हिमाचल प्रदेश के पूर्व CM एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार के दो साल के कार्यकाल पूर्ण होने पर प्रस्तावित जश्न कार्यक्रम पर बड़ा हमला बोला है। जयराम ठाकुर ने कहा कि गिरते, पड़ते, लड़खड़ाते हुए प्रदेश सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा कर रही है। इस अवसर पर सरकार जश्न मना रही है और इसके लिए Bilaspurजगह चुनी गई है। लेकिन जश्न मनाने के लिए कोई उपलब्धि तो होनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि इन दो सालों में प्रदेश 20 साल पीछे चला गया है। हिमाचल प्रदेश के इतिहास की सबसे निक्कमी सरकार मानी जाएगी। सुक्खू सरकार के नाम ये ख़िताब रहेगा। उन्होंने कहा कि “हिमाचल फॉर सेल” की बात वर्तमान सरकार पर ठीक बैठती है। सुक्खु सरकार में हिमाचल फॉर सेल जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल में ऐसी स्थिति बन गई है कि हिमाचल प्रदेश फॉर सेल की कहावत सही मायने में वर्तमान सरकार पर ठीक बैठती है। उन्होंने कहा कि हाल ही में बहुत सारे ऐसे मामले सामने आए है, जिनसे स्पष्ट है कि हिमाचल प्रदेश को बहुत बड़ी साजिश के तहत बेचने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 18 होटलों को बहुत पहले से साजिश के तहत बेचने की तैयारी चल रही थी। कंपनियों को देने के लिए उन्हें पहले बुला लिया गया। होटल तय हो गए थे कि किस कंपनी को कोंन से होटल देना है। अपने चहेतों को बेची जा रही हिमाचल की संपत्तियां कोर्ट की आड़ में पर्यटन निगम के होटलों को निजी हाथों में देने की तैयारी चल रही थी। कोर्ट में सिर्फ ऑक्यूपेंसी को दर्शाया गया था। जबकि होटलों में कमाई ऑक्यूपेंसी के अलावा अन्य माध्यमों से ज्यादा होती है। लेकिन सरकार यह चोरी का रास्ता निकालकर हिमाचल प्रदेश को बेचने की तैयारी कर रहे थे। इसके अलावा दिल्ली में हिमाचल भवन को अटैच करने की नौबत आ गई, इसमें हाईकोर्ट फैसला देना पड़ा। उसके बाद कंपनी को पैसे दिए। उन्होंने कहा सरकार असंवैधानिक पदों को बचाने के लिए हिमाचल की जनता का पैसा लुटा रही है। हिमाचल हाई कोर्ट में करोड़ों रुपए उनको बचाने के लिए लगाए अब सुप्रीम कोर्ट में लगा रही है। इसके अलावा अपने चहेतों को हिमाचल की संपत्तियां बेच रही है। जश्न में गिनवाने को चाहिए उपलब्धियां नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दो साल पूरे कर रही है। लेकिन जश्न मनाने के लिए कोई उपलब्धियां चाहिए। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में बहुमत के बावजूद कांग्रेस राज्यसभा की सीट हार गई। लोकसभा चुनाव में हिमाचल की 68 विधानसभा सीटों में 61 सीटों पर भाजपा को बढ़त मिली है। हिमाचल प्रदेश में 9 उप चुनाव हुए उसमे भी भाजपा 25 से 28 पहुंची और वह वहीं के वहीं रहे। 2 साल में नही हुई गारंटियां पूरी पूर्व सीएम ने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने प्रदेश की जनता को कई गारंटियां दी। उन्हें पहली कैबिनेट में पूरी करने की बात कही। लेकिन दो साल बीत गए कितनी गारंटियां पूरी हुई। उन्होंने कहा कि पहली कैबिनेट में 1 लाख नौकरी, 18 वर्ष की आयु से ऊपर सभी महिलाओं को 1500 रु देने की बात कही, क्या वो पूरी हुई। इसके अलावा 300 यूनिट फ्री बिजली देने की बात कही। लेकिन पहले से मिल रही 125 यूनिट भी बंद कर दी है। वहीं गोबर और दूध खरीदने की बात कही, 5 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने की बात कही थी। लेकिन कोई भी गारंटी पूरी नहीं की। उल्टा दो साल से खाली चल रहे पदों को समाप्त करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सार्वजनिक मंचो और दूसरे राज्यों में जाकर गारंटियां पूरी करने की बात कर रहे है। लेकिन भाजपा ने दूसरे राज्यों में जाकर सच्चाई जनता को बताई और इसी का नतीजा है कि महाराष्ट्र और हरियाणा जनता ने कांग्रेस पर भरोसा नहीं किया। बिना सोचे समझे ले रहे फैसले जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में आलम यह है कि सरकार बिना सोचे समझे फैसले ले रही है और फिर उन फैसलों को वापस लेने पड़ रहे है। सरकार के फैसलों से पूरे देश में जग हंसाई हुई है। देश के अन्य राज्यों की जनता कह रही है कि हिमाचल ने यह कैसी सरकार चुनी है, जो टॉयलेट पर भी टैक्स लगा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले नोटिफिकेशन जारी करती है, और बाद वापस लेती है। इसके अनेकों उदाहरण आपके सामने है, और इसका दोष भाजपा को देती है। सुक्खू सरकार में भ्रष्टाचार के चरम पर जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष में देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जिन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते थे। आज उन्हीं के सारे सरकार चला रहे हैं। सीएम सुक्खू चाह कर भी उनका बदला नहीं सकते हैं। क्योंकि राज बहुत गहरा है। जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू खनन माफिया को लेकर बड़े-बड़े भाषण देते थे। लेकिन आज जिन खनन मालिकों के खिलाफ ईडी की कार्रवाई हो रही है, वह सरकार के बहुत करीबी है। उन्होंने सरकार से इसको लेकर जवाब मांगा था, लेकिन सीएम सुक्खू, डिप्टी सीएम और प्रदेश सरकार के किसी भी मंत्री की तरफ से इसका कोई जवाब नहीं आया है। इसलिए इसमें भी बात काफी गहरी है। पार्टी अध्यक्ष और मंत्री को कार्यक्रम की जानकारी नहीं जयराम ठाकुर ने कहा कि एक तरफ सरकार दो साल के जश्न मनाने की बात कर रही है। वहीं दूसरी जब इनके एक मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से इसके बारे में पूछते है, तो वो कहते है कि उन्हें इसकी जानकारी ही नही, है। इससे यह साफ होता है कि कांग्रेस सरकार और संगठन में बिल्कुल भी तालमेल नहीं हैं। वहीं एक तरफ सीएम सुक्खू एक साक्षात्कार में कह रहे कि जो यूनिट बहुत घाटे में है, उन्हें निजी हाथों में देंगे। वहीं दूसरी और डिप्टी सीएम कह रहे है कि कोई भी यूनिट निजी हाथों में नहीं जाएगी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार के सब कुछ ठीक नहीं है। सरकार में कोई तालमेल नहीं है। हिमाचल प्रदेश के पूर्व CM एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार के दो साल के कार्यकाल पूर्ण होने पर प्रस्तावित जश्न कार्यक्रम पर बड़ा हमला बोला है। जयराम ठाकुर ने कहा कि गिरते, पड़ते, लड़खड़ाते हुए प्रदेश सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा कर रही है। इस अवसर पर सरकार जश्न मना रही है और इसके लिए Bilaspurजगह चुनी गई है। लेकिन जश्न मनाने के लिए कोई उपलब्धि तो होनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि इन दो सालों में प्रदेश 20 साल पीछे चला गया है। हिमाचल प्रदेश के इतिहास की सबसे निक्कमी सरकार मानी जाएगी। सुक्खू सरकार के नाम ये ख़िताब रहेगा। उन्होंने कहा कि “हिमाचल फॉर सेल” की बात वर्तमान सरकार पर ठीक बैठती है। सुक्खु सरकार में हिमाचल फॉर सेल जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल में ऐसी स्थिति बन गई है कि हिमाचल प्रदेश फॉर सेल की कहावत सही मायने में वर्तमान सरकार पर ठीक बैठती है। उन्होंने कहा कि हाल ही में बहुत सारे ऐसे मामले सामने आए है, जिनसे स्पष्ट है कि हिमाचल प्रदेश को बहुत बड़ी साजिश के तहत बेचने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 18 होटलों को बहुत पहले से साजिश के तहत बेचने की तैयारी चल रही थी। कंपनियों को देने के लिए उन्हें पहले बुला लिया गया। होटल तय हो गए थे कि किस कंपनी को कोंन से होटल देना है। अपने चहेतों को बेची जा रही हिमाचल की संपत्तियां कोर्ट की आड़ में पर्यटन निगम के होटलों को निजी हाथों में देने की तैयारी चल रही थी। कोर्ट में सिर्फ ऑक्यूपेंसी को दर्शाया गया था। जबकि होटलों में कमाई ऑक्यूपेंसी के अलावा अन्य माध्यमों से ज्यादा होती है। लेकिन सरकार यह चोरी का रास्ता निकालकर हिमाचल प्रदेश को बेचने की तैयारी कर रहे थे। इसके अलावा दिल्ली में हिमाचल भवन को अटैच करने की नौबत आ गई, इसमें हाईकोर्ट फैसला देना पड़ा। उसके बाद कंपनी को पैसे दिए। उन्होंने कहा सरकार असंवैधानिक पदों को बचाने के लिए हिमाचल की जनता का पैसा लुटा रही है। हिमाचल हाई कोर्ट में करोड़ों रुपए उनको बचाने के लिए लगाए अब सुप्रीम कोर्ट में लगा रही है। इसके अलावा अपने चहेतों को हिमाचल की संपत्तियां बेच रही है। जश्न में गिनवाने को चाहिए उपलब्धियां नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दो साल पूरे कर रही है। लेकिन जश्न मनाने के लिए कोई उपलब्धियां चाहिए। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में बहुमत के बावजूद कांग्रेस राज्यसभा की सीट हार गई। लोकसभा चुनाव में हिमाचल की 68 विधानसभा सीटों में 61 सीटों पर भाजपा को बढ़त मिली है। हिमाचल प्रदेश में 9 उप चुनाव हुए उसमे भी भाजपा 25 से 28 पहुंची और वह वहीं के वहीं रहे। 2 साल में नही हुई गारंटियां पूरी पूर्व सीएम ने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने प्रदेश की जनता को कई गारंटियां दी। उन्हें पहली कैबिनेट में पूरी करने की बात कही। लेकिन दो साल बीत गए कितनी गारंटियां पूरी हुई। उन्होंने कहा कि पहली कैबिनेट में 1 लाख नौकरी, 18 वर्ष की आयु से ऊपर सभी महिलाओं को 1500 रु देने की बात कही, क्या वो पूरी हुई। इसके अलावा 300 यूनिट फ्री बिजली देने की बात कही। लेकिन पहले से मिल रही 125 यूनिट भी बंद कर दी है। वहीं गोबर और दूध खरीदने की बात कही, 5 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने की बात कही थी। लेकिन कोई भी गारंटी पूरी नहीं की। उल्टा दो साल से खाली चल रहे पदों को समाप्त करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सार्वजनिक मंचो और दूसरे राज्यों में जाकर गारंटियां पूरी करने की बात कर रहे है। लेकिन भाजपा ने दूसरे राज्यों में जाकर सच्चाई जनता को बताई और इसी का नतीजा है कि महाराष्ट्र और हरियाणा जनता ने कांग्रेस पर भरोसा नहीं किया। बिना सोचे समझे ले रहे फैसले जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में आलम यह है कि सरकार बिना सोचे समझे फैसले ले रही है और फिर उन फैसलों को वापस लेने पड़ रहे है। सरकार के फैसलों से पूरे देश में जग हंसाई हुई है। देश के अन्य राज्यों की जनता कह रही है कि हिमाचल ने यह कैसी सरकार चुनी है, जो टॉयलेट पर भी टैक्स लगा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले नोटिफिकेशन जारी करती है, और बाद वापस लेती है। इसके अनेकों उदाहरण आपके सामने है, और इसका दोष भाजपा को देती है। सुक्खू सरकार में भ्रष्टाचार के चरम पर जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष में देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जिन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते थे। आज उन्हीं के सारे सरकार चला रहे हैं। सीएम सुक्खू चाह कर भी उनका बदला नहीं सकते हैं। क्योंकि राज बहुत गहरा है। जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू खनन माफिया को लेकर बड़े-बड़े भाषण देते थे। लेकिन आज जिन खनन मालिकों के खिलाफ ईडी की कार्रवाई हो रही है, वह सरकार के बहुत करीबी है। उन्होंने सरकार से इसको लेकर जवाब मांगा था, लेकिन सीएम सुक्खू, डिप्टी सीएम और प्रदेश सरकार के किसी भी मंत्री की तरफ से इसका कोई जवाब नहीं आया है। इसलिए इसमें भी बात काफी गहरी है। पार्टी अध्यक्ष और मंत्री को कार्यक्रम की जानकारी नहीं जयराम ठाकुर ने कहा कि एक तरफ सरकार दो साल के जश्न मनाने की बात कर रही है। वहीं दूसरी जब इनके एक मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से इसके बारे में पूछते है, तो वो कहते है कि उन्हें इसकी जानकारी ही नही, है। इससे यह साफ होता है कि कांग्रेस सरकार और संगठन में बिल्कुल भी तालमेल नहीं हैं। वहीं एक तरफ सीएम सुक्खू एक साक्षात्कार में कह रहे कि जो यूनिट बहुत घाटे में है, उन्हें निजी हाथों में देंगे। वहीं दूसरी और डिप्टी सीएम कह रहे है कि कोई भी यूनिट निजी हाथों में नहीं जाएगी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार के सब कुछ ठीक नहीं है। सरकार में कोई तालमेल नहीं है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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बता दें कि देश पर ब्रिटिश शासन के दौरान मंडी रियासत के राजा जोगेंद्र सेन ने शानन बिजलीघर के लिए जोगिंदरनगर में जमीन उपलब्ध करवाई थी। उस दौरान जो समझौता हुआ था। उसके अनुसार इसकी लीज अवधि 99 साल रखी गई थी, यानी 99 साल पूरे होने पर ये बिजलीघर उस धरती (मंडी रियासत के तहत जमीन) की सरकार को मिलना था, जहां पर ये स्थापित किया गया था। भारत की आजादी के बाद हिमाचल प्रदेश पंजाब का ही हिस्सा था। 2024 में समाप्त हुई लीज अवधि
वैसे हिमाचल का गठन 15 अप्रैल 1948 को हुआ था, लेकिन पूर्ण राज्य का दर्जा 1971 में मिला था। उस समय पंजाब पुनर्गठन एक्ट के दौरान शानन बिजलीघर पंजाब सरकार के स्वामित्व में ही रहा। पंजाब पुनर्गठन एक्ट-1966 की शर्तों के अनुसार इस बिजली प्रोजेक्ट को प्रबंधन के लिए पंजाब सरकार को हस्तांतरित किया गया था। लेकिन 2024 में इसकी लीज अवधि समाप्त हो गई है। ऐसे में लीज समझौते के अनुसार यह प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश को वापस मिलना चाहिए लेकिन यह कुमाऊँ पूत है, इससे 200 करोड़ की आय होती है।इसलिए पंजाब इसको छोड़ने के लिए आसानी से तैयार नही है और कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। आज होती है 200 करोड़ की कमाई
मंडी में जोगेंद्रनगर की ऊहल नदी पर स्थापित शानन बिजलीघर अंग्रेजों के शासन के दौरान साल 1932 में केवल 48 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता वाला प्रोजेक्ट था। बाद में पंजाब बिजली बोर्ड ने इसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाया, बिजलीघर शुरू होने के पचास साल बाद वर्ष 1982 में शानन प्रोजेक्ट 60 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन वाला हो गया। अब इसकी क्षमता पचास मेगावाट और बढ़ाई गई है, जिससे ये अब कुल 110 मेगावाट का प्रोजेक्ट है। कुल 200 करोड़ सालाना इनकम वाले इस कमाऊ पूत को पंजाब अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहता है।
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