संभल जामा मस्जिद विवाद मामला, इलाहाबाद हाईकोर्ट 19 मई को सुनाएगी फैसला

संभल जामा मस्जिद विवाद मामला, इलाहाबाद हाईकोर्ट 19 मई को सुनाएगी फैसला

<p style=”text-align: justify;”><strong>Sambhal Jama Masjid Case:</strong> इलाहाबाद हाई कोर्ट संभल जामा मस्जिद सर्वे मामले में सोमवार को अपना फैसला सुनाएगी. हाईकोर्ट ने संभल की जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद पर मस्जिद कमेटी की ओर से दाखिल सिविल डिवीजन अलग पर बहस पूरी होने के बाद 13 मई को फैसला सुरक्षित कर लिया था. जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच अब सोमवार को दोपहर दो बजे अपना फैसला सुनाएगी. इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले से अब यह तय होगा की संभल के जिला अदालत में जमा मस्जिद के सर्वे का केस चलेगा या नहीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले पिछली सुनवाई यानी 28 अप्रैल को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई को 48 घंटे के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. संभल जामा मस्जिद के सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ एएसआई ने पुनः निरीक्षण अर्जी दाखिल की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वादियों ने जामा मस्जिद को बताया था हरिहर मंदिर</strong><br />सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन व सात अन्य ने सिविल जज सीनियर डिवीजन संभल की अदालत में एक मुकदमा दायर किया है जिसमें यह बताया गया मंदिर को नष्ट करने के बाद वहां पर मस्जिद बनाई गई. वादियों की ओर से इसे हरिहर मंदिर बताया जा रहा है. संभल की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए एएसआई के एडवोकेट कमिश्नर के साथ सर्वे का निर्देश दिया था. मुकदमे की पोषणीयता पर भी सवाल उठाए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाईकोर्ट ने संभल की दीवानी अदालत के समक्ष लंबित मूल मुकदमे की कार्रवाई पर 8 जनवरी 2025 को अंतरिम आदेश से रोक लगा दी थी. जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी की पुन निरीक्षण याचिका यानी रिवीजन पिटिशन पर हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग यानी एएसआई को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. कोई दाखिला होने पर कोर्ट ने आगे का समय दिया था, यह पुन निरीक्षण याचिका सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद की गई जिसमें की संभल की दीवानी अदालत के समक्ष पूरी कार्रवाई के साथ मुकदमे की पोशाक्त को चुनौती दी गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>19 नवंबर 2024 को दाखिल किया गया धा मुकदमा</strong><br />याचिका में कहा गया कि मुकदमा 19 नवंबर 2024 की दोपहर में दाखिल किया गया था और कुछ ही घंटे के भीतर अदालत में एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया. साथ ही उसे मस्जिद में प्रारंभिक सर्वेक्षण का निर्देश दिया जो इस दिन यानी 19 नवंबर को और फिर 24 नवंबर 2024 को किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(सौरभ मिश्रा की रिपोर्ट)<br /><br /></strong>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ghaziabad-women-killed-sister-11-year-old-child-police-arrested-accused-ann-2946150″><strong>9 साल बेटे की तरह पाला, फिर गला दबाकर की हत्या! गाजियाबाद में हत्याकांड के बाद सनसनीखेज खुलासा</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Sambhal Jama Masjid Case:</strong> इलाहाबाद हाई कोर्ट संभल जामा मस्जिद सर्वे मामले में सोमवार को अपना फैसला सुनाएगी. हाईकोर्ट ने संभल की जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद पर मस्जिद कमेटी की ओर से दाखिल सिविल डिवीजन अलग पर बहस पूरी होने के बाद 13 मई को फैसला सुरक्षित कर लिया था. जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच अब सोमवार को दोपहर दो बजे अपना फैसला सुनाएगी. इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले से अब यह तय होगा की संभल के जिला अदालत में जमा मस्जिद के सर्वे का केस चलेगा या नहीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले पिछली सुनवाई यानी 28 अप्रैल को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई को 48 घंटे के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. संभल जामा मस्जिद के सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ एएसआई ने पुनः निरीक्षण अर्जी दाखिल की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वादियों ने जामा मस्जिद को बताया था हरिहर मंदिर</strong><br />सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन व सात अन्य ने सिविल जज सीनियर डिवीजन संभल की अदालत में एक मुकदमा दायर किया है जिसमें यह बताया गया मंदिर को नष्ट करने के बाद वहां पर मस्जिद बनाई गई. वादियों की ओर से इसे हरिहर मंदिर बताया जा रहा है. संभल की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए एएसआई के एडवोकेट कमिश्नर के साथ सर्वे का निर्देश दिया था. मुकदमे की पोषणीयता पर भी सवाल उठाए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाईकोर्ट ने संभल की दीवानी अदालत के समक्ष लंबित मूल मुकदमे की कार्रवाई पर 8 जनवरी 2025 को अंतरिम आदेश से रोक लगा दी थी. जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी की पुन निरीक्षण याचिका यानी रिवीजन पिटिशन पर हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग यानी एएसआई को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. कोई दाखिला होने पर कोर्ट ने आगे का समय दिया था, यह पुन निरीक्षण याचिका सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद की गई जिसमें की संभल की दीवानी अदालत के समक्ष पूरी कार्रवाई के साथ मुकदमे की पोशाक्त को चुनौती दी गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>19 नवंबर 2024 को दाखिल किया गया धा मुकदमा</strong><br />याचिका में कहा गया कि मुकदमा 19 नवंबर 2024 की दोपहर में दाखिल किया गया था और कुछ ही घंटे के भीतर अदालत में एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया. साथ ही उसे मस्जिद में प्रारंभिक सर्वेक्षण का निर्देश दिया जो इस दिन यानी 19 नवंबर को और फिर 24 नवंबर 2024 को किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(सौरभ मिश्रा की रिपोर्ट)<br /><br /></strong>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ghaziabad-women-killed-sister-11-year-old-child-police-arrested-accused-ann-2946150″><strong>9 साल बेटे की तरह पाला, फिर गला दबाकर की हत्या! गाजियाबाद में हत्याकांड के बाद सनसनीखेज खुलासा</strong></a></p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड आगरा: एंटी करप्शन टीम ने लेखपाल को रिश्वत लेते पकड़ा, रिटायर्ड शिक्षक से 50 हजार रुपये मांगे