ईश्वर ने मिट्टी से हमारा देह रचा और इसे चैतन्य बनाया

ईश्वर ने मिट्टी से हमारा देह रचा और इसे चैतन्य बनाया

भास्कर न्यूज | जालंधर मां बगलामुखी धाम, गुलमोहर सिटी में मां बगलामुखी जी के निमित्त हवन किया गया। ब्राह्मणों द्वारा मुख्य यजमान अरुण कुमार ने पहले पंचोपचार, षोढषोपचार, नवग्रह के बाद सपरिवार हवन कुंड में आहुतियां डलवाईं। धाम के प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज ने मां के भक्तों को विधाता द्वारा बनाई सृष्टि के बनाए राज को समझाते हुए कहा कि ईश्वर रूपी कुम्हार ने मिट्टी से हमारा देह रचा और इसे चैतन्य बनाया है। उन्होंने ज्ञान बांटा कि यह सत्य है कि जैसे ही बनाने वाले ने मिट्टी के अंदर बोलने की शक्ति दी, तो पहली चीज वह क्या बोली? मैं मिट्टी नहीं हूं। पर मिट्टी तो वह है, और अंत में उसे मिट्टी में ही मिल जाना है। इसीलिए कबीर कहते थे, ‘माटी कहे कुम्हार से तू क्या रौंदे मोय। एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूंगी तोय।’ इस मौके पर श्वेता भारद्वाज, पूनम प्रभाकर, सरोज बाला, सुनीता, अंजू, गुरवीर, मंजू,प्रिया,रजनी,नरेश, कोमल व अन्य श्रद्धालु मौजूद रहे। भास्कर न्यूज | जालंधर मां बगलामुखी धाम, गुलमोहर सिटी में मां बगलामुखी जी के निमित्त हवन किया गया। ब्राह्मणों द्वारा मुख्य यजमान अरुण कुमार ने पहले पंचोपचार, षोढषोपचार, नवग्रह के बाद सपरिवार हवन कुंड में आहुतियां डलवाईं। धाम के प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज ने मां के भक्तों को विधाता द्वारा बनाई सृष्टि के बनाए राज को समझाते हुए कहा कि ईश्वर रूपी कुम्हार ने मिट्टी से हमारा देह रचा और इसे चैतन्य बनाया है। उन्होंने ज्ञान बांटा कि यह सत्य है कि जैसे ही बनाने वाले ने मिट्टी के अंदर बोलने की शक्ति दी, तो पहली चीज वह क्या बोली? मैं मिट्टी नहीं हूं। पर मिट्टी तो वह है, और अंत में उसे मिट्टी में ही मिल जाना है। इसीलिए कबीर कहते थे, ‘माटी कहे कुम्हार से तू क्या रौंदे मोय। एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूंगी तोय।’ इस मौके पर श्वेता भारद्वाज, पूनम प्रभाकर, सरोज बाला, सुनीता, अंजू, गुरवीर, मंजू,प्रिया,रजनी,नरेश, कोमल व अन्य श्रद्धालु मौजूद रहे।   पंजाब | दैनिक भास्कर