कानपुर में सीसामऊ विधानसभा सीट पर उप-चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी की आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई है। PDA सम्मेलन में सपा विधायक और जिलाध्यक्ष भिड़ गए। प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल वहां मौजूद थे। वह दोनों को चुप कराते रहे, मगर सपा जिलाध्यक्ष कहते रहे- विधायक चुनाव हरवा देंगे। इस विवाद ने तब और ज्यादा तूल पकड़ लिया, जब मंच से सपा विधायकों के बोलने पर सपा जिलाध्यक्ष ने उनकी तरफ उंगली उठाकर कहा- तमीज में रहिए। इसके बाद कानपुर कैंट से विधायक मो. हसन रूमी और आर्यनगर सीट से विधायक अमिताभ बाजपेई ने हंगामा कर दिया। प्रत्याशी नसीम सोलंकी पहले बीच-बचाव करती दिखीं, फिर वह रोने लगीं। बाद में सभी विधायक PDA सम्मेलन को बीच में छोड़कर चले गए। 2 फोटो देखिए… अब पढ़िए विवाद की शुरुआत कहां से हुई…
शुक्रवार को सीसामऊ के भन्नानापुरवा में PDA सम्मेलन का आयोजन किया गया। सपा के सभी विधायक, जिलाध्यक्ष और संगठन पदाधिकारी मौजूद थे। आर्यनगर सीट से विधायक अमिताभ बाजपेई बोल रहे थे। उन्होंने कहा- इरफान को जेल भेजकर सरकार ने गलत किया। इसी बीच प्रदेश अध्यक्ष ने टोक दिया कि ये समीक्षा बैठक है। यहां राजनीतिक बयानबाजी न करें। विधायक ने गुस्से में माइक को नीचे रखा
विधायक अमिताभ को यह बात खराब लगी। उन्होंने मंच से कहा- आप पहले देख लीजिए कि पीछे लगी होर्डिंग में साफ-साफ लिखा है कि ये PDA सम्मेलन है। फिर गुस्से में विधायक ने बोलना बंद कर दिया, माइक को मंच पर ही रख दिया। जिलाध्यक्ष फजल महमूद ने कहा- विधायक खुद को अखिलेश यादव से ऊपर समझते हैं। इस पूरे मामले में विधायक के गुस्से की एक वजह यह भी सामने आई कि मंच पर उन्हें बैठने के लिए पीछे स्थान दिया गया था। होर्डिंग में फोटो के साइज और स्थान को लेकर भी मतभेद था। बहस होने के बाद सपा विधायक मो. हसन रूमी ने कहा- कुछ वैचारिक मतभेद हैं। कुछ बातें थीं, उनको (अमिताभ बाजपेई) बुरी लगीं। होर्डिंग में पार्टी पदाधिकारी किस तरह की फोटो लगाएं या न लगाएं, ये उनकी सोच है। मंच पर रोती नजर आईं नसीम सोलंकी
विवाद के बीच प्रत्याशी नसीम सोलंकी मंच पर रोती नजर आईं। हालांकि विधायक रूमी ने मामले में बताया कि उनके पति इरफान सोलंकी का जेल से फोन आ गया था। इस बातचीत के दौरान वो भावुक हो गई थीं। अब पहले ही सम्मेलन में हुए विवाद के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल कानपुर पहुंचे। पहली बार मंच पर प्रत्याशी नसीम सोलंकी भी नजर आईं। मंच पर जेल में बंद इरफान सोलंकी की मां भी मौजूद थीं। कार्यक्रम के बाद भी चलती रही बैठक
मंच पर हुए हंगामे के बाद नसीम सोलंकी ने विधायक अमिताभ बाजपेई को बुलाया। प्रदेश अध्यक्ष के सामने ही जिलाध्यक्ष और विधायक की नाराजगी दूर करने का प्रयास किया। हालांकि नाराजगी दूर करने में प्रदेश अध्यक्ष भी कामयाब नहीं हो सके। देर शाम तक पार्टी के अन्य पदाधिकारी भी मान-मन्नौव्वल में जुटे रहे। अमिताभ ने मीडिया के सामने कहा – कोई विवाद नहीं था, आपस की बातचीत थी। सरकार के अत्याचार के खिलाफ हम एकजुट हैं और एक साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं। हर चुनाव हम लोग अखिलेश यादव के नेतृत्व में ही लड़ते आए हैं। होर्डिंग में फोटो कहां लगेगी, कहां नहीं ये तो लगवाने वाले जाने। होर्डिंग को लेकर पहले से चल रही थी अनबन
दरअसल, विवाद के पीछे होर्डिंग भी एक कारण बताई जा रही है। कार्यक्रम में मंच के पीछे बड़ी होर्डिंग लगाई गई, इसमें विधायकों को कहीं भी स्थान नहीं दिया गया। जबकि जिलाध्यक्ष फजल महमूद ने प्रत्याशी नसीम सोलंकी से भी बड़ी फोटो होर्डिंग में लगाई। इसको लेकर पार्टी पदाधिकारियों और विधायकों में भी अंदरखाने विवाद को जन्म दे दिया था। ————————-
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इमरान मसूद बोले-कल मस्जिद नहीं होंगी तो नमाज कहां पढ़ोगे: पूछा – दफनाए कहां जाओगे? दुकानें जलाने वालों का भी एनकाउंटर करे सरकार ‘आपको दिखाई नहीं देता क्या कि वहां (बहराइच) आपकी पहचान सिर्फ आपके लिबास और चेहरे से होती है। वहां आप सिर्फ इमरान भाई, फुरकान भाई और मसूद भाई हो..वहां आपके पीछे का लगा शब्द नहीं देखा जाता। बहराइच के आरोपियों का पुलिस ने एनकाउंटर किया है। एनकाउंटर उनका भी होना चाहिए, जिन्होंने वहां दुकानें फूंकीं और घरों में घुसकर महिलाओं से बदसलूकी की।’ यह भड़काऊ बयान है सहारनपुर के कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का। पढ़िए पूरी खबर… कानपुर में सीसामऊ विधानसभा सीट पर उप-चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी की आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई है। PDA सम्मेलन में सपा विधायक और जिलाध्यक्ष भिड़ गए। प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल वहां मौजूद थे। वह दोनों को चुप कराते रहे, मगर सपा जिलाध्यक्ष कहते रहे- विधायक चुनाव हरवा देंगे। इस विवाद ने तब और ज्यादा तूल पकड़ लिया, जब मंच से सपा विधायकों के बोलने पर सपा जिलाध्यक्ष ने उनकी तरफ उंगली उठाकर कहा- तमीज में रहिए। इसके बाद कानपुर कैंट से विधायक मो. हसन रूमी और आर्यनगर सीट से विधायक अमिताभ बाजपेई ने हंगामा कर दिया। प्रत्याशी नसीम सोलंकी पहले बीच-बचाव करती दिखीं, फिर वह रोने लगीं। बाद में सभी विधायक PDA सम्मेलन को बीच में छोड़कर चले गए। 2 फोटो देखिए… अब पढ़िए विवाद की शुरुआत कहां से हुई…
शुक्रवार को सीसामऊ के भन्नानापुरवा में PDA सम्मेलन का आयोजन किया गया। सपा के सभी विधायक, जिलाध्यक्ष और संगठन पदाधिकारी मौजूद थे। आर्यनगर सीट से विधायक अमिताभ बाजपेई बोल रहे थे। उन्होंने कहा- इरफान को जेल भेजकर सरकार ने गलत किया। इसी बीच प्रदेश अध्यक्ष ने टोक दिया कि ये समीक्षा बैठक है। यहां राजनीतिक बयानबाजी न करें। विधायक ने गुस्से में माइक को नीचे रखा
विधायक अमिताभ को यह बात खराब लगी। उन्होंने मंच से कहा- आप पहले देख लीजिए कि पीछे लगी होर्डिंग में साफ-साफ लिखा है कि ये PDA सम्मेलन है। फिर गुस्से में विधायक ने बोलना बंद कर दिया, माइक को मंच पर ही रख दिया। जिलाध्यक्ष फजल महमूद ने कहा- विधायक खुद को अखिलेश यादव से ऊपर समझते हैं। इस पूरे मामले में विधायक के गुस्से की एक वजह यह भी सामने आई कि मंच पर उन्हें बैठने के लिए पीछे स्थान दिया गया था। होर्डिंग में फोटो के साइज और स्थान को लेकर भी मतभेद था। बहस होने के बाद सपा विधायक मो. हसन रूमी ने कहा- कुछ वैचारिक मतभेद हैं। कुछ बातें थीं, उनको (अमिताभ बाजपेई) बुरी लगीं। होर्डिंग में पार्टी पदाधिकारी किस तरह की फोटो लगाएं या न लगाएं, ये उनकी सोच है। मंच पर रोती नजर आईं नसीम सोलंकी
विवाद के बीच प्रत्याशी नसीम सोलंकी मंच पर रोती नजर आईं। हालांकि विधायक रूमी ने मामले में बताया कि उनके पति इरफान सोलंकी का जेल से फोन आ गया था। इस बातचीत के दौरान वो भावुक हो गई थीं। अब पहले ही सम्मेलन में हुए विवाद के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल कानपुर पहुंचे। पहली बार मंच पर प्रत्याशी नसीम सोलंकी भी नजर आईं। मंच पर जेल में बंद इरफान सोलंकी की मां भी मौजूद थीं। कार्यक्रम के बाद भी चलती रही बैठक
मंच पर हुए हंगामे के बाद नसीम सोलंकी ने विधायक अमिताभ बाजपेई को बुलाया। प्रदेश अध्यक्ष के सामने ही जिलाध्यक्ष और विधायक की नाराजगी दूर करने का प्रयास किया। हालांकि नाराजगी दूर करने में प्रदेश अध्यक्ष भी कामयाब नहीं हो सके। देर शाम तक पार्टी के अन्य पदाधिकारी भी मान-मन्नौव्वल में जुटे रहे। अमिताभ ने मीडिया के सामने कहा – कोई विवाद नहीं था, आपस की बातचीत थी। सरकार के अत्याचार के खिलाफ हम एकजुट हैं और एक साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं। हर चुनाव हम लोग अखिलेश यादव के नेतृत्व में ही लड़ते आए हैं। होर्डिंग में फोटो कहां लगेगी, कहां नहीं ये तो लगवाने वाले जाने। होर्डिंग को लेकर पहले से चल रही थी अनबन
दरअसल, विवाद के पीछे होर्डिंग भी एक कारण बताई जा रही है। कार्यक्रम में मंच के पीछे बड़ी होर्डिंग लगाई गई, इसमें विधायकों को कहीं भी स्थान नहीं दिया गया। जबकि जिलाध्यक्ष फजल महमूद ने प्रत्याशी नसीम सोलंकी से भी बड़ी फोटो होर्डिंग में लगाई। इसको लेकर पार्टी पदाधिकारियों और विधायकों में भी अंदरखाने विवाद को जन्म दे दिया था। ————————-
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