रोहतक में जैन साध्वी बनने की ओर कदम बढ़ा रहीं लब्धि जैन का श्रद्धालु अपने घरों में गाजे-बाजे के साथ स्वागत कर रहे हैं। मंगल गीतों के बीच लब्धि जैन को वह सारी खुशियां देने का प्रयास किया जा रहा है, जो शादी के समय एक लड़की का सपना होता है। विवाह की सभी रस्में निभाई जा रही हैं। गांव बिबलां सोनीपत निवासी लब्धि जैन का दीक्षा समारोह 5 जून को महाराजा अग्रसेन ऑडिटोरियम में होगा, लेकिन उससे पहले कई तरह की रस्में चल रही हैं। जिस तरह शादी के समय दुल्हन को हल्दी लगाना, तेल चढ़ाना, उसे कुंडे पर बैठाना, मंगल गीत गाना, हाथों में मेहंदी लगाना आदि कई रस्में होती हैं, उसी तरह साध्वी बनने से पहले भी ये सभी रस्में निभाई जा रही हैं। दुल्हन की तरह सजकर निकलती है लब्धि जैन
बान की रस्म के लिए जब कोई श्रद्धालु लब्धि जैन को अपने घर लेकर जाता है तो लब्धि पूरी तरह एक दुल्हन की तरह सजती संवरती है। लाल रंग का जोड़ा, हाथों में चूडिय़ां, माथे पर टीका, कानों में बाली, गले में हार, पैरों में पायल जैसे तमाम गहने धारण करती है। लब्धि जहां जाती है, श्रद्धालु पूरे जोश व उत्साह के साथ उसका स्वागत करते हैं। ढोल पर नाचते दिखे श्रद्धालु
लब्धि जैन बान की रस्म के लिए श्रद्धालु के घर पहुंची तो उसका जोरदार स्वागत किया गया। ढोल बजाते हुए श्रद्धालुओं ने लब्धि जैन का बिल्कुल एक नई दुल्हन की तरह ही स्वागत किया। नाचते हुए श्रद्धालुओं ने लब्धि के घर पहुंचने पर खुशी मनाई और बान की पूरी रस्म को हंसी खुशी पूरा किया। दीक्षा मंत्र लेने में बचे 3 दिन
लब्धि जैन के दीक्षा मंत्र लेने में अब मात्र 3 दिन ही शेष है। 4 जून को मेहंदी की रस्म होगी, जिसके बाद एक-एक पल साध्वी बनने की तरफ बढ़ने लगेगा। 5 जून को सुबह ही मंगल कलश व रथ यात्रा के साथ दीक्षा स्थल पर लब्धि जैन पहुंचेगी, जहां दीक्षा मंत्र लेकर लब्धि की साध्वी बनने की यात्रा पूरी होगी। रोहतक में जैन साध्वी बनने की ओर कदम बढ़ा रहीं लब्धि जैन का श्रद्धालु अपने घरों में गाजे-बाजे के साथ स्वागत कर रहे हैं। मंगल गीतों के बीच लब्धि जैन को वह सारी खुशियां देने का प्रयास किया जा रहा है, जो शादी के समय एक लड़की का सपना होता है। विवाह की सभी रस्में निभाई जा रही हैं। गांव बिबलां सोनीपत निवासी लब्धि जैन का दीक्षा समारोह 5 जून को महाराजा अग्रसेन ऑडिटोरियम में होगा, लेकिन उससे पहले कई तरह की रस्में चल रही हैं। जिस तरह शादी के समय दुल्हन को हल्दी लगाना, तेल चढ़ाना, उसे कुंडे पर बैठाना, मंगल गीत गाना, हाथों में मेहंदी लगाना आदि कई रस्में होती हैं, उसी तरह साध्वी बनने से पहले भी ये सभी रस्में निभाई जा रही हैं। दुल्हन की तरह सजकर निकलती है लब्धि जैन
बान की रस्म के लिए जब कोई श्रद्धालु लब्धि जैन को अपने घर लेकर जाता है तो लब्धि पूरी तरह एक दुल्हन की तरह सजती संवरती है। लाल रंग का जोड़ा, हाथों में चूडिय़ां, माथे पर टीका, कानों में बाली, गले में हार, पैरों में पायल जैसे तमाम गहने धारण करती है। लब्धि जहां जाती है, श्रद्धालु पूरे जोश व उत्साह के साथ उसका स्वागत करते हैं। ढोल पर नाचते दिखे श्रद्धालु
लब्धि जैन बान की रस्म के लिए श्रद्धालु के घर पहुंची तो उसका जोरदार स्वागत किया गया। ढोल बजाते हुए श्रद्धालुओं ने लब्धि जैन का बिल्कुल एक नई दुल्हन की तरह ही स्वागत किया। नाचते हुए श्रद्धालुओं ने लब्धि के घर पहुंचने पर खुशी मनाई और बान की पूरी रस्म को हंसी खुशी पूरा किया। दीक्षा मंत्र लेने में बचे 3 दिन
लब्धि जैन के दीक्षा मंत्र लेने में अब मात्र 3 दिन ही शेष है। 4 जून को मेहंदी की रस्म होगी, जिसके बाद एक-एक पल साध्वी बनने की तरफ बढ़ने लगेगा। 5 जून को सुबह ही मंगल कलश व रथ यात्रा के साथ दीक्षा स्थल पर लब्धि जैन पहुंचेगी, जहां दीक्षा मंत्र लेकर लब्धि की साध्वी बनने की यात्रा पूरी होगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
