संभल के सरायतरीन में जनपद का सबसे बड़ा कुआं मिला है। ASI की टीम के साथ डीएम-एसडीएम ने इसका निरीक्षण किया। वहीं डीएम ने बताया कि यहां टोंक के राजा का दरबार लगता था। कहा- यह जनपद का सबसे बड़ा कुआं है देखने में अच्छा लगता है। उन्होंने बताया कि 68 तीर्थ 19 कूप सहित अन्य सभी ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए ASI जांच कर रही है। देखिए दो तस्वीरें… संभल में प्राचीन कुओं का मिलना लगातार जारी है। संभल के थाना हयातनगर क्षेत्र की सराय तरीन क्षेत्र के मोहल्ला दरबार स्थित मस्जिद के निकट एक कुआं मिला, जिसे जिले का सबसे बड़ा कुआं बताया जा रहा है। 22 जनवरी को ASI की टीम ने एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा के साथ इसका निरीक्षण किया था। जिला प्रशासन ने इसका संज्ञान लिया है। बता दें कि स्थानीय लोगों ने इसे पाट दिया था। नगर पालिका परिषद ने इसकी खुदाई कराई। सभी तीर्थ के जीर्णोद्धार के लिए संभल कल्कि देव तीर्थ समिति का भी गठन किया गया है। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि सरायतरीन के अंदर जिले का सबसे बड़ा कुआं मिला है। इतना बड़ा कुआं जनपद में नहीं है और कुआं वास्तव में देखने लायक है। वहां मोहल्ला दरबार है, यहां पहले टोंक राजा का दरबार लगता था। कुएं से 100 मीटर दूर ही राजा का जीर्णशीर्ण महल है। महल के बगल ही एक मस्जिद भी है। यह चीजें बहुत पुरानी हो चुकी हैं। जब कुएं के पास बनी मस्जिद के बारे में पूछा गया तो वहां के रहने वाले अजीम तरीन ने बताया कि इस मस्जिद का मैं मुतबल्ली और सज्जादा हूं। यह दरगाह और कब्रिस्तान हमारी निजी है, खानदानी है एक ही फैमिली से बिलॉन्ग करते हैं। उन्होंने बताया कि वह तरीन खानदान से है और तरीन लोग ही इसमें दफन होते हैं। आम लोगों से इसका कोई लेना-देना नहीं है। अकीदा रखना अलग चीज है। अकीदे में हिंदू-मुस्लिम भी आते हैं। सभी लोग आते हैं। दादा मियां बुजुर्ग है अल्लाह वाले हैं लेकिन मिल्कियत जो है तरीनों की है। वक्फ बोर्ड से मुतबल्ली हूं और मैं दादा मियां की औलाद में से हूं। 14वीं पीढ़ी से हूं, 16 वां सज्जादा हूं। मुतबल्ली ने बताया कि यह हमारी निजी खानदानी है। यह हजरत शहाबुद्दीन मुतकी की है और इन्हीं के नाम पर सरायतरीन का नाम रखा गया है। जितनी भी जायदात और प्रॉपर्टी है ये सब हम लोगों की थी। लेकिन आज नहीं है। सब कुछ हमारा ही था। आज सिर्फ यही कब्रिस्तान हमारे हैं। ASI की टीम मुगालते में आई थी। उनको शायद मुगालता है कि यह भी एक हिस्टोरिकल प्लेस है। जबकि यह हमारी निजी है। इसे किसी बादशाह ने नहीं बनवाया था। यह हमारे बाप दादाओं ने बनवाया था। आपको बता दें कि बुधवार को संभल के थाना हयातनगर क्षेत्र में ASI टीम ऐतिहासिक धरोहर का निरीक्षण करने के लिए पहुंची। उपनगरी सरायतरीन में ऐतिहासिक स्ट्रक्चर पर पहुंची, जहां पुरानी दीवारें गेट और कब्रिस्तान था। वहीं मुतबल्ली ने सारी संपत्ति को निजी बताया। ये खबर भी पढ़ें… टीचर की 2 बेटियों के हत्यारों का एनकाउंटर:हाथरस में पैर में मारी गोली; आरोपी बोला- भतीजे ने 2 लाख की सुपारी दी थी हाथरस में टीचर की 2 मासूम बेटियों की हत्या करने वाले दोनों आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में गोली मार दी। दोनों के पैर में गोली लगी है। गुरुवार रात 1 बजे पुलिस ने लोकेशन ट्रेस कर टीचर के चचेरे भतीजे विकास और उसके साथी लालूपाल को घेरा, लेकिन आरोपियों को फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में पुलिस ने दोनों को गोली मार दी। गोली लगते ही दोनों गिर पड़े। दोनों को पुलिस ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि टीचर के सगे भतीजे सोनेलाल ने परिवार को मारने के लिए 2 लाख की सुपारी दी थी। पढ़ें पूरी खबर… संभल के सरायतरीन में जनपद का सबसे बड़ा कुआं मिला है। ASI की टीम के साथ डीएम-एसडीएम ने इसका निरीक्षण किया। वहीं डीएम ने बताया कि यहां टोंक के राजा का दरबार लगता था। कहा- यह जनपद का सबसे बड़ा कुआं है देखने में अच्छा लगता है। उन्होंने बताया कि 68 तीर्थ 19 कूप सहित अन्य सभी ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए ASI जांच कर रही है। देखिए दो तस्वीरें… संभल में प्राचीन कुओं का मिलना लगातार जारी है। संभल के थाना हयातनगर क्षेत्र की सराय तरीन क्षेत्र के मोहल्ला दरबार स्थित मस्जिद के निकट एक कुआं मिला, जिसे जिले का सबसे बड़ा कुआं बताया जा रहा है। 22 जनवरी को ASI की टीम ने एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा के साथ इसका निरीक्षण किया था। जिला प्रशासन ने इसका संज्ञान लिया है। बता दें कि स्थानीय लोगों ने इसे पाट दिया था। नगर पालिका परिषद ने इसकी खुदाई कराई। सभी तीर्थ के जीर्णोद्धार के लिए संभल कल्कि देव तीर्थ समिति का भी गठन किया गया है। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि सरायतरीन के अंदर जिले का सबसे बड़ा कुआं मिला है। इतना बड़ा कुआं जनपद में नहीं है और कुआं वास्तव में देखने लायक है। वहां मोहल्ला दरबार है, यहां पहले टोंक राजा का दरबार लगता था। कुएं से 100 मीटर दूर ही राजा का जीर्णशीर्ण महल है। महल के बगल ही एक मस्जिद भी है। यह चीजें बहुत पुरानी हो चुकी हैं। जब कुएं के पास बनी मस्जिद के बारे में पूछा गया तो वहां के रहने वाले अजीम तरीन ने बताया कि इस मस्जिद का मैं मुतबल्ली और सज्जादा हूं। यह दरगाह और कब्रिस्तान हमारी निजी है, खानदानी है एक ही फैमिली से बिलॉन्ग करते हैं। उन्होंने बताया कि वह तरीन खानदान से है और तरीन लोग ही इसमें दफन होते हैं। आम लोगों से इसका कोई लेना-देना नहीं है। अकीदा रखना अलग चीज है। अकीदे में हिंदू-मुस्लिम भी आते हैं। सभी लोग आते हैं। दादा मियां बुजुर्ग है अल्लाह वाले हैं लेकिन मिल्कियत जो है तरीनों की है। वक्फ बोर्ड से मुतबल्ली हूं और मैं दादा मियां की औलाद में से हूं। 14वीं पीढ़ी से हूं, 16 वां सज्जादा हूं। मुतबल्ली ने बताया कि यह हमारी निजी खानदानी है। यह हजरत शहाबुद्दीन मुतकी की है और इन्हीं के नाम पर सरायतरीन का नाम रखा गया है। जितनी भी जायदात और प्रॉपर्टी है ये सब हम लोगों की थी। लेकिन आज नहीं है। सब कुछ हमारा ही था। आज सिर्फ यही कब्रिस्तान हमारे हैं। ASI की टीम मुगालते में आई थी। उनको शायद मुगालता है कि यह भी एक हिस्टोरिकल प्लेस है। जबकि यह हमारी निजी है। इसे किसी बादशाह ने नहीं बनवाया था। यह हमारे बाप दादाओं ने बनवाया था। आपको बता दें कि बुधवार को संभल के थाना हयातनगर क्षेत्र में ASI टीम ऐतिहासिक धरोहर का निरीक्षण करने के लिए पहुंची। उपनगरी सरायतरीन में ऐतिहासिक स्ट्रक्चर पर पहुंची, जहां पुरानी दीवारें गेट और कब्रिस्तान था। वहीं मुतबल्ली ने सारी संपत्ति को निजी बताया। ये खबर भी पढ़ें… टीचर की 2 बेटियों के हत्यारों का एनकाउंटर:हाथरस में पैर में मारी गोली; 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आज कानपुर को मिलेगी चौथी वंदे भारत:अब आगरा जाने में लगेंगे सवा 3 घंटे; प्रधानमंत्री वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे
आज कानपुर को मिलेगी चौथी वंदे भारत:अब आगरा जाने में लगेंगे सवा 3 घंटे; प्रधानमंत्री वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे कानपुर को आज चौथी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात मिलने जा रही है। रेलवे बोर्ड ने आगरा-वाराणसी-आगरा के मध्य वन्दे भारत एक्सप्रेस के संचालन को हरी झंडी दी है। इस ट्रेन को कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर भी ठहराव दिया गया है। ट्रेन को 16 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। 3 घंटे समय की होगी बचत
आगरा वाराणसी वन्दे भारत एक्सप्रेस 573 किलोमीटर की दूरी सात घंटे में तय करेगी। अभी इस इस सफर को तय करने में दस घंटे से भी अधिक का समय लगता है। रेलवे जल्द ही इस ट्रेन का किराया व नियमित संचालन की तिथि घोषित करेगा। आगरा-वाराणसी वन्दे भारत ट्रेन की अधिकतम गति 160 किलोमीटर व औसत गतित 81.66 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। उद्घाटन वाले दिन सोमवार को यह ट्रेन आगरा से चलकर शामकरीब 7.50 बजे कानपुर सेंट्रल पहुंचकर पांच मिनट बाद 7.55 बजे रवाना होगी। ट्रेन कब भरेगी रफ्तार, तय नहीं
वाराणसी-आगरा वन्दे भारत एक्सप्रेस में कुल 8 कोच होंगे। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि नियमित तौर पर यह ट्रेन कब से रफ्तार भरना शुरू करेगी। पहले दिन इसका संचालन बिना शेड्यूल के किया जाएगा। इस बाबत उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी शशिकान्त त्रिपाठी ने बताया कि आगरा वन्दे भारत के नियमित संचालन संबंधी अभी कोई नोटिफिकेशन नहीं मिला है। यह होगा वन्दे भारत एक्सप्रेस का समय
-आगरा से वन्दे भारत एक्सप्रेस सुबह 6 बजे रवाना होकर 6.48 बजे टूण्डला पहुंचेगी, यहां से दो मिनट बाद 6.50 बजे रवाना होगी। इसके बाद सुबह 7.40 बजे इटावा पहुंचकर दो मिनट बाद 7.42 बजे रवाना होगी।
-वन्दे भारत का कानपुर पहुंचने का समय होगा सुबह 9.15 बजे का, जबकि रवाना होने का समय होगा सुबह 9.20 बजे का। यह ट्रेन सुबह 11.25 बजे प्रयागराज पहुंचकर पांच मिनट बाद 11.30 बजे रवाना होगी व दोपहर 1 बजे वारणसी जंक्शन पहुंचेगी।
-आगरा के लिए वन्दे भारत एक्सप्रेस वाराणसी जंक्शन से दोपहर 3.20 बजे रवाना होगी। शाम 4.50 बजे प्रयागराज पहुंचकर 4.55 बजे रवाना होगी। शाम 6.57 बजे कानपुर सेंट्रल आकर 7.02 बजे चलेगी।
-ट्रेन रात 8.17 बजे इटावा पहुंचके दो मिनट बाद 8.19 बजे चलेगी। रात 9.32 बजे टूण्डला पहुंचकर 9.34 बजे चलेगी। रात 10.20 बजे आगरा पहुंचेगी।