हिमाचल प्रदेश में कई ऐसे पर्यटन स्थल है, जहां अक्सर पर्यटकों की भरमार देखने को मिलती है। ऐसे ही क्षेत्र के लाहुल घाटी में स्थित लोकप्रिय पर्यटन स्थल सिस्सू में इस समय पूरी तरह वीरानगी छाई हुई है। सिस्सू लेक में अब न आइस स्केटिंग होगी और न हेलीपैड क्षेत्र में अगले 44 दिनों तक पर्यटक प्रवेश कर पाएंगे। प्रशासन की तरफ से पूरी तरह रोक लगाई गई है। वर्तमान में पर्यटक माइनस 3 से 5 डिग्री टेम्प्रेचर में जमी हुए सिस्सू लेक पर आइस स्केटिंग का आनंद ले रहे थे। नवंबर में अत्यधिक ठंड के कारण सिस्सू लेक जम जाती है, जो गर्मियों में बोटिंग का प्रमुख केंद्र होता है। अटल टनल रोहतांग खुलने के बाद से यह स्थल लाहुल घाटी का सबसे लोकप्रिय पर्यटन केंद्र बन गया है, जहां अक्सर पर्यटकों की भरमार रहती है। सिस्सू हेलीपैड का इतिहास सिस्सू हेलीपैड का इतिहास महत्वपूर्ण रहा है। 2020 से पहले, जब रोहतांग दर्रा बंद होने के कारण लाहुल घाटी बाहरी दुनिया से कट जाती थी, तब सिस्सू हेलीपैड आपातकालीन परिवहन का एकमात्र साधन था। आज यह क्षेत्र न केवल वाहन पार्किंग के लिए, बल्कि पर्यटकों के लिए लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट के रूप में जाना जाता है। 1 मार्च तक लागू रहेगा प्रतिबंध सिस्सू पर्यटन स्थल काे लेकर प्रशासन की तरफ से घोषणा की गई कि बर्फबारी को देखते हुए जो प्रतिबंध लागू किया गया है, जो 1 मार्च तक लागू रहेगा। इसके बाद पर्यटक फिर से इस खूबसूरत स्थल का आनंद ले सकेंगे। हिमाचल प्रदेश में कई ऐसे पर्यटन स्थल है, जहां अक्सर पर्यटकों की भरमार देखने को मिलती है। ऐसे ही क्षेत्र के लाहुल घाटी में स्थित लोकप्रिय पर्यटन स्थल सिस्सू में इस समय पूरी तरह वीरानगी छाई हुई है। सिस्सू लेक में अब न आइस स्केटिंग होगी और न हेलीपैड क्षेत्र में अगले 44 दिनों तक पर्यटक प्रवेश कर पाएंगे। प्रशासन की तरफ से पूरी तरह रोक लगाई गई है। वर्तमान में पर्यटक माइनस 3 से 5 डिग्री टेम्प्रेचर में जमी हुए सिस्सू लेक पर आइस स्केटिंग का आनंद ले रहे थे। नवंबर में अत्यधिक ठंड के कारण सिस्सू लेक जम जाती है, जो गर्मियों में बोटिंग का प्रमुख केंद्र होता है। अटल टनल रोहतांग खुलने के बाद से यह स्थल लाहुल घाटी का सबसे लोकप्रिय पर्यटन केंद्र बन गया है, जहां अक्सर पर्यटकों की भरमार रहती है। सिस्सू हेलीपैड का इतिहास सिस्सू हेलीपैड का इतिहास महत्वपूर्ण रहा है। 2020 से पहले, जब रोहतांग दर्रा बंद होने के कारण लाहुल घाटी बाहरी दुनिया से कट जाती थी, तब सिस्सू हेलीपैड आपातकालीन परिवहन का एकमात्र साधन था। आज यह क्षेत्र न केवल वाहन पार्किंग के लिए, बल्कि पर्यटकों के लिए लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट के रूप में जाना जाता है। 1 मार्च तक लागू रहेगा प्रतिबंध सिस्सू पर्यटन स्थल काे लेकर प्रशासन की तरफ से घोषणा की गई कि बर्फबारी को देखते हुए जो प्रतिबंध लागू किया गया है, जो 1 मार्च तक लागू रहेगा। इसके बाद पर्यटक फिर से इस खूबसूरत स्थल का आनंद ले सकेंगे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
बिलासपुर में मनाया गया जेपी नड्डा का जन्मदिन:BJP कार्यकर्ताओं ने की लंबी उम्र की कामना, पार्टी कार्यालय पर किया हवन यज्ञ
बिलासपुर में मनाया गया जेपी नड्डा का जन्मदिन:BJP कार्यकर्ताओं ने की लंबी उम्र की कामना, पार्टी कार्यालय पर किया हवन यज्ञ बिलासपुर में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का जन्मदिवस मनाया। कार्यकर्ताओं ने इस अवसर पर पूजा अर्चना व हवन यज्ञ करके उनकी लंबी उम्र की कामना की। आज 2 दिसंबर को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा का जन्मदिन है। उनके जन्मोत्सव पर हिमाचल के बिलासपुर जिले में भाजपा पार्टी कार्यालय में हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सदर विधायक त्रिलोक जमवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष, और अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। हवन यज्ञ के दौरान उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं ने जेपी नड्डा की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की कामना की। विधायक त्रिलोक जमवाल ने इस मौके पर कहा कि जेपी नड्डा जी का नेतृत्व न केवल पार्टी बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने स्वास्थ्य और विकास के क्षेत्र में अहम योगदान दिया है। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष ने भी जेपी नड्डा के प्रयासों की सराहना की और कहा कि उनका मार्गदर्शन पार्टी के कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा देता है। कार्यक्रम में पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे, जिन्होंने जगद प्रकाश नड्डा के योगदान और उनकी उपलब्धियों पर चर्चा की। हवन के बाद सभी ने सामूहिक रूप से उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।
अभिनेत्री सारा अली खान शूटिंग के लिए मनाली पहुंची:आयुष्मान खुराना के साथ फिल्माए जाएंगे सीन, मनाली और लाहौल में एक हफ्ते चलेगी शूटिंग
अभिनेत्री सारा अली खान शूटिंग के लिए मनाली पहुंची:आयुष्मान खुराना के साथ फिल्माए जाएंगे सीन, मनाली और लाहौल में एक हफ्ते चलेगी शूटिंग मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री सारा अली खान एक फिल्म की शूटिंग के लिए रविवार शाम को हिमाचल प्रदेश के मनाली पहुंच गई हैं। सारा अली खान मनाली से करीब 10 किलोमीटर दूर रोहतांग सड़क पर एक होटल में ठहरी हुई हैं। वह अगले एक सप्ताह तक कुल्लू-मनाली और लाहौल स्पीति की खूबसूरत वादियों में फिल्म की शूटिंग करेंगी। सूचना के अनुसार, धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बन रही फिल्म शूटिंग की पूरी यूनिट भी मनाली पहुंच गई है। फिल्म के सीन शूट करने के लिए लोकेशन फाइनल की जा रही है। बताया जा रहा है कि मनाली के सोलंग नाला, रोहतांग, लाहौल के दीपक ताल, जिंगजिंग बार व बारालाचा में फिल्म की शूटिंग तय है। इसके अलावा भी कुछ ओर लोकेशन पर शूटिंग हो सकती है। फिल्म के लोकल को-ऑर्डिनेटर अनिल कायस्था ने बताया कि फिल्म की शूटिंग के लिए लोकेशन तय कर ली गई हैं। अगले एक सप्ताह तक मनाली व लाहौल स्पीति में अलग अलग लोकेशन पर कई सीन शूट किए जाएंगे। सारा अली खान पहले भी एक बार मनाली आ चुकी हैं। आयुष्मान खुराना एक सप्ताह पहले पहुंच चुके मनाली अनिल कायस्था ने बताया कि एक्शन कॉमेडी पर आधारित इस फिल्म में सारा अली खान, आयुष्मान खुराना मुख्य किरदार निभाएंगे। आयुष्मान खुराना पिछले सप्ताह ही मनाली पहुंच चुके हैं। उनके कुछ सीन फिल्माएं जा चुके हैं।अब आयुष्मान खुराना और सारा अली खान के जॉइंट सीन की शूटिंग की जाएगी। पर्यटन कारोबार को भी उम्मीद सर्दी की दस्तक से पहले फिल्म यूनिट की दस्तक से पर्यटन कारोबारियों को भी अच्छे कारोबार की आस बंध गई है।अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दौरान इस बार पर्यटन व्यवसाय में अधिक बढ़ोतरी नहीं हो पाई थी। अब फिल्म यूनिट के मनाली पहुंचने से पर्यटकों की आमद बढ़ेगी।
हिमाचल: राधा स्वामी सत्संग ब्यास को जमीन ट्रांसफर की इजाजत:धार्मिक संस्था के आगे झुकी सरकार; बदला लैंड सीलिंग एक्ट, राष्ट्रपति को भेजा जाएगा
हिमाचल: राधा स्वामी सत्संग ब्यास को जमीन ट्रांसफर की इजाजत:धार्मिक संस्था के आगे झुकी सरकार; बदला लैंड सीलिंग एक्ट, राष्ट्रपति को भेजा जाएगा हिमाचल प्रदेश में राधा स्वामी सत्संग ब्यास को 30 एकड़ जमीन सहयोगी संस्था के नाम ट्रांसफर करने की इजाजत मिल गई है। धार्मिक संस्था के दबाव में हिमाचल सरकार ने लैंड सीलिंग एक्ट को बदल डाला है। दूसरी धार्मिक संस्थाएं भी 30 एकड़ तक जमीन ट्रांसफर कर पाएगी। कांग्रेस सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में हिमाचल प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक 2024 को पारित कर दिया है। इसमें सरकार ने एक्ट की 5(आई) में छूट देने का फैसला लिया है। विधानसभा में पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी को भेजा जाएगा। इसके बाद छूट मिल पाएगी। 1972 में बने लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन के बाद चैरिटी के लिए 30 एकड़ जमीन पर बने ढांचे को हस्तांतरित किया जा सकेगा। पूर्व में लोगों द्वारा धार्मिक संस्थाओं को दान की गई जमीन को ट्रांसफर करने की इजाजत नहीं थी। ऐसा करने से जमीन सरकार में वेस्ट (निहित) हो जाती थी। कांग्रेस सरकार ने संशोधन के उद्देश्यों में स्पष्ट किया कि सत्संग ब्यास संस्था धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य करने वाला संगठन है। इसने राज्य में नैतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा के कई केंद्र स्थापित किए हैं। हिमाचल के हमीरपुर जिला के भोटा में इस संस्था ने एक अस्पताल भी बना रखा है, यहां स्थानीय लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही है। सत्संग ब्यास के पास सीलिंग से ज्यादा जमीन इस संस्था के पास लैंड सीलिंग एक्ट में तय सीमा से अधिक जमीन है, जिसे लैंड सीलिंग एक्ट के तहत छूट दी गई है। सत्संग ब्यास कई बार सरकार से अनुरोध कर चुका है कि उसे भोटा चैरिटेबल अस्पताल की भूमि और भवन को चिकित्सा सेवाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए सहयोगी संस्था जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को हस्तांतरित करने की अनुमति दी जाए। मगर 1972 के एक्ट 5 की उप धारा 5(आई) इसके आड़े आ रही थी। राज्य सरकार ने इसमें संशोधन करके हस्तांतरण की इजाजत दे दी है। जाने क्या है पूरा मामलां हिमाचल में राधा स्वामी सत्संग ब्यास सहित दूसरी धार्मिक संस्थाओं को लोगों ने सैकड़ों बीघा जमीन दान कर रखी है। कायदे से यह जमीन 1972 के लैंड सीलिंग एक्ट के तहत सरकार में वेस्ट होनी थी। 1972 में सैकड़ों बीघा जमीन सरकार में वेस्ट हुई 1972 में जब लैंड सीलिंग एक्ट बना तो उसके बाद जिस व्यक्ति या परिवार के पास पानी वाली 50 बीघा से ज्यादा जमीन, एक फसल देने वाली 75 बीघा से अधिक, बगीचा वाली 150 बीघा जमीन तथा ट्राइबल एरिया में जिसके पास 350 बीघा से ज्यादा जमीन थी, उनकी वजह से जमीन सरकार में वेस्ट हो गई। इससे राजा-रजवाड़ाओं, देवी देवताओं, बड़े बड़े साहुकारों की सैकड़ों बीघा जमीन सरकार में वेस्ट हो गई। धार्मिक संस्थाओं, पावर प्रोजेक्ट, उद्योगों, चाय के बागानों के अलावा राज्य और केंद्र सरकार, सहकारी समितियों, सहकारी बैंकों, स्थानीय निकायों, की जमीन को सीलिंग से छूट दी गई है। हिमाचल की पूर्व वीरभद्र सरकार ने प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट 1972 में साल 2014 में संशोधन कर इसमें इसकी धारा 5 में उप धारा 5(आई) को जोड़ा। इस शर्त से धार्मिक संस्थाएं तिलमिला गई, क्योंकि 5(आई) की वजह से धार्मिक संस्थाएं न तो दान की जमीन बेच सकती है, न गिफ्ट कर सकती है और न ही सोयाइटी के नाम जमीन ट्रांसफर कर सकती है। यदि धार्मिक संस्था द्वारा ऐसा किया जाता है तो वह जमीन सरकार में निहित (वेस्ट) हो जाएगी। कुछ संस्थाएं अब दान की जमीन बेचकर मोटा मुनाफा कमाना चाह रही है। इसलिए समय समय पर एक्ट को बदलने का दबाव बनता रहा। पूर्व की जयराम सरकार ने भी इस एक्ट को बदलने की कोशिश की। मगर तब विपक्ष में कांग्रेस ने इसका विरोध किया और इसे हिमाचल बेचने जैसा प्रयास बताया। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार पर भी राधा स्वामी सत्संग ब्यास ने इसका दबाव डाला। यही नहीं सत्संग ब्यास ने भोटा अस्पताल को बंद करने की चेतावनी दी। इसके बाद हमीरपुर में लोग सड़कों पर उतरे। तब मुख्यमंत्री सुक्खू में एक्ट बदलने का भरोसा दिया। सीलिंग से ज्यादा जमीन को किया गया सील प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डा. वाइएस परमार ने 1972 में हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट इसलिए बनाया था, ताकि भूमि के व्यक्तिगत उपयोग की सीमा तय की जा सके। यह भू-सुधारों में सबसे बड़ा कदम था। इसमें बोनाफाइड हिमाचलियों के लिए भी लैंड होल्डिंग की सीमा निर्धारित की गई। इस कानून को बेक डेट यानी 1971 से लागू किया गया, क्योंकि जब लोगों को पता चला कि सरकार सीलिंग एक्ट बनाने जा रही है तो कुछ लोगों ने जमीन को एक दूसरे के नाम ट्रांसफर कर सीलिंग से बचने की कोशिश की।