सांसद बर्क बोले- जितना जुल्म बढ़ेगा, उतनी हिम्मत भी बढ़ेगी:संभल में अफसरों ने मकान नापा, पुलिस जल्द पूछताछ करेगी; गिरफ्तार हो सकते हैं

सांसद बर्क बोले- जितना जुल्म बढ़ेगा, उतनी हिम्मत भी बढ़ेगी:संभल में अफसरों ने मकान नापा, पुलिस जल्द पूछताछ करेगी; गिरफ्तार हो सकते हैं

संभल में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के मकान की नपाई की गई। PWD विभाग के अफसर सोमवार दोपहर उनके घर पहुंचे। फीता लगाकर पूरा घर नापा। अफसरों की टीम करीब 40 मिनट रही। टीम में दो AE, तीन JE समेत भारी संख्या में कर्मचारी थे। वहीं, जामा मस्जिद के सदर जफर अली की गिरफ्तारी के बाद अब सपा सांसद पर भी शिकंजा कस सकता है। SP कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया- सांसद को पूछताछ के लिए जल्द ही 41(A) का नोटिस जारी किया जाएगा। हिंसा मामले में सांसद बर्क भी नामजद अभियुक्त हैं। इसलिए उनसे पूछताछ जरूरी है। सांसद बर्क से यह जानना जरूरी है कि उन्होंने हिंसा से पहले और बाद में किससे क्या बातचीत की थी। उनके स्टेटमेंट और कोर्ट में दिए गए हलफनामे की भी जांच होगी। गिरफ्तारी के सवाल पर एसपी ने कहा, यह जांच अधिकारी के विवेक पर निर्भर करेगा। इधर, दिल्ली में सांसद ने कहा, पुलिस लगातार कानून का मजाक उड़ा रही है। संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यह पूरा देश देख रहा है। जफर अली की गलती सिर्फ इतनी है कि उन्होंने सच उजागर किया। उनकी गलती सिर्फ इतनी है कि उन्होंने प्रेस को वो बताया जो उन्होंने अपनी आंखों से देखा…। इन बातों से लोग दबे-कुचले महसूस नहीं करेंगे, बल्कि हिम्मत के साथ इसे स्वीकार करेंगे। कानून व्यवस्था को वैसे ही कायम रखा जाएगा, जैसा पहले था। हम कोर्ट जाएंगे। जितना जुल्म बढ़ेगा, हमारे लोगों की हिम्मत उतनी ही बढ़ती जाएगी। नपाई की 2 तस्वीरें देखिए… क्या है धारा 41A?
धारा 41A के तहत, पुलिस अधिकारी किसी व्यक्ति को नोटिस भेजकर उसे पुलिस स्टेशन या किसी अन्य स्थान पर उपस्थित होने के लिए कह सकता है। अगर उसे लगता है कि उस व्यक्ति के पास मामले से संबंधित जानकारी हो सकती है या वह मामले से जुड़ा हो सकता है। लेकिन उसकी गिरफ्तारी आवश्यक नहीं है। जेल जाते वक्त चिल्लाकर जफर अली बोले- मैंने पोल खोल दी, इसलिए फंसाया
संभल हिंसा के 4 महीने बाद सदर जफर अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर रविवार रात मुरादाबाद जेल भेजा। जीप से उतरते ही जफर ने कहा- हिंसा के बाद मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसलिए मुझे जेल भेजा गया। जफर अली ने चिल्लाकर कहा- मुझे फंसाया गया, क्योंकि मैंने पुलिस वालों की पोल खोल दी थी। मैंने बता दिया था कि बच्चों को इन्होंने मारा है। हिंसा में जितने भी लोग मारे हैं, उन्हें पुलिस और प्रशासन ने मारा है। जफर अली संभल कोर्ट में वकालत करते हैं। ऐसे में सोमवार सुबह वकीलों ने गिरफ्तारी के विरोध में नारेबाजी करते हुए कलम बंद हड़ताल की। एडवोकेट अब्दुल रहमान ने कह- जफर अली के खिलाफ पुलिस झूठी कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने अपने प्राइवेट हथियारों से लोगों को मारा है। आज उन्हें न्यायिक आयोग के सामने लखनऊ में बयान देने थे, उसे रोकने के लिए पुलिस की यह सोची समझी साजिश है। जफर अली की जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल हुई है। 27 मार्च को सुनवाई होगी। जफर अली के 2 भाई और बेटा भी वकील
जफर अली पेशे से एडवोकेट हैं। उनके दो भाई- ताहिर अली और कमर अली भी अधिवक्ता हैं। पिता मोहम्मद हामिद अली यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर रहे। जफर अली ने दो शादी की है। पहली पत्नी से एक बेटी है। पत्नी की 20 साल पहले मौत हो गई थी। दूसरी पत्नी से एक बेटा हैदर अली और एक बेटी है। हैदर चंदौसी कोर्ट में प्रैक्टिस करता है। हिंसा में अब तक 3 महिलाओं समेत 80 की गिरफ्तारी
संभल हिंसा में अब तक 3 महिलाओं सहित 80 उपद्रवियों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। अभी तक किसी की जमानत नहीं हुई है। जस्टिस नारायण राय ने अब तक 130 जमानत याचिकाओं को खारिज किया है। डीएम बोले- तहसील को 11 जोन और 28 सेक्टर में बांटा गया
संभल डीएम राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि हमने तहसील को 11 जोन, 28 सेक्टर में बांटा है। हम शांति समिति की बैठक कर रहे हैं। हमारी तैयारियां पूरी हैं। हम चाहते हैं कि आगामी पर्व और त्योहार लोग शांति से मनाएं। संभल हिंसा के बाद लगभग 1800 लोगों को पाबंद किया गया है। हिंसा के कई अभियुक्त अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा में 4 की हुई थी मौत
जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि ये पहले हरिहर मंदिर था, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया। इसे लेकर 19 नवंबर, 2024 को संभल कोर्ट में याचिका दायर हुई थी। उसी दिन सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने मस्जिद के अंदर सर्वे करने का आदेश दिया। कोर्ट ने रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। उसी दिन शाम 4 बजे सर्वे के लिए टीम मस्जिद पहुंच गई। 2 घंटे सर्वे किया। हालांकि, उस दिन सर्वे पूरा नहीं हुआ। इसके बाद 24 नवंबर को सर्वे की टीम जामा मस्जिद पहुंची। मस्जिद के अंदर सर्वे हो रहा था। इसी दौरान बड़ी संख्या में लोग जुट गए। भीड़ ने पुलिस टीम पर पत्थर फेंके। इसके बाद हिंसा भड़क गई। इसमें गोली लगने से 4 लोगों की मौत हो गई थी। 2 जनवरी को दाखिल हुई थी सर्वे रिपोर्ट
2 जनवरी को संभल में शाही जामा मस्जिद की 45 पन्नों की सर्वे रिपोर्ट चंदौसी कोर्ट में दाखिल कर दी गई थी। 4.5 घंटे की वीडियोग्राफी और 1200 से अधिक फोटो भी अदालत को दिए गए। इसमें दावा किया गया कि जामा मस्जिद में मंदिर होने के सबूत मिले हैं। मस्जिद में 50 से ज्यादा फूल, निशान और कलाकृतियां मिली हैं। अंदर 2 वट वृक्ष हैं। हिंदू धर्म में वट वृक्ष की पूजा की जाती है। एक कुआं है, उसका आधा हिस्सा मस्जिद के अंदर और आधा हिस्सा बाहर है। बाहर वाले हिस्से को ढंक दिया गया है। पुराने ढांचे को बदला गया है। जिन जगहों पर पुराने ढांचे हैं, वहां नए निर्माण के सबूत मिले हैं। मंदिर वाले स्ट्रक्चर जैसे- दरवाजे, झरोखों और अलंकृत दीवारों पर प्लास्टर लगाकर पेंट कर दिया गया है। मस्जिद के भीतर जहां बड़ा गुंबद है, उस पर झूमर को तार से बांधकर एक चेन से लटकाया गया है। ऐसी चेन का इस्तेमाल मंदिरों में घंटों को लटकाने में किया जाता है। ——————————- ये खबर भी पढ़ेंः-
संभल हिंसा में जितने मरे, सबको पुलिस ने मारा: जेल जाते वक्त चिल्लाकर जफर अली बोले- मैंने पोल खोल दी, इसलिए फंसाया संभल हिंसा के 4 महीने बाद जामा मस्जिद के सदर जफर अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। रविवार रात साढ़े 9 बजे मुरादाबाद जेल भेज दिया गया। जीप से उतरते ही जफर ने कहा- हिंसा के बाद मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसलिए मुझे जेल भेजा गया। पढ़ें पूरी खबर… संभल में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के मकान की नपाई की गई। PWD विभाग के अफसर सोमवार दोपहर उनके घर पहुंचे। फीता लगाकर पूरा घर नापा। अफसरों की टीम करीब 40 मिनट रही। टीम में दो AE, तीन JE समेत भारी संख्या में कर्मचारी थे। वहीं, जामा मस्जिद के सदर जफर अली की गिरफ्तारी के बाद अब सपा सांसद पर भी शिकंजा कस सकता है। SP कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया- सांसद को पूछताछ के लिए जल्द ही 41(A) का नोटिस जारी किया जाएगा। हिंसा मामले में सांसद बर्क भी नामजद अभियुक्त हैं। इसलिए उनसे पूछताछ जरूरी है। सांसद बर्क से यह जानना जरूरी है कि उन्होंने हिंसा से पहले और बाद में किससे क्या बातचीत की थी। उनके स्टेटमेंट और कोर्ट में दिए गए हलफनामे की भी जांच होगी। गिरफ्तारी के सवाल पर एसपी ने कहा, यह जांच अधिकारी के विवेक पर निर्भर करेगा। इधर, दिल्ली में सांसद ने कहा, पुलिस लगातार कानून का मजाक उड़ा रही है। संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यह पूरा देश देख रहा है। जफर अली की गलती सिर्फ इतनी है कि उन्होंने सच उजागर किया। उनकी गलती सिर्फ इतनी है कि उन्होंने प्रेस को वो बताया जो उन्होंने अपनी आंखों से देखा…। इन बातों से लोग दबे-कुचले महसूस नहीं करेंगे, बल्कि हिम्मत के साथ इसे स्वीकार करेंगे। कानून व्यवस्था को वैसे ही कायम रखा जाएगा, जैसा पहले था। हम कोर्ट जाएंगे। जितना जुल्म बढ़ेगा, हमारे लोगों की हिम्मत उतनी ही बढ़ती जाएगी। नपाई की 2 तस्वीरें देखिए… क्या है धारा 41A?
धारा 41A के तहत, पुलिस अधिकारी किसी व्यक्ति को नोटिस भेजकर उसे पुलिस स्टेशन या किसी अन्य स्थान पर उपस्थित होने के लिए कह सकता है। अगर उसे लगता है कि उस व्यक्ति के पास मामले से संबंधित जानकारी हो सकती है या वह मामले से जुड़ा हो सकता है। लेकिन उसकी गिरफ्तारी आवश्यक नहीं है। जेल जाते वक्त चिल्लाकर जफर अली बोले- मैंने पोल खोल दी, इसलिए फंसाया
संभल हिंसा के 4 महीने बाद सदर जफर अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर रविवार रात मुरादाबाद जेल भेजा। जीप से उतरते ही जफर ने कहा- हिंसा के बाद मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसलिए मुझे जेल भेजा गया। जफर अली ने चिल्लाकर कहा- मुझे फंसाया गया, क्योंकि मैंने पुलिस वालों की पोल खोल दी थी। मैंने बता दिया था कि बच्चों को इन्होंने मारा है। हिंसा में जितने भी लोग मारे हैं, उन्हें पुलिस और प्रशासन ने मारा है। जफर अली संभल कोर्ट में वकालत करते हैं। ऐसे में सोमवार सुबह वकीलों ने गिरफ्तारी के विरोध में नारेबाजी करते हुए कलम बंद हड़ताल की। एडवोकेट अब्दुल रहमान ने कह- जफर अली के खिलाफ पुलिस झूठी कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने अपने प्राइवेट हथियारों से लोगों को मारा है। आज उन्हें न्यायिक आयोग के सामने लखनऊ में बयान देने थे, उसे रोकने के लिए पुलिस की यह सोची समझी साजिश है। जफर अली की जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल हुई है। 27 मार्च को सुनवाई होगी। जफर अली के 2 भाई और बेटा भी वकील
जफर अली पेशे से एडवोकेट हैं। उनके दो भाई- ताहिर अली और कमर अली भी अधिवक्ता हैं। पिता मोहम्मद हामिद अली यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर रहे। जफर अली ने दो शादी की है। पहली पत्नी से एक बेटी है। पत्नी की 20 साल पहले मौत हो गई थी। दूसरी पत्नी से एक बेटा हैदर अली और एक बेटी है। हैदर चंदौसी कोर्ट में प्रैक्टिस करता है। हिंसा में अब तक 3 महिलाओं समेत 80 की गिरफ्तारी
संभल हिंसा में अब तक 3 महिलाओं सहित 80 उपद्रवियों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। अभी तक किसी की जमानत नहीं हुई है। जस्टिस नारायण राय ने अब तक 130 जमानत याचिकाओं को खारिज किया है। डीएम बोले- तहसील को 11 जोन और 28 सेक्टर में बांटा गया
संभल डीएम राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि हमने तहसील को 11 जोन, 28 सेक्टर में बांटा है। हम शांति समिति की बैठक कर रहे हैं। हमारी तैयारियां पूरी हैं। हम चाहते हैं कि आगामी पर्व और त्योहार लोग शांति से मनाएं। संभल हिंसा के बाद लगभग 1800 लोगों को पाबंद किया गया है। हिंसा के कई अभियुक्त अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा में 4 की हुई थी मौत
जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि ये पहले हरिहर मंदिर था, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया। इसे लेकर 19 नवंबर, 2024 को संभल कोर्ट में याचिका दायर हुई थी। उसी दिन सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने मस्जिद के अंदर सर्वे करने का आदेश दिया। कोर्ट ने रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। उसी दिन शाम 4 बजे सर्वे के लिए टीम मस्जिद पहुंच गई। 2 घंटे सर्वे किया। हालांकि, उस दिन सर्वे पूरा नहीं हुआ। इसके बाद 24 नवंबर को सर्वे की टीम जामा मस्जिद पहुंची। मस्जिद के अंदर सर्वे हो रहा था। इसी दौरान बड़ी संख्या में लोग जुट गए। भीड़ ने पुलिस टीम पर पत्थर फेंके। इसके बाद हिंसा भड़क गई। इसमें गोली लगने से 4 लोगों की मौत हो गई थी। 2 जनवरी को दाखिल हुई थी सर्वे रिपोर्ट
2 जनवरी को संभल में शाही जामा मस्जिद की 45 पन्नों की सर्वे रिपोर्ट चंदौसी कोर्ट में दाखिल कर दी गई थी। 4.5 घंटे की वीडियोग्राफी और 1200 से अधिक फोटो भी अदालत को दिए गए। इसमें दावा किया गया कि जामा मस्जिद में मंदिर होने के सबूत मिले हैं। मस्जिद में 50 से ज्यादा फूल, निशान और कलाकृतियां मिली हैं। अंदर 2 वट वृक्ष हैं। हिंदू धर्म में वट वृक्ष की पूजा की जाती है। एक कुआं है, उसका आधा हिस्सा मस्जिद के अंदर और आधा हिस्सा बाहर है। बाहर वाले हिस्से को ढंक दिया गया है। पुराने ढांचे को बदला गया है। जिन जगहों पर पुराने ढांचे हैं, वहां नए निर्माण के सबूत मिले हैं। मंदिर वाले स्ट्रक्चर जैसे- दरवाजे, झरोखों और अलंकृत दीवारों पर प्लास्टर लगाकर पेंट कर दिया गया है। मस्जिद के भीतर जहां बड़ा गुंबद है, उस पर झूमर को तार से बांधकर एक चेन से लटकाया गया है। ऐसी चेन का इस्तेमाल मंदिरों में घंटों को लटकाने में किया जाता है। ——————————- ये खबर भी पढ़ेंः-
संभल हिंसा में जितने मरे, सबको पुलिस ने मारा: जेल जाते वक्त चिल्लाकर जफर अली बोले- मैंने पोल खोल दी, इसलिए फंसाया संभल हिंसा के 4 महीने बाद जामा मस्जिद के सदर जफर अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। रविवार रात साढ़े 9 बजे मुरादाबाद जेल भेज दिया गया। जीप से उतरते ही जफर ने कहा- हिंसा के बाद मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसलिए मुझे जेल भेजा गया। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर