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शिमला में डॉक्टरों ने निकाला मार्च:आधे घण्टे तक चली सीएम से चर्चा; बोले- जनरल हाउस में मुलाकात के बाद हड़ताल वापसी पर फैसला
शिमला में डॉक्टरों ने निकाला मार्च:आधे घण्टे तक चली सीएम से चर्चा; बोले- जनरल हाउस में मुलाकात के बाद हड़ताल वापसी पर फैसला हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में डॉक्टर एसोसिएशन के बैनर तले डॉक्टरों ने IGMC से लेकर राज्य सचिवालय तक शांति पूर्वक विरोध मार्च निकाला। डॉक्टर ने राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की। HMOA ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने विस्तार पूर्वक डॉक्टर की मांगें रखी। सीएम सुक्खू व डॉक्टर के बीच आधे घण्टे तक चर्चा हुई HMOA अध्यक्ष डॉ बलवीर वर्मा ने सीएम सुक्खू से मुलाकात के बाद कहा कि मुख्यमंत्री से डॉक्टरों की सुरक्षा व अन्य मांगों को लेकर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री ने सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने हड़ताल वापस पर कहा कि सीएम से मुलाकात के बाद डॉक्टर का जनरल हाउस बुलाया है हड़ताल वापस या जारी रखने पर अंतिम फैसला उसमें होगा। एक घण्टे के बाद मिलने पहुंचे सीएम सुक्खू
राज्य सचिवालय में माहौल उस वक्त गरमा गया जब मुख्यमंत्री से मिलने आए सैकड़ों डॉक्टर के सब्र का बांध टूट गया और सचिवालय हॉल में बने वेटिंग हॉल से निकलने लगे। डॉक्टरों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 11 बजे मिलने बुलाया था। लेकिन डेढ़ घण्टे इंतजार करने के बाद भी वो मिलने नहीं पहुंचे। जिसके बाद उन्होंने वहां से जाने का फैसला किया। हालांकि माहौल को बिगड़ता देख अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को उसकी सूचना दी। जिसके बाद सीएम तुंरत डॉक्टरों से मिलने पहुंच गए और डॉक्टरों के साथ एक लंबी बैठक की।
डॉ अभिषेक शर्मा ने सचिवालय से निकलते वक्त कहा कि करीब डेढ़ घण्टे घण्टे इंतजार करने के बाद मिलने आए है मुख्यमंत्री। उन्होंने कहा कि नेता लोग जब बीमार होते है तो हॉस्पिटल में इंतजार तुंरत चाइए और जब डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर जाते है, तब घण्टों इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर सीनियर डॉक्टर बात करेंगे ।मंगलवार को शिमला में IGMC से विरोध मार्च लेकर सचिवालय मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे डॉक्टर एक घण्टे सीएम सुक्खू का इंतजार करते रहे। सीएम सुक्खू के ना होने पर आधे डॉक्टर निराश होकर लौट गए । अस्पताल से बिना इलाज के लौट रहे मरीज शिमला सहित प्रदेश के सभी अस्पतालों में रोजाना लोग उपचार के लिए पहुँच रहे है लेकिन ओपीडी में डॉक्टरों के नहीं बैठने से मरीजों को बिना उपचार के लिए वापस लौटना पड़ रहा। आपातकालीन वार्ड के बाहर कतारें लग रही हैं। बहुत से मरीजों को बिना इलाज के ही मायूस होकर वापस घर जाना पड़ रहा है। डॉक्टरों का 4 दिनों से प्रदर्शन जारी डॉक्टरों ने अलग-अलग जिलों व अस्पतालों के बाहर अलग अलग अंदाज में प्रदर्शन कर रहे है। कहीं कोलकाता की घटना को लेकर डॉक्टरों ने नारेबाजी की, तो कुछ जगह नाटक का मंचन करके डॉक्टरों का दर्द दिखाया जा रहा है। कुछ जगह पर मौन प्रदर्शन किया जा रहा है। पश्चिम बंगाल की घटना पर भड़के देशभर के डॉक्टर पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर मामले में देशभर के डॉक्टर भड़के हुए है। डॉक्टर का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को एक सप्ताह होने को है, तो वहीं बीते 4 दिनों से सीनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर हैं। जिससे स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर गई हैं। हिमाचल प्रदेश में अकेले आईजीएमसी शिमला में रोजाना 3 हजार से ज्यादा मरीज ओपीडी में उपचार को पहुंचते है। इसी तरह प्रदेश के अन्य अस्पतालों में भी रोजाना बड़ी संख्या में मरीज आते है, जिन्हें डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। 9 अगस्त को मिली थी महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की लाश बता दें कि बीते 9 अगस्त की सुबह कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की अर्धनग्न बॉडी मिली थी। डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट, आंखों और मुंह से खून बह रहा था। उनकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई की रेप के बाद मर्डर किया गया। 13 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच CBI सौंपीं।डॉक्टरों का आरोप है कि सबूतों से छेड़छाड़ की गई। इससे डॉक्टर सीबीआई जांच के आदेशों के बाद भी काम पर लौटने को तैयार नहीं है।
डिप्टी डायरेक्टर गंगा में डूबे, गोताखोर ने नहीं बचाया:10 हजार मांगे थे, कैश नहीं था तो ऑनलाइन लिए, पैसा ट्रांसफर होने तक रुका रहा
डिप्टी डायरेक्टर गंगा में डूबे, गोताखोर ने नहीं बचाया:10 हजार मांगे थे, कैश नहीं था तो ऑनलाइन लिए, पैसा ट्रांसफर होने तक रुका रहा उन्नाव में जज के पति गंगा में डूब गए। वह दो दोस्तों के साथ नहाने गए थे। घटना के बाद दोस्त ने चिल्लाकर गोताखोर को बुलाया। वह 10 हजार रुपए मांगने लगा। दोस्त हाथ जोड़ता रहा, लेकिन वह पहले पैसा देने की जिद पर अड़ा रहा। कैश नहीं था, इसलिए दोस्त ने 10 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए। लेकिन, तब तक जज के पति गंगा में बह गए। पैसे ट्रांसफर हुए तो गोताखोर ने नदी में छलांग लगाई। तलाश की, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। जो गंगा में डूब गए, उनका नाम आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव है। वे वाराणसी में हेल्थ विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं। पुलिस की टीम ने गंगा में शाम 6 बजे तक उनकी तलाश की। अंधेरा होने की वजह से अब कल सुबह फिर से टीम तलाश करेगी। उनकी पत्नी श्रेया मिश्रा महाराष्ट्र के अकोला में जज हैं। आदित्यवर्धन सिंह के चचेरे भाई अनुपम सिंह बिहार कैडर के सीनियर IAS और मुख्यमंत्री सीएम नीतीश कुमार के निजी सचिव के रूप में कार्यरत हैं। नहाते समय गहरे पानी में चले गए
आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव (45) बांगरमऊ क्षेत्र के कबीरपुर गांव के मूल निवासी हैं। इस समय वे लखनऊ के 16/1435 इंदिरानगर में रहते हैं। शनिवार को वे मोहल्ले के ही अपने दो दोस्तों प्रदीप तिवारी और योगेश्वर मिश्रा के साथ कार से बिल्हौर (उन्नाव) के नानामऊ घाट पर गंगा स्नान करने पहुंचे। नहाते समय अचानक वे गहरे पानी में समा गए। बहन ऑस्ट्रेलिया में उच्च पद पर तैनात, चचेरे भाई गोरखनाथ मंदिर सर्किल के CO
आदित्यवर्धन की बहन ऑस्ट्रेलिया में उच्च पद पर तैनात हैं। उनके पिता रमेश चंद और मां शशिप्रभा कुछ दिन पहले ऑस्ट्रेलिया गए थे। पिता नहर विभाग में JE पद से रिटायर हैं। गांव के परिजन ने जब उन्हें घटना की सूचना दी तो माता-पिता बिलख-बिलख कर रोने लगे। फिलहाल माता-पिता ऑस्ट्रेलिया से भारत के लिए रवाना हो चुके हैं। आदित्यवर्धन के कजिन योगेंद्र सिंह नीरज PPS अफसर हैं। वे गोरखपुर के गुरु गोरखनाथ मंदिर सर्किल के डीएसपी हैं। घटना की सूचना मिलते ही नीरज भी गोरखपुर से घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं। 3 तस्वीरें: स्थानीय विधायक भी रेस्क्यू का जायजा लेने पहुंचे दोस्त बोले- तैराक चाहता तो आदित्यवर्धन बच सकते थे
घटना के समय मौके पर मौजूद प्रदीप तिवारी ने बताया- गहरे पानी में डूबते देख स्थानीय तैराक ने उन्हें बचाने के लिए 10 हजार रुपए की मांग की। मैंने रुपए ट्रांसफर भी कर दिए, लेकिन तैराक ने जानबूझकर लापरवाही बरती। अगर वह चाहता तो आदित्यवर्धन को बचाया जा सकता था। घटना की जानकारी मिलते ही बांगरमऊ विधायक श्रीकांत कटियार मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। कानपुर प्रशासन के कई वरिष्ठ अफसर भी मौके पर पहुंचे और युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान चलाया। प्रशासन ने मोटरबोट और स्थानीय गोताखोरों की मदद से भी उनकी तलाश की। गंगा में डूबे डिप्टी डायरेक्टर के परिजन ने कानपुर नगर के कमिश्नर को फोन कर NDRF टीम भेजने की मांग की। तैराक शैलेश कश्यप बोला- पैसा वापस कर दिया
शैलेश कश्यप ने बताया- घाट के किनारे मेरी दुकान है। 5-6 गोताखोर मेरी दुकान में बैठे थे। यहां पर उन्होंने डूबने वाले के दोस्तों से बात की। उनके पास नकद पैसा नहीं था, इसलिए ऑनलाइन मेरे अकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया गया। बाद में हमने पैसा वापस कर दिया। विधायक जी आए थे, वह नाराज हो रहे थे कि पैसे क्यों लिए? प्रधानपति बोले- गहरे पानी में जाने से हादसा हो गया
प्रधानपति रामसनेही कनौजिया ने बताया- डिप्टी डायरेक्टर मेरी ग्राम सभा के रहने वाले थे। ये लोग शनिवार सुबह 4 बजे लखनऊ से निकले थे। यहां साढ़े 5 बजे आ गए थे। इसके बाद तीनों नहा रहे थे। इसी दौरान गहरे पानी में जाने से हादसा हो गया। टीम उनकी तलाश कर रही है। अभी तक पता नहीं चल पाया है। NDRF और लोकल गोताखोर लगे हैं। पिता ऑस्ट्रेलिया से सुबह तक पहुंचेंगे। वहीं, इनके बड़े पापा और चचेरे भाई दिल्ली से चल चुके हैं और जल्द पहुंचने वाले हैं। देर शाम तक ऐसे चला रेस्क्यू यह खबर भी पढ़ें IIT-BHU छात्रा से गैंगरेप के 2 आरोपी रिहा:हाईकोर्ट से जमानत; घर पर माला पहनाकर हुआ स्वागत वाराणसी के IIT-BHU में बीटेक छात्रा से गैंगरेप के 2 आरोपी 7 महीने बाद रिहा हो गए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी कुणाल पांडेय और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को सशर्त जमानत दी। तीसरे आरोपी सक्षम पटेल की जमानत कोर्ट ने स्वीकार नहीं की। 16 सितंबर को उसकी जमानत अर्जी पर सुनवाई होगी। यहां पढ़ें पूरी खबर
Rajasthan: संत विजय दास आत्मदाह मामले में पुलिस की FIR पर उठे सवाल, दोबारा जांच के आदेश
Rajasthan: संत विजय दास आत्मदाह मामले में पुलिस की FIR पर उठे सवाल, दोबारा जांच के आदेश <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> संत विजय दास आत्मदाह मामले में पुलिस की फाइनल रिपोर्ट से भरतपुर रेंज के आईजीपी संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने दोबारा जांच के लिए अधिकारी की नियुक्ति कर दी है. बता दें कि डीग जिले में दो साल पहले अवैध खनन के खिलाफ साधु संतों ने मोर्चा खोल दिया था. धरना प्रदर्शन कर रहे संत गांव पसोपा में अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे. 550 दिनों से जारी धरना के दौरान एक संत नारायण दास टॉवर पर चढ़ गये. मौके पर मौजूद पुलिस टॉवर से उतरने के लिए संत नारायण दास को समझा रही थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रशासन से मांग पूरी नहीं होने पर धरनास्थल के पास संत विजय दास ने 20 जुलाई, 2022 को पेट्रोल छिड़ककर खुद को आग लगा ली. संत विजय दास के आग लगाने से मौके पर हड़कंप की स्थिति पैदा हो गयी. आग में प्रदर्शनकारी संत विजय दास गंभीर रूप से झुलस गये. इलाज के लिए संत विजय दास को अस्पताल ले जाया गया. 23 जुलाई को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया. संत विजय दास के आत्मदाह मामले पर राजस्थान की सियासत गरमा गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/28/179348a5fb4bd48131dffa8f7994cf391724851561700211_original.png” /><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/28/179348a5fb4bd48131dffa8f7994cf391724851561700211_original.png” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संत विजय दास आत्मदाह मामले की दोबारा होगी जांच</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आत्मदाह मामले में पुलिस ने संत के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. जांच अधिकारी ने दो वर्ष बाद आत्मदाह मामले में एफआर लगा दी. एफआर लगने के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे. अब भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राहुल प्रकाश ने मामले की दोबारा जांच कराने का आदेश दिया है. उन्होंने कामां के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतीश यादव से मामले की दोबारा जांच करने को कहा है. पुलिस का कहना है कि धरना स्थल पर संत विजय दास ने आत्मदाह किया था. दूसरे संत नारायण दास मोबाइल टावर पर चढ़ गये थे. अब पुलिस महानिरीक्षक के निर्देश पर एफआर की जगह नए सिरे से जांच की जाएगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/28/fdb5f17b8e1408a08f1491969dfac72d1724851580250211_original.png” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”राजस्थान BJP प्रभारी राधामोहन दास को सचिन पायलट ने दिया जवाब, ‘भाषा की गरिमा न भूलें'” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/sachin-pilot-vs-radha-mohan-das-bjp-vs-congress-ahead-of-rajasthan-bye-election-2024-2771103″ target=”_self”>राजस्थान BJP प्रभारी राधामोहन दास को सचिन पायलट ने दिया जवाब, ‘भाषा की गरिमा न भूलें'</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”> </p>