इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर यादव के ‘कठमुल्ले देश के लिए घातक’ वाले बयान पर कपिल सिब्बल ने रिएक्शन दिया। दिल्ली में उन्होंने कहा- यह भारत को तोड़ने वाला बयान है। राजनेता भी ऐसी बात नहीं करते हैं। वो संविधान की रक्षा के लिए बैठे हैं। उनको ये शब्द शोभा नहीं देते हैं। जज के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को देखना चाहिए कि ऐसे लोग जज न बनें। जस्टिस शेखर ने और क्या-क्या कहा? रविवार को प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यक्रम जस्टिस शेखर यादव शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा था- मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि यह हिंदुस्तान है और यह देश यहां रहने वाले बहुसंख्यकों की इच्छा से चलेगा। मैं यह बात हाई कोर्ट के जज के तौर पर नहीं बोल रहा। आप अपने परिवार या समाज को ही लीजिए कि जो बात ज्यादा लोगों को मंजूर होती है, उसे ही स्वीकार किया जाता है। लेकिन, यह जो कठमुल्ला हैं, यह सही शब्द नहीं है। लेकिन कहने में परहेज नहीं है, क्योंकि वह देश के लिए बुरा है। घातक है। देश के खिलाफ है। जनता को भड़काने वाले लोग हैं। देश आगे न बढ़े, ऐसा सोचने वाले लोग हैं। उनसे सावधान रहने की जरूरत है। अब पढ़िए राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने क्या कहा… राज्यसभा सांसद ने कहा- मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट को सख्त कदम उठाने चाहिए और उस शख्स को कुर्सी पर नहीं बैठने देना चाहिए। एक भी केस उसके पास नहीं जाना चाहिए। ये पक्ष-विपक्ष की बात नहीं है, ये न्यायपालिका के स्वतंत्रता की बात है। पीएम, गृह मंत्री और सत्ता में बैठे लोग हमारा साथ दें, क्योंकि अगर वो नहीं देंगे तो लगेगा कि वो जज के साथ हैं, क्योंकि कोई ऐसा नहीं कर सकता। कोई नेता भी ऐसा बयान नहीं दे सकता है, तो एक जज कैसे दे सकता है। पीएम और सत्ता पक्ष हमारा साथ दें और महाभियोग प्रस्ताव का साथ दें और एक संदेश दें कि कोई भी जज ऐसा बयान नहीं दे सकता है और सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को देखना चाहिए कि ऐसे लोग जज न बनें। जस्टिस के बयान पर किसने क्या कहा? अब जस्टिस शेखर कुमार यादव के बारे में जानिए… ————————————- जस्टिस शेखर यादव से जुड़ी यह खबर भी पढ़िए… हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर यादव की 4 और सलाहें:गाय-धर्म पर टिप्पणी से पहले भी चर्चा में रहे चुनाव टालने की सलाह देने वाले जज ऐसा नहीं है कि जस्टिस यादव पहली बार सुर्खियों में आए हैं। इससे पहले वह दूसरे मामलों की सुनवाई के बाद आदेश के दौरान अतिरिक्त चिंता को जाहिर करते हुए गंभीर मुद्दों पर सुझाव देते रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर… इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर यादव के ‘कठमुल्ले देश के लिए घातक’ वाले बयान पर कपिल सिब्बल ने रिएक्शन दिया। दिल्ली में उन्होंने कहा- यह भारत को तोड़ने वाला बयान है। राजनेता भी ऐसी बात नहीं करते हैं। वो संविधान की रक्षा के लिए बैठे हैं। उनको ये शब्द शोभा नहीं देते हैं। जज के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को देखना चाहिए कि ऐसे लोग जज न बनें। जस्टिस शेखर ने और क्या-क्या कहा? रविवार को प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यक्रम जस्टिस शेखर यादव शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा था- मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि यह हिंदुस्तान है और यह देश यहां रहने वाले बहुसंख्यकों की इच्छा से चलेगा। मैं यह बात हाई कोर्ट के जज के तौर पर नहीं बोल रहा। आप अपने परिवार या समाज को ही लीजिए कि जो बात ज्यादा लोगों को मंजूर होती है, उसे ही स्वीकार किया जाता है। लेकिन, यह जो कठमुल्ला हैं, यह सही शब्द नहीं है। लेकिन कहने में परहेज नहीं है, क्योंकि वह देश के लिए बुरा है। घातक है। देश के खिलाफ है। जनता को भड़काने वाले लोग हैं। देश आगे न बढ़े, ऐसा सोचने वाले लोग हैं। उनसे सावधान रहने की जरूरत है। अब पढ़िए राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने क्या कहा… राज्यसभा सांसद ने कहा- मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट को सख्त कदम उठाने चाहिए और उस शख्स को कुर्सी पर नहीं बैठने देना चाहिए। एक भी केस उसके पास नहीं जाना चाहिए। ये पक्ष-विपक्ष की बात नहीं है, ये न्यायपालिका के स्वतंत्रता की बात है। पीएम, गृह मंत्री और सत्ता में बैठे लोग हमारा साथ दें, क्योंकि अगर वो नहीं देंगे तो लगेगा कि वो जज के साथ हैं, क्योंकि कोई ऐसा नहीं कर सकता। कोई नेता भी ऐसा बयान नहीं दे सकता है, तो एक जज कैसे दे सकता है। पीएम और सत्ता पक्ष हमारा साथ दें और महाभियोग प्रस्ताव का साथ दें और एक संदेश दें कि कोई भी जज ऐसा बयान नहीं दे सकता है और सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को देखना चाहिए कि ऐसे लोग जज न बनें। जस्टिस के बयान पर किसने क्या कहा? अब जस्टिस शेखर कुमार यादव के बारे में जानिए… ————————————- जस्टिस शेखर यादव से जुड़ी यह खबर भी पढ़िए… हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर यादव की 4 और सलाहें:गाय-धर्म पर टिप्पणी से पहले भी चर्चा में रहे चुनाव टालने की सलाह देने वाले जज ऐसा नहीं है कि जस्टिस यादव पहली बार सुर्खियों में आए हैं। इससे पहले वह दूसरे मामलों की सुनवाई के बाद आदेश के दौरान अतिरिक्त चिंता को जाहिर करते हुए गंभीर मुद्दों पर सुझाव देते रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा BJP सरकार का दुष्यंत चौटाला को झटका:चंडीगढ़ में JJP का प्रदेश मुख्यालय खाली कराया; 15 दिन का नोटिस थमाया था
हरियाणा BJP सरकार का दुष्यंत चौटाला को झटका:चंडीगढ़ में JJP का प्रदेश मुख्यालय खाली कराया; 15 दिन का नोटिस थमाया था हरियाणा के पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला को CM नायब सैनी की अगुआई वाली BJP सरकार ने बड़ा झटका दिया है। सरकार ने उनके चंडीगढ़ स्थित जननायक जनता पार्टी (JJP) मुख्यालय को खाली करा दिया है। JJP को मुख्यालय खाली करने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया गया था। JJP का यह मुख्यालय पिछले 5 वर्षों से चंडीगढ़ के सेक्टर 3 स्थित MLA फ्लैट में चल रहा था। तब यह फ्लैट पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला की विधायक मां नैना चौटाला के नाम पर अलॉट था। हालांकि इस बार दुष्यंत और नैना चौटाला समेत JJP का कोई उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाया। JJP से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी का मुख्यालय अब पंचकूला में खुलेगा। यह भी चर्चा है कि पूर्व डिप्टी सीएम के पंचकूला के सेक्टर 21 स्थित निजी आवास में यह ऑफिस खोला जाएगा। 3 महीने की मोहलत मांगी थी
प्रदेश में भाजपा की नई सरकार बनने के बाद हारे नेताओं से फ्लैट खाली कराए जा रहे हैं, ताकि वह नए चुनकर आए विधायकों को दिए जा सकें। इसके लिए इस बार 2024 का चुनाव हारे सभी पूर्व विधायकों को 15 दिन का टाइम दिया गया था। हालांकि जब JJP के पास सरकार का फरमान पहुंचा तो उन्होंने 3 महीने की मोहलत मांगी थी। हालांकि सरकार ने 15 दिन से ज्यादा टाइम देने से इनकार कर दिया। जिस वजह से जजपा को ऑफिस खाली करना पड़ गया। 2019 में 10 MLA बने, इस बार एक भी नहीं
JJP ने 2019 में 10 सीटों से चुनाव जीता था। दुष्यंत चौटाला के साथ उनकी मां नैना चौटाला भी विधायक बनीं। इसके बाद भाजपा को समर्थन देकर वह सरकार में शामिल हो गए। दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम का पद मिला। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग पर सहमति न होने की बात कह JJP ने समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद जजपा अकेले चुनाव लड़ी, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई। दुष्यंत और उनके भाई दिग्विजय चौटाला को भी हार का सामना करना पड़ा। इसी फ्लैट में पहले इनेलो का ऑफिस चलता रहा
जिस फ्लैट में 5 साल पहले जजपा ने पार्टी का मुख्यालय बनाया, यहां पहले इनेलो का ऑफिस चलता था। हालांकि दुष्यंत चौटाला इनेलो से अलग हुए और नई पार्टी बनाई तो इसमें JJP का ऑफिस खोल लिया। जब तक दुष्यंत डिप्टी सीएम रहे तो पार्टी की सारी गतिविधि यहीं से चलती थी। हालांकि जब लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा से गठबंधन टूटा तो यहां सन्नाटा पसर गया था। चर्चा यह भी थी कि पूर्व में किए समर्थन की वजह से जजपा एक भाजपा MLA के जरिए दफ्तर बरकरार रख पाएगी, लेकिन यह स्कीम भी सिरे नहीं चढ़ी। प्रदेश मीडिया प्रभारी बोले- इसी महीने आवास खाली कर देंगे
जजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी दीप कमल ने बताया कि हमारे पास अभी समय है, हमारा कुछ सामान अभी रखा हुआ है। इसी महीने हम आवास खाली कर देंगे। उन्होंने बताया कि पार्टी की प्रांतीय गतिविधियां पंचकूला और जिलों के पार्टी ऑफिस से संचालित होंगी।
कसुम्पटी मस्जिद तोड़ने पर अड़े लोग:निगम आयुक्त से मिलने जा रहे; गिराने के आदेशों को सेशन कोर्ट में चुनौती दे चुका वक्फ बोर्ड
कसुम्पटी मस्जिद तोड़ने पर अड़े लोग:निगम आयुक्त से मिलने जा रहे; गिराने के आदेशों को सेशन कोर्ट में चुनौती दे चुका वक्फ बोर्ड हिमाचल की राजधानी शिमला के संजौली के बाद अब शिमला के उप नगर कसुम्पटी में भी मस्जिद गिराने की मांग पर लोग अड़ गए हैं। इसे लेकर आज कसुम्पटी वासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम (MC) आयुक्त भूपेंद्र अत्री से मिलने जा रहा है, जो मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग करेंगे। MC आयुक्त कोर्ट एक साल पहले ही कसुम्पटी मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने के आदेश सुना चुका है। मगर मुस्लिम समुदाय ने MC आयुक्त के फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती दे रखी है। अभी यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। कसुम्पटी वार्ड की पार्षद रचना शर्मा ने कहा, हर शुक्रवार को मस्जिद के छोटे से ढांचे में 100 से ज्यादा लोग नमाज पढ़ने आते हैं, तब यहां चलना-फिरना तक मुश्किल हो जाता है। इसलिए मस्जिद को गिराने की MC आयुक्त से मांग की जाएगी। शिमला के पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा ने कहा कि कसुम्पटी से एक किलोमीटर आगे दूसरी मस्जिद है। ऐसे में कसुम्पटी में मस्जिद की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा, इससे बाज़ार में न्यूसेंस क्रिएट हो रही है। उन्होंने इस अवैध मस्जिद को तुंरत हटाने की मांग की है। पूर्व मेयर ने कहा कि यह जमीन वक्फ बोर्ड ने सदीक मोहम्मद की घरवाली मुमताज बेगम के नाम पर लीज पर दी था। लेकिन उनके बच्चों ने इसे बाहर से आने वाले लोगों को दे दिया। आजादी से पहले की बनी मस्जिद: कुतुबुद्दीन वक्फ बोर्ड के स्टेट ऑफिसर कुतुबुद्दीन ने दावा किया कि कसुम्पटी क्षेत्र में वफ्फ बोर्ड की जमीन है। उनके पास इसका राजस्व रिकॉर्ड भी है। कसुम्पटी में बनी मस्जिद आजादी से पहले की है और यहां जमीन या मस्जिद पर कोई विवाद नहीं है। सिर्फ कुछ निर्माण को नगर निगम कोर्ट ने हटाने के आदेश दिए है, जिससे संबंधित मामला अब सेशन कोर्ट में लंबित है। अब सिलसिलेवार पढ़िए कैसे पैदा हुआ मस्जिद विवाद … दरअसल, बीते 31 अगस्त को शिमला के मैहली में दो गुटों के बीच लड़ाई हुई। इसके आरोपी संजौली मस्जिद में छिप गए। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। 1 सितंबर को हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों में संजौली मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया। 5 सितंबर को संजौली और चौड़ा मैदान में फिर प्रदर्शन कर अवैध मस्जिद गिराने की मांग उठी। इसी दिन कसुम्पटी में भी अवैध मस्जिद को तोड़ने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। 11 सितंबर को संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन हुआ। पुलिस को हल्का बल प्रयोग और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। इसके बाद प्रदेशभर में व्यापारियों ने दुकानें बंद रखकर और हिंदू संगठनों ने अलग अलग शहरों में रोष रैली निकाल कर अवैध मस्जिद को तोड़ने और बाहर से आने वाले लोगों की वैरिफिकेशन की मांग की। बीते शनिवार को मंडी नगर निगम कोर्ट ने भी जेल रोड़ पर बनी अवैध मस्जिद को 30 दिन के भीतर तोड़ने के आदेश दिए। बीते कल सोलन में इसी मामले में प्रदर्शन कर रहे कुछ व्यापारी आपस में भिड़ गए। मुस्लिम समुदाय ने नारे पर जताई आपत्ति उधर, सिरमौर के पांवटा साहिब में मुस्लिम समुदाय ने कुछ दिन पहले हिंदू जागरण मंच द्वारा मस्जिद के बाहर की गई नारेबाजी पर आपत्ति जताते हुए SDM को ज्ञापन सौंपा और इस मामले में संज्ञान लेने की मांग की।
13 सितंबर से खुलेगा कोस्टल रोड से बांद्रा-वर्ली सी लिंक, कब से कब तक होगी गाड़ियों की एंट्री?
13 सितंबर से खुलेगा कोस्टल रोड से बांद्रा-वर्ली सी लिंक, कब से कब तक होगी गाड़ियों की एंट्री? <p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> ने कहा कि मुंबई ‘कोस्टल रोड’ (तटीय सड़क) एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम है और भविष्य में इसे भयंदर, विरार और पालघर तक विस्तारित किया जाएगा. सीएम शिंदे ने कहा कि ‘कोस्टल रोड’ के भयंदर, विरार और पालघर तक विस्तारित होने से वधावन बंदरगाह को लाभ मिलेगा, जिसकी आधारशिला हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रखी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री शिंदे ने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और कैबिनेट के अन्य सहयोगियों के साथ मरीन लाइन-वर्ली ‘कोस्टल रोड’ और बांद्रा वर्ली सी लिंक (बीडब्ल्यूएसएल) को जोड़ने वाले हिस्से का निरीक्षण करने के बाद ‘कोस्टल रोड कनेक्टर’ का उद्घाटन किया. निरीक्षण के दौरान, फडणवीस ने शिंदे को अपने बगल की सीट पर बैठाकर कार चलाई. शुक्रवार को यह हिस्सा आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीएमसी के अनुसार, मुंबई में ‘कोस्टल रोड’ पर उत्तर की ओर जाने वाले वाहन शुक्रवार से बांद्रा-वर्ली ‘सी लिंक’ में सीधे प्रवेश कर सकेंगे. इसका इस्तेमाल सुबह सात बजे से रात 11 बजे तक किया जा सकता है. शिंदे ने संवाददाताओं को बताया कि ‘कोस्टल रोड’ को बीडब्ल्यूएसएल से जोड़ने वाले ‘कनेक्टर’ के उद्घाटन के साथ ही वाहन चालक बांद्रा से दक्षिण मुंबई में मरीन ड्राइव तक 10 मिनट में पहुंच सकेंगे, जिसमें अभी 45 मिनट लगते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिंदे ने कहा, ‘‘इससे समय और ईंधन की बचत होगी और प्रदूषण भी कम होगा. ‘कोस्टल रोड’ एक परिवर्तनकारी कदम है. इसे वर्सोवा तक बढ़ाया जा रहा है और भविष्य में इसे भयंदर, विरार और पालघर तक बढ़ाया जाएगा. वधावन बंदरगाह, जो दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में से एक होगा, ‘कोस्टल रोड’ (जब इसे पालघर तक बढ़ाया जाएगा) के कारण लाभान्वित होगा.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके साथ ही उन्होंने बताया कि विस्तार पूरा होने के बाद मरीन ड्राइव और वर्सोवा के बीच की दूरी केवल 40-50 मिनट में तय की जा सकेगी, जिसमें अभी 2-3 घंटे लगते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस अवसर पर फडणवीस ने कहा कि ‘कोस्टल रोड’ योजना पर चर्चा लगभग 25 वर्षों से चल रही थी, लेकिन मुख्यमंत्री दिल्ली (केंद्र) से खाली हाथ लौटते थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फडणवीस ने कहा, ‘कांग्रेस इतने वर्षों तक सत्ता में रही, लेकिन कोई भी मुख्यमंत्री ‘कोस्टल रोड’ के लिए आवश्यक अनुमति नहीं प्राप्त कर सका. हालांकि, मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद, डेढ़ साल में परियोजना के संबंध में पांच बैठकें आयोजित करने के बाद सभी अनुमतियां दी गईं.'</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”पीएम मोदी के CJI के घर जाने से सियासी बयानबाजी तेज, अब संजय निरुपम ने कही बड़ी बात” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/sanjay-nirupam-shiv-sena-leader-attack-on-mva-sanjay-raut-over-pm-modi-went-to-cji-house-for-ganpati-puja-2782148″ target=”_blank” rel=”noopener”>पीएम मोदी के CJI के घर जाने से सियासी बयानबाजी तेज, अब संजय निरुपम ने कही बड़ी बात</a></strong></p>