पेरिस ओलिंपिक में देश की गोल्डन आस नीरज चोपड़ा को इस बार सिल्वर मेडल जीतने में कामयाबी मिली है। पूरा देश उनसे गोल्ड मेडल की आस लगा रहा था। यहां तक कि परिवार भी गोल्ड की उम्मीद में था। मैच के परिणाम के बाद नीरज की मां ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है। माता सरोज देवी ने कहा कि जिस तरह बार-बार उसका पैर फिसल रहा था, पता ही नहीं लग रहा था कि आज नीरज कैसे खेल रहा है। उसका दिन अच्छा नहीं था। फिर भी उसने अपनी जी-जान लगाकर बहुत अच्छा किया। जिसकी जैसी मेहनत होती है, उसे वैसा फल मिलता है। हालांकि हमें सिल्वर और गोल्ड मेडल में कोई फर्क नहीं है। हर बार गोल्ड ला रहा था, इस बार सिल्वर लाया है तो कोई दु:ख नहीं है। अब उसके स्वागत की पूरी तैयारी है। एयरपोर्ट से उसे धूम-धड़के से लेकर आएंगे। पीएम मोदी से जब मिलने जाएंगे, तो चूरमा ले जाएंगे। नीरज खुद प्रधानमंत्री को चूरमा खिलाएगा।
इस बार शादी के लिए नीरज को मनाएंगे: मां सरोज देवी
हम तो नीरज की शादी करना चाहते हैं। ओलिंपिक के बाद शादी की बात कही थी, अब तो तैयार है। लेकिन नीरज अभी नहीं मान रहा है। उसका मन अभी देश के लिए और खेलने का है। नीरज कहता है कि जब तब वह अपनी गेम में बेस्ट कर रहा है, तब तक वह शादी का कोई विचार नहीं करेगा। इस बार नीरज को शादी के लिए हम मनाएंगे। नीरज ने हमेशा ही परिवार को शादी की कमान सौंपी है कि जिससे भी कहेंगे, शादी कर लेगा। लेकिन कभी अपनी पसंद की कोई खिलाड़ी नहीं बताई है। अगर वह अपनी पसंद की भी कोई बताएगा, तो भी हम उसके साथ है। लस्सी का शौकीन है नीरज
नीरज आज भी बचपन की तरह ही अपनी जिंदगी जीता है। हाथ में रोटी रखकर उसमें चीनी-घी-शक्कर मिलाकर रोटी को गोल कर खाता है। लस्सी भी शोक से पीता है। हरियाणा की डाइट ही ये ही है। आज भी रोटी को गोल कर चाय के साथ खा लेता है। थाली भी नहीं लेता है। पिता बोलें ने तीन कारण बताएं नीरज के गोल्ड न आने के
पूरे देश को क्वालीफाई मैच के बाद से नीरज से हमेशा की तरह गोल्ड की ही आस थी। आज पहली बार ही हमने ऐसा देखा कि 90 के पार जाकर मैच जीता है। नहीं तो एक ऐसा स्टेंडर्ड ऐसा था कि हम 90 से पहले ही गोल्ड में होते थे। पहले जो जैवलिन के गेम होती थी, तो यूरोपियन कंट्री ही ज्यादा भाग लेते थे। लेकिन अब हमारे खिलाड़ी इसमें बहुत ज्यादा भाग ले रहे हैं। अब यूरोपियन कंट्री को भी लगने लगा है कि ये इस गेम में दुनिया भर में, खासतौर से भारत में बहुत प्रतिभाएं हैं। हमेशा की तरह खेलने वाले नीरज का खेल आज वैसा नहीं था। इस सवाल के जवाब में पिता सतीश चोपड़ा ने कहा कि इसके कई कारण हो सकते है। नीरज की ग्रोइिंग इंजरी भी कारण हो सकती है। दूसरा ये है कि पहला थ्रो नीरज का फाउल गया। जब भी उसका पहला थ्रो सही जाता है, तो वह अगले बाकी थ्रो में और जी-जान लगा देता है। इसके अलावा प्रतिद्वंदी ने भी टारगेट बड़ा कर दिया था। बाकी तो सही मायने में कारण नीरज से बात कर ही पता लग सकती है। नीरज की शादी के सवाल के जवाब में कहा कि हम चाहते जरूर है कि उसकी शादी हो जाए। लेकिन अभी वह और खेलना चाहता है। परिवार उसके फैसले के साथ है। पेरिस ओलिंपिक में देश की गोल्डन आस नीरज चोपड़ा को इस बार सिल्वर मेडल जीतने में कामयाबी मिली है। पूरा देश उनसे गोल्ड मेडल की आस लगा रहा था। यहां तक कि परिवार भी गोल्ड की उम्मीद में था। मैच के परिणाम के बाद नीरज की मां ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है। माता सरोज देवी ने कहा कि जिस तरह बार-बार उसका पैर फिसल रहा था, पता ही नहीं लग रहा था कि आज नीरज कैसे खेल रहा है। उसका दिन अच्छा नहीं था। फिर भी उसने अपनी जी-जान लगाकर बहुत अच्छा किया। जिसकी जैसी मेहनत होती है, उसे वैसा फल मिलता है। हालांकि हमें सिल्वर और गोल्ड मेडल में कोई फर्क नहीं है। हर बार गोल्ड ला रहा था, इस बार सिल्वर लाया है तो कोई दु:ख नहीं है। अब उसके स्वागत की पूरी तैयारी है। एयरपोर्ट से उसे धूम-धड़के से लेकर आएंगे। पीएम मोदी से जब मिलने जाएंगे, तो चूरमा ले जाएंगे। नीरज खुद प्रधानमंत्री को चूरमा खिलाएगा।
इस बार शादी के लिए नीरज को मनाएंगे: मां सरोज देवी
हम तो नीरज की शादी करना चाहते हैं। ओलिंपिक के बाद शादी की बात कही थी, अब तो तैयार है। लेकिन नीरज अभी नहीं मान रहा है। उसका मन अभी देश के लिए और खेलने का है। नीरज कहता है कि जब तब वह अपनी गेम में बेस्ट कर रहा है, तब तक वह शादी का कोई विचार नहीं करेगा। इस बार नीरज को शादी के लिए हम मनाएंगे। नीरज ने हमेशा ही परिवार को शादी की कमान सौंपी है कि जिससे भी कहेंगे, शादी कर लेगा। लेकिन कभी अपनी पसंद की कोई खिलाड़ी नहीं बताई है। अगर वह अपनी पसंद की भी कोई बताएगा, तो भी हम उसके साथ है। लस्सी का शौकीन है नीरज
नीरज आज भी बचपन की तरह ही अपनी जिंदगी जीता है। हाथ में रोटी रखकर उसमें चीनी-घी-शक्कर मिलाकर रोटी को गोल कर खाता है। लस्सी भी शोक से पीता है। हरियाणा की डाइट ही ये ही है। आज भी रोटी को गोल कर चाय के साथ खा लेता है। थाली भी नहीं लेता है। पिता बोलें ने तीन कारण बताएं नीरज के गोल्ड न आने के
पूरे देश को क्वालीफाई मैच के बाद से नीरज से हमेशा की तरह गोल्ड की ही आस थी। आज पहली बार ही हमने ऐसा देखा कि 90 के पार जाकर मैच जीता है। नहीं तो एक ऐसा स्टेंडर्ड ऐसा था कि हम 90 से पहले ही गोल्ड में होते थे। पहले जो जैवलिन के गेम होती थी, तो यूरोपियन कंट्री ही ज्यादा भाग लेते थे। लेकिन अब हमारे खिलाड़ी इसमें बहुत ज्यादा भाग ले रहे हैं। अब यूरोपियन कंट्री को भी लगने लगा है कि ये इस गेम में दुनिया भर में, खासतौर से भारत में बहुत प्रतिभाएं हैं। हमेशा की तरह खेलने वाले नीरज का खेल आज वैसा नहीं था। इस सवाल के जवाब में पिता सतीश चोपड़ा ने कहा कि इसके कई कारण हो सकते है। नीरज की ग्रोइिंग इंजरी भी कारण हो सकती है। दूसरा ये है कि पहला थ्रो नीरज का फाउल गया। जब भी उसका पहला थ्रो सही जाता है, तो वह अगले बाकी थ्रो में और जी-जान लगा देता है। इसके अलावा प्रतिद्वंदी ने भी टारगेट बड़ा कर दिया था। बाकी तो सही मायने में कारण नीरज से बात कर ही पता लग सकती है। नीरज की शादी के सवाल के जवाब में कहा कि हम चाहते जरूर है कि उसकी शादी हो जाए। लेकिन अभी वह और खेलना चाहता है। परिवार उसके फैसले के साथ है। हरियाणा | दैनिक भास्कर