संगरूर के नदामपुर गांव में एक किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मृतक किसान की पहचान जसविंदर सिंह (65) के रूप में हुई है। मृतक के बेटे जगतवीर सिंह ने बताया कि उनके पिता ने कल शाम करीब 6 बजे उसके चाचा की मोटर पर जा कर कोई जहरीली दवा खा ली, जिससे वह वहीं पर गिर गए। जब उन्हें इलाज के लिए पटियाला ले जाया जा रहा था तो रास्ते में पिता जसविंदर सिंह की मौत हो गई। जगतवीर सिंह ने बताया कि उनके पिता पर 5 लाख रुपए का कर्ज था और उनके पास केवल दो एकड़ जमीन है, जिससे परिवार का गुजारा मुश्किल से हो पाता था। उन्होंने बताया कि उनका धान दस दिनों से मंडियों में पड़ा है और उनके पिता पिछले कुछ दिनों से गेहूं की बुआई से संबंधित डीएपी न मिलने के कारण मानसिक रूप से परेशान रहने लगे थे। घर की तंगी के कारण उसके पिता ने आत्महत्या कर ली। ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि परिवार का सारा कर्ज माफ किया जाए और परिवार को अधिकतम मदद दी जाए और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए ताकि परिवार का पालन-पोषण हो सके। संगरूर के नदामपुर गांव में एक किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मृतक किसान की पहचान जसविंदर सिंह (65) के रूप में हुई है। मृतक के बेटे जगतवीर सिंह ने बताया कि उनके पिता ने कल शाम करीब 6 बजे उसके चाचा की मोटर पर जा कर कोई जहरीली दवा खा ली, जिससे वह वहीं पर गिर गए। जब उन्हें इलाज के लिए पटियाला ले जाया जा रहा था तो रास्ते में पिता जसविंदर सिंह की मौत हो गई। जगतवीर सिंह ने बताया कि उनके पिता पर 5 लाख रुपए का कर्ज था और उनके पास केवल दो एकड़ जमीन है, जिससे परिवार का गुजारा मुश्किल से हो पाता था। उन्होंने बताया कि उनका धान दस दिनों से मंडियों में पड़ा है और उनके पिता पिछले कुछ दिनों से गेहूं की बुआई से संबंधित डीएपी न मिलने के कारण मानसिक रूप से परेशान रहने लगे थे। घर की तंगी के कारण उसके पिता ने आत्महत्या कर ली। ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि परिवार का सारा कर्ज माफ किया जाए और परिवार को अधिकतम मदद दी जाए और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए ताकि परिवार का पालन-पोषण हो सके। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में कल किसानों का ट्रैक्टर मार्च:18 जगहों पर मौजूद रहेंगे किसान नेता, सुबह 11 बजे होगी शुरुआत, प्रशासन अलर्ट फसलों की एमएसपी की लीगल गारंटी को लेकर पांच महीनों से संघर्ष पर चल रहे पंजाब के किसानों द्वारा स्वतंत्रता दिवस मौके कल ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। इस दौरान किसान ट्रैक्टरों पर किसानी झंडे व तिरंगा लगाकर चलेंगे। वहीं, घगर नदी में बाढ़ आने की स्थिति में शंभू के नजदीक लगते सारे गांवों मदद व अन्य सामान पहुंचाने के लिए किसान पूरी तरह तरह तैयार है। किसान मजदूर मोर्चा के सदस्यों ने बताया कि संघर्ष को 183 दिन पूरे हो गए हैं। ट्रैक्टर मार्च के लिए सारे किसान नेताओं की डयूटी विभिन्न जिलों में लगाई गई हैं। शंभू मोर्चे पर डटे सारे लीडर बाजवा ढाबे से मार्च शरू करेंगे। इसके बाद आपराधिक कानून की कॉपियां जलाएंगे। बाघा बॉर्डर से अमृतसर तक निकालेंगे मार्च
सरवन सिंह पंधेर अमृतसर में रहेंगे। वह बाघा बॉर्डर से अमृतसर तक ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और तीनों आपराधिक कानूनों की प्रतियां जलाएंगे। सुरजीत सिंह फूल भगता मंडी, मनजीत सिंह रॉय होशियारपुर में मौजूद रहेंगे। सुखविंदर कौर मोड़ मंडी, सुखविंदर सिंह गिल जीरा तहसील और फिर डीसी ऑफिस फिरोजपुर, बलदेव सिंह जीरा की तरफ से जीरा ट्रैक्टर मार्च में शामिल होंगे। पंजाब के अन्य जिलों में ऐसे चलेगा मार्च
अमरजीत सिंह मोहरी अंबाला, बलवंत सिंह धर्मकोट, गुरप्रीत सिंह फरीदवाला, गुरदीप सिंह बाघा पुराना। बलकार सिंह मल्ली और उपकार सिंह पुराना भंगाला अपने साथियों के साथ मुकेरियां में गन्ना मिल के पास, बलवंत सिंह मेहराज ब्लॉक फूल जिला बठिंडा, रोपड़ में मुख्तियार सिंह और अवतार सिंह रूपनगर। सुखविंदर पाल सिंह फतेहगढ़ चूड़ियां में ट्रैक्टर मार्च में शामिल होंगे। इसी प्रकार रणजीत सिंह समाजपुर जिला अध्यक्ष पटियाला पटियाला उपस्थित रहेंगे। सुखजिंदर सिंह जिला अध्यक्ष जालंधर जालंधर में उपस्थित रहेंगे। भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह से तेजवीर सिंह पंजोखरा साहिब पंचकूला और मलकीत सिंह जिला फिरोजपुर में रहेंगे।
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पंजाब में बवाल के बाद लॉ यूनिवर्सिटी बंद:छात्राओं का प्रदर्शन, बोलीं-VC अचानक चेकिंग करने घुसे, छोटे कपड़ों का कमेंट किया, इस्तीफे पर अड़ीं पंजाब में पटियाला स्थित राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (RGNUL) के वाइस चांसलर (VC) के गर्ल्स हॉस्टल की चेकिंग को लेकर बवाल मच गया है। छात्राओं का कहना है कि वाइस चांसलर ने अचानक उनके कमरों में आकर कपड़ों पर कमेंट किए हैं। उन्हें कहा गया कि छोटे कपड़े क्यों पहनती हो। यही नहीं, गर्ल्स हॉस्टल में छात्राओं के माता-पिता को आने की भी परमिशन नहीं है तो फिर VC क्यों आए?। इसके बाद रविवार दोपहर छात्राएं भड़क उठीं। उन्होंने वाइस चांसलर के इस्तीफे की मांग करते हुए प्रदर्शन कर दिया। उनका धरना ढ़ाई दिन से चल रहा है। जिसके बाद माहौल बिगड़ते देख यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया। हालांकि छात्राओं ने घर जाने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि मामले को निपटाने की कोशिश की जा रही है। जब तक वाइस चांसलर इस्तीफा नहीं देते, वह धरना खत्म नहीं करेंगे। छात्राएं अब यूनिवर्सिटी के गेट के सामने टेंट लगाकर धरने पर बैठ गई हैं। सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला
अचानक VC रेजिडेंस के सामने प्रदर्शन करने लगी छात्राएं
रविवार (22 सितंबर) दोपहर करीब साढ़े 3 बजे लॉ यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने अचानक वीसी रेजिडेंस के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि वाइस चांसलर अचानक गर्ल्स हॉस्टल की चेकिंग करते हैं। वह जिन कपड़ों में होती हैं, उन पर कमेंट्स करते हैं। यह उनकी प्राइवेसी के अधिकार का उल्लंघन है। छात्राएं यहां ‘नॉट यूअर डॉटर’ के पोस्टर लेकर पहुंची थीं। यह धरना पूरी रात चलता रहा। वीसी ने उस वक्त मीडिया से बात नहीं की लेकिन यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रोफेसर आनंद पंवार ने छात्राओं के आरोपों को नकार दिया। उन्होंने कहा कि अगर उनकी कोई दिक्कत है तो यूनिवर्सिटी प्रशासन को बताना चाहिए। पुलिस थाना बख्शीवाला के इंचार्ज इंस्पेक्टर जसविंदर सिंह का कहना था कि उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली, इसलिए जांच शुरू नहीं की गई। रात भर रहा धरना, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कमेटी बनाई
सोमवार तक छात्राओं के साथ दूसरे स्टूडेंट्स भी जुड़ गए और वे पूरी रात धरने पर बैठे रहे। उन्होंने यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के सामने पक्का मोर्चा लगा दिया। हालात बिगड़ते देख यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 9 मेंबरी कमेटी गठित कर दी। कमेटी ने सोमवार दोपहर पौने 3 बजे छात्राओं को एडमिन ब्लॉक में आकर बयान दर्ज कराने को कहा। स्टूडेंट्स ने बयान देने से इनकार किया
मगर, स्टूडेंट्स ने कमेटी के सामने जाने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि कमेटी में वाइस चांसलर नहीं है। सिर्फ फैकल्टी मेंबरों की कमेटी के सामने वह नहीं जाएंगे। उन्होंने मांग की कि वीसी उनके सामने आकर बात करे। स्टूडेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और बार कौंसिल को पत्र लिखकर इस मामले में दखल देने की मांग की। स्टूडेंट्स बोले- आधी रात को गर्ल्स हॉस्टल की चेकिंग गलत
सोमवार देर रात स्टूडेंट्स एडमिन ऑफिस से उठकर यूनिवर्सिटी के मेन गेट पर आ गए। इस दौरान यूनिवर्सिटी में पढ़ रहीं एलएलबी, एलएलएम, पीएचडी और रिसर्च स्कॉलर स्टूडेंट्स ने कहा कि वाइस चांसलर का आधी रात को गर्ल्स हॉस्टल की चेकिंग करना सरासर गलत है। वीसी को चाहिए कि महिला स्टाफ के साथ ही गर्ल्स हॉस्टल की चेकिंग करे। स्टूडेंट्स के सवाल सुन वाइस चांसलर वापस लौटे
स्टूडेंट्स का विरोध बढ़ते देख वाइस चांसलर प्रोफेसर जेएस सिंह धरने की जगह पर पहुंचे। वहां स्टूडेंट्स ने उन पर कई सवाल दागे। वीसी से पूछा गया कि वे बिना फैकल्टी किसी से क्यों नहीं मिलते?। वपरासी बिना फैकल्टी जाने से रोकता है। अगर वे फैकल्टी मेंबर के साथ जाते हैं तो उनके मोबाइल बाहर रखवा लिए जाते हैं। इंस्टीट्यूट का हेड ही अपने स्टूडेंट्स से न मिले, ऐसा कैसे हो सकता है?। इसके जवाब में वाइस चांसलर ने कहा कि कोई भी स्टूडेंट उनसे कभी भी मिल सकता है। ऐसा नहीं है कि वे किसी से नहीं मिलते। मगर, स्टूडेंट्स उनके इस्तीफे की मांग पर अड़ गए। जिसके बाद वाइस चांसलर वहां से वापस लौट गए और स्टूडेंट्स का धरना जारी रहा। माहौल बिगड़ते देख यूनिवर्सिटी बंद की गई
मामला बिगड़ते देख यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक नोटिस जारी किया। जिसमें स्टूडेंट्स के वेलफेयर का हवाला देकर यूनिवर्सिटी को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दे दिया गया। इसमें ये भी कहा गया कि जो स्टूडेंट्स घर जाना चाहते हैं, वह जा सकते हैं। हालांकि स्टूडेंट्स ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, यह आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा। यूनिवर्सिटी बंद करने का नोटिस… वीसी ने कहा- शिकायत की जांच के लिए गए थे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक VC जेएस सिंह ने इस मामले में कहा कि गर्ल्स हॉस्टल में क्षमता से ज्यादा लड़कियों को रखने और आधी रात के बाद गर्ल्स हॉस्टल में स्मोकिंग और शराब पीने की शिकायतें मिली थी। जिसकी जांच के लिए वह हॉस्टल में गए थे। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक वाइस चांसलर ने बातचीत में कहा कि जो लड़कियां स्मोकिंग और शराब नहीं पीती, उनकी शिकायत मिली थी। उनका कहना था कि ये सारा कार्यक्रम रात 12 बजे के बाद शुरू करते हैं। बाहर से खाने की आड़ में वे ये सब चीजें मंगवाती हैं। मैं फीमेल वार्डन और अच्छे व्यवहार वाली स्टूडेंट्स के साथ चेकिंग करने गया था। उन्होंने कहा कि हर बैच के कुछ स्टूडेंट्स विरोध कर रहे हैं। बाकी क्लासरूम में पढ़ाई करते रहे। मैंने किसी के कपड़ों पर कोई कमेंट नहीं किया। ये कुछ चुनिंदा स्टूडेंट्स की तरफ से झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।