संजौली मस्जिद केस की निगम कोर्ट में सुनवाई:निचली 2 मंजिल को लेकर आना है फैसला; वक्त बोर्ड को मालिकाना हक के देने हैं दस्तावेज

संजौली मस्जिद केस की निगम कोर्ट में सुनवाई:निचली 2 मंजिल को लेकर आना है फैसला; वक्त बोर्ड को मालिकाना हक के देने हैं दस्तावेज

हिमाचल प्रदेश की विवादित संजौली मस्जिद मामले की सुनवाई आज शिमला नगर निगम (MC) आयुक्त कोर्ट में होगी। वक्फ बोर्ड को आज मस्जिद की जमीन पर मालिकाना हक के कागज अदालत में पेश करने होंगे और मस्जिद का नक्शा भी अदालत को देना होगा। यह दस्तावेज यदि पेश नहीं किए गए तो निगम आयुक्त आगामी कार्रवाई करेंगे, क्योंकि हिमाचल हाईकोर्ट ने संजौली मस्जिद का 15 साल से निगम अदालत में चल रहा केस 8 मई से पहले निपटाने के आदेश दे रखे है। ऐसा नहीं किया गया तो नगर निगम के खिलाफ ही अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी। इस वजह से संजौली मस्जिद केस की सुनवाई अगले तीन-चार दिन तक रोजाना हो सकती है और निगम आयुक्त को फाइनल फैसला सुनाना है। आमतौर पर शिमला MC आयुक्त की कोर्ट शनिवार को ही लगती है, लेकिन संजौली मस्जिद को लेकर हाईकोर्ट के केस की वजह से यह केस अब जजमेंट तक रोजाना सुना जाएगा। इस केस की सुनवाई जिला कोर्ट चक्कर में होगी। अगर आज कोई फैसला नहीं आया तो परसो से यह केस निगम आयुक्त दफ्तर होगी। 3 मंजिल को तोड़ने के पहले दिए जा चुके आदेश MC आयुक्त ने बीते साल 5 अक्टूबर को संजौली मस्जिद की ऊपर की 3 मंजिल गिराने के आदेश दे चुके हैं। इन आदेशों पर मस्जिद को तोड़ने का काम जारी है। मस्जिद की छत्त पूरी तरह हटाई जा चुकी है। चौथी मंजिल का एक लेंटर भी तोड़ा जा चुका है। इससे निचली दो मंजिल की दीवारें भी हटा दी गई है। अब निचली 2 मंजिल को लेकर केस अभी MC आयुक्त कोर्ट में चल रहा है। यह केस 15 साल से विचाराधीन है। इसे जल्दी निपटाने की मांग को लेकर संजौली मस्जिद के आसपास के लोकल रेजिडेंट ने बीते साल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। लोकल रेजिडेंट की याचिका पर हाईकोर्ट के आदेश लोकल रेजिडेंट की याचिका पर ही हाईकोर्ट ने इस केस का जल्द निपटारा करने के आदेश निगम आयुक्त को दे रखे है। बीते साल भी 21 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह के भीतर निगम आयुक्त को केस निपटाने के आदेश दिए थे। मगर तब निगम आयुक्त ऐसा नहीं कर पाए। इसके खिलाफ लोकल रेजिडेंट ने एक्जीक्यूशन पिटिशन दायर की। इसका निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने दूसरी बार 8 मई तक की डेडलाइन दी है। 15 साल से निगम आयुक्त कोर्ट में चल रहा केस संजौली मस्जिद मामला 16 सालों से निगम आयुक्त कोर्ट में चल रहा है। संजौली मस्जिद के कारण बीते साल पूरे प्रदेश में बवाल मच गया था। शिमला के मल्याणा में 31 अगस्त को एक समुदाय के लोगों द्वारा स्थानीय व्यक्ति की पिटाई करने के बाद इस मामले में तूल पकड़ा था। इसके बाद प्रदेश के सभी शहरों में प्रदर्शन किए गए। इसके बाद मंडी की मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने के भी आदेश नगर निगम आयुक्त मंडी द्वारा दिए गए। प्रदेश में मस्जिद और मजार के खिलाफ जगह जगह प्रदर्शन किए गए। हिमाचल प्रदेश की विवादित संजौली मस्जिद मामले की सुनवाई आज शिमला नगर निगम (MC) आयुक्त कोर्ट में होगी। वक्फ बोर्ड को आज मस्जिद की जमीन पर मालिकाना हक के कागज अदालत में पेश करने होंगे और मस्जिद का नक्शा भी अदालत को देना होगा। यह दस्तावेज यदि पेश नहीं किए गए तो निगम आयुक्त आगामी कार्रवाई करेंगे, क्योंकि हिमाचल हाईकोर्ट ने संजौली मस्जिद का 15 साल से निगम अदालत में चल रहा केस 8 मई से पहले निपटाने के आदेश दे रखे है। ऐसा नहीं किया गया तो नगर निगम के खिलाफ ही अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी। इस वजह से संजौली मस्जिद केस की सुनवाई अगले तीन-चार दिन तक रोजाना हो सकती है और निगम आयुक्त को फाइनल फैसला सुनाना है। आमतौर पर शिमला MC आयुक्त की कोर्ट शनिवार को ही लगती है, लेकिन संजौली मस्जिद को लेकर हाईकोर्ट के केस की वजह से यह केस अब जजमेंट तक रोजाना सुना जाएगा। इस केस की सुनवाई जिला कोर्ट चक्कर में होगी। अगर आज कोई फैसला नहीं आया तो परसो से यह केस निगम आयुक्त दफ्तर होगी। 3 मंजिल को तोड़ने के पहले दिए जा चुके आदेश MC आयुक्त ने बीते साल 5 अक्टूबर को संजौली मस्जिद की ऊपर की 3 मंजिल गिराने के आदेश दे चुके हैं। इन आदेशों पर मस्जिद को तोड़ने का काम जारी है। मस्जिद की छत्त पूरी तरह हटाई जा चुकी है। चौथी मंजिल का एक लेंटर भी तोड़ा जा चुका है। इससे निचली दो मंजिल की दीवारें भी हटा दी गई है। अब निचली 2 मंजिल को लेकर केस अभी MC आयुक्त कोर्ट में चल रहा है। यह केस 15 साल से विचाराधीन है। इसे जल्दी निपटाने की मांग को लेकर संजौली मस्जिद के आसपास के लोकल रेजिडेंट ने बीते साल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। लोकल रेजिडेंट की याचिका पर हाईकोर्ट के आदेश लोकल रेजिडेंट की याचिका पर ही हाईकोर्ट ने इस केस का जल्द निपटारा करने के आदेश निगम आयुक्त को दे रखे है। बीते साल भी 21 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह के भीतर निगम आयुक्त को केस निपटाने के आदेश दिए थे। मगर तब निगम आयुक्त ऐसा नहीं कर पाए। इसके खिलाफ लोकल रेजिडेंट ने एक्जीक्यूशन पिटिशन दायर की। इसका निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने दूसरी बार 8 मई तक की डेडलाइन दी है। 15 साल से निगम आयुक्त कोर्ट में चल रहा केस संजौली मस्जिद मामला 16 सालों से निगम आयुक्त कोर्ट में चल रहा है। संजौली मस्जिद के कारण बीते साल पूरे प्रदेश में बवाल मच गया था। शिमला के मल्याणा में 31 अगस्त को एक समुदाय के लोगों द्वारा स्थानीय व्यक्ति की पिटाई करने के बाद इस मामले में तूल पकड़ा था। इसके बाद प्रदेश के सभी शहरों में प्रदर्शन किए गए। इसके बाद मंडी की मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने के भी आदेश नगर निगम आयुक्त मंडी द्वारा दिए गए। प्रदेश में मस्जिद और मजार के खिलाफ जगह जगह प्रदर्शन किए गए।   हिमाचल | दैनिक भास्कर