सिरसा सैलून संचालक को ₹37 करोड़ टैक्स में अपडेट:आयकर विभाग की टीम सिरसा आकर पता लगी चुकी फ्रॉड, पांच साल बाद नोटिस

सिरसा सैलून संचालक को ₹37 करोड़ टैक्स में अपडेट:आयकर विभाग की टीम सिरसा आकर पता लगी चुकी फ्रॉड, पांच साल बाद नोटिस

हरियाणा के सिरसा जिले के एक सैलून संचालक को इनकम टैक्स विभाग की ओर से 37.87 करोड़ रुपए का नोटिस भेजने के मामले में अपडेट सामने आया है। मामले में गुरुग्राम आयकर विभाग ने सिरसा के गांव अली मोहम्मद निवासी सैलून संचालक राकेश कुमार के घर पर आ चुकी है और हाल ए स्थिति के बारे में जाना। उस समय गुरुग्राम आयकर विभाग को भी पता चल गया कि सैलून वाले के साथ फ्रॉड हुआ है। फिर भी गुरुग्राम से आई टीम राकेश को यह कहकर गुरुग्राम अपने साथ ले गई कि कागजी कार्रवाई के लिए एक बार साथ ले जाना पड़ेगा। हालांकि, गुरुग्राम आयकर विभाग ने सर्च वारंट जारी किया था। उस समय सैलून संचालक को तुरंत गुरुग्राम ले जाया गया। वहां पर बयान दर्ज हुए और हस्ताक्षर करवाकर रात को वापस भेज दिया। यह बातें साल 2020 की है। उस समय आयकर विभाग ने सही से उसे यह भी नहीं बताया कि यह फर्म किसने और कहां पर खोली है। राकेश को इतना बताया कि किसी ने हिमांशु फर्म के नाम से गुरुग्राम में काम कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि कोई बात नहीं, इसकी जांच करेंगे। कुछ नहीं होगा। मगर चार से पांच साल बाद फिर से नोटिस जारी कर दिया गया। इस बार गुरुग्राम के बजाय आयकर विभाग सिरसा से जारी हुआ है।
हालांकि, मामला चर्चाओं में आने के बाद पुलिस ने संज्ञान लिया है। नाथुसरी चौपटा थाना पुलिस ने शिकायतकर्ता राकेश कुमार से फोन से संपर्क साधाा और उसे थाने में बुलाया है। अब सोमवार सुबह राकेश कुमार अपने परिवारजनों के साथ थाने में गया है। इसके बाद ही पूरी जानकारी मिल पाएगी। पहले ही लोन अदायगी के जुटाए कागजात
हालांकि, राकेश कुमार ने सहजता से काम लिया। जैसे ही कागजात लीक होने का पता चला तो वह पहले सीधा सिरसा के सांगवान चौक स्थित धनी एप कार्यालय में पहुंचा। वहां से अपने सभी दस्तावेज जुटाए। जो लोन के समय लिए थे। लोन अदायगी का नो ड्यूज भी लिया, ताकि आगे काम आ सकें।
वहीं से पता चला कि किसी कर्मचारी ने उसके दस्तावेज किसी को दे दिए और तभी किसी ने गुरुग्राम में उसके दस्तावेजों के आधार पर फर्जी फर्म बनाकर काम शुरू कर लिया। उसका 37.87 करोड़ टैक्स बकाया है। इसलिए आयकर विभाग ने टैक्स भरने के लिए नोटिस जारी किया। इसकी असलियत जांच में सामने आएगी कि फर्म किसने बनाई है और कितने करोड़ का व्यवसाय है। उसके बाद राकेश के दस्तावेज किसने बेचें। पूरा परिवार परेशान
जब से आयकर विभाग से नोटिस मिलने के बाद सैलून संचालक और उसका परिवार परेशान है। राकेश अधिकारी व पुलिस थाने के चक्कर काट रहा है। सैलून संचालक का कहना है कि वह तो मुश्किल से अपना घर चला पा रहा है। उसकी दिनभर की कमाई 500 रुपए भी नहीं होती।
राकेश ने कहा कि पहले सिरसा में धनी एप एक लोन कंपनी से साल 2020-21 में 10 हजार रुपए का कर्ज लिया था, उसे चुकता कर दिया। उसे शक है कि कहीं वहीं से उसके डॉक्यूमेंट्स का मिसयूज कर कोई कंपनी न खोली गई हो। नोटिस का 9 अप्रैल तक जवाब मांगा है। इससे परिवार ज्यादा परेशान है कि अब क्या होगा?
10 साल से सैलून चला रहा
सिरसा के अली मोहम्मद गांव निवासी राकेश कुमार का कहना है कि वह पिछले 10 साल से सैलून चला रहा है। डेरा सच्चा सौदा के पास उसका सैलून है। 29 मार्च को वह दुकान पर नहीं था। इसी दौरान डाकिया पास की दुकान में उसके नाम का लिफाफा दे गया। उसे कह गया कि राकेश को दे देना। जब वह दुकान पर लौटा तो पड़ोसी दुकानदार ने उसे यह लिफाफा थमा दिया।
घर के अलावा कोई जायदाद नहीं
सैलून संचालक राकेश ने बताया कि उसका घर भी पंचायती जमीन पर 5-6 मरला जगह में बना है। घर की हालत भी खस्ता है। दो कमरों का मकान है और बाकी कच्चा है। इस घर के अलावा कोई भी जमीन जायदाद नहीं है। दुकान से घर का खर्च ही मुश्किल से चलता है। पिता नरसी राम सिलाई का काम करते हैं और माता मेवा देवी और पत्नी सुनीता गृहिणी हैं। उसके दो बच्चे हैं। सब इस नोटिस को लेकर चिंतित हैं। हरियाणा के सिरसा जिले के एक सैलून संचालक को इनकम टैक्स विभाग की ओर से 37.87 करोड़ रुपए का नोटिस भेजने के मामले में अपडेट सामने आया है। मामले में गुरुग्राम आयकर विभाग ने सिरसा के गांव अली मोहम्मद निवासी सैलून संचालक राकेश कुमार के घर पर आ चुकी है और हाल ए स्थिति के बारे में जाना। उस समय गुरुग्राम आयकर विभाग को भी पता चल गया कि सैलून वाले के साथ फ्रॉड हुआ है। फिर भी गुरुग्राम से आई टीम राकेश को यह कहकर गुरुग्राम अपने साथ ले गई कि कागजी कार्रवाई के लिए एक बार साथ ले जाना पड़ेगा। हालांकि, गुरुग्राम आयकर विभाग ने सर्च वारंट जारी किया था। उस समय सैलून संचालक को तुरंत गुरुग्राम ले जाया गया। वहां पर बयान दर्ज हुए और हस्ताक्षर करवाकर रात को वापस भेज दिया। यह बातें साल 2020 की है। उस समय आयकर विभाग ने सही से उसे यह भी नहीं बताया कि यह फर्म किसने और कहां पर खोली है। राकेश को इतना बताया कि किसी ने हिमांशु फर्म के नाम से गुरुग्राम में काम कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि कोई बात नहीं, इसकी जांच करेंगे। कुछ नहीं होगा। मगर चार से पांच साल बाद फिर से नोटिस जारी कर दिया गया। इस बार गुरुग्राम के बजाय आयकर विभाग सिरसा से जारी हुआ है।
हालांकि, मामला चर्चाओं में आने के बाद पुलिस ने संज्ञान लिया है। नाथुसरी चौपटा थाना पुलिस ने शिकायतकर्ता राकेश कुमार से फोन से संपर्क साधाा और उसे थाने में बुलाया है। अब सोमवार सुबह राकेश कुमार अपने परिवारजनों के साथ थाने में गया है। इसके बाद ही पूरी जानकारी मिल पाएगी। पहले ही लोन अदायगी के जुटाए कागजात
हालांकि, राकेश कुमार ने सहजता से काम लिया। जैसे ही कागजात लीक होने का पता चला तो वह पहले सीधा सिरसा के सांगवान चौक स्थित धनी एप कार्यालय में पहुंचा। वहां से अपने सभी दस्तावेज जुटाए। जो लोन के समय लिए थे। लोन अदायगी का नो ड्यूज भी लिया, ताकि आगे काम आ सकें।
वहीं से पता चला कि किसी कर्मचारी ने उसके दस्तावेज किसी को दे दिए और तभी किसी ने गुरुग्राम में उसके दस्तावेजों के आधार पर फर्जी फर्म बनाकर काम शुरू कर लिया। उसका 37.87 करोड़ टैक्स बकाया है। इसलिए आयकर विभाग ने टैक्स भरने के लिए नोटिस जारी किया। इसकी असलियत जांच में सामने आएगी कि फर्म किसने बनाई है और कितने करोड़ का व्यवसाय है। उसके बाद राकेश के दस्तावेज किसने बेचें। पूरा परिवार परेशान
जब से आयकर विभाग से नोटिस मिलने के बाद सैलून संचालक और उसका परिवार परेशान है। राकेश अधिकारी व पुलिस थाने के चक्कर काट रहा है। सैलून संचालक का कहना है कि वह तो मुश्किल से अपना घर चला पा रहा है। उसकी दिनभर की कमाई 500 रुपए भी नहीं होती।
राकेश ने कहा कि पहले सिरसा में धनी एप एक लोन कंपनी से साल 2020-21 में 10 हजार रुपए का कर्ज लिया था, उसे चुकता कर दिया। उसे शक है कि कहीं वहीं से उसके डॉक्यूमेंट्स का मिसयूज कर कोई कंपनी न खोली गई हो। नोटिस का 9 अप्रैल तक जवाब मांगा है। इससे परिवार ज्यादा परेशान है कि अब क्या होगा?
10 साल से सैलून चला रहा
सिरसा के अली मोहम्मद गांव निवासी राकेश कुमार का कहना है कि वह पिछले 10 साल से सैलून चला रहा है। डेरा सच्चा सौदा के पास उसका सैलून है। 29 मार्च को वह दुकान पर नहीं था। इसी दौरान डाकिया पास की दुकान में उसके नाम का लिफाफा दे गया। उसे कह गया कि राकेश को दे देना। जब वह दुकान पर लौटा तो पड़ोसी दुकानदार ने उसे यह लिफाफा थमा दिया।
घर के अलावा कोई जायदाद नहीं
सैलून संचालक राकेश ने बताया कि उसका घर भी पंचायती जमीन पर 5-6 मरला जगह में बना है। घर की हालत भी खस्ता है। दो कमरों का मकान है और बाकी कच्चा है। इस घर के अलावा कोई भी जमीन जायदाद नहीं है। दुकान से घर का खर्च ही मुश्किल से चलता है। पिता नरसी राम सिलाई का काम करते हैं और माता मेवा देवी और पत्नी सुनीता गृहिणी हैं। उसके दो बच्चे हैं। सब इस नोटिस को लेकर चिंतित हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर