हरियाणा के करनाल जिले के घरौंडा क्षेत्र में रामलीला मैदान स्थित एक मकान में दिनदहाड़े चोरी की बड़ी वारदात सामने आई है। इस घटना में अज्ञात चोरों ने एक वकील के घर से लाखों रुपए के जेवरात और नकदी पर हाथ साफ कर दिया। चोरी का यह मामला तब सामने आया जब घर के मालिक देविंद्र सिंह को उनके पड़ोसियों ने घर का दरवाजा खुला होने और सामान बिखरा होने की सूचना दी। मकान मालिक ने चोरी की शिकायत पुलिस को की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पति वकील तो पत्नी टीचर मकान मालिक देविंद्र सिंह पेशे से वकील हैं, और उनकी पत्नी, जेबीटी टीचर हैं। दोनों रोजाना की तरह अपने-अपने काम पर गए हुए थे। सुबह 9 बजे वे घर को ताला लगाकर निकले थे। दोपहर को पड़ोसियों ने फोन कर बताया कि घर का मुख्य दरवाजा खुला है और सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा है। देविंद्र सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि चोर उनके घर से कीमती सामान और नकदी चुरा ले गए। जिसमें एक सोने का चेन सेट, दो सोने के झुमके, तीन सोने की अंगूठियां, एक चांदी का बर्तन सेट, दो स्मार्टवॉच, एक हेडफोन, एक मोबाइल फोन, करीब 30 हजार रुपए नकद और अन्य घरेलू सामान भी गायब है। पड़ोसियों से हो रही पूछताछ पुलिस आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है, ताकि कोई सुराग मिल सके। साथ ही इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। प्रारंभिक जांच में माना जा रहा है कि चोरों ने सुबह के समय सुनसान इलाके का फायदा उठाकर वारदात को अंजाम दिया। FIR दर्ज, पुलिस जांच में जुटी इस मामले में देविंद्र सिंह ने घरौंडा थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। थाना प्रभारी एसएचओ दीपक ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि चोरी का केस दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। हरियाणा के करनाल जिले के घरौंडा क्षेत्र में रामलीला मैदान स्थित एक मकान में दिनदहाड़े चोरी की बड़ी वारदात सामने आई है। इस घटना में अज्ञात चोरों ने एक वकील के घर से लाखों रुपए के जेवरात और नकदी पर हाथ साफ कर दिया। चोरी का यह मामला तब सामने आया जब घर के मालिक देविंद्र सिंह को उनके पड़ोसियों ने घर का दरवाजा खुला होने और सामान बिखरा होने की सूचना दी। मकान मालिक ने चोरी की शिकायत पुलिस को की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पति वकील तो पत्नी टीचर मकान मालिक देविंद्र सिंह पेशे से वकील हैं, और उनकी पत्नी, जेबीटी टीचर हैं। दोनों रोजाना की तरह अपने-अपने काम पर गए हुए थे। सुबह 9 बजे वे घर को ताला लगाकर निकले थे। दोपहर को पड़ोसियों ने फोन कर बताया कि घर का मुख्य दरवाजा खुला है और सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा है। देविंद्र सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि चोर उनके घर से कीमती सामान और नकदी चुरा ले गए। जिसमें एक सोने का चेन सेट, दो सोने के झुमके, तीन सोने की अंगूठियां, एक चांदी का बर्तन सेट, दो स्मार्टवॉच, एक हेडफोन, एक मोबाइल फोन, करीब 30 हजार रुपए नकद और अन्य घरेलू सामान भी गायब है। पड़ोसियों से हो रही पूछताछ पुलिस आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है, ताकि कोई सुराग मिल सके। साथ ही इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। प्रारंभिक जांच में माना जा रहा है कि चोरों ने सुबह के समय सुनसान इलाके का फायदा उठाकर वारदात को अंजाम दिया। FIR दर्ज, पुलिस जांच में जुटी इस मामले में देविंद्र सिंह ने घरौंडा थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। थाना प्रभारी एसएचओ दीपक ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि चोरी का केस दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हिसार में किसान नेता ने खुद को मारी गोली:बेटा बोला- मौत की जिम्मेदार मेरी पत्नी, पंचायत बुलाई फिर भी हरकतें बंद नहीं हुईं
हिसार में किसान नेता ने खुद को मारी गोली:बेटा बोला- मौत की जिम्मेदार मेरी पत्नी, पंचायत बुलाई फिर भी हरकतें बंद नहीं हुईं हिसार जिले के नारनौंद कस्बे के पेटवाड़ गांव में मंगलवार को किसान नेता जितेंद्र ने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से खुद की कनपटी पर गोली मार ली। इसके बाद परिजन उसे उपचार के लिए हिसार के एक निजी अस्पताल में ले गए। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। नारनौंद थाना पुलिस ने मृतक के बेटे अमित के बयान दर्ज कर किसान की मौत के लिए उसकी पत्नी मीना निवासी भगाना, उसकी सास सरोज, साले नवनीत व राजेंद्र, ससुर राममेहर, जसबीर पहलवान, पूर्व सरपंच राज सिंह निवासी गगनखेड़ी व सत्यवान निवासी थुराना को जिम्मेदार ठहराया है। बेटे ने कहा- मौत के लिए मेरी पत्नी जिम्मेदार पुलिस ने परिजनों के बयान दर्ज कर लिए हैं और मामले की गहनता से जांच कर रही है। बयान में मृतक के बेटे अमित ने बताया कि वह खेतीबाड़ी का काम करता है। वह शादीशुदा है और उसकी छोटी बहन अविवाहित है। मेरी शादी भगाना निवासी राममेहर की बेटी मीना से 2021 में हुई थी। शादी के बाद से ही मेरी पत्नी मीना मुझे व मेरे परिजनों को लगातार परेशान कर रही थी। इस संबंध में हमारी कई बार पंचायत भी हो चुकी है, लेकिन उसने अपनी हरकतें बंद नहीं की, जिसके संबंध में हमने नारनौंद व हांसी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। शादी के बाद से ही परिवार परेशान मृतक के बेटे अमित ने बताया कि भगाना निवासी मीना, सरोज, नवनीत, राजेंद्र, राममेहर, जसबीर पहलवान, गगनखेड़ी निवासी पूर्व सरपंच राज सिंह और थुराना निवासी सत्यवान शादी के बाद से ही उसे और उसके परिवार को परेशान कर रहे थे। सोमवार को उसकी पत्नी मीना सुबह करीब 10 बजे अचानक उनके घर आई और गेट के साथ लगते कमरे में बैठ गई। जब उसका पिता जितेंद्र घर पहुंचा तो मीना ने उसके साथ झगड़ा शुरू कर दिया और छेड़छाड़ के झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। इसके बाद उसके पिता की तबीयत भी खराब हो गई।
पूर्व मंत्री कर्णदेव जल्द कांग्रेस में होंगे शामिल:राकेश कंबोज के टिकट पर संकट, हुड्डा के साथ हुई मीटिंग
पूर्व मंत्री कर्णदेव जल्द कांग्रेस में होंगे शामिल:राकेश कंबोज के टिकट पर संकट, हुड्डा के साथ हुई मीटिंग हरियाणा में करनाल की इंद्री विधानसभा में बीजेपी के टिकट वितरण से नाराज चल रहे पूर्व राज्यमंत्री एवं पूर्व विधायक कर्णदेव कंबोज जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो रहे है। जिसको लेकर दिल्ली में कंबोज की पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा से मुलाकात हो चुकी है। जहां से उनको पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला है। हालांकि कंबोज को कांग्रेस से टिकट मिलेगा या नहीं, इसको लेकर न तो भूपेंद्र हुड्डा ने कुछ कहा है और न ही कर्णदेव कंबोज ने। कयास यह भी लगाए जा रहे है कि उनको टिकट इंद्री से भी मिल सकता है और रादौर से भी। अगर कांग्रेस उनको इंद्री सीट से टिकट देती है तो राकेश कंबोज के टिकट पर संकट के बादल छाना लाजमी है। मनोहर लाल चाहते है बीजेपी का सफाया इंद्री से कर्णदेव कांबोज का टिकट कटा और उन्होंने बगावत कर दी। उनको मनाने के लिए 3 दिन पहले रादौर में सीएम नायब सैनी भी पहुंचे थे। नायब सैनी से भी कंबोज नहीं माने। फिर भाजपा के विधानसभा चुनाव प्रभारी विप्लव देव ने कंबोज को दिल्ली में बुलाया और मीटिंग की, लेकिन बात नहीं बनी। कंबोज का कहना है कि मनोहर लाल हरियाणा से बीजेपी का सफाया करवाना चाहते है, हरियाणा के टिकटों में आज भी उन्हीं की चल रही है। जबकि विप्लव देव और सीएम नायब सैनी सुलझे हुए व्यक्ति है। कंबोज ने 10 को बुलाई मीटिंग हुड्डा से मुलाकात के बाद कर्णदेव कंबोज ने 10 सितंबर को अपने कार्यकर्ताओं की बैठक इंद्री में बुलाई है। जिसके बाद स्पष्ट है कि इंद्री विधानसभा में कोई बड़ा खेला होने वाला है। हालांकि कंबोज यह बात जरूर कह रहे है कि उनकी हुड्डा से टिकट को लेकर कोई बात नहीं हुई है। भाजपा को लग सकता है बड़ा झटका कांग्रेस कर्णदेव कंबोज को इंद्री विधानसभा से टिकट दे देती है तो बीजेपी को एक बहुत बड़ा झटका लग सकता है। कंबोज इंद्री की राजनीति में एक बड़ा चेहरा है। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी की विधानसभा में मुश्किलें बढ़ सकती है। अब देखने वाली बात है कि 10 सितंबर को होने वाली मीटिंग में क्या फैसला होता है। कंबोज के आने से कांग्रेसियों की टिकट खतरे में कर्णदेव कंबोज भाजपा से कांग्रेस में एंट्री करेंगे और क्या पता टिकट भी लेकर आ जाए, ऐसे में कांग्रेस से टिकट के दावेदारों में कहीं न कहीं दूसरे दल के प्रत्याशी को टिकट दिए जाने और उनका टिकट कटने से भी असंतोष फैल सकता है। अभी तक की स्थिति यह है कि राकेश कंबोज का यहां से टिकट लगभग फाइनल ही माना जा रहा है। वही भीमसेन मेहता, नव ज्योत कश्यप भी टिकट की लाइन में है। कर्णदेव की एंट्री से कही कांग्रेस के दावेदारों में भाजपा की तरह विरोध न हो जाए। भूपेंद्र हुड्डा बोले, हुई है मीटिंग पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि कर्णदेव कांबोज से मीटिंग हुई है। बहुत ही सकारात्मक मीटिंग रही है। मीटिंग में राजनीतिक मुद्दों पर ही चर्चा हुई है।
किसान नेता डल्लेवाल को लेकर अस्पताल में हंगामा:मुलाकात से रोकने पर भड़के किसान नेता; पुलिस ने 2 नेताओं को हिरासत में लिया
किसान नेता डल्लेवाल को लेकर अस्पताल में हंगामा:मुलाकात से रोकने पर भड़के किसान नेता; पुलिस ने 2 नेताओं को हिरासत में लिया हरियाणा और पंजाब के खनौरी बॉर्डर से हिरासत में लिए गए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने पहुंचे किसानों ने लुधियाना DMC में हंगामा कर दिया। पुलिस उन्हें डल्लेवाल से मिलने से रोक रही थी। पुलिसकर्मियों का कहना था कि उन्हें ऊपर से ऑर्डर मिले हैं। इस पर किसानों से काफी देर तक बहस हुई। किसानों ने पूछा कि किसने ऑर्डर दिए हैं? उन्हें मौके पर बुलाया जाए। इसके लिए पुलिसकर्मी तैयार नहीं हुए। इससे किसान भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद माहौल को शांत करने के लिए पुलिस ने 2 नेताओं को हिरासत में ले लिया है। पुलिस उन्हें अपने साथ थाने ले गई है। वहीं, कई किसान DMC में ही डटे हुए हैं। वे किसान नेता डल्लेवाल से मिलने की जिद पर अड़े हुए हैं। वहीं खनौरी बॉर्डर पर किसान नेताओं की बैठक शुरू हो गई है। शाम 4 बजे किसान नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने संघर्ष की अगली रणनीति का ऐलान करेंगे। अस्पताल में हंगामे के PHOTOS… 58 घंटे से पुलिस की हिरासत में डल्लेवाल
जानकारी के अनुसार, किसान नेता डल्लेवाल 26 नवंबर को मरणव्रत शुरू करने वाले थे, लेकिन उससे पहले पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस की कस्टडी में उन्हें करीब 58 घंटे बीत चुके हैं। इसके दौरान डल्लेवाल से किसी को न मिलने दिया गया और न ही उनसे किसी को बात करने दी। वहीं, इसी बीच बीते बुधवार को हिरासत के करीब 44 घंटे बाद लुधियाना के DMC अस्पताल से डल्लेवाल की पहली तस्वीर सामने आई थी। इसमें वह DMC के अंदर जाते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन उनके साथ पुलिसवाले भी मौजूद हैं। अस्पताल में भी उनका मरणव्रत जारी है। डल्लेवाल का मरणव्रत तीसरे दिन जारी
बता दें कि फसलों पर MSP समेत 13 मुद्दों को लेकर फरवरी महीने से किसानों का पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर संघर्ष पर चल रहा है। आज 68 वर्षीय बुजुर्ग और कैंसर से पीड़ित किसान डल्लेवाल का DMC लुधियाना और सुखजीत सिंह हरदो झंडे का खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत तीसरे दिन भी जारी है। दूसरी तरफ पंजाब सरकार किसानों को शांत करने में जुटी है। भले ही बुधवार को हुई मीटिंग में कोई नतीजा न निकला हो, लेकिन माना जा रहा है कि सरकार आज मीटिंग कर किसानों को शांत करेगी। जबकि, किसानों ने साफ किया है कि जब तक सरकार डल्लेवाल को मोर्चे में लेकर नहीं आती, तब तक वह किसी मुद्दे पर बात नहीं करेंगे। किसान बोले- पहले डल्लेवाल को मोर्चे पर लाएं, फिर बात करेंगे
27 नवंबर को खन्नौरी बॉर्डर संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के बैनर तले किसानों की आपात मीटिंग हुई। मीटिंग में किसान नेता डल्लेवाल को पुलिस हिरासत से छुड़वाने ओर संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए स्ट्रेटजी बनाई गई। इसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के किसान नेता शामिल थे। दूसरी तरफ किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने वीडियो जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार ने अपनी स्थिति साफ कर दी है। अब राज्य सरकार अपनी स्थिति साफ करें। हमें नजर आ रहा है कि दाल में कुछ काला है। किसान नेता सुखजीत सिंह हरदो झंडे ने मरणव्रत शुरू किया है। सरकार डल्लेवाल को बांधकर, उनके नाक में नली लगाकर खुराक दे रही होगी। इसी बीच दोपहर में पंजाब पुलिस के DIG मनजीत सिंह सिद्धू, SSP पटियाला नानक सिंह खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे। इनके साथ भी मीटिंग बेनतीजा रही। किसानों का कहना है कि पहले डल्लेवाल को मोर्चे पर लाएं, फिर बात करेंगे। साथ ही साफ करें कि उन्हें अस्पताल में क्यों ले जाया गया है? सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम
26 नवंबर की सुबह किसान नेता डल्लेवाल को उठाया गया तो किसान भड़क गए थे। तब किसान नेता पंधेर ने मीटिंग कर अगली रणनीति बनाई। उन्होंने केंद्र सरकार को 10 दिन का समय बातचीत के लिए दिया है। अगर इसमें कोई सहमति नहीं बनी तो किसान 6 दिसंबर को दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। किसानों का कहना है कि हमारे सुरक्षा पहरे में कोई कमी रह गई थी, जो पुलिस हमारे किसान नेता को उठाकर ले गई। अब किसानों का सुरक्षा पहरा मजबूत रहेगा। पुलिस मरणव्रत पर बैठे साथी तक नहीं पहुंच पाएगी। डल्लेवाल ने परिवार के नाम की जमीन
डल्लेवाल ने 4 नवंबर को ऐलान किया था कि पार्लियामेंट सेशन शुरू होते ही वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे। 25 नवंबर को फरीदकोट में डल्लेवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि वह सिर पर कफन बांधकर आमरण अनशन पर बैठेंगे। इसलिए, उन्होंने अपनी जमीन पुत्र, पुत्रवधू और पौत्र के नाम करवा दी है। बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली दिल्ली जाएंगे किसान
इधर, किसान नेता पंधेर ने 18 नवंबर को ऐलान किया था कि किसान 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे। उन्होंने कहा था कि 9 महीने से किसान चुप बैठे हैं, लेकिन सरकारों की ओर से हमारी उपेक्षा की जा रही है। इस कारण दिल्ली जाने का फैसला लिया है। इस बार किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के बजाय पैदल मार्च करेंगे। इसमें पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसान शामिल होंगे। 13 फरवरी को दिल्ली कूच पर निकले थे
हरियाणा और पंजाब के किसान 13 फरवरी 2024 को दिल्ली कूच के लिए निकले थे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर, खनौरी बॉर्डर और डबवाली बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। किसानों को इसके आगे नहीं बढ़ने दिया गया। इसके बाद शंभू बॉर्डर पर किसानों ने पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इससे अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। अब मामला कोर्ट में है।