हरियाणा के सिरसा में नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को स्थानीय फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गुरुवार को आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई। न्यायाधीश प्रवीण कुमार ने फैसले में कहा है कि दोषी पिता अंतिम सांस तक जेल में रहेगा। उसको 1 लाख रुपए का जुर्माना भी किया है। बता दें कि दुष्कर्म की शिकार पीड़ित 14 वर्षीय नाबालिग लड़की गर्भवती हो गई थी और 16 नवंबर 2019 को उसकी सिविल अस्पताल में एक प्री मैच्योर बच्ची को जन्म दिया था। मामले के अनुसार कालांवाली थाना क्षेत्र निवासी नाबालिग लड़की ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि वह कक्षा नौवीं में पढ़ती है। करीब छह माह पहले उसके पिता सतीश कुमार ने उसे खाने में नशीला पदार्थ डालकर दे दिया। इससे वह अचेत हो गई। इसके बाद उसके पिता ने उसके साथ दुष्कर्म किया। 27 अक्टूबर 2019 को उसके पेट में दर्द हुआ तो मां उसे लेकर डॉक्टर के पास गई। डॉक्टर ने उसकी जांच करने के बाद मां को बताया कि आपकी बेटी गर्भवती है। मां ने बेटी से पूछा तो उसने बताया कि पिता सतीश कुमार उसके साथ दुष्कर्म किया था। यह जानकर मां सन्न रह गई। इसके बाद वह उसे लेकर पुलिस थाने पहुंची। पुलिस ने नाबालिग का बयान दर्ज कर 30 अक्टूबर 2019 को उसके पिता सतीश कुमार के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। वकीलों ने केस लड़ने से कर दिया था इनकार बता दें कि बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी पिता सतीश का केस लड़ने से सिरसा के वकीलों ने इनकार कर दिया है। हैरान करने वाली बात यह रही कि आरोपी पति की पत्नी ही उसका केस लड़ने को लेकर वकील करने के लिए न्यायालय परिसर में पहुंची। वह जिस भी वकील के पास अपने पति का केस लेकर पहुंची उसने केस लड़ने से साफ इनकार कर दिया। वकीलों ने महिला से कहा कि जिस आदमी ने अपनी बेटी को ही अपनी हवस का शिकार बनाकर उसे गर्भवती कर दिया, ऐसे आदमी को तुम बचाना चाहती हो वो भी एक मां होकर। महिला ने वकीलों से उसके पति का केस लड़ने की गुहार लगाते हुए कहा कि उसका घर चलाने वाला अब कोई नहीं है। उसकी बेटी भी यही चाहती है कि किसी तरह उसका पिता जेल से बाहर आ जाए। पिता की लाडली बेटी थी
सतीश कुमार के चार बच्चे हैं। पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि वह सबसे छोटी है और पिता की लाडली भी। वह अपने पिता के साथ ही सोती थी। उसे नहीं पता था कि पिता उसके साथ ऐसी घिनौनी हरकत करेगा। हरियाणा के सिरसा में नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को स्थानीय फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गुरुवार को आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई। न्यायाधीश प्रवीण कुमार ने फैसले में कहा है कि दोषी पिता अंतिम सांस तक जेल में रहेगा। उसको 1 लाख रुपए का जुर्माना भी किया है। बता दें कि दुष्कर्म की शिकार पीड़ित 14 वर्षीय नाबालिग लड़की गर्भवती हो गई थी और 16 नवंबर 2019 को उसकी सिविल अस्पताल में एक प्री मैच्योर बच्ची को जन्म दिया था। मामले के अनुसार कालांवाली थाना क्षेत्र निवासी नाबालिग लड़की ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि वह कक्षा नौवीं में पढ़ती है। करीब छह माह पहले उसके पिता सतीश कुमार ने उसे खाने में नशीला पदार्थ डालकर दे दिया। इससे वह अचेत हो गई। इसके बाद उसके पिता ने उसके साथ दुष्कर्म किया। 27 अक्टूबर 2019 को उसके पेट में दर्द हुआ तो मां उसे लेकर डॉक्टर के पास गई। डॉक्टर ने उसकी जांच करने के बाद मां को बताया कि आपकी बेटी गर्भवती है। मां ने बेटी से पूछा तो उसने बताया कि पिता सतीश कुमार उसके साथ दुष्कर्म किया था। यह जानकर मां सन्न रह गई। इसके बाद वह उसे लेकर पुलिस थाने पहुंची। पुलिस ने नाबालिग का बयान दर्ज कर 30 अक्टूबर 2019 को उसके पिता सतीश कुमार के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। वकीलों ने केस लड़ने से कर दिया था इनकार बता दें कि बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी पिता सतीश का केस लड़ने से सिरसा के वकीलों ने इनकार कर दिया है। हैरान करने वाली बात यह रही कि आरोपी पति की पत्नी ही उसका केस लड़ने को लेकर वकील करने के लिए न्यायालय परिसर में पहुंची। वह जिस भी वकील के पास अपने पति का केस लेकर पहुंची उसने केस लड़ने से साफ इनकार कर दिया। वकीलों ने महिला से कहा कि जिस आदमी ने अपनी बेटी को ही अपनी हवस का शिकार बनाकर उसे गर्भवती कर दिया, ऐसे आदमी को तुम बचाना चाहती हो वो भी एक मां होकर। महिला ने वकीलों से उसके पति का केस लड़ने की गुहार लगाते हुए कहा कि उसका घर चलाने वाला अब कोई नहीं है। उसकी बेटी भी यही चाहती है कि किसी तरह उसका पिता जेल से बाहर आ जाए। पिता की लाडली बेटी थी
सतीश कुमार के चार बच्चे हैं। पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि वह सबसे छोटी है और पिता की लाडली भी। वह अपने पिता के साथ ही सोती थी। उसे नहीं पता था कि पिता उसके साथ ऐसी घिनौनी हरकत करेगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर