हिमाचल प्रदेश में सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में एक युवती ने नदी में कुद कर आत्महत्या कर ली। मंगलवार को अज्ञात युवती ने नदी में छलांग लगाई जिसके बाद उसका अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। गोताखोरों ने काफी खोजने का प्रयास किया मगर नदी में युवती का कहीं कुछ पता नहीं चला। युवती कहां की रहने वाली थी और उसने ऐसा कदम क्यों उठाया, इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। हालांकि युवती ने किनारे पर अपनी कुछ निशानियां भी छोड़ी है। बताया जा रह है कि युवती की उम्र करीब 20 साल के आसपास है। युवती ने यमुना नदी में कूदने से पहले अपनी चप्पलें, ब्रेसलेट, गले की माला और जुराब किनारे पर छोड़ा है। वहीं सीढ़ियों पर “मां सॉरी” भी लिखा था। घटनास्थल से मिली वस्तुओं के आधार पर युवती की पहचान की कोशिश की जा रही है। युवती हिमाचल से है या पड़ोसी राज्य से इसका भी पता लगाया जा रहा है। गोताखोरों की टीम कल यमुना नदी में युवती की तलाश की लेकिन शाम अंधेरा होने के कारण तलाशी अभियान रोक दिया गया। अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है। आसपास के लोगों ने बताया कि उन्होंने युवती को नदी में छलांग लगाते देखा। युवती पहले नदी के किनारे बैठकर रो रही थी, फिर नदी में कूद गई। पांवटा साहिब की डीएसपी अदिति सिंह ने इस घटना की पुष्टि की है। हिमाचल प्रदेश में सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में एक युवती ने नदी में कुद कर आत्महत्या कर ली। मंगलवार को अज्ञात युवती ने नदी में छलांग लगाई जिसके बाद उसका अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। गोताखोरों ने काफी खोजने का प्रयास किया मगर नदी में युवती का कहीं कुछ पता नहीं चला। युवती कहां की रहने वाली थी और उसने ऐसा कदम क्यों उठाया, इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। हालांकि युवती ने किनारे पर अपनी कुछ निशानियां भी छोड़ी है। बताया जा रह है कि युवती की उम्र करीब 20 साल के आसपास है। युवती ने यमुना नदी में कूदने से पहले अपनी चप्पलें, ब्रेसलेट, गले की माला और जुराब किनारे पर छोड़ा है। वहीं सीढ़ियों पर “मां सॉरी” भी लिखा था। घटनास्थल से मिली वस्तुओं के आधार पर युवती की पहचान की कोशिश की जा रही है। युवती हिमाचल से है या पड़ोसी राज्य से इसका भी पता लगाया जा रहा है। गोताखोरों की टीम कल यमुना नदी में युवती की तलाश की लेकिन शाम अंधेरा होने के कारण तलाशी अभियान रोक दिया गया। अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है। आसपास के लोगों ने बताया कि उन्होंने युवती को नदी में छलांग लगाते देखा। युवती पहले नदी के किनारे बैठकर रो रही थी, फिर नदी में कूद गई। पांवटा साहिब की डीएसपी अदिति सिंह ने इस घटना की पुष्टि की है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में रातें ठंडी और दिन गर्म:अगले 6 दिन बारिश-बर्फबारी के आसार नहीं; अक्टूबर में नॉर्मल से 97% कम बारिश हिमाचल प्रदेश में दिन गर्म और रातें ठंडी होने लगी है। दिन में मैदानी इलाकों में गर्मी पड़ रही है। मगर ऊंचे क्षेत्रों में रात का तापमान कम होने लगा है। लाहौल स्पीति के ताबो का पारा 0.1 डिग्री तक लुढ़क गया है। वहीं प्रदेश के 13 शहरों में तापमान 10 डिग्री से कम और 4 जगह 5 डिग्री से भी नीचे गिर गया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले पांच-छह दिन तक तापमान में ज्यादा बदलाव नहीं आएगा, क्योंकि 27 अक्टूबर तक बारिश-बर्फबारी के कोई आसार नहीं है। केलांग का पारा सामान्य से8.3 डिग्री ज्यादा प्रदेश के ठंडे शहरों में शुमार केलांग का रात का पारा 3.1 डिग्री तक गिर गया है, लेकिन दिन का तापमान सामान्य से 8.3 डिग्री ज्यादा के साथ 18.3 डिग्री चल रहा है। मनाली में सुहावना मौसम वहीं मनाली में दिन का तापमान 21.2 डिग्री होने से मौसम सुहावना बना हुआ है। मगर यहां रात में तापमान 8.3 डिग्री तक गिर चुका है। हालांकि मनाली में अभी तापमान सामान्य से ज्यादा है। 6 दिन सामान्य से ज्यादा रहेगा पारा मौसम विभाग के अनुसार, जब तक बरिश-बर्फबारी नहीं होती तब तक दिन का तापमान सामान्य से ज्यादा रहेगा। प्रदेश में 27 अक्टूबर तक बारिश-बर्फबारी के आसार भी नजर नहीं आ रहे। अक्टूबर में 97% कम बारिश, 7 जिलों में एक बूंद भी नहीं गिरी प्रदेश में बीते 1 से 21 अक्टूबर के बीच सामान्य से 97% प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में प्रदेश में 21.2 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार 0.7 मिलीमीटर बारिश हुई है। प्रदेश के सात जिलों बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, शिमला, सोलन, सिरमौर और कुल्लू में अक्टूबर में पानी की एक बूंद भी नहीं बरसी। कांगड़ा जिला में 1.5 मिलीमीटर, किन्नौर में 0.4 मिलीमीटर, लाहौल स्पीति में 0.1 मिलीमीटर, मंडी में 3.4 मिलीमीटर और ऊना में 8.6 मिलीमीटर बारिश हुई है।
हिमाचल विधानसभा सत्र के तीसरे दिन हंगामा:आबकारी नीति पर बवाल; विपक्ष ने किया वॉक आउट, बोले- चहते ठेकेदारों को फायदा पहुंचा रही सरकार
हिमाचल विधानसभा सत्र के तीसरे दिन हंगामा:आबकारी नीति पर बवाल; विपक्ष ने किया वॉक आउट, बोले- चहते ठेकेदारों को फायदा पहुंचा रही सरकार हिमाचल प्रदेश विधानसभा में तीसरे दिन सदन में नई आबकारी नीति व नीलामी को लेकर बवाल हो गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन का वॉक आउट कर दिया। भाजपा विधायकों रणधीर शर्मा ,सुरेंद्र शौरी और डीएस ठाकुर ने विधानसभा में शराब के ठेकों के नीलामी हेतु रिजर्व धनराशि को लेकर विधानसभा में प्रश्न पूछा था। तीनों विधायकों की और से प्रश्नकाल के दौरान रणधीर शर्मा ने चर्चा में हिस्सा लिया है। रणधीर शर्मा ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार द्वारा लाई गई नई शराब नीति में महा-घोटाले की बू आ रही है। प्रदेश सरकार ने ठेकों की नीलामी के दौरान सरकार द्वारा शराब के रखे गए रिजर्व प्राइस से भी कम दामों पर बेची है। चहते ठेकेदारों को फायदा पहुंचा रही सरकार रणधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश के 5 जिलों जिनमे शिमला ,कांगड़ा , ऊना ,नूरपुर और चंबा शामिल है। जहां पर रिजर्व प्राइस से कम दामों पर शराब की नीलामी हुई है । इसके अलावा कई ऐसे जिले है जहां रिजर्व प्राइस पर शराब की नीलामी हुई है। विधायक ने कहा कि सरकार ने अपने चहते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के विभिन्न जिलों में यूनिट की संख्या को कम किया गया है। प्रदेश में कई जिलों में जहां 5 – यूनिट नीलामी में हिस्सा लेती थी वहां पर एक ही यूनिट को शामिल किया गया है। जिससे साफ होता है शराब नीति में घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को इसकी न्यायिक जांच करवानी चाइए। आत्म निर्भरता की तरफ बढ़ रहे आगे- सीएम सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हमारी सरकार प्राथमिकता के आधार पर पारदर्शिता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश के खजाने को लुटाया है। उनकी सरकार व्यवस्था परिवर्तन करके प्रदेश को आत्म निर्भरता के तरफ आगे बढ़ा रहे है। सरकार ने एक साल में जुटाए 485.18 करोड़ रणधीर शर्मा के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने चार सालों में शराब से 485.15 करोड़ राजस्व जुटाया जबकि उनकी नई नीति ने एक साल में उसमे 450 करोड़ की बढ़त हुई है। उन्होने कहा कि भाजपा के राज सरकार ने पूरे पांच साल में 665.42 करोड़ का राजस्व जुटाया। जबकि कांग्रेस सरकार ने एक साल में 485.18 करोड़ जुटा लिए है। वहीं रिजर्व प्राइस से कम दाम पर बेचने वाले आरोप पर मुख्य मंत्री ने कहा कि शराब का रिजर्व प्राइस बीते वर्ष को देखकर रखती है। उन्होंने कहा कि यह बीते वर्ष के आंकड़ों 7 से 8 % कम या ज्यादा हो सकता है । सीएम सुक्खू ने आगे कहा कि जहाँ उन्होंने रिजर्व प्राइस से कम भेचने का आरोप लगाया है उनमें से ऊना में 7 बार ,नूरपुर में 7 बार , शिमला में 9 बार निलामी हुई लेकिन कोई खरीदार नही मिला। इसलिए दामो को कम करना पड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते वर्ष भी सरकार को नई नीति से लाभ हुआ था और इस साल भी लाभ होने का अनुमान है
हिमाचल हाईकोर्ट पहुंची संजौली मस्जिद कॉन्ट्रोवर्सी:लोकल रेजिडेंट की याचिका पर आज सुनवाई; MC आयुक्त को जल्द फैसला सुनाने को आदेश देने का आग्रह
हिमाचल हाईकोर्ट पहुंची संजौली मस्जिद कॉन्ट्रोवर्सी:लोकल रेजिडेंट की याचिका पर आज सुनवाई; MC आयुक्त को जल्द फैसला सुनाने को आदेश देने का आग्रह शिमला की संजौली मस्जिद का मामला हिमाचल हाईकोर्ट (HC) पहुंच गया है। संजौली के लोकल रेजिडेंट द्वारा दायर याचिका पर आज HC में सुनवाई होगी। यह मामला न्यायाधीश संदीप शर्मा की बेंच सुनेगी। संजौली मस्जिद के आसपास रहने वाले लोगों ने कोर्ट में याचिका डालकर शिमला नगर निगम (MC) आयुक्त को जल्द फैसला देने के लिए आदेश देने का आग्रह किया है। याचिका में कहा गया कि संजौली मस्जिद मामला 14 साल से MC आयुक्त कोर्ट में चल रहा है। इस केस का जल्द निपटारा होना चाहिए। वहीं MC आयुक्त की कोर्ट में यह केस 21 दिसंबर को सुना जाएगा। लोकल रेजिडेंट इस केस में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगा रहे है। लोकल रेजिडेंट के एडवोकेट जगपाल ने बताया कि स्थानीय लोगों ने याचिका कोर्ट ने दायर की है। इस पर आज सुनवाई होगी। वहीं MC आयुक्त बीते 5 अक्टूबर को ही संजौली मस्जिद की ऊपर की 3 मंजिल को गिराने के आदेश दे चुके हैं। मगर अभी मस्जिद को तोड़ने का काम शुरू नहीं हो पाया। संजौली मस्जिद कमेटी ने इसे तोड़ने का काम शुरू करने से पहले वक्फ बोर्ड से अनुमति मांग रखी है, क्योंकि यह प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनी है। संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने बताया कि मस्जिद कमेटी को ही इसके अवैध बताए जा रहे हिस्से को अपने खर्च पर हटाना है। इसके लिए लोकल मुस्लिम कारोबारी से धन जुटा रहे हैं। साथ ही वक्फ बोर्ड से भी इसकी परमिशन मांगी गई है। मस्जिद कमेटी ने शांत किया मामला संजौली मस्जिद के कारण पूरे प्रदेश में बवाल मचा। शिमला के बाद सोलन, मंडी, कुल्लू, सिरमौर व कुल्लू जिला में भी जगह जगह मस्जिद मामले में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किए और अवैध रूप से बनी मस्जिदों को गिराने की मांग उठाई। इससे पूरे प्रदेश में माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस बीच संजौली मस्जिद कमेटी ने खुद नगर निगम आयुक्त से मिलकर अवैध रूप से बनी ऊपर की मंजिल को हटाने की पेशकश की और कहा कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक ऊपर की तीन मंजिल को सील किया जाए। इसके बाद हिंदू संगठन शांत हुए। बीते 5 अक्टूबर को तीन मंजिल तोड़ने के आदेशों के बाद मामला अभी शांत है। साल 2010 से चल रहा केस, 46 बार सुनवाई हो चुकी इस बीच संजौली के लोकल रेजिडेंट मस्जिद को लेकर जल्द फैसले की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे हैं। दरअसल, MC आयुक्त कोर्ट में यह केस साल 2010 से चल रहा है। इस मामले में 46 बार सुनवाई हो चुकी है और नगर निगम शिमला ने 35 बार अवैध निर्माण रोकने व तोड़ने के नोटिस जारी किए है।