सिरसा में वरूवाली ​​​​​​​नहर टूटी:55 फीट चौड़ी आई दरार; गेहूं और सरसों की 50 एकड़ फसल में जलभराव

सिरसा में वरूवाली ​​​​​​​नहर टूटी:55 फीट चौड़ी आई दरार; गेहूं और सरसों की 50 एकड़ फसल में जलभराव

सिरसा जिले के नाथूसरी चोपटा के पास से गुजरने वाली शुक्रवार सुबह वरूवाली नहर अचानक टूट गई। नहर में 55 फीट चौड़ी दरार आ गई। जिससे गेहूं व सरसों की करीब 50 एकड़ फसल में जलभराव हो गया है। किसानों ने नहर टूटने की सूचना सिंचाई विभाग को दी। नहर टूटने की सूचना मिलने पर सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। नहर को नहराना हेड से बंद करवा दिया गया है। पहले भी दो बार टूट चुकी नहर नाथुसरी चोपटा के नजदीक वरूवाली नहर में शुक्रवार सुबह के समय अचानक दरार आ गई। इसके बारे में जैसे ही किसानों को सूचना मिली। किसानों ने तुरंत सिंचाई विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाया। इसके बाद नहर को नहराना हेड से बंद करवा दिया गया। किसानों ने बताया कि नहर अधिकारियों की लापरवाही से टूटी है। यहां पर पहले भी दो बार नहर टूट चुकी है। फसलों में हुआ जलभराव नहर टूटने से गेहूं व सरसों की बिजाई की गई फसलों को नुकसान पहुंचा है। किसानों ने बताया कि जलभराव से फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसका मुआवजा दिया जाए। क्योंकि अब आगे किसी भी फसल की बिजाई नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही नहर के अंतिम छोर पर पड़ने वाले गांवों के किसान सिंचाई से वंचित रह गए। सिरसा जिले के नाथूसरी चोपटा के पास से गुजरने वाली शुक्रवार सुबह वरूवाली नहर अचानक टूट गई। नहर में 55 फीट चौड़ी दरार आ गई। जिससे गेहूं व सरसों की करीब 50 एकड़ फसल में जलभराव हो गया है। किसानों ने नहर टूटने की सूचना सिंचाई विभाग को दी। नहर टूटने की सूचना मिलने पर सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। नहर को नहराना हेड से बंद करवा दिया गया है। पहले भी दो बार टूट चुकी नहर नाथुसरी चोपटा के नजदीक वरूवाली नहर में शुक्रवार सुबह के समय अचानक दरार आ गई। इसके बारे में जैसे ही किसानों को सूचना मिली। किसानों ने तुरंत सिंचाई विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाया। इसके बाद नहर को नहराना हेड से बंद करवा दिया गया। किसानों ने बताया कि नहर अधिकारियों की लापरवाही से टूटी है। यहां पर पहले भी दो बार नहर टूट चुकी है। फसलों में हुआ जलभराव नहर टूटने से गेहूं व सरसों की बिजाई की गई फसलों को नुकसान पहुंचा है। किसानों ने बताया कि जलभराव से फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसका मुआवजा दिया जाए। क्योंकि अब आगे किसी भी फसल की बिजाई नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही नहर के अंतिम छोर पर पड़ने वाले गांवों के किसान सिंचाई से वंचित रह गए।   हरियाणा | दैनिक भास्कर