सिरसा में सांसद सैलजा ने सीएम को लिखी चिट्ठी:बोली-प्रदेश में कैंसर से हर माह 1500 मरीजों की मौत, विशेषज्ञों की करें नियुक्ति

सिरसा में सांसद सैलजा ने सीएम को लिखी चिट्ठी:बोली-प्रदेश में कैंसर से हर माह 1500 मरीजों की मौत, विशेषज्ञों की करें नियुक्ति

हरियाणा के सिरसा जिले में कैंसर की स्थिति चिंताजनक हो गई है। सिरसा सांसद और कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। सांसद ने बताया कि सिरसा और फतेहाबाद जिले कैंसर से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, लेकिन यहां मरीजों के इलाज की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। नमूने भेजे जा रहे दूसरी प्रयोगशालाओं में विशेष रूप से घग्गर नदी के किनारे स्थित सिरसा, फतेहाबाद, कैथल और अंबाला जिलों में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां तक कि जांच के लिए नमूने भी दूसरी जगहों की प्रयोगशालाओं में भेजने पड़ते हैं। मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली, बीकानेर या चंडीगढ़ जाना पड़ता है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हरियाणा में हर महीने लगभग 1500 लोग कैंसर से दम तोड़ रहे हैं। निजी अस्पतालों में इलाज पहुंच से बाहर मरीजों को या तो पीजीआई रोहतक, चंडीगढ़ या राष्ट्रीय कैंसर संस्थान झज्जर में जाना पड़ता है, जहां मरीजों की अधिक संख्या के कारण लंबा इंतजार करना पड़ता है। वहीं निजी अस्पतालों में इलाज आम आदमी की पहुंच से बाहर है। सिविल अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों और उचित इलाज की सुविधाओं की कमी के कारण मरीज अपनी जान गंवा रहे हैं। हरियाणा के सिरसा जिले में कैंसर की स्थिति चिंताजनक हो गई है। सिरसा सांसद और कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। सांसद ने बताया कि सिरसा और फतेहाबाद जिले कैंसर से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, लेकिन यहां मरीजों के इलाज की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। नमूने भेजे जा रहे दूसरी प्रयोगशालाओं में विशेष रूप से घग्गर नदी के किनारे स्थित सिरसा, फतेहाबाद, कैथल और अंबाला जिलों में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां तक कि जांच के लिए नमूने भी दूसरी जगहों की प्रयोगशालाओं में भेजने पड़ते हैं। मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली, बीकानेर या चंडीगढ़ जाना पड़ता है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हरियाणा में हर महीने लगभग 1500 लोग कैंसर से दम तोड़ रहे हैं। निजी अस्पतालों में इलाज पहुंच से बाहर मरीजों को या तो पीजीआई रोहतक, चंडीगढ़ या राष्ट्रीय कैंसर संस्थान झज्जर में जाना पड़ता है, जहां मरीजों की अधिक संख्या के कारण लंबा इंतजार करना पड़ता है। वहीं निजी अस्पतालों में इलाज आम आदमी की पहुंच से बाहर है। सिविल अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों और उचित इलाज की सुविधाओं की कमी के कारण मरीज अपनी जान गंवा रहे हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर