भाजपा यूपी में लोकसभा की 47 सीटें क्यों हारी? ये सवाल जहां भाजपा हाईकमान को परेशान कर रहा है। वहीं अब पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की कलह भी खुलकर सामने आने लगी है। सिद्धार्थनगर में भाजपा की हार पर समीक्षा बैठक से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। जमकर लात-घूसे चले। सहारनपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने PWD राज्यमंत्री और नगर विधायक पर हार का ठीकरा फोड़ा। जबकि लखनऊ में भाजपा विधायक डॉ. नीरज बोरा का दर्द छलका। उन्होंने कहा- पुलिस ने मुझे भी नहीं बख्शा। अब सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए तीनों घटनाएं… 1. सिद्धार्थनगर: समीक्षा बैठक से पहले जमकर मारपीट सिद्धार्थनगर के इटवा में लोकसभा चुनाव की समीक्षा बैठक से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। जिलाध्यक्ष मुर्दाबाद के नारे लगे। कार्यकर्ताओं के गुटों के बीच कहासुनी हो गई और लात-घूसे भी चले। भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को जमकर पीटा। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। यह बैठक इटवा विधानसभा क्षेत्र में होनी थी। काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय महामंत्री सुशील तिवारी और मथुरा जिले के विधायक राजेश चौधरी समीक्षा करने पहुंचे थे। डाकबंगले के अंदर पदाधिकारी बैठे थे और बाहर कार्यकर्ता थे। इसी बीच कुछ लोग आरोप लगाने लगे कि लोकसभा चुनाव में जो लोग साइकिल चला रहे थे, वह क्यों आए हैं। इस पर बात बहुत बढ़ गई और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। 2 गुटों में बंटे कार्यकर्ता हंगामा करने लगे। जिलाध्यक्ष को लेकर नारेबाजी शुरू हो गई। इस बीच कार्यकर्ता हाथापाई करने लगे और देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई। इस दौरान लोगों ने दोनों पक्षों को समझाकर मामले को शांत कराया। इसके बाद बैठक शुरू हुई। 2. सहारनपुर : भाजपा PWD मंत्री, नगर विधायक पर चुनाव हार का ठीकरा फूटा सहारनपुर लोकसभा सीट की हार को लेकर भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला ने समीक्षा बैठक की। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने PWD राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह और विधायक राजीव गुंबर पर हार ठीकरा फोड़ा। दोनों पर साजिश कर सीट हराने का आरोप लगाया। जिसके बाद विवाद जैसी नौबत बन गई और बैठक को रोकना पड़ा। फिर एक-एक पदाधिकारियों को अंदर बुलाकर हार का कारण पूछा गया। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया- नानौता में ठाकुरों की महापंचायत के बाद भाजपा के खिलाफ माहौल तैयार हुआ। महापंचायत कराने में भाजपा के मंत्री और नेताओं का हाथ रहा है। मंत्री ने ठाकुरों की महापंचायत को फंडिंग की है। भाजपा के नगर विधायक राजीव गुंबर ने चुनाव हराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। तभी राज्य मंत्री बृजेश सिंह के समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच नोकझोंक हुई। हंगामा ज्यादा बढ़ता देख बैठक को बीच में ही रोकना पड़ा। इस मामले की रिपोर्ट हाई कमान को भेजी गई है। 3. विधायक बोले- पुलिस ने मुझे भी नहीं बख्शा लखनऊ में राजनाथ सिंह का दौरा है। उससे पहले महानगर कमेटी की बैठक हुई। मुद्दा राजनाथ सिंह का दौरा था, मगर चर्चाएं लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन भी रहा। अधिकांश कार्यकर्ताओं में नाराजगी दिखी। अपेक्षा से कम वोटिंग होने पर पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा को कारण बताया गया। उत्तर क्षेत्र के विधायक डॉ. नीरज बोरा ने कहा- त्रिवेणीनगर के ब्राइट लैंड स्कूल मतदान केंद्र पहुंचे तो मेरे साथ दो इंस्पेक्टर ने अभद्रता की। धक्का-मुक्की हुई। इसको लेकर विधायक ने चुनाव आयोग से लेकर कमिश्नर ऑफिस तक शिकायत की। मगर कुछ हुआ नहीं। उन्होंने कहा- ऐसी घटनाओं से कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरता है। भाजपा यूपी में लोकसभा की 47 सीटें क्यों हारी? ये सवाल जहां भाजपा हाईकमान को परेशान कर रहा है। वहीं अब पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की कलह भी खुलकर सामने आने लगी है। सिद्धार्थनगर में भाजपा की हार पर समीक्षा बैठक से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। जमकर लात-घूसे चले। सहारनपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने PWD राज्यमंत्री और नगर विधायक पर हार का ठीकरा फोड़ा। जबकि लखनऊ में भाजपा विधायक डॉ. नीरज बोरा का दर्द छलका। उन्होंने कहा- पुलिस ने मुझे भी नहीं बख्शा। अब सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए तीनों घटनाएं… 1. सिद्धार्थनगर: समीक्षा बैठक से पहले जमकर मारपीट सिद्धार्थनगर के इटवा में लोकसभा चुनाव की समीक्षा बैठक से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। जिलाध्यक्ष मुर्दाबाद के नारे लगे। कार्यकर्ताओं के गुटों के बीच कहासुनी हो गई और लात-घूसे भी चले। भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को जमकर पीटा। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। यह बैठक इटवा विधानसभा क्षेत्र में होनी थी। काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय महामंत्री सुशील तिवारी और मथुरा जिले के विधायक राजेश चौधरी समीक्षा करने पहुंचे थे। डाकबंगले के अंदर पदाधिकारी बैठे थे और बाहर कार्यकर्ता थे। इसी बीच कुछ लोग आरोप लगाने लगे कि लोकसभा चुनाव में जो लोग साइकिल चला रहे थे, वह क्यों आए हैं। इस पर बात बहुत बढ़ गई और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। 2 गुटों में बंटे कार्यकर्ता हंगामा करने लगे। जिलाध्यक्ष को लेकर नारेबाजी शुरू हो गई। इस बीच कार्यकर्ता हाथापाई करने लगे और देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई। इस दौरान लोगों ने दोनों पक्षों को समझाकर मामले को शांत कराया। इसके बाद बैठक शुरू हुई। 2. सहारनपुर : भाजपा PWD मंत्री, नगर विधायक पर चुनाव हार का ठीकरा फूटा सहारनपुर लोकसभा सीट की हार को लेकर भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला ने समीक्षा बैठक की। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने PWD राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह और विधायक राजीव गुंबर पर हार ठीकरा फोड़ा। दोनों पर साजिश कर सीट हराने का आरोप लगाया। जिसके बाद विवाद जैसी नौबत बन गई और बैठक को रोकना पड़ा। फिर एक-एक पदाधिकारियों को अंदर बुलाकर हार का कारण पूछा गया। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया- नानौता में ठाकुरों की महापंचायत के बाद भाजपा के खिलाफ माहौल तैयार हुआ। महापंचायत कराने में भाजपा के मंत्री और नेताओं का हाथ रहा है। मंत्री ने ठाकुरों की महापंचायत को फंडिंग की है। भाजपा के नगर विधायक राजीव गुंबर ने चुनाव हराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। तभी राज्य मंत्री बृजेश सिंह के समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच नोकझोंक हुई। हंगामा ज्यादा बढ़ता देख बैठक को बीच में ही रोकना पड़ा। इस मामले की रिपोर्ट हाई कमान को भेजी गई है। 3. विधायक बोले- पुलिस ने मुझे भी नहीं बख्शा लखनऊ में राजनाथ सिंह का दौरा है। उससे पहले महानगर कमेटी की बैठक हुई। मुद्दा राजनाथ सिंह का दौरा था, मगर चर्चाएं लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन भी रहा। अधिकांश कार्यकर्ताओं में नाराजगी दिखी। अपेक्षा से कम वोटिंग होने पर पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा को कारण बताया गया। उत्तर क्षेत्र के विधायक डॉ. नीरज बोरा ने कहा- त्रिवेणीनगर के ब्राइट लैंड स्कूल मतदान केंद्र पहुंचे तो मेरे साथ दो इंस्पेक्टर ने अभद्रता की। धक्का-मुक्की हुई। इसको लेकर विधायक ने चुनाव आयोग से लेकर कमिश्नर ऑफिस तक शिकायत की। मगर कुछ हुआ नहीं। उन्होंने कहा- ऐसी घटनाओं से कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरता है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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मुस्लिमों ने भाजपा प्रत्याशी को नोटों से तौला:मुरादाबाद में बक्से में भरकर लाए थे रुपए; बोले- मुसलमान वोट और नोट दोनों देगा मुरादाबाद में भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह ठाकुर को प्रचार के अंतिम दिन सोमवार को मुस्लिम मतदाताओं ने नोटों से तौला। मुस्लिमों ने रामवीर से कहा, ‘हम इस मिथक को तोड़ देंगे कि मुसलमान भाजपा को वोट नहीं देता है। हम रामवीर को वोट भी देंगे और चुनाव लड़ाने के लिए नोट भी देंगे।’ भाजपा प्रत्याशी को नोटों से तौले जाने के 2 वीडियो सामने आए हैं। वीडियो कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में मूंढापांडे के मुस्लिम बहुल गांव कमालपुर फतेहाबाद का है। रामवीर ठाकुर यहां एक नुक्कड़ सभा को संबोधित करने पहुंचे थे। मुस्लिम समर्थकों ने मंच पर इलेक्ट्रानिक कांटा लगाकर पहले रामवीर का वजन किया, फिर एक बक्से में भरकर उनके वजन के बराबर नोट तौले। ये रुपए मुस्लिम समाज ने चंदा करके इकट्ठा किया था। नुक्कड़ सभा के बाद रामवीर जैसे ही मंच से नीचे उतरे तो मुस्लिमों ने शगुन के तौर पर उन्हें पैसे भी दिए। किसी ने 100 तो किसी ने 500 का नोट भाजपा प्रत्याशी को जेब से निकालकर दिया। रामवीर ठाकुर इन पैसों को माथे से लगाकर लोगों के प्रति अपना आभार जताते देखे गए। रामवीर मुस्लिमों में क्यों हुए इतने लोकप्रिय, जानिए वजह… मुस्लिमों के काम आने वाले इकलौते भाजपा नेता
रामवीर ठाकुर और सर्वेश सिंह, मुरादाबाद में ये दो भाजपा नेता थे, जिनके घर के दरवाजे हमेशा मुस्लिमों के लिए खुले रहे। सरकार आने के बाद इन दोनों नेताओं ने जितने काम हिंदू समर्थकों के किए, उतने ही ये मुस्लिम समर्थकों के भी काम आए। कुंवर सर्वेश सिंह की लोकसभा चुनाव के दौरान बीमारी से मौत हो गई। अब अकेले रामवीर सिंह बचे हैं, जिनका जिले में मुस्लिम वोटर्स से सीधा जुड़ाव है। तुर्कों के गढ़ में इतिहास बदलने की ओर मुसलमान
कुंदरकी सीट पर करीब 60 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। इनमें भी करीब 80 हजार वोट अकेले तुर्क बिरादरी के हैं। यही वजह है कि पिछले 3 दशक में यहां तुर्क बिरादरी के नेता ही चुनाव जीतकर विधायक बनते रहे हैं। 5 बार इस सीट पर पूर्व मंत्री हाजी अकबर और 3 बार मौजूदा सपा प्रत्याशी हाजी रिजवान ने चुनाव जीता है। एक बार बर्क के पोते जियाउर्रमान भी 2022 में यहां से विधायक रह चुके हैं। ये सभी तुर्क बिरादरी से ही थे। लेकिन, पहली बार भाजपा कुंदरकी सीट पर सपा को कड़ा मुकाबला दे रही है। दरअसल, भाजपा प्रत्याशी रामवीर ठाकुर की मुस्लिमों में मजबूत पकड़ है। 2017 में भी उन्हें मुस्लिमों ने बड़ी तादाद में वोट किया था। लेकिन, तमाम कोशिशों के बाद भी रामवीर उस समय करीब 10 हजार वोटों के अंतर से हाजी रिजवान से चुनाव हार गए थे। लेकिन इस बार परिस्थितियां बदली हुई हैं। शेखजादा, पठान और कुरैशी बिरादरी में नाराजगी
हाजी रिजवान के बेटे कल्लन ने सपा की सरकार के दौरान इलाके में काफी दबंगई दिखाई। कल्लन की हरकतों ने एक बार तो हाजी रिजवान को भी परेशान कर दिया था। सपा सरकार में कल्लन की दबंगई का शिकार होने वालों में बड़ी तादाद में मुस्लिम समाज के लोग भी थे। खासकर शेखजादा, पठान और कुरैशी बिरादरी के लोगों ने खुद को उपेक्षित महसूस किया। ऐसे में ये बिरादरियां हाजी रिजवान की मुखालफत में अब रामवीर के साथ खड़ी दिख रही हैं।
3 सांसद, 5 विधायक चुनावी पिक्चर से गायब रहे
मुरादाबाद जिले में सपा के तीन सांसद हैं। मुरादाबाद सांसद रुचिवीरा, संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क और राज्यसभा सांसद जावेद अली। इसके अलावा सपा के 5 विधायक हैं। इनमें बिलारी विधायक फहीम, कांठ विधायक कमाल अख्तर, ठाकुरद्वारा विधायक नवाब जान खां, देहात विधायक हाजी नासिर कुरैशी। कुंदरकी सीट भी 2022 में सपा ने ही जीती थी। जियाउर्रहमान यहां से सपा के विधायक थे, जिनके सांसद बनने के बाद उनके इस्तीफे से खाली हुई इस सीट पर चुनाव हो रहा है। सपा के सांसदों और विधायकों की ये फौज पूरे टाइम चुनावी पिक्चर से गायब रही। ये सिर्फ तभी दिखे, जब बाहर से कोई नेता यहां आया। अखिलेश यादव की जनसभा और प्रदेश के अध्यक्ष के दौरे में ये नेता मंच पर जरूर दिखे, लेकिन उसके बाद प्रचार में नजर नहीं आए। अखिलेश ने मंच से कहा- प्रशासन से मिले हैं हमारे लोग, इनमें कुछ मंच पर भी
कुंदरकी सीट पर सपा के कुछ नेता भी अंदरखाने भाजपा को ही चुनाव लड़ा रहे हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस बात से अनजान नहीं हैं। 10 नवंबर को कुंदरकी के डोमघर में रैली को संबोधित करने आए अखिलेश ने मंच से कहा था कि, हमारे कुछ लोग प्रशासन से और भाजपा से मिल गए हैं। उनमें से कई यहां मंच पर भी बैठे हैं। 2027 में इन्हें टिकट नहीं मिलेगा। मतलब साफ है, भाजपा प्रत्याशी रामवीर ठाकुर को मिल रहे मुस्लिमों के समर्थन के पीछे कोई इकलौता फैक्टर नहीं है। बल्कि इसके पीछे रामवीर के मुस्लिमों से अपने निजी रिश्ते, सपा नेताओं की बगावत, सपा प्रत्याशी हाजी रिजवान का विरोध और रिजवान के बेटे की गुंडई के किस्से भी शामिल हैं। असली-नकली तुर्क और बिकाऊ दलाल मुसलमान के बयानों से मुस्लिम नाराज
सपा प्रत्याशी हाजी रिजवान के बयानों को लेकर भी मुस्लिमों में गुस्सा है। बसपा से तुर्क प्रत्याशी नेता छिद्दा के मैदान में आने के बाद हाजी रिजवान ने कहा था कि नकली तुर्क हैं। वो तो झोझे हैं, हम उन्हें तुर्क नहीं मानते। असली तुर्क तो मैं ही हूं। उनके इस बयान से झोझे वोटर्स में नाराजगी बढ़ी। इसके बाद रामवीर के साथ मुस्लिमों की भीड़ और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के मुस्लिम सम्मेलन में उमड़ी मुस्लिमों की भीड़ को हाजी रिजवान ने बिकाऊ और दलाल टाइप के मुसलमान कहा था। उनके इस बयान से भी मुस्लिमों में हाजी रिजवान से नाराजगी बढ़ी है। रिजवान ने बर्क का खुला विरोध किया, इसलिए दिल से नहीं लगी बर्क की टीम
संभल और मुरादाबाद से सांसद रहे तुर्कों के सबसे बड़े लीडर डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने जब 2022 में अपने पोते जियाउर्रहमान बर्क को कुंदरकी से सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतारा तो हाजी रिजवान ने खुली बगावत कर दी थी। तब हाजी रिजवान खुद बसपा से चुनाव में उतरे थे। खुद की हार देख रिजवान ने 2022 में भाजपा को चुनाव लड़ाते नजर आए थे। उनके ऑडियो अब वायरल भी हो रहे हैं। जिनमें वो कह रहे थे कि साइकिल के वोट को भाजपा पर धकेल दो, अब ये बर्क न जीतने पाए। रिजवान ने उस समय ये भी कहा था कि अखिलेश यादव मुस्लिम लीडरशिप काे खत्म करना चाहते हैं। वो मुस्लिमों के सगे नहीं हैं। रिजवान के बयान ही अब इस चुनाव में उनके गले की फांस बन रहे हैं। ————————————— रामवीर सिंह से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए… मुरादाबाद में BJP प्रत्याशी ने मंच पर पहनी जालीदार टोपी:मुस्लिमों ने खुदा की कसम खाई…वोट रामवीर को देंगे; दिवाली पर नसीम मंदिर गई थीं सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी के शिवलिंग पर जलाभिषेक के बाद अब मुरादाबाद की कुंदरकी से BJP प्रत्याशी रामवीर सिंह जालीदार टोपी पहने नजर आए। शनिवार को कुंदकरी में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का सम्मेलन था। इसमें भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग पहुंचे। इसमें महिलाएं भी शामिल थीं। इस दौरान मुस्लिम मतदाताओं ने मंच पर रामवीर को टोपी पहनाई। पढ़ें पूरी खबर… मुरादाबाद में AIMIM नेता ने कहा-ठाकुर रामवीर के वंशज मुसलमान: अब मस्जिद में जाकर इस्लाम कबूल करें BJP प्रत्याशी ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस- ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली पाशा ने मुरादाबाद में विवादित बयान दिया है। बुधवार को भाजपा प्रत्याशी ठाकुर रामवीर सिंह के जालीदार टोपी पहनने पर शौकत पाशा ने कहा कि ठाकुर रामवीर के वंशज मुसलमान थे। हम उन्हें घर वापसी (इस्लाम कबूल करने) की दावत देते हैं। पढ़ें पूरी खबर…
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