हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के पूर्व चेयरमैन श्रीनिवास गोयल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की। बैठक में उकलाना क्षेत्र के विकास कार्यों, आगामी धन्यवाद रैली और भाजपा के संगठनात्मक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। श्रीनिवास गोयल ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से उकलाना में धन्यवाद रैली के आयोजन का आग्रह किया, जो पूर्व में ओमप्रकाश चौटाला के निधन के कारण स्थगित कर दी गई थी। मुख्यमंत्री ने रैली के शीघ्र आयोजन पर सहमति जताई, जिसमें क्षेत्र के विकास की महत्वपूर्ण घोषणाएं की जाएंगी। विभिन्न मुद्दों को लेकर हुई चर्चा बैठक में क्षेत्र की बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़क, बिजली और पानी के विकास पर जोर दिया गया। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने श्रीनिवास गोयल को उकलाना के समग्र विकास का आश्वासन दिया और अधूरे कार्यों को शीघ्र पूरा करने की बात कही। मुख्यमंत्री और श्रीनिवास गोयल के बीच हुई इस बैठक ने क्षेत्र के लोगों में उम्मीद जगाई है कि आने वाले दिनों में उकलाना हलके में विकास कार्यों की गति तेज होगी। जनता अब मुख्यमंत्री की धन्यवाद रैली में होने वाली घोषणाओं का बेसब्री से इंतजार कर रही है। मुख्यमंत्री ने पार्टी संगठन को दी बधाई मुख्यमंत्री ने इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि क्षेत्र में भाजपा का बढ़ता जनाधार आने वाले समय में विकास कार्यों के लिए और अधिक समर्थन जुटाएगा। उन्होंने संगठन को और सशक्त बनाने की दिशा में कार्य करने का आह्वान किया। उकलाना की जनता को बड़ी घोषणाओं का इंतजार मुख्यमंत्री और श्रीनिवास गोयल के बीच हुई इस बैठक ने क्षेत्र के लोगों में उम्मीद जगाई है कि आने वाले दिनों में उकलाना हलके में विकास कार्यों की गति तेज होगी। जनता अब मुख्यमंत्री की धन्यवाद रैली में होने वाली घोषणाओं का बेसब्री से इंतजार कर रही है हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के पूर्व चेयरमैन श्रीनिवास गोयल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की। बैठक में उकलाना क्षेत्र के विकास कार्यों, आगामी धन्यवाद रैली और भाजपा के संगठनात्मक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। श्रीनिवास गोयल ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से उकलाना में धन्यवाद रैली के आयोजन का आग्रह किया, जो पूर्व में ओमप्रकाश चौटाला के निधन के कारण स्थगित कर दी गई थी। मुख्यमंत्री ने रैली के शीघ्र आयोजन पर सहमति जताई, जिसमें क्षेत्र के विकास की महत्वपूर्ण घोषणाएं की जाएंगी। विभिन्न मुद्दों को लेकर हुई चर्चा बैठक में क्षेत्र की बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़क, बिजली और पानी के विकास पर जोर दिया गया। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने श्रीनिवास गोयल को उकलाना के समग्र विकास का आश्वासन दिया और अधूरे कार्यों को शीघ्र पूरा करने की बात कही। मुख्यमंत्री और श्रीनिवास गोयल के बीच हुई इस बैठक ने क्षेत्र के लोगों में उम्मीद जगाई है कि आने वाले दिनों में उकलाना हलके में विकास कार्यों की गति तेज होगी। जनता अब मुख्यमंत्री की धन्यवाद रैली में होने वाली घोषणाओं का बेसब्री से इंतजार कर रही है। मुख्यमंत्री ने पार्टी संगठन को दी बधाई मुख्यमंत्री ने इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि क्षेत्र में भाजपा का बढ़ता जनाधार आने वाले समय में विकास कार्यों के लिए और अधिक समर्थन जुटाएगा। उन्होंने संगठन को और सशक्त बनाने की दिशा में कार्य करने का आह्वान किया। उकलाना की जनता को बड़ी घोषणाओं का इंतजार मुख्यमंत्री और श्रीनिवास गोयल के बीच हुई इस बैठक ने क्षेत्र के लोगों में उम्मीद जगाई है कि आने वाले दिनों में उकलाना हलके में विकास कार्यों की गति तेज होगी। जनता अब मुख्यमंत्री की धन्यवाद रैली में होने वाली घोषणाओं का बेसब्री से इंतजार कर रही है हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रोहतक में कल होगी सर्वखाप पंचायत:यूपी-हरियाणा और दिल्ली के खाप प्रधान लेंगे हिस्सा, तैयारियों को लेकर हुई बैठक
रोहतक में कल होगी सर्वखाप पंचायत:यूपी-हरियाणा और दिल्ली के खाप प्रधान लेंगे हिस्सा, तैयारियों को लेकर हुई बैठक रोहतक के माता दरवाजा डेहरी मोहल्ला स्थित खाप 84 भवन के चबूतरे पर शनिवार को बैठक हुई। जिसमें 15 सितंबर (रविवार) को सभी खापों के अध्यक्षों की सर्वखाप पंचायत आयोजित होने को लेकर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता रोहतक खाप 84 प्रधान चौधरी हरदीप अहलावत ने की। उन्होंने कहा कि खापों को एकजुट करके कई महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर गहन मंथन कर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। इसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली की खापों प्रधानों को आमंत्रित किया गया है और यह गैर राजनीतिक पंचायत होगी। सर्व खाप संयोजक चौधरी महेंद्र सिंह नांदल ने कहा कि समाज में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है। खापों को अपने-अपने क्षेत्रों में टीम बना कर अभियान चलाने की जरूरत है। रोहतक 84 खाप प्रधान चौधरी हरदीप सिंह अहलावत ने खाप पंचायतों को अपनी मान मर्यादा बढ़ाते हुए एकजुट होकर आगे बढ़ने कार्य करने की जरूरत है। हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के खापों के प्रधान ही इसमें हिस्सा ले रहें हैं। सर्वखाप पंचायत बुलाने का मुख्य उद्देश्य सशक्तिकरण कर राष्ट्र और समाज हित के कार्य करने का है। प्रस्तावों की सर्वसम्मति से घोषणा रविवार रोहतक खाप 84 के चबूतरे पर सर्व खाप पंचायत में होगी। पगड़ी हमेशा मान-मर्यादा व सम्मान का प्रतीक रही सर्वखाप पंचायत स्वरूप समिति के संयोजक जसबीर सिंह मलिक ने कहा कि पगड़ी हमेशा से मान मर्यादा और सम्मान का प्रतीक है। अपने सिद्धांतों पर चलते हुए गर्दन सहित कट तो सकती है, मगर किसी के सामने नतमस्तक होकर झुक नहीं सकती। कुछ असामाजिक तत्व खापों के नाम पर अनैतिक कार्य कर लोगों को गुमराह करने का भी कार्य कर रहे हैं। जिनका पर्दाफाश किया जाना आवश्यक है। अब उत्तरी भारत की सभी खापों को एकजुटता से ठोस फैसले ले कर आगे आने की जरूरत है।
पेंशन के इंतजार में स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी का निधन:हरियाणा में 12 साल तक लड़ीं, नाम में गड़बड़ी; कोर्ट से तारीख पर तारीख मिली
पेंशन के इंतजार में स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी का निधन:हरियाणा में 12 साल तक लड़ीं, नाम में गड़बड़ी; कोर्ट से तारीख पर तारीख मिली हरियाणा के महेंद्रगढ़ में अपने स्वतंत्रता सेनानी पति की पेंशन का इंतजार करते-करते बुजुर्ग महिला का निधन हो गया। महिला ने पेंशन पाने के लिए कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी केवल तारीख ही मिली। अब अगली तारीख 13 दिसंबर है, जब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है। हालांकि, इस सुनवाई को देखने और फैसला सुनने के लिए अब वह बुजुर्ग महिला दुनिया में नहीं है। दिवंगत बुजुर्ग महिला के परिजन बताते हैं कि नाम और उपनाम में गड़बड़ी होने के कारण उन्हें पति की पेंशन नहीं मिल पाई। इसके लिए उन्होंने करीब 12 साल तक इंतजार किया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ लड़े थे सुल्तान राम
बुजुर्ग महिला का नाम बर्फी देवी था। वह महेंद्रगढ़ के नांगल चौधरी में सिलारपुर गांव की रहने वाली थीं। उनके पति का नाम सुल्तान राम था, जो एक स्वतंत्रता सेनानी थे। बर्फी देवी की बेटियां सुमित्रा देवी और ज्ञान देवी बताती हैं कि उनके पिता सुल्तान राम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ लड़े थे। उन्होंने बताया कि सन 1942 में पिता सुल्तान राम आजाद हिंद फौज का हिस्सा बने। इसके बाद 1944 में उन्हें फ्रांस में बंदी बना लिया गया। इस दौरान उन्होंने करीब साढ़े 3 साल फ्रांस की जेल में ही काटे। वहां देश की आजादी के लिए यातनाएं सहीं। इसके बाद देश आजाद होने के साथ ही 1947 में वह जेल से बाहर आ गए। 1972 में मिला स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा
सुमित्रा और ज्ञान देवी ने बताया कि सुल्तान राम को 1972 में स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा मिला। इसके बाद लगातार उन्हें राज्य सरकार से पेंशन मिलती रही। जब 2011 में उनकी मौत हुई तब भी राज्य सरकार की ओर से उन्हें पेंशन मिलती रही, लेकिन केंद्र से मिलने वाली पेंशन शुरू नहीं की गई। दरअसल, सुल्तान राम का जीवन प्रमाण पत्र अपडेट नहीं हुआ था। जब उनकी पत्नी बर्फी देवी ने केंद्र में पेंशन के लिए अप्लाई किया तो वहां नाम और उपनाम की दिक्कत सामने आई। वहां बताया गया कि अलग-अलग प्रमाण पत्रों में बर्फी देवी का नाम बर्फी देवी और बरफी देवी है। पेंशन के लिए अदालत पहुंची बर्फी देवी
वहीं, सुल्तान राम का नाम भी पैन कार्ड और बैंक पासबुक में सुल्तान सिंह और सुल्तान राम है। इस कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से हरियाणा सरकार से बर्फी देवी के नाम और पहचान से जुड़ी जानकारियां मांगी गईं। तब महेंद्रगढ़ के तत्कालीन उपायुक्त (DC) ने ये जानकारियां गृह मंत्रालय को उपलब्ध कराईं। हालांकि, इसके बाद भी बर्फी देवी को उनके स्वतंत्रता सेनानी पति सुल्तान राम की पेंशन नहीं दी। इसके लिए बर्फी देवी ने सालों इंतजार किया। अंत में बर्फी देवी अदालत की चौखट पर पहुंचीं। उन्होंने साल 2023 में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की और पति की पेंशन बहाल करने की गुहार लगाई। कोर्ट ने केंद्र सरकार पर जुर्माना लगाया
कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी। हालांकि, केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को भी दरकिनार करते हुए मामले की रिपोर्ट नहीं सौंपी। इसके बाद हाईकोर्ट ने अप्रैल 2024 में केंद्र सरकार पर 15 हजार का जुर्माना लगाया। इसके बाद भी जब केंद्र से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला तो कोर्ट ने 24 जुलाई 2024 को अगली सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार पर 25 हजार का जुर्माना लगाया। जुर्माना लगने के बाद भी केंद्र सरकार ने बर्फी देवी की पेंशन शुरू नहीं की। अब 9 नवंबर 2024 को बर्फी देवी का निधन हो चुका है। बेटी बोली- मुद्दे से भावनात्मक रूप से जुड़ी थी मां
सुल्तान सिंह की पेंशन लेने के लिए न तो खुद सुल्तान राम रहे और न ही अब उनकी पत्नी बर्फी देवी रहीं। अब उनके 2 बेटे और 2 बेटियां हैं। सुल्तान राम के बड़े बेटे रंजीत सिंह हैं जो आर्मी में हैं। वहीं, छोटे बेटे रामचंद्र सिंह हैं, जो नारनौल में ही रजिस्ट्री क्लर्क थे। वहीं, दोनों बेटियों सुमित्रा देवी और ज्ञान देवी की भी शादी हो चुकी है और वे चंडीगढ़ में रहती हैं। अब इस पेंशन मामले में अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होनी है। सुमित्रा देवी और ज्ञान देवी का कहना है कि उनकी मां इस मुद्दे से भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई थीं, क्योंकि उन्हें अपने उस पति की पेंशन नहीं मिल पा रही थी, जिसने इस देश की आजादी में अपना योगदान दिया। जबकि, उनके पास पूरे दस्तावेज थे। केंद्र सरकार की ओर से उनकी अनदेखी की गई। उन्होंने कहा कि गांव में जब दस्तावेज बनाए जाते हैं, तब इस तरह की वर्तनी की गलतियां अक्सर हो जाती हैं। यहां लोग इतने शिक्षित नहीं होते। वे समझ नहीं पाते कि क्या सही है और क्या गलत। इस पर ध्यान देना चाहिए। गृह मंत्रालय को भेजे संदेशों का रिकॉर्ड सुरक्षित
वहीं, इस मामले में बर्फी देवी के वकील रहे रविंद्र ढुल ने बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट के सामने बर्फी देवी का मामला रखा। पिछले साल यह मामला दायर किया गया था। महत्वपूर्ण बात यह है कि परिवार ने पिछले कुछ वर्षों में गृह मंत्रालय को भेजे गए संदेशों का एक बड़ा रिकॉर्ड भी संभाल कर रखा हुआ है।
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्द:सरकार ने राज्यपाल को लिखा पत्र, नवंबर के दूसरे सप्ताह में सत्र संभव, नेता प्रतिपक्ष चुनना बाकि
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्द:सरकार ने राज्यपाल को लिखा पत्र, नवंबर के दूसरे सप्ताह में सत्र संभव, नेता प्रतिपक्ष चुनना बाकि हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्द शुरू हो सकता है। हालांकि अभी इसकी तारीख निर्धारित नहीं हुई है मगर 25 नवंबर से शुरू हो रहे लोकसभा सत्र से पहले इसे करवाया जा सकता है। सरकार की ओर से राज्यपाल को इसके लिए पत्र भेज दिया गया है। बताया जा रहा है नवंबर के दूसरे सप्ताह में सत्र बुलाया जा सकता है। खुद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सरकार जल्द ही विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाएगी। इसकी तैयारियां चल रही हैं और राज्यपाल का पत्र लिख दिया है। इससे पहले एक दिवसीय सत्र लगाया गया जिसमें सभी विधायकों को शपथ दिलाई गई और हरियाणा विधानसभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव किया गया।
वहीं हरियाणा की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अभी तक नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं कर पाई है। ऐसे में अगर सत्र बुलाया जाता है तो ऐसा पहली बार होगा जब सदन की मुख्य कार्यवाही बिना नेता प्रतिपक्ष के होगी। विधायकों के एजेंडों पर रहेगी नजर
विधानसभा सत्र के दौरान विधायक अपने एजेंडे रखेंगे। इस बार कई विधायक पहली बार निर्वाचित हुए हैं ऐसे में वह अपने क्षेत्र की मांगों व बातों को सदन में रखेंगे। बताया जा रहा है कि सत्र दो दिन तक चल सकता है। हरियाणा में नई सरकार के गठन के बाद पहली बार शीतकालीन सत्र होने जा रहा है, लेकिन विधानसभा को पहली बार नेता प्रतिपक्ष के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। भाजपा को इस बार पूर्ण बहुमत मिला है, जबकि कांग्रेस 37 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही है। ऐसे में कांग्रेस विधायक दल का नेता ही सदन में नेता प्रतिपक्ष होगा। लेकिन कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं कर पाई है। 20 साल में पहली बार नेता प्रतिपक्ष चुनने में इतना लंबा समय
हरियाणा में 8 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव परिणाम जारी हुए थे और 17 अक्टूबर को हरियाणा सरकार का गठन हुआ था। इतने दिन बीत जाने के बाद भी कांग्रेस की ओर से विधायक दल का नेता नहीं चुन पाई है। 20 साल में ऐसा पहली बार हो रहा कि हरियाणा को नेता प्रतिपक्ष के लिए इतना लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इसका मुख्य कारण पिछले 3 चुनाव में कांग्रेस को लगातार मिली हार है। 2009 में भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन बहुमत से पीछे रह गई थी। 2005, 2009, 2014 और 2019 में चुनाव परिणाम के बाद करीब 15 दिन के अंदर नेता प्रतिपक्ष चुन लिए गए थे। नेता चुनने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने 18 अक्तूबर को चार पर्यवेक्षक भेजे थे, लेकिन विधायक दल की बैठक में हाईकमान पर फैसला छोड़ दिया गया। इसके बाद से कांग्रेस हाईकमान कोई फैसला नहीं ले पाया है। हुड्डा और सैलजा गुट में खींचतान 2019 में विपक्ष का नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बनाया गया था। हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में हुई हार के लिए हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ऐसे में सिरसा सांसद कुमारी सैलजा का गुट हुड्डा को फिर विपक्षी दल नेता बनाने का विरोध कर रहा है। इसे देखते हुए कुछ दिन पहले 31 विधायक इकट्ठा कर हुड्डा दिल्ली में अपनी ताकत दिखा चुके हैं। हुड्डा के विरोध की सूरत में उनके गुट से झज्जर की विधायक गीता भुक्कल और थानेसर से अशोक अरोड़ा का नाम भी चर्चा में है। वहीं सैलजा गुट से पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया जा रहा है।