सीतापुर में एक साथ निकलीं 12 अर्थियां:शाहजहांपुर हादसे में किसी के बेटे तो किसी की पत्नी की मौत; लोग बोले-एकसाथ इतनी लाशें नहीं देखी

सीतापुर में एक साथ निकलीं 12 अर्थियां:शाहजहांपुर हादसे में किसी के बेटे तो किसी की पत्नी की मौत; लोग बोले-एकसाथ इतनी लाशें नहीं देखी

शाहजहांपुर सड़क हादसे में सीतापुर के बड़ा जटहा गांव के 9 परिवार के 12 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 3 बच्चे और 5 महिलाएं थीं। 20 से ज्यादा लोग घायल हुए। हादसे के बाद सभी शवों का पोस्टमॉर्टम कराया गया। करीब 90 किलोमीटर दूर से शव गांव पहुंचे, तो पूरा गांव रो पड़ा। रविवार को एक-एक कर 12 अर्थियां गांव से निकलीं। गम ऐसा था कि गांव के लोगों ने चूल्हा तक नहीं जलाया। दैनिक भास्कर की टीम बड़ा जटहा गांव पहुंची। हादसे के पीड़ितों ने दर्द बयां किया, घटना के चश्मदीद से भी हमने बात की… पहले एक नजर हादसे पर
सीतापुर के कमलापुर पुलिस स्टेशन एरिया में बड़ा जटहा गांव है। शनिवार शाम करीब 7 बजे गांव के 70 लोग पूर्णागिरी जाने के लिए तैयार हुए। बुक की गई प्राइवेट बस समय पर पहुंची। सभी ने जयकारे लगाए और बस में बैठ गए। गोकर्णनाथ मार्ग होते हुए बस रात करीब 11 बजे शाहजहांपुर बॉर्डर क्रॉस कर खुटार क्षेत्र पहुंच गई। गर्मी के चलते बस यहां के ऋषि ढाबे पर सड़क के किनारे खड़ी हुई। करीब 30 लोग खाना खाने के लिए बस से उतरे। इसी बीच गिट्टी लदा तेज रफ्तार डंपर खड़ी बस से टकरा गया। टक्कर के बाद डंपर इसी बस पर पलट गया। इस दौरान बस में 30-35 लोग बैठे थे। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। अब चलते हैं बड़ा जटहा गांव…
रविवार को दिन में करीब 2 बजे हम बड़ा जटहा गांव पहुंचे। यहां हर घर की चौखट पर गांव वाले खड़े मिले। सभी सिर्फ हादसे की ही चर्चा कर रहे थे। कुछ लोगों से हमने बात की, तो बोले- हमारे गांव में बहुत बड़ी अनहोनी हुई है। हमें विश्वास नहीं हो रहा। गांव की महिलाओं ने बताया- कई दिनों से पूर्णागिरी जाने की बात चल रही थी। सभी बहुत खुश थे। जब बस आई, हम लोग उनको छोड़ने भी गए। सभी खुशी-खुशी गांव से रवाना हुए। ऐसा दिन देखना पड़ेगा, ये हमने नहीं सोचा था। मेरे छोटे भाई की पत्नी और उसका बेटा खत्म हो गया
जब हम गांव पहुंचे, तभी एक पिकअप दो शवों को लेकर आई। ये शव रामदास की पत्नी मीना और उसके बेटे सुधांशु के थे। शवों को उतारने के बाद रामदास के बड़े भाई राजेंद्र बदहवास खड़े हो गए। बातचीत में राजेंद्र ने कहा- रामदास भी हादसे में घायल हुआ है। मेरी बहू और भतीजे की मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम के बाद बॉडी ले आए हैं। तीन परिवारों के 2-2 लोगों की मौत हुई
गांव वालों ने बताया- तीन परिवारों के 6 लोगों की मौत हुई है। इनमें गंगाराम की पत्नी सुमन देवी और बेटा आदित्य, रामगोपाल और उनकी बेटी रोहिणी की मौत हुई है। तीसरा परिवार रामदास का था। रूपेश बोला- पहिए के नीचे दबा मिला बेटा
गांव के रूपेश अपने बेटा-बेटी और पत्नी के साथ पूर्णागिरी जा रहे थे। हादसे में बेटे अजीत की मौत हो गई। रूपेश ने बताया- बस ढाबे पर रुकी थी। बेटा अजीत मुझसे बोला, पापा बैग बस में रखकर आता हूं। इसके बाद वो बस की तरफ चला गया। जैसे ही उसने बैग बस के गेट पर रखा, डंपर ने टक्कर मार दी। सब कुछ मेरी आंखों के सामने हुआ। हादसे के बाद मैं बस की तरफ दौड़ा। काफी देर बेटे की तलाश के बाद मैंने देखा, वो पहिए के नीचे दबा है। वो मेरा इकलौता बेटा था। अब मैं क्या करूंगा? बेटी और पत्नी को भी चोट आई है। रेनू बोली- मेरे बड़े भाई की जान चली गई
रोते-बिलखते रेनू ने बताया- सुधांशु मेरे बड़े भाई थे। उन्होंने रात करीब 10 बजे हम लोगों को फोन किया था। बता रहे थे, लखीमपुर पहुंच गए हैं। रात तक पूर्णागिरी पहुंच जाएंगे। फिर रात दो बजे फोन आया। पता चला वो नहीं रहे। एक साथ कभी नहीं देखी इतनी चिताएं
50 साल के रामगोपाल अपनी बेटी रोहिणी और रूबी के साथ पूर्णागिरी जा रहे थे। ढाबे पर बस रुकने के बाद रामगोपाल एक बेटी के साथ बैठकर बातें कर रहे थे। दूसरी बेटी रूबी बस से कुछ दूर खड़ी थी। डंपर के पलटते ही रामगोपाल और रोहिणी उसके नीचे दब गए। दोनों की मौत हो गई। रूबी गंभीर रूप से घायल हो गई। रामगोपाल के भतीजे विमलेश ने बताया- मेरे गांव में इस तरह का पहला हादसा हुआ है। इससे पहले कभी इतना बड़ा हादसा नहीं हुआ। कभी एक साथ इतनी चिंताएं नहीं जलीं। 45 साल की सोनवती अपने बेटे के साथ पूर्णागिरी जा रही थी। हादसे में सोनवती की मौत हो गई। बेटे की जान बच गई। 550 रुपए एक आदमी का किराया था
घायलों ने बताया- हम लोग जिस बस से पूर्णागिरी जा रहे थे, वह सीतापुर के बिसवां निवासी राजा भान सिंह की है। तीन दिन के लिए 32 हजार रुपए किराया तय हुआ था। एक आदमी का 550 रुपए किराया दिया गया था। ज्यादातर लोग कमलापुर थाने के जटहा गांव के रहने वाले थे। एक परिवार मछरेटा गुरेनी गांव का रहने वाला है। डंपर का ड्राइवर फरार हो गया
डंपर चालक की पहचान पीलीभीत के जहानाबाद निवासी भीमसेन के रूप में हुई। वह घटना के बाद से फरार है। शाहजहांपुर के SP अशोक कुमार मीणा ने बताया- डंपर में लालकुआं से गिट्टी लेकर चालक गोला की ओर जा रहा था। बस चालक का अभी पता नहीं चल सका है। गांव पहुंचे सांसद और विधायक
भाजपा के सांसद कौशल किशोर और सिधौरी से भाजपा विधायक मनीष रावत पीड़ितों के घर पहुंचे। यहां उन्होंने लोगों को ढांढस बंधाते हुए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। इससे पहले ADM सीतापुर नीतीश कुमार भी गांव पहुंचे। उन्होंने सरकारी मदद के लिए कागजी कार्रवाई पूरी की। बस में बैग रखने गया बेटा, तभी पलट गया डंपर:पिता बोले- 2 घंटे बाद निकली लाश, 30 हजार रुपए में बुक की थी बस सीतापुर जिले के थाना कमलापुर क्षेत्र के गांव बड़ा जटहा निवासी रुपेश ने गांव में रहने वाले तमाम ग्रामीणों से पुर्णागिरी दर्शन कराने की चर्चा की थी। सबकी सहमति होने पर रुपेश ने तीस हजार रुपए में एक प्राइवेट बस बुक की थी। रुपेश ने बताया कि गांव के रहने वाले लगभग 83 लोग पुर्णागिरी दर्शन जाने के लिए तैयार हुए थे। पढ़ें पूरी खबर…​​​​​ शाहजहांपुर सड़क हादसे में सीतापुर के बड़ा जटहा गांव के 9 परिवार के 12 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 3 बच्चे और 5 महिलाएं थीं। 20 से ज्यादा लोग घायल हुए। हादसे के बाद सभी शवों का पोस्टमॉर्टम कराया गया। करीब 90 किलोमीटर दूर से शव गांव पहुंचे, तो पूरा गांव रो पड़ा। रविवार को एक-एक कर 12 अर्थियां गांव से निकलीं। गम ऐसा था कि गांव के लोगों ने चूल्हा तक नहीं जलाया। दैनिक भास्कर की टीम बड़ा जटहा गांव पहुंची। हादसे के पीड़ितों ने दर्द बयां किया, घटना के चश्मदीद से भी हमने बात की… पहले एक नजर हादसे पर
सीतापुर के कमलापुर पुलिस स्टेशन एरिया में बड़ा जटहा गांव है। शनिवार शाम करीब 7 बजे गांव के 70 लोग पूर्णागिरी जाने के लिए तैयार हुए। बुक की गई प्राइवेट बस समय पर पहुंची। सभी ने जयकारे लगाए और बस में बैठ गए। गोकर्णनाथ मार्ग होते हुए बस रात करीब 11 बजे शाहजहांपुर बॉर्डर क्रॉस कर खुटार क्षेत्र पहुंच गई। गर्मी के चलते बस यहां के ऋषि ढाबे पर सड़क के किनारे खड़ी हुई। करीब 30 लोग खाना खाने के लिए बस से उतरे। इसी बीच गिट्टी लदा तेज रफ्तार डंपर खड़ी बस से टकरा गया। टक्कर के बाद डंपर इसी बस पर पलट गया। इस दौरान बस में 30-35 लोग बैठे थे। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। अब चलते हैं बड़ा जटहा गांव…
रविवार को दिन में करीब 2 बजे हम बड़ा जटहा गांव पहुंचे। यहां हर घर की चौखट पर गांव वाले खड़े मिले। सभी सिर्फ हादसे की ही चर्चा कर रहे थे। कुछ लोगों से हमने बात की, तो बोले- हमारे गांव में बहुत बड़ी अनहोनी हुई है। हमें विश्वास नहीं हो रहा। गांव की महिलाओं ने बताया- कई दिनों से पूर्णागिरी जाने की बात चल रही थी। सभी बहुत खुश थे। जब बस आई, हम लोग उनको छोड़ने भी गए। सभी खुशी-खुशी गांव से रवाना हुए। ऐसा दिन देखना पड़ेगा, ये हमने नहीं सोचा था। मेरे छोटे भाई की पत्नी और उसका बेटा खत्म हो गया
जब हम गांव पहुंचे, तभी एक पिकअप दो शवों को लेकर आई। ये शव रामदास की पत्नी मीना और उसके बेटे सुधांशु के थे। शवों को उतारने के बाद रामदास के बड़े भाई राजेंद्र बदहवास खड़े हो गए। बातचीत में राजेंद्र ने कहा- रामदास भी हादसे में घायल हुआ है। मेरी बहू और भतीजे की मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम के बाद बॉडी ले आए हैं। तीन परिवारों के 2-2 लोगों की मौत हुई
गांव वालों ने बताया- तीन परिवारों के 6 लोगों की मौत हुई है। इनमें गंगाराम की पत्नी सुमन देवी और बेटा आदित्य, रामगोपाल और उनकी बेटी रोहिणी की मौत हुई है। तीसरा परिवार रामदास का था। रूपेश बोला- पहिए के नीचे दबा मिला बेटा
गांव के रूपेश अपने बेटा-बेटी और पत्नी के साथ पूर्णागिरी जा रहे थे। हादसे में बेटे अजीत की मौत हो गई। रूपेश ने बताया- बस ढाबे पर रुकी थी। बेटा अजीत मुझसे बोला, पापा बैग बस में रखकर आता हूं। इसके बाद वो बस की तरफ चला गया। जैसे ही उसने बैग बस के गेट पर रखा, डंपर ने टक्कर मार दी। सब कुछ मेरी आंखों के सामने हुआ। हादसे के बाद मैं बस की तरफ दौड़ा। काफी देर बेटे की तलाश के बाद मैंने देखा, वो पहिए के नीचे दबा है। वो मेरा इकलौता बेटा था। अब मैं क्या करूंगा? बेटी और पत्नी को भी चोट आई है। रेनू बोली- मेरे बड़े भाई की जान चली गई
रोते-बिलखते रेनू ने बताया- सुधांशु मेरे बड़े भाई थे। उन्होंने रात करीब 10 बजे हम लोगों को फोन किया था। बता रहे थे, लखीमपुर पहुंच गए हैं। रात तक पूर्णागिरी पहुंच जाएंगे। फिर रात दो बजे फोन आया। पता चला वो नहीं रहे। एक साथ कभी नहीं देखी इतनी चिताएं
50 साल के रामगोपाल अपनी बेटी रोहिणी और रूबी के साथ पूर्णागिरी जा रहे थे। ढाबे पर बस रुकने के बाद रामगोपाल एक बेटी के साथ बैठकर बातें कर रहे थे। दूसरी बेटी रूबी बस से कुछ दूर खड़ी थी। डंपर के पलटते ही रामगोपाल और रोहिणी उसके नीचे दब गए। दोनों की मौत हो गई। रूबी गंभीर रूप से घायल हो गई। रामगोपाल के भतीजे विमलेश ने बताया- मेरे गांव में इस तरह का पहला हादसा हुआ है। इससे पहले कभी इतना बड़ा हादसा नहीं हुआ। कभी एक साथ इतनी चिंताएं नहीं जलीं। 45 साल की सोनवती अपने बेटे के साथ पूर्णागिरी जा रही थी। हादसे में सोनवती की मौत हो गई। बेटे की जान बच गई। 550 रुपए एक आदमी का किराया था
घायलों ने बताया- हम लोग जिस बस से पूर्णागिरी जा रहे थे, वह सीतापुर के बिसवां निवासी राजा भान सिंह की है। तीन दिन के लिए 32 हजार रुपए किराया तय हुआ था। एक आदमी का 550 रुपए किराया दिया गया था। ज्यादातर लोग कमलापुर थाने के जटहा गांव के रहने वाले थे। एक परिवार मछरेटा गुरेनी गांव का रहने वाला है। डंपर का ड्राइवर फरार हो गया
डंपर चालक की पहचान पीलीभीत के जहानाबाद निवासी भीमसेन के रूप में हुई। वह घटना के बाद से फरार है। शाहजहांपुर के SP अशोक कुमार मीणा ने बताया- डंपर में लालकुआं से गिट्टी लेकर चालक गोला की ओर जा रहा था। बस चालक का अभी पता नहीं चल सका है। गांव पहुंचे सांसद और विधायक
भाजपा के सांसद कौशल किशोर और सिधौरी से भाजपा विधायक मनीष रावत पीड़ितों के घर पहुंचे। यहां उन्होंने लोगों को ढांढस बंधाते हुए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। इससे पहले ADM सीतापुर नीतीश कुमार भी गांव पहुंचे। उन्होंने सरकारी मदद के लिए कागजी कार्रवाई पूरी की। बस में बैग रखने गया बेटा, तभी पलट गया डंपर:पिता बोले- 2 घंटे बाद निकली लाश, 30 हजार रुपए में बुक की थी बस सीतापुर जिले के थाना कमलापुर क्षेत्र के गांव बड़ा जटहा निवासी रुपेश ने गांव में रहने वाले तमाम ग्रामीणों से पुर्णागिरी दर्शन कराने की चर्चा की थी। सबकी सहमति होने पर रुपेश ने तीस हजार रुपए में एक प्राइवेट बस बुक की थी। रुपेश ने बताया कि गांव के रहने वाले लगभग 83 लोग पुर्णागिरी दर्शन जाने के लिए तैयार हुए थे। पढ़ें पूरी खबर…​​​​​   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर