किसान आंदोलन के नए चेहरे पर पुलिस का कड़ा पहरा:किसी को मिलने की परमिशन नहीं; कैंसर-शुगर रोगी, लेकिन कोई मेडिकल बुलेटिन नहीं

किसान आंदोलन के नए चेहरे पर पुलिस का कड़ा पहरा:किसी को मिलने की परमिशन नहीं; कैंसर-शुगर रोगी, लेकिन कोई मेडिकल बुलेटिन नहीं

किसानों के दिल्ली कूच से पहले मंगलवार सुबह पुलिस ने खनौरी बॉर्डर से किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को हिरासत में ले लिया। डल्लेवाल और सरवण पंधेर शंभू बॉर्डर पर 10 महीने से चल रहे किसान आंदोलन की अगुआई कर रहे हैं। हिरासत में लिए जाने के कई घंटों बाद तक किसी को यह भी पता नहीं था कि डल्लेवाल को कौन सी पुलिस ले गई है। पंधेर ने कहा कि हिंदी भाषा बोल रहे पुलिस वाले उठा ले गए। हालांकि पटियाला रेंज के DIG मनदीप सिद्धू ने वीडियो जारी कर कहा कि डल्लेवाल को पंजाब पुलिस लाई है। वह मंगलवार सुबह से मरणव्रत पर बैठने वाले थे, हमें उनकी उम्र और सेहत की चिंता थी। कुछ वक्त बाद पुलिस डल्लेवाल को लेकर लुधियाना के DMC अस्पताल पहुंच गई। यहां डल्लेवाल को किसी भी बाहरी व्यक्ति से नहीं मिलने दिया जा रहा। पुलिस के अधिकारी जरूर मिल रहे हैं, लेकिन किसान यूनियन के नेताओं, सांसद और मीडिया को भी यहां से लौटाया जा रहा है। डल्लेवाल की तबीयत को लेकर न तो अस्पताल कोई मेडिकल बुलेटिन जारी कर रहा और न ही पुलिस कुछ बता रही है। ऐसे में दैनिक भास्कर ने किसान आंदोलन का नया चेहरा बने जगजीत डल्लेवाल से मुलाकात करने की कोशिश की। डल्लेवाल को अस्पताल में थ्री लेयर सिक्योरिटी में रखा गया है। जिस इमरजेंसी वार्ड में वह भर्ती हैं, उसके अंदर नहीं जाने दिया जा रहा। पुलिस अधिकारी सबको रोक रहे हैं, लेकिन किसके आदेश से, यह भी कोई नहीं बता रहा। इमरजेंसी वार्ड में डल्लेवाल के पास जाने से पुलिस ने हमें भी रोक दिया। डल्लेवाल तक पहुंचने की कोशिश में हमारी टीम को पुलिस ने कहां रोका… 50 मीटर पहले पुलिस ने बैरिकेडिंग की
दैनिक भास्कर ने जगजीत डल्लेवाल से मिलने की कोशिश की शुरुआत की। किचलू नगर के रास्ते DMC अस्पताल के मेन गेट की तरफ आते वक्त 50 कदम दूर ही पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा रखी है। जहां 8 से 10 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इस 50 कदम में भी जगह-जगह पुलिसकर्मी बैठे हुए हैं। जो हर आने-जाने वाले व्यक्ति पर नजर रख रहे हैं। हर व्यक्ति को इमरजेंसी तक जाने की इजाजत नहीं है। मेन गेट पर 30 पुलिसकर्मी तैनात
सिक्योरिटी की दूसरी लेयर DMC के मेन गेट पर है। यहां पर 25 से 30 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। जिसमें रिजर्व पुलिस के भी जवान शामिल हैं। जिनमें कुछ सीनियर अधिकारी भी ड्यूटी पर हैं। यहां पर भी आने-जाने वालों पर सख्त नजर रखी जा रही है। डल्लेवाल से मुलाकात पर कुछ नहीं बोले अधिकारी
इसके बाद DMC अस्पताल के परिसर में भी पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है। इस बारे में जब वहां मौजूद एक अधिकारी से बात की गई तो डल्लेवाल से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुझे इसके बारे में पता नहीं है। इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी ने अंदर जाने से रोका
इसके बाद हम इमरजेंसी वार्ड की तरफ बढ़े, यहां गेट पर अस्पताल का सिक्योरिटी गार्ड रजिस्टर लेकर खड़ा मिला। वह सिर्फ उन्हीं लोगों को अंदर जाने दे रहा था, जिनके रिश्तेदार अंदर भर्ती हैं। गार्ड के साथ पंजाब पुलिस भी दीवार बनाकर खड़ी मिली। हमने अस्पताल के गार्ड से कहा कि हमें अंदर डल्लेवाल से मिलना है। तभी एक इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी दौड़ा आया। उसने हाथ के इशारे से इनकार करते हुए हटने को कहा। SHO बोले- सीनियर अधिकारी ही कुछ कह सकते हैं
इमरजेंसी पर तैनात एक पुलिसकर्मी ने कहा कि हम आपको अंदर नहीं जाने दे सकते। जब उन्हें पूछा गया कि यह किसके आदेश हैं तो उन्होंने कहा कि हमारे इंचार्ज का हुक्म आया था। इतनी देर में SHO नीरज चौधरी आए और हमारी टीम को वहां से हटाने लगे। हमने एसएचओ से पूछा कि हमें डल्लेवाल के पास जाना है तो उन्होंने इनकार करते हुए कहा कि सीनियर अधिकारी ही इस बारे में कुछ कह सकते हैं। कौन हैं डल्लेवाल, जो किसान आंदोलन का नया चेहरा बने
70 साल के जगजीत डल्लेवाल संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) के प्रधान हैं। पहले वह पंजाब के मालवा बेल्ट में एक्टिव थे। तब वह भारतीय किसान यूनियन (BKU) एकता सिद्धूपुर की अगुआई कर रहे थे। इस दौरान वह जमीन अधिग्रहण के विरोध और खुदकुशी करने वाले कर्जाई किसानों के लिए मुआवजा मांगने के प्रदर्शनों का प्रमुख चेहरा रहे। पिछली बार दिल्ली बॉर्डर पर हुए किसान आंदोलन में शामिल पंजाब के 32 किसान संगठनों में BKU एकता-सिद्धुपुर भी शामिल थी, जिन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा बनाया था। इसके बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने अलग राह पकड़कर 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। डल्लेवाल इसके लिए सहमत नहीं थे। इसलिए उन्होंने चुनाव न लड़ने वाले संगठनों का साथ जोड़कर SKM (नॉन पॉलिटिकल) का गठन कर लिया। इससे पहले मार्च 2018 में डल्लेवाल ने दिल्ली में समाजसेवी अन्ना हजारे के आंदोलन में भी हिस्सा लिया था। नवंबर 2019 में डल्लेवाल ने अन्ना हजारे की तरह चंडीगढ़ में भूख हड़ताल की थी। साल 2021 में केंद्र के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ भी वह भूख हड़ताल पर बैठे। नवंबर 2022 में जब पंजाब के सीएम भगवंत मान ने लगातार धरने लगा ट्रैफिक रोकने को लेकर ऐतराज जताया तो डल्लेवाल ने फिर भूख हड़ताल की। डल्लेवाल की आखिरी भूख हड़ताल 8 जून 2023 को थी, जिसमें वे करीब 21 मांगों को लेकर पावरकॉम के पटियाला स्थित हेडक्वार्टर के बाहर बैठे थे। यहां गेट पर बैठे होने की वजह से पावरकॉम के 40 कर्मचारी रात 10 बजे घर जा सके थे। यह धरना 14 जून तक चला, लेकिन तब पुलिस जबरन उन्हें इलाज के लिए धरनास्थल से अस्पताल ले गई। सरकार को उनकी स्मार्ट मीटर न लगाने, ट्यूबवेल कनेक्शन को रेगुलराइज करने समेत उनकी कुछ मांगें माननी पड़ीं थीं। खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत से पहले परिवार में प्रॉपर्टी बांटी
डल्लेवाल को मंगलवार से ही खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत शुरू करना था। इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। मरणव्रत पर बैठने से एक दिन पहले डल्लेवाल ने फरीदकोट में अपनी प्रॉपर्टी परिवार के नाम कर दी। डल्लेवाल के नाम उनके गांव डल्लेवाल में 17 एकड़ की खेतीबाड़ी की जमीन थी। उनके बेटे गुरपिंदरपाल डल्लेवाल ने बताया कि पिता ने वसीयत में साढ़े 4 एकड़ जमीन उनके नाम की। 2 एकड़ जमीन उनकी पत्नी और 10.5 एकड़ जमीन उनके बेटे जिगरजोत सिंह के नाम की। गुरपिंदरपाल ने बताया कि पिता डल्लेवाल ने कहा कि यह मरणव्रत किसानों के लिए इस बार यह आर-पार की लड़ाई है। PM मोदी पर दिए बयान से विवादों में रहे
शंभू बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन के दौरान जगजीत डल्लेवाल के PM नरेंद्र मोदी को लेकर दिए बयान की वजह से विवाद हो गया। वीडियो में डल्लेवाल ने कहा था- ‘मोदी का ग्राफ राम मंदिर के कारण बहुत ऊपर चला गया है। उसका ग्राफ कैसे नीचे आ सकता है? मैं बहुत बार गांवों में गया। लोगों को कहता था कि उसका ग्राफ बहुत ऊंचा है। दिन बहुत कम हैं। क्या बहुत कम दिनों में इसका (नरेंद्र मोदी) ग्राफ डाउन कर लेंगे?। इसके बाद भाजपा ने सवाल उठाए थे कि इससे किसान आंदोलन की मंशा क्लियर हो गई। हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद किसान नेता डल्लेवाल ने सफाई देते हुए कहा था कि आंदोलन में जिस तरीके से हम लड़ रहे हैं और वह हम पर हमला कर रहे हैं। ऐसे हमला करेंगे और हमारे लोग शांति रखेंगे तो देश के लोग मोदी नहीं बल्कि किसानों के साथ खड़े होंगे। —————————- डल्लेवाल से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…. डल्लेवाल को छुड़ाने के लिए खनौरी बॉर्डर पर मीटिंग, पंधेर बोले-उनकी सेहत पर सब चुप, दाल में कुछ काला है संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को डिटेन करने के बाद बुधवार को खनौरी बॉर्डर पर किसानों की मीटिंग हुई। मीटिंग में डल्लेवाल को छुड़ाने की रणनीति बनाई गई। किसान नेता शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी अगली रणनीति बताएंगे। हरियाणा से भी काफी संख्या में किसान खनौरी बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें… किसानों के दिल्ली कूच से पहले मंगलवार सुबह पुलिस ने खनौरी बॉर्डर से किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को हिरासत में ले लिया। डल्लेवाल और सरवण पंधेर शंभू बॉर्डर पर 10 महीने से चल रहे किसान आंदोलन की अगुआई कर रहे हैं। हिरासत में लिए जाने के कई घंटों बाद तक किसी को यह भी पता नहीं था कि डल्लेवाल को कौन सी पुलिस ले गई है। पंधेर ने कहा कि हिंदी भाषा बोल रहे पुलिस वाले उठा ले गए। हालांकि पटियाला रेंज के DIG मनदीप सिद्धू ने वीडियो जारी कर कहा कि डल्लेवाल को पंजाब पुलिस लाई है। वह मंगलवार सुबह से मरणव्रत पर बैठने वाले थे, हमें उनकी उम्र और सेहत की चिंता थी। कुछ वक्त बाद पुलिस डल्लेवाल को लेकर लुधियाना के DMC अस्पताल पहुंच गई। यहां डल्लेवाल को किसी भी बाहरी व्यक्ति से नहीं मिलने दिया जा रहा। पुलिस के अधिकारी जरूर मिल रहे हैं, लेकिन किसान यूनियन के नेताओं, सांसद और मीडिया को भी यहां से लौटाया जा रहा है। डल्लेवाल की तबीयत को लेकर न तो अस्पताल कोई मेडिकल बुलेटिन जारी कर रहा और न ही पुलिस कुछ बता रही है। ऐसे में दैनिक भास्कर ने किसान आंदोलन का नया चेहरा बने जगजीत डल्लेवाल से मुलाकात करने की कोशिश की। डल्लेवाल को अस्पताल में थ्री लेयर सिक्योरिटी में रखा गया है। जिस इमरजेंसी वार्ड में वह भर्ती हैं, उसके अंदर नहीं जाने दिया जा रहा। पुलिस अधिकारी सबको रोक रहे हैं, लेकिन किसके आदेश से, यह भी कोई नहीं बता रहा। इमरजेंसी वार्ड में डल्लेवाल के पास जाने से पुलिस ने हमें भी रोक दिया। डल्लेवाल तक पहुंचने की कोशिश में हमारी टीम को पुलिस ने कहां रोका… 50 मीटर पहले पुलिस ने बैरिकेडिंग की
दैनिक भास्कर ने जगजीत डल्लेवाल से मिलने की कोशिश की शुरुआत की। किचलू नगर के रास्ते DMC अस्पताल के मेन गेट की तरफ आते वक्त 50 कदम दूर ही पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा रखी है। जहां 8 से 10 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इस 50 कदम में भी जगह-जगह पुलिसकर्मी बैठे हुए हैं। जो हर आने-जाने वाले व्यक्ति पर नजर रख रहे हैं। हर व्यक्ति को इमरजेंसी तक जाने की इजाजत नहीं है। मेन गेट पर 30 पुलिसकर्मी तैनात
सिक्योरिटी की दूसरी लेयर DMC के मेन गेट पर है। यहां पर 25 से 30 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। जिसमें रिजर्व पुलिस के भी जवान शामिल हैं। जिनमें कुछ सीनियर अधिकारी भी ड्यूटी पर हैं। यहां पर भी आने-जाने वालों पर सख्त नजर रखी जा रही है। डल्लेवाल से मुलाकात पर कुछ नहीं बोले अधिकारी
इसके बाद DMC अस्पताल के परिसर में भी पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है। इस बारे में जब वहां मौजूद एक अधिकारी से बात की गई तो डल्लेवाल से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुझे इसके बारे में पता नहीं है। इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी ने अंदर जाने से रोका
इसके बाद हम इमरजेंसी वार्ड की तरफ बढ़े, यहां गेट पर अस्पताल का सिक्योरिटी गार्ड रजिस्टर लेकर खड़ा मिला। वह सिर्फ उन्हीं लोगों को अंदर जाने दे रहा था, जिनके रिश्तेदार अंदर भर्ती हैं। गार्ड के साथ पंजाब पुलिस भी दीवार बनाकर खड़ी मिली। हमने अस्पताल के गार्ड से कहा कि हमें अंदर डल्लेवाल से मिलना है। तभी एक इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी दौड़ा आया। उसने हाथ के इशारे से इनकार करते हुए हटने को कहा। SHO बोले- सीनियर अधिकारी ही कुछ कह सकते हैं
इमरजेंसी पर तैनात एक पुलिसकर्मी ने कहा कि हम आपको अंदर नहीं जाने दे सकते। जब उन्हें पूछा गया कि यह किसके आदेश हैं तो उन्होंने कहा कि हमारे इंचार्ज का हुक्म आया था। इतनी देर में SHO नीरज चौधरी आए और हमारी टीम को वहां से हटाने लगे। हमने एसएचओ से पूछा कि हमें डल्लेवाल के पास जाना है तो उन्होंने इनकार करते हुए कहा कि सीनियर अधिकारी ही इस बारे में कुछ कह सकते हैं। कौन हैं डल्लेवाल, जो किसान आंदोलन का नया चेहरा बने
70 साल के जगजीत डल्लेवाल संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) के प्रधान हैं। पहले वह पंजाब के मालवा बेल्ट में एक्टिव थे। तब वह भारतीय किसान यूनियन (BKU) एकता सिद्धूपुर की अगुआई कर रहे थे। इस दौरान वह जमीन अधिग्रहण के विरोध और खुदकुशी करने वाले कर्जाई किसानों के लिए मुआवजा मांगने के प्रदर्शनों का प्रमुख चेहरा रहे। पिछली बार दिल्ली बॉर्डर पर हुए किसान आंदोलन में शामिल पंजाब के 32 किसान संगठनों में BKU एकता-सिद्धुपुर भी शामिल थी, जिन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा बनाया था। इसके बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने अलग राह पकड़कर 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। डल्लेवाल इसके लिए सहमत नहीं थे। इसलिए उन्होंने चुनाव न लड़ने वाले संगठनों का साथ जोड़कर SKM (नॉन पॉलिटिकल) का गठन कर लिया। इससे पहले मार्च 2018 में डल्लेवाल ने दिल्ली में समाजसेवी अन्ना हजारे के आंदोलन में भी हिस्सा लिया था। नवंबर 2019 में डल्लेवाल ने अन्ना हजारे की तरह चंडीगढ़ में भूख हड़ताल की थी। साल 2021 में केंद्र के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ भी वह भूख हड़ताल पर बैठे। नवंबर 2022 में जब पंजाब के सीएम भगवंत मान ने लगातार धरने लगा ट्रैफिक रोकने को लेकर ऐतराज जताया तो डल्लेवाल ने फिर भूख हड़ताल की। डल्लेवाल की आखिरी भूख हड़ताल 8 जून 2023 को थी, जिसमें वे करीब 21 मांगों को लेकर पावरकॉम के पटियाला स्थित हेडक्वार्टर के बाहर बैठे थे। यहां गेट पर बैठे होने की वजह से पावरकॉम के 40 कर्मचारी रात 10 बजे घर जा सके थे। यह धरना 14 जून तक चला, लेकिन तब पुलिस जबरन उन्हें इलाज के लिए धरनास्थल से अस्पताल ले गई। सरकार को उनकी स्मार्ट मीटर न लगाने, ट्यूबवेल कनेक्शन को रेगुलराइज करने समेत उनकी कुछ मांगें माननी पड़ीं थीं। खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत से पहले परिवार में प्रॉपर्टी बांटी
डल्लेवाल को मंगलवार से ही खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत शुरू करना था। इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। मरणव्रत पर बैठने से एक दिन पहले डल्लेवाल ने फरीदकोट में अपनी प्रॉपर्टी परिवार के नाम कर दी। डल्लेवाल के नाम उनके गांव डल्लेवाल में 17 एकड़ की खेतीबाड़ी की जमीन थी। उनके बेटे गुरपिंदरपाल डल्लेवाल ने बताया कि पिता ने वसीयत में साढ़े 4 एकड़ जमीन उनके नाम की। 2 एकड़ जमीन उनकी पत्नी और 10.5 एकड़ जमीन उनके बेटे जिगरजोत सिंह के नाम की। गुरपिंदरपाल ने बताया कि पिता डल्लेवाल ने कहा कि यह मरणव्रत किसानों के लिए इस बार यह आर-पार की लड़ाई है। PM मोदी पर दिए बयान से विवादों में रहे
शंभू बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन के दौरान जगजीत डल्लेवाल के PM नरेंद्र मोदी को लेकर दिए बयान की वजह से विवाद हो गया। वीडियो में डल्लेवाल ने कहा था- ‘मोदी का ग्राफ राम मंदिर के कारण बहुत ऊपर चला गया है। उसका ग्राफ कैसे नीचे आ सकता है? मैं बहुत बार गांवों में गया। लोगों को कहता था कि उसका ग्राफ बहुत ऊंचा है। दिन बहुत कम हैं। क्या बहुत कम दिनों में इसका (नरेंद्र मोदी) ग्राफ डाउन कर लेंगे?। इसके बाद भाजपा ने सवाल उठाए थे कि इससे किसान आंदोलन की मंशा क्लियर हो गई। हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद किसान नेता डल्लेवाल ने सफाई देते हुए कहा था कि आंदोलन में जिस तरीके से हम लड़ रहे हैं और वह हम पर हमला कर रहे हैं। ऐसे हमला करेंगे और हमारे लोग शांति रखेंगे तो देश के लोग मोदी नहीं बल्कि किसानों के साथ खड़े होंगे। —————————- डल्लेवाल से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…. डल्लेवाल को छुड़ाने के लिए खनौरी बॉर्डर पर मीटिंग, पंधेर बोले-उनकी सेहत पर सब चुप, दाल में कुछ काला है संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को डिटेन करने के बाद बुधवार को खनौरी बॉर्डर पर किसानों की मीटिंग हुई। मीटिंग में डल्लेवाल को छुड़ाने की रणनीति बनाई गई। किसान नेता शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी अगली रणनीति बताएंगे। हरियाणा से भी काफी संख्या में किसान खनौरी बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें…   पंजाब | दैनिक भास्कर