रभाव उसे गिरने नहीं देता है। इस मौके पर भक्तों ने बालाजी महाराज को छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगा व आरती कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद मेहंदीपुर बालाजी महाराज के जल से भक्तों पर अमृतवर्षा की गई। भास्कर न्यूज | जालंधर श्री कष्ट निवारण बालाजी मंदिर, शेखां बाजार में भक्तों ने श्री बालाजी महाराज की चौंकी करवाई। इसकी अध्यक्षता मंदिर के संस्थापक रमन अरोड़ा ने की। उन्होंने विद्वानों से विधिवत पूजन करवाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। पूजन के बाद भक्तों ने दरबार में माथा टेककर अपने परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। मंदिर परिसर में दीपक सरगम एवं पार्टी ने हनुमान चालीसा का पाठ, ‘भक्तों दरवाजा खोल के रखना मेरे बांके बिहारी आएंगे’, ‘काली कमली वाला मेरा यार है’, ‘मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है’ व अन्य भजन सुनाकर भक्तों को झूमने पर विवश किया। अरोड़ा ने इस मौके पर कहा कि ‘मनुष्य को सुधारने के लिए सत्संग के सिवाय कोई दूसरा उपाय नहीं है। बिना सत्संग के व्यक्ति को विवेक की प्राप्ति नहीं होती। सत्संग से मूर्ख व्यक्ति भी सुधर जाता है, जैसे पारस मणि को छूकर लोहा सोना बन जाता है।’ उन्होंने कहा कि ‘जीवन में किसी भी विकट परिस्थिति में सत्संग का प्रभाव उसे गिरने नहीं देता है। इस मौके पर भक्तों ने बालाजी महाराज को छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगा व आरती कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद मेहंदीपुर बालाजी महाराज के जल से भक्तों पर अमृतवर्षा की गई। पंजाब | दैनिक भास्कर
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नगर निगम व काउंसिल चुनाव के लिए AAP की स्ट्रेटजी:स्क्रीनिंग कमेटियाें में MLA-MP तक को जिम्मेदारी, पांच वजह से चुनाव हैं अहम पंजाब में पांच नगर निगम व 44 नगर काउंसिल के 21 दिसंबर को होने वाले चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) भी एक्शन मोड में आ गई है। पार्टी की तरफ से स्क्रीनिंग कमेटियां गठित की गई हैं। स्क्रीनिंग कमेटियाें AAP की तरफ से पार्टी के विधाययकों और एमपी के अलावा अन्य नेताओं को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। कमेटियों कम से कम सात से आठ मेंबर रखे गए हैं। इनमें पहले मिनिस्टर इंचार्ज, जोन वाइस प्रेसिडेंट, एमपी कैंडिडेट,एमएलए, जाेन स्टेट सेक्रेटरी, लोकसभा इंचार्ज, डिस्ट्रिक्ट इंचार्ज और चेयरमैन रखा गया है। यह कमेटियां ही उम्मीदवार सलेक्शन से लेकर अन्य औचारिकताओं को निभाएंगी। हालांकि इस बार होने चुनाव पार्टी के लिए पांच वजह से काफी अहम है। इन पांच वजह से चुनाव है अहम 1. इस बार होने नगर निगम चुनाव AAP के लिए काफी अहम है। क्योंकि इस समय राज्य में पार्टी की सरकार है। 117 विधानसभा हलकों में 95 पर पार्टी के विधायक हैं। ऐसे में पार्टी की इन चुनावों को फतह करने ही तैयारी में है। 2. नगर निगम चुनाव ठीक दिल्ली चुनाव से पहले हैं। दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी की सरकार है। ऐसे में अगर इन चुनावों में पार्टी को मन मुताबिक रिजल्ट नहीं मिलते हैं। तो नतीजों का असर दिल्ली चुनाव पर भी पड़ेगा। 3. नगर निगम चुनाव में शहरी एरिया में हो रहे हैं। ऐसे में इस बार सीधे मुकाबला कांग्रेस से नहीं होगा। जबकि शहरी एरिया होने की वजह से इस एरिया में भाजपा की भी पकड़ मजबूत मानी जाती हैं। कई नगर निगमों व नगर काउंसिलों में पहले भी भाजपा के पार्षद और मेयर तक रहे हैं। 4. यह चुनाव अमन अरोड़ा के प्रधान बनने के बाद पहली बार हो रहे हैं। इस चुनाव की अगुवाई सीधे वह ही कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने कई जिलों में जाकर नेताओं से मीटिंग की। साथ ही चुनाव बनाने की स्ट्रेटजी बनाई थी। 5. नगर निगम चुनाव के बाद सीधे 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी की तरफ से कोशिश की जाएगी कि हर हालत में यह चुनाव जीते जाए। साथ ही 2027 में होने वाले चुनाव की राह को आसान बनाया जाए। इस बार अकाली दल भी देगा टक्कर नगर निगम व नगर काउंसिल चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा भी तैयारी में है। कांग्रेस की तरफ से गत माह ही स्क्रीनिंग कमेटी गठित कर दी गई थी। इसमें कई सीनियर नेताओं को शामिल किया था। जबकि भाजपा ने भी कमेटियां गठित कर दी है। दूसरी तरफ विधानसभा उपचुनाव से बाहर रहे शिरोमणि अकाली दल ने भी नगर निगम नगर काउंसिल चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। ऐसे में इस बार मुकाबला दिलचस्प होने के आसार है।
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पंजाब में आज से ओपीडी पूरी तरह से बंद:मेडिकल एग्जामिनेशन भी नहीं होंगे; सिर्फ आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी पंजाब में आज (गुरुवार) से डॉक्टर हड़ताल का दूसरा पड़ाव शुरू हो गया है। आज से पूरे पंजाब में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं। इतना ही नहीं, डॉक्टर किसी भी तरह का मेडिकल सर्टिफिकेट, चाहे वे ड्राइविंग के लिए हो या गन लाइसेंस व नौकरी के लिए, नहीं दिया जाएगा। सिर्फ आपातकालीन सेवाएं ही जारी रहेंगी। पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक 11 सितंबर को सरकार से सकारात्मक बातचीत का नोटिफिकेशन जारी नहीं होता, स्ट्राइक तय नियमानुसार ही चलेगी। 11 सितंबर को डॉक्टर और सरकार के बीच बैठक में कुछ बातों पर सहमीत बनी है। एसोसिएशन अस्पताल में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा और नियमित रूप से वेतन बढ़ोतरी के आदेश जारी करने को लेकर यह आंदोलन कर रहे हैं। 15 सितंबर तक चलेगा दूसरा चरण सरकार की तरफ से आश्वासनों के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल को 3 चरण में बदल था। जिसका पहला चरण पूरा हो चुका है। पहला चरण 9 से 11 सितंबर तक था, जिसमें सुबह 8 बजे से 11 बजे तक ओपीडी सेवाएं निलंबित रखीं गई थी। दूसरा चरण 12 से 15 सितंबर तक चलने वाला है। जिसमें ओपीडी सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। 16 सितंबर के बाद तीसरा चरण होगा। इसमें डॉक्टर ओपीडी के साथ-साथ मेडिकल लीगल करने से भी साफ मना कर देंगे। जानें क्या है दूसरा चरण डॉक्टरों की हड़ताल का दूसरा चरण 15 सितंबर तक जारी रहेगा। आज से ओपीडी पूरी तरह से बंद रहने वाली है। क्या सुविधाएं मिलेंगी और कौन सी नहीं – कोई वैकल्पिक ऑपरेशन नहीं होगा। – केवल सिजेरियन सेक्शन (वैकल्पिक और आपातकालीन दोनों) और जीवन रक्षक सर्जरी निर्बाध रूप से जारी रहेंगी। – केवल आपातकालीन इमजेंसी व एक्सीडेंट केस देखे जाएंगे। – किसी तरह का मेडिकल एग्जामिनेशन नहीं होगा। जिसमें आर्म लाइसेंस, सामान्य मेडिकल एग्जामिनेशन, भर्ती संबंधी मेडिकल एग्जामिनेशन नहीं होगा। – कोई वीआईपी/वीवीआईपी ड्यूटी नहीं होगी। – कोई डोप टेस्ट नहीं होगा। – कोई टेस्ट रिपोर्टिंग नहीं होगी, केवल डेंगू से संबंधित रिपोर्टिंग ही की जाएगी। – कोई विभागीय बैठक नहीं की जाएगी। – कायाकल्प मूल्यांकन भी नहीं किया जाएगा।
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