पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की मौत के बाद उनका 7वां गाना रिलीज हो गया है। मूसेवाला का यह नया गाना ‘डिलेमा’ ब्रिटिश सिंगर स्टेफलॉन डॉन के साथ है और उनके यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया गया है। स्टेफलॉन डॉन इसमें लीड सिंगर की भूमिका निभा रही हैं, जबकि इसमें मूसेवाला की कुछ लाइनें जोड़ी गई हैं। हालांकि यह पूरा गाना गांव मूसा में फिल्माया गया है और इसमें मूसेवाला के लिए इंसाफ की मांग की गई है। यह पूरा गाना तब फिल्माया गया था जब स्टेफलॉन डॉन पिछले साल सिद्धू मूसेवाला के जन्मदिन पर पंजाब आई थीं। इस दौरान वह मूसेवाला की हवेली में रुकी थीं। स्टेफलॉन ने अपने गाने में पंजाब टूर के शॉट्स जोड़े हैं। अंत में स्टेफलॉन मूसेवाला को ट्रिब्यूट देते हुए भी दिख रही हैं। वहीं पूरा गीत इस तरह से फिल्माया गया है कि मूसेवाला को इंसाफ की मांग विश्व तक पहुंच सके। गीत में AI तकनीक का भी प्रयोग इस गीत में स्टेफलॉन व मूसेवाला की टीम ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रयोग भी किया है। जिस समय गीत में सिद्धू मूसेवाला की पंक्तियों को इसमें जोड़ा गया है, तभी AI तकनीक का प्रयोग कर मूसेवाला को स्टेफलॉन के साथ उनके सिग्नेचर स्टाइल में भी दिखाया गया है। वहीं, अन्य गीत में स्टेफलॉन डॉन मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह के साथ नजर आ रही हैं। बीच में मूसेवाला की मां चरण कौर के भी शॉट हैं, जिसमें वे अपने बेटे के लिए इंसाफ मांगती दिख रही हैं। 2 महीने पहले ही लॉन्च हुआ था गीत 4:10 मूसेवाला का दो महीने पहले 10 अप्रैल को नया गीत 4:10 लॉन्च हुआ था। ये गीत रैपर व मूसेवाला के दोस्त सनी माल्टन ने पूरा किया था। इस साल में ये मूसेवाला के फैंस के लिए दूसरी बड़ी खुशखबरी थी। इससे पहले मूसेवाला के भाई के जन्म की खबर इस साल फैंस को मिली थी। 17 मार्च को मूसेवाला के भाई ने जन्म लिया था। 5वां गीत वॉच-आउट दिवाली पर हुआ था रिलीज इस गीत से पहले पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला ने वॉच-आउट बीते साल नवंबर में दिवाली पर रिलीज किया था। मई 2022 में मूसेवाला की हत्या के बाद रिलीज होने वाला यह पांचवां गाना था। जिसे अभी तक यू-ट्यूब पर 3.59 करोड़ लोग देख चुके हैं। चोरनी को 5.4 करोड़ लोगों ने यू-ट्यूब पर सुना इस गीत से पहले 8 जुलाई 2023 को गीत चोरनी रिलीज किया गया था। जिसे अभी तक 5.4 करोड़ लोग यू-ट्यूब पर देख चुके हैं। मूसेवाला का गीत मोरनी रिलीज से पहले ही चोरी हो चुका था, लेकिन इसके बावजूद फैंस ने इस गीत को खास समझ काफी अधिक सुना भी। पहले दो घंटे में ही इस गीत को 2 लाख लोगों ने सुन लिया था। SYL गाने को भारत में किया गया था बैन सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद अभी तक कुल 5 गीत रिलीज हो चुके हैं। 23 जून 2022 को SYL गाना रिलीज किया गया था। जिसमें मूसेवाला ने पंजाब के पानी के मुद्दे को उठाया था। 72 घंटों में इस गीत को 2.7 करोड़ व्यूज मिल गए थे। जिसके बाद इस गीत को भारत में बैन कर दिया गया। वहीं, दूसरा गीत वार था। जिसे बीते साल 8 नवंबर को गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर रिलीज किया था। यह गीत असल में भी एक ‘वार’ है, जिसे पंजाब के वीर योद्धा नायक हरि सिंह नलवा के लिए गाया गया। जबकि तीसरा गीत 7 अप्रैल 2023 को मेरा नाम रिलीज किया गया था। इन गीतों के बाद चोरी व वॉच-आउट रिलीज किया गया। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की मौत के बाद उनका 7वां गाना रिलीज हो गया है। मूसेवाला का यह नया गाना ‘डिलेमा’ ब्रिटिश सिंगर स्टेफलॉन डॉन के साथ है और उनके यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया गया है। स्टेफलॉन डॉन इसमें लीड सिंगर की भूमिका निभा रही हैं, जबकि इसमें मूसेवाला की कुछ लाइनें जोड़ी गई हैं। हालांकि यह पूरा गाना गांव मूसा में फिल्माया गया है और इसमें मूसेवाला के लिए इंसाफ की मांग की गई है। यह पूरा गाना तब फिल्माया गया था जब स्टेफलॉन डॉन पिछले साल सिद्धू मूसेवाला के जन्मदिन पर पंजाब आई थीं। इस दौरान वह मूसेवाला की हवेली में रुकी थीं। स्टेफलॉन ने अपने गाने में पंजाब टूर के शॉट्स जोड़े हैं। अंत में स्टेफलॉन मूसेवाला को ट्रिब्यूट देते हुए भी दिख रही हैं। वहीं पूरा गीत इस तरह से फिल्माया गया है कि मूसेवाला को इंसाफ की मांग विश्व तक पहुंच सके। गीत में AI तकनीक का भी प्रयोग इस गीत में स्टेफलॉन व मूसेवाला की टीम ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रयोग भी किया है। जिस समय गीत में सिद्धू मूसेवाला की पंक्तियों को इसमें जोड़ा गया है, तभी AI तकनीक का प्रयोग कर मूसेवाला को स्टेफलॉन के साथ उनके सिग्नेचर स्टाइल में भी दिखाया गया है। वहीं, अन्य गीत में स्टेफलॉन डॉन मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह के साथ नजर आ रही हैं। बीच में मूसेवाला की मां चरण कौर के भी शॉट हैं, जिसमें वे अपने बेटे के लिए इंसाफ मांगती दिख रही हैं। 2 महीने पहले ही लॉन्च हुआ था गीत 4:10 मूसेवाला का दो महीने पहले 10 अप्रैल को नया गीत 4:10 लॉन्च हुआ था। ये गीत रैपर व मूसेवाला के दोस्त सनी माल्टन ने पूरा किया था। इस साल में ये मूसेवाला के फैंस के लिए दूसरी बड़ी खुशखबरी थी। इससे पहले मूसेवाला के भाई के जन्म की खबर इस साल फैंस को मिली थी। 17 मार्च को मूसेवाला के भाई ने जन्म लिया था। 5वां गीत वॉच-आउट दिवाली पर हुआ था रिलीज इस गीत से पहले पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला ने वॉच-आउट बीते साल नवंबर में दिवाली पर रिलीज किया था। मई 2022 में मूसेवाला की हत्या के बाद रिलीज होने वाला यह पांचवां गाना था। जिसे अभी तक यू-ट्यूब पर 3.59 करोड़ लोग देख चुके हैं। चोरनी को 5.4 करोड़ लोगों ने यू-ट्यूब पर सुना इस गीत से पहले 8 जुलाई 2023 को गीत चोरनी रिलीज किया गया था। जिसे अभी तक 5.4 करोड़ लोग यू-ट्यूब पर देख चुके हैं। मूसेवाला का गीत मोरनी रिलीज से पहले ही चोरी हो चुका था, लेकिन इसके बावजूद फैंस ने इस गीत को खास समझ काफी अधिक सुना भी। पहले दो घंटे में ही इस गीत को 2 लाख लोगों ने सुन लिया था। SYL गाने को भारत में किया गया था बैन सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद अभी तक कुल 5 गीत रिलीज हो चुके हैं। 23 जून 2022 को SYL गाना रिलीज किया गया था। जिसमें मूसेवाला ने पंजाब के पानी के मुद्दे को उठाया था। 72 घंटों में इस गीत को 2.7 करोड़ व्यूज मिल गए थे। जिसके बाद इस गीत को भारत में बैन कर दिया गया। वहीं, दूसरा गीत वार था। जिसे बीते साल 8 नवंबर को गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर रिलीज किया था। यह गीत असल में भी एक ‘वार’ है, जिसे पंजाब के वीर योद्धा नायक हरि सिंह नलवा के लिए गाया गया। जबकि तीसरा गीत 7 अप्रैल 2023 को मेरा नाम रिलीज किया गया था। इन गीतों के बाद चोरी व वॉच-आउट रिलीज किया गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में सिंधी बेकर्स फायरिंग केस में खुलासा:हमलावर मीता कई बार गैंगस्टर लाहोरिया से ले चुका पैसे, अहसान चुकाने के लिए चलाई गोलियां लुधियाना में 28 अगस्त को राजगुरु नगर स्थित सिंधी बेकर्स पर गोलियां चलाने की घटना हुई थी। इस मामले में मोगा पुलिस ने 2 बदमाशों का एनकाउंटर करके उन्हें गिरफ्तार किया था। दोनों हमलावरों को 10 सितंबर को लुधियाना पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर लाई हुई है। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि फायरिंग करने वाले शख्स गैंगस्टर जगमीत सिंह उर्फ मीता ने सिंधी बेकर्स पर फायरिंग करके विदेश में बैठे गैंगस्टर दविंदरपाल सिंह गोपी लाहोरिया का अहसान चुकाया है। गोपी लाहोरिया से कई बार ले चुका था मीता पैसे गोपी से मीता से कई बार पैसे ले चुका था। नशेड़ी होने के कारण मीता आसानी से लाहोरिया के टारगेट पर था। मीता को लाहोरिया से किसने मिलवाया है, पुलिस अब उस शख्स की तलाश में है। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि पुलिस पूछताछ में गैंगस्टर मीता ने खुलासा किया है कि उसे सिर्फ बेकर्स में जाकर हवाई फायरिंग करने के लिए भेजा गया था। कई बार वह गोपी लाहोरिया उसे पैसे देता रहता था। इस कारण वह गोपी की बात मानकर गोली चलाने आया था। गोपी लाहोरिया अक्सर उसे वॉट्सएप कालउ ही करता था। गोपी ने किन लोगों के जरिए मीता को पैसे देते था इसे लेकर भी पुलिस पड़ताल कर रही है। पढ़ें ये है पूरा मामला
राजगुरु नगर में 28 अगस्त को हुई थी फायरिंग
28 अगस्त को राजगुरु नगर स्थित सिंधी बेकर्स पर एक्टिवा सवार दो बदमाशों ने गोलियां चलाई थी। बदमाश 1 घंटे में दो बार हमला करने आए। पहली बार असफल रहे तो 45 मिनट के बाद फिर से हमला करने के लिए आए। सिंधी बेकर्स के मालिक का बेटा नवीन गोलीबारी में घायल हुआ। भागते गैंगस्टरों की सीसीटीवी भी सामने आई थी। मोगा पुलिस ने नाकाबंदी दौरान दोनों गैंगस्टरों को रुकने का इशारा किया, लेकिन बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। पुलिस के साथ मुठभेड़ में गैंगस्टर जगमीत सिंह उर्फ मीता के पैर पर गोली लगी थी, जबकि उसका साथी विकास कुमार उर्फ कासा एक्टिवा से बुरी तरह स्लिप होकर गिर गया था। गोपी लाहोरिया ने बदमाशों को मोगा से अवैध हथियार दिलवाए जो लुटेरों ने वारदात में इस्तेमाल किए है। पुलिस को मीता से एक 32 बोर का पिस्टल मैगजीन सहित मिला। पिस्टल के चैंबर में एक जिंदा कारतूस भी बरामद हुआ। दोनों बदमाशों के खिलाफ फरीदकोट और मोगा में 3-3 केस दर्ज है। दोनों बदमाशों ने 26 अगस्त को मोगा के शेख वाला चौक में नाविका ऑनलाइन सॉल्यूशन ग्राहक सेवा केंद्र कपड़ों की दुकान के मालिक पर गोलियां चलाई थी। दोनों की आरोपियों ने 32 बोर की पिस्तौल दिखा दुकानदार से रुपयों की डिमांड की थी।
CJI जो पैतृक घर तलाश रहे, भास्कर ने ढूंढ निकाला:कटड़ा शेर सिंह में रहता था परिवार, वहां मार्केट बन गया; दादाजी स्वतंत्रता सेनानी थे
CJI जो पैतृक घर तलाश रहे, भास्कर ने ढूंढ निकाला:कटड़ा शेर सिंह में रहता था परिवार, वहां मार्केट बन गया; दादाजी स्वतंत्रता सेनानी थे जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार (11 नवंबर) को देश के 51वें चीफ जस्टिस (CJI) के रूप में शपथ ली। उनके चीफ जस्टिस बनते ही निजी जिंदगी से जुड़ा एक अहम पहलू सामने आया। जिसमें पता चला कि वह पंजाब के अमृतसर में अपने पैतृक घर को ढूंढ रहे हैं। यह घर उनके दादा जी ने बनवाया था। इसकी तलाश में जब भी वे अमृतसर आते हैं तो कटड़ा शेर सिंह इलाके में जरूर जाते हैं, जहां उनका यह घर था। हालांकि उन्हें कभी उस घर के बारे में पता नहीं चला। दैनिक भास्कर ने उनके पैतृक घर वाली जगह ढूंढ निकाली। हालांकि अब यहां घर नहीं बल्कि मार्केट बन चुका है। इसे चीफ जस्टिस के चाचा ने 1970 में बेच दिया था। इसे अमृतसर के 2 व्यापारी भाइयों ने खरीदा। इसकी पुष्टि कटड़ा शेर सिंह में आजादी से पहले (यानी 1947 से पहले) जन्मे जंगी महाजन ने भी की। उन्होंने यह भी बताया कि जब परिवार यहां से गया था तो चीफ जस्टिस तब महज 5 साल के थे। यही वजह है कि नए CJI को अमृतसर के कटड़ा शेर सिंह में घर की बात तो याद है, लेकिन वह जगह याद नहीं है, जहां वह घर बना हुआ था। 1947 के पहले से रह रहे जंगी महाजन ने बताई घर की पूरी कहानी…
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के पैतृक घर की तलाश के बारे में पता चलने पर दैनिक भास्कर कटड़ा शेर सिंह पहुंचा। चूंकि यह घर चीफ जस्टिस के दादा सरव दयाल खन्ना ने बनवाया था, इसलिए उन्हीं के बारे में वहां पड़ताल की। कटड़ा शेर सिंह पहुंचने पर हमें 80 साल के जंगी महाजन मिले। उन्होंने कहा कि वे 1947 से पहले यहां रह रहे हैं। सरव दयाल का नाम उन्होंने सुना है। उनकी फैमिली को वकीलों का परिवार कहा जाता था। उनके 2 बेटे जज बने थे। एक बेटा दिल्ली में (जस्टिस संजीव खन्ना के पिता देव राज खन्ना) और दूसरे बेटे (चीफ जस्टिस हंसराज खन्ना) सुप्रीम कोर्ट में जज बने। जंगी महाजन ने बताया कि चीफ जस्टिस खन्ना जिस घर की तलाश में हैं, वह अब वहां नहीं है। उस घर की जगह अब एक मार्केट बन चुका है, जो महाजन मार्केट के नाम से मशहूर है। दरअसल, 1970 के बाद इस बिल्डिंग को बेच दिया गया था। जिसे 2 भाइयों सतपाल महाजन और मोहन लाल महाजन ने खरीद लिया था। घर का सौदा दिल्ली में हंस राज खन्ना के यहां हुआ था। उस वक्त पूरी बिल्डिंग 1.10 लाख रुपए में बिकी थी। जिसे महाजन परिवार ने तोड़ा और मार्केट बना दिया। हालांकि मार्केट बनाने वाले भाई भी अब जीवित नहीं हैं। बंटवारे के दंगों में जल गई थी बिल्डिंग, CJI के दादा ने दोबारा बनवाई
मार्केट में दुकान चला रहे अशोक महाजन ने कहा कि हमें यह भी पता चला था कि जस्टिस खन्ना का ये पैतृक घर 1947 में बंटवारे के दंगों की भेंट चढ़ गया था। उसके बाद सरव दयाल खन्ना ने इसे दोबारा बनवाया था। इसी घर में जस्टिस संजीव खन्ना के पिता देव राज खन्ना और चाचा हंसराज खन्ना का भी जन्म हुआ था। मगर आजादी के कुछ समय बाद परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया था। अशोक महाजन ने बताया कि उस समय वे काफी छोटे थे। यहां जो परिवार के मेंबर रहते थे, वे दिल्ली चले गए थे और वे जज साहब बने थे। स्वतंत्रता सेनानी थे सरव दयाल खन्ना
जस्टिस संजीव खन्ना के दादा सरव दयाल खन्ना भी एक वकील थे। इतना ही नहीं, वे स्वतंत्रता सेनानी भी थे। पुराने लोग बताते हैं कि उन्हें अमृतसर का मेयर भी बनाया गया था। संजीव खन्ना के पिता और चाचा काफी छोटे थे, जब सरव दयाल खन्ना की पत्नी का देहांत हो गया था। पूरे परिवार को संजीव खन्ना की परदादी ने संभाला था। पिता दिल्ली हाईकोर्ट, चाचा सुप्रीम कोर्ट के जज थे
संजीव खन्ना की विरासत वकालत की रही है। उनके पिता देवराज खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट के जज रहे हैं। वहीं चाचा हंसराज खन्ना सुप्रीम कोर्ट के मशहूर जज थे। उन्होंने इंदिरा सरकार के इमरजेंसी लगाने का विरोध किया था। साथ ही राजनीतिक विरोधियों को बिना सुनवाई जेल में डालने पर भी नाराजगी जताई थी। 1977 में वरिष्ठता के आधार पर उनका चीफ जस्टिस बनना तय माना जा रहा था, लेकिन जस्टिस एमएच बेग को CJI बनाया गया। इसके विरोध में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस्तीफा दे दिया। इंदिरा की सरकार गिरने के बाद वह चौधरी चरण सिंह की सरकार में 3 दिन के लिए कानून मंत्री भी बने थे। चाचा से प्रभावित हुए जस्टिस संजीव, वकालत को करियर चुना
जस्टिस संजीव अपने चाचा से प्रभावित थे, इसलिए उन्होंने 1983 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से LLB की पढ़ाई की। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट से वकालत शुरू की। फिर दिल्ली सरकार के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और दीवानी मामलों के लिए स्टैंडिंग काउंसेल भी रहे। स्टैंडिंग काउंसेल का आम भाषा में अर्थ सरकारी वकील होता है। 2005 में जस्टिस खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट के जज बने। जहां उन्होंने 13 साल तक पद संभाला। 2019 में जस्टिस खन्ना को प्रमोट करके सुप्रीम कोर्ट जज बनाया गया। हालांकि, उनका यह प्रमोशन भी विवादों में रहा था। दरअसल, 2019 में जब CJI रंजन गोगोई ने उनके नाम की सिफारिश की, तब सीनियॉरिटी में जस्टिस खन्ना 33वें नंबर पर थे। जस्टिस गोगोई ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट के लिए ज्यादा काबिल बताते हुए प्रमोट किया। उनकी इस नियुक्ति के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस कैलाश गंभीर ने तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी भी लिखी थी। जस्टिस कैलाश ने लिखा था- 32 जजों की अनदेखी करना ऐतिहासिक भूल होगी। इस विरोध के बावजूद राष्ट्रपति कोविंद ने जस्टिस खन्ना को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस के बतौर अपॉइंट किया। 18 जनवरी 2019 को संजीव ने पद ग्रहण कर लिया। आर्टिकल-370, इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे जस्टिस खन्ना के बड़े फैसले
सुप्रीम कोर्ट में अपने 6 साल के करियर में जस्टिस खन्ना 450 बेंचों का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने खुद 115 फैसले लिखे। इसी साल जुलाई में जस्टिस खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत दी थी। 8 नवंबर को AMU से जुड़े फैसले में जस्टिस खन्ना ने यूनिवर्सिटी को माइनॉरिटी स्टेटस दिए जाने का समर्थन किया है। छोटे कार्यकाल में 5 बड़े मामलों की सुनवाई करेंगे जस्टिस खन्ना
पूर्व CJI चंद्रचूड़ का कार्यकाल करीब 2 साल का रहा है। इसकी तुलना में CJI संजीव खन्ना का कार्यकाल छोटा होगा। जस्टिस खन्ना बतौर चीफ जस्टिस सिर्फ 6 महीने पद पर रहेंगे। 13 मई 2025 को उन्हें रिटायर होना है। इस कार्यकाल में जस्टिस खन्ना को मैरिटल रेप केस, इलेक्शन कमीशन के सदस्यों की अपॉइंटमेंट की प्रोसेस, बिहार जातिगत जनसंख्या की वैधता, सबरीमाला केस के रिव्यू, राजद्रोह (sedition) की संवैधानिकता जैसे कई बड़े मामलों की सुनवाई करनी है। ************* CJI खन्ना से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें जस्टिस संजीव खन्ना देश के 51वें चीफ जस्टिस बने, छह महीने का कार्यकाल जस्टिस खन्ना का कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का होगा। 64 साल के जस्टिस खन्ना 13 मई 2025 को रिटायर होंगे। सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर जस्टिस खन्ना ने 65 फैसले लिखे हैं (पूरी खबर पढ़ें)
मुक्तसर में गिरी मकान की छत:मलबे में दबने से 8 वर्षीय बच्ची की मौत, युवक घायल, पड़ोस से आई थी खेलने
मुक्तसर में गिरी मकान की छत:मलबे में दबने से 8 वर्षीय बच्ची की मौत, युवक घायल, पड़ोस से आई थी खेलने पंजाब के मुक्तसर जिले के विधानसभा हलका मलोट के माहूआना गांव में एक मजदूर के घर की छत गिरने जाने से 8 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। इस घटना में नौजवान घायल हो गया। जख्मी नौजवान को उपचार के लिए सिविल अस्पताल मलोट में भर्ती करवाया गया है। जहां उसका इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि बच्ची वहां खेलने के लिए आई थी। जिसे उसके परिजन ढूंढ रहे थे। मकान की छत गिरने से बच्ची की मौत जानकारी के अनुसार मलोट-डबवाली मार्ग पर स्थित माहूआना गांव में मजदूर के कमरे की छत गिरन जाने के कारण उसकी 8 वर्षीय बच्ची की मलबे के नीचे दबने से मौत हो गई। जबकि एक नौजवान जख्मी हो गया। जिसे उपचार के लिए सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। गांव वासियों ने बताया गांव माहूआना में रहने वाले गरीब परिवार कुलदीप सिंह के कमरे की छत गिर गई, जिसके नीचे कुलदीप सिंह का 22 वर्षीय नौजवान बेटा गगनदीप सिंह आराम कर रहा था। जिसके चोट लगने के कारण वह घायल हो गया और गांव वासियों ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया। पड़ोस से खेलने के लिए आई थी बच्ची गांव वासियों ने बताया कि जब वह मलबा हटा रहे थे तो रात्रि को पड़ोसियों की 8 वर्षीय बच्ची रमनदीप कौर उर्फ सुखमन भी मलबे के नीचे दबी हुई मिली, जिसकी मौत हो चुकी थी। गांव वासियों के अनुसार रमनदीप कौर उर्फ सुखमन पड़ोस में ही रहती थी और अक्सर ही खेलती हुई कुलदीप के घर आ जाती थी। गत रात्रि भी ऐसा ही हुआ व मकान की छत गिरने के कारण रमनदीप कौर उर्फ सुखमन मलबे के नीचे दब गई। परिवार अपनी बच्ची को ढूंढता रहा, परंतु छत गिरने के कारण नीचे दब गई जिसका पता देर रात्रि लगा। गांव वासियों ने गरीब परिवार की सरकार से माली सहायता करने की मांग की है।