हरियाणा के हिसार से विधायक एवं जिंदल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल अब देश की सबसे अमीर नहीं है, उनकी जगह अब रोशनी नाडार ने ले ली है। रोशनी नाडार HCL ग्रुप की मालकिन हैं। हाल ही में उनके पिता हिंदुस्तान कंप्यूटर्स लिमिटेड यानी HCL ग्रुप के संस्थापक शिव नाडार ने बेटी रोशनी नाडार मल्होत्रा को कंपनी की 47% हिस्सेदारी ट्रांसफर की है। ‘ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स’ के मुताबिक, रोशनी की संपत्ति 3.13 लाख करोड़ रुपए हो गई है। रोशनी अब तीसरी सबसे अमीर भारतीय बन गई हैं। उनसे ज्यादा संपत्ति सिर्फ मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी के पास है। वहीं सावित्री जिंदल के पास 2.63 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है। सावित्री जिंदल देश की पांचवीं अमीर हस्ती हैं और दूसरी सबसे अमीर भारतीय महिला अब बन गई हैं। सावित्री जिंदल हरियाणा के हिसार के रहने वाले स्टील किंग स्व. ओपी जिंदल की पत्नी हैं। इनके बेटे नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद हैं। 6 महीने में सावित्री जिंदल की संपत्ति घटी
6 महीने पहले फॉर्च्यून इंडिया ने सबसे अमीर लोगों की सूची जारी की थी। जिसके मुताबिक 74 वर्षीय सावित्री देवी जिंदल लगभग 2.77 लाख करोड़ रुपए की मालकिन थी। मगर अब ‘ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स’ ने रिपोर्ट जारी कर बताया है कि सावित्री जिंदल की संपत्ति 2.63 लाख करोड़ रुपए है। 6 महीना पहले सावित्री जिंदल टॉप 10 भारतीय में इकलौती महिला होने के साथ वह चौथे स्थान पर थी, मगर अब वह पांचवें स्थान पर हो गई हैं। इतना ही नहीं टॉप 10 में दूसरी महिला रोशनी नाडार भी आ गई हैं जो से आगे निकल गई हैं। सावित्री जिंदल 2024 में 3 बार विधायक बनीं
सावित्री जिंदल ने पति की मौत के बाद 2005 में हिसार से उपचुनाव लड़ा और जीतकर राजनीति में एंट्री की। लगातार दो चुनाव जीतकर हरियाणा कैबिनेट में मंत्री बनी थी। 2014 में मोदी लहर में वह हिसार से चुनाव हार गईं। इसके बाद 2019 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा। 2024 में वह हिसार से भाजपा की टिकट की दावेदार थी मगर उनका टिकट काटकर पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता को भाजपा ने टिकट दे दिया। सावित्री जिंदल समर्थकों की मांग पर निर्दलीय चुनाव में उतरीं और जीत हासिल की। सावित्री जिंदल ने हरियाणा में BJP सरकार को अपना समर्थन दिया हुआ है। कोलकाता में लगाई पहली फैक्ट्री
हिसार के गांव नलवा में जन्मे ओपी जिंदल किसान परिवार से आते हैं। छठी कक्षा तक पढ़े ओपी जिंदल अपने भाइयों की तरह ही बाहर जाकर कमाना चाहते थे। दूसरे विश्व युद्ध के अंतिम समय में असम अमेरिकी फौजियों का बड़ा गढ़ था। इसलिए युद्ध के बाद लोहे और इस्पात से बना बहुत सा माल, वे यहीं छोड़ गए थे। ओपी जिंदल को यहीं से व्यापार करने का आइडिया आया। साल 1952 में जिंदल ने कोलकाता के पास लिलुआ में पाइप बेंड और सॉकेट बनाने की फैक्ट्री लगाई। उन्होंने इस फैक्ट्री का नाम जिंदल इंडिया लिमिटेड रखा। यहीं से उनके सफर की शुरुआत हुई। ओपी जिंदल असम के बाजारों से नीलामी में पुराने पाइप खरीदते थे और उन्हें कोलकाता में बेचते थे। टाटा और कलिंग के बाद भारत में यह तीसरी इस किस्म की फैक्ट्री थी। इसके बाद 1960 में ओपी जिंदल अपने पैतृक जिले हिसार में वापस आ गए। हिसार में बाल्टी बनाने का काम शुरू किया
ओपी जिंदल ने हिसार आकर सबसे पहले बाल्टी बनाने की फैक्ट्री लगाई। इससे आमदनी शुरू हुई तो 1962 में जिंदल इंडिया लिमिटेड हिसार में भी फैक्ट्री खोल दी। इसके बाद 1969 में जिंदल स्ट्रिप्स लिमिटेड के नाम से फैक्ट्री खोली। आज इसका नाम स्टेनलेस है। अब जिंदल ग्रुप का देश विदेश में इस्पात, बिजली, सीमेंट और बुनियादी ढांचे में निवेश है। साल 2005 में हेलिकॉप्टर क्रैश में ओपी जिंदल की मौत के बाद जिंदल समूह की कंपनियों का 4 बेटों में बंटवारा हो गया। उनमें से एक बिजनेस टाइकून सज्जन जिंदल हैं, जो JSW स्टील चलाते हैं। 15 साल की उम्र में 6 बच्चों के पिता से शादी की
सावित्री जिंदल का जन्म असम के तिनसुकिया में 20 मार्च 1950 को जन्म हुआ था। उनकी 15 साल की उम्र में ओपी जिंदल से शादी हो गई। ओपी जिंदल की यह दूसरी शादी थी। जिंदल को पहले पत्नी विद्या देवी से 6 बच्चे हैं। नवीन जिंदल सावित्री जिंदल का बेटे हैं और नवीन की 3 और बहने भी हैं। सावित्री देवी ने छोटी उम्र में 6 बच्चों के साथ-साथ पति और अपने 4 बच्चों को भी पाला। 2005 में पति की मौत के बाद बिजनेस संभाला और राजनीति में भी हाथ आजमाए। सावित्री जिंदल ने पति की मौत के बाद 2005 में हिसार से उपचुनाव लड़ा और जीतकर राजनीति में एंट्री की। लगातार दो चुनाव जीतकर हरियाणा कैबिनेट में मंत्री बनी। हरियाणा के हिसार से विधायक एवं जिंदल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल अब देश की सबसे अमीर नहीं है, उनकी जगह अब रोशनी नाडार ने ले ली है। रोशनी नाडार HCL ग्रुप की मालकिन हैं। हाल ही में उनके पिता हिंदुस्तान कंप्यूटर्स लिमिटेड यानी HCL ग्रुप के संस्थापक शिव नाडार ने बेटी रोशनी नाडार मल्होत्रा को कंपनी की 47% हिस्सेदारी ट्रांसफर की है। ‘ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स’ के मुताबिक, रोशनी की संपत्ति 3.13 लाख करोड़ रुपए हो गई है। रोशनी अब तीसरी सबसे अमीर भारतीय बन गई हैं। उनसे ज्यादा संपत्ति सिर्फ मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी के पास है। वहीं सावित्री जिंदल के पास 2.63 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है। सावित्री जिंदल देश की पांचवीं अमीर हस्ती हैं और दूसरी सबसे अमीर भारतीय महिला अब बन गई हैं। सावित्री जिंदल हरियाणा के हिसार के रहने वाले स्टील किंग स्व. ओपी जिंदल की पत्नी हैं। इनके बेटे नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद हैं। 6 महीने में सावित्री जिंदल की संपत्ति घटी
6 महीने पहले फॉर्च्यून इंडिया ने सबसे अमीर लोगों की सूची जारी की थी। जिसके मुताबिक 74 वर्षीय सावित्री देवी जिंदल लगभग 2.77 लाख करोड़ रुपए की मालकिन थी। मगर अब ‘ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स’ ने रिपोर्ट जारी कर बताया है कि सावित्री जिंदल की संपत्ति 2.63 लाख करोड़ रुपए है। 6 महीना पहले सावित्री जिंदल टॉप 10 भारतीय में इकलौती महिला होने के साथ वह चौथे स्थान पर थी, मगर अब वह पांचवें स्थान पर हो गई हैं। इतना ही नहीं टॉप 10 में दूसरी महिला रोशनी नाडार भी आ गई हैं जो से आगे निकल गई हैं। सावित्री जिंदल 2024 में 3 बार विधायक बनीं
सावित्री जिंदल ने पति की मौत के बाद 2005 में हिसार से उपचुनाव लड़ा और जीतकर राजनीति में एंट्री की। लगातार दो चुनाव जीतकर हरियाणा कैबिनेट में मंत्री बनी थी। 2014 में मोदी लहर में वह हिसार से चुनाव हार गईं। इसके बाद 2019 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा। 2024 में वह हिसार से भाजपा की टिकट की दावेदार थी मगर उनका टिकट काटकर पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता को भाजपा ने टिकट दे दिया। सावित्री जिंदल समर्थकों की मांग पर निर्दलीय चुनाव में उतरीं और जीत हासिल की। सावित्री जिंदल ने हरियाणा में BJP सरकार को अपना समर्थन दिया हुआ है। कोलकाता में लगाई पहली फैक्ट्री
हिसार के गांव नलवा में जन्मे ओपी जिंदल किसान परिवार से आते हैं। छठी कक्षा तक पढ़े ओपी जिंदल अपने भाइयों की तरह ही बाहर जाकर कमाना चाहते थे। दूसरे विश्व युद्ध के अंतिम समय में असम अमेरिकी फौजियों का बड़ा गढ़ था। इसलिए युद्ध के बाद लोहे और इस्पात से बना बहुत सा माल, वे यहीं छोड़ गए थे। ओपी जिंदल को यहीं से व्यापार करने का आइडिया आया। साल 1952 में जिंदल ने कोलकाता के पास लिलुआ में पाइप बेंड और सॉकेट बनाने की फैक्ट्री लगाई। उन्होंने इस फैक्ट्री का नाम जिंदल इंडिया लिमिटेड रखा। यहीं से उनके सफर की शुरुआत हुई। ओपी जिंदल असम के बाजारों से नीलामी में पुराने पाइप खरीदते थे और उन्हें कोलकाता में बेचते थे। टाटा और कलिंग के बाद भारत में यह तीसरी इस किस्म की फैक्ट्री थी। इसके बाद 1960 में ओपी जिंदल अपने पैतृक जिले हिसार में वापस आ गए। हिसार में बाल्टी बनाने का काम शुरू किया
ओपी जिंदल ने हिसार आकर सबसे पहले बाल्टी बनाने की फैक्ट्री लगाई। इससे आमदनी शुरू हुई तो 1962 में जिंदल इंडिया लिमिटेड हिसार में भी फैक्ट्री खोल दी। इसके बाद 1969 में जिंदल स्ट्रिप्स लिमिटेड के नाम से फैक्ट्री खोली। आज इसका नाम स्टेनलेस है। अब जिंदल ग्रुप का देश विदेश में इस्पात, बिजली, सीमेंट और बुनियादी ढांचे में निवेश है। साल 2005 में हेलिकॉप्टर क्रैश में ओपी जिंदल की मौत के बाद जिंदल समूह की कंपनियों का 4 बेटों में बंटवारा हो गया। उनमें से एक बिजनेस टाइकून सज्जन जिंदल हैं, जो JSW स्टील चलाते हैं। 15 साल की उम्र में 6 बच्चों के पिता से शादी की
सावित्री जिंदल का जन्म असम के तिनसुकिया में 20 मार्च 1950 को जन्म हुआ था। उनकी 15 साल की उम्र में ओपी जिंदल से शादी हो गई। ओपी जिंदल की यह दूसरी शादी थी। जिंदल को पहले पत्नी विद्या देवी से 6 बच्चे हैं। नवीन जिंदल सावित्री जिंदल का बेटे हैं और नवीन की 3 और बहने भी हैं। सावित्री देवी ने छोटी उम्र में 6 बच्चों के साथ-साथ पति और अपने 4 बच्चों को भी पाला। 2005 में पति की मौत के बाद बिजनेस संभाला और राजनीति में भी हाथ आजमाए। सावित्री जिंदल ने पति की मौत के बाद 2005 में हिसार से उपचुनाव लड़ा और जीतकर राजनीति में एंट्री की। लगातार दो चुनाव जीतकर हरियाणा कैबिनेट में मंत्री बनी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
