पंजाब के सीनियर कांग्रेस नेता व पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा ने डेरा बाबा नानक सीट के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। उनकी तरफ से पंजाब विधानसभा के स्पीकर को इस्तीफा भेज दिया गया है। वह गुरदासपुर से लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। उन्होंने भाजपा के दिनेश बब्बू को चुनाव में मात दी है। उन्हें 364043 मत मिले है। वहीं वह मौजूदा समय में वह राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी भी है। 2 विधायकों का इस्तीफा रहा शेष इस बार लोकसभा चुनाव में कुल चार विधायकों ने चुनाव लड़ा था। इसमें कांग्रेस के डेरा बाबा नानक से विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व गिदड़बाहा के विधायक अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, बरनाला से आप के विधायक व मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर और कांग्रेस छोड़ आप में शामिल हुए राज कुमार चब्बेवाल शामिल है। इनमें से राज कुमार चब्बेवाल ने अपनी इस्तीफा पहले भी स्पीकर को भेज दिया था। जबकि अब सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इस्तीफा भेजा है। वहीं, शेष रहते दोनों विधायकों को भी इस्तीफा देना होगा। इसके बाद स्पीकर द्वारा इस बारे में निर्वाचन आयोग की सूचित किया जाएगा। इसके बाद निर्वाचन आयोग द्वार इन विधायकों की सीटों पर उप चुनाव करवाने संबंधी फैसला लिया जाएगा। हालांकि जालंधर वेस्ट सीट के विधायक शीतल अंगुराल ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस्तीफा दिया था। जहां पर अब चुनाव होने जा रहा है। 20 जून तक सभी को देना होगा इस्तीफा कानूनी माहिरों की माने तो सांसद चुने गए सभी नेताओं को 20 जून से पहले इस्तीफा देना होगा। क्योंकि दोनों पदों एक समय में नहीं रहा जा सकता है। अगर विधायक तय समय में इस्तीफा नहीं देते है, तो निर्वाचन आयोग द्वारा उनकी लोकसभा सीट को खाली समझ लिया जाएगा। क्योंकि इन लोगों को 4 जून 2024 को यह लोग चुनाव जीते थे। इसके बादसभी लोकसभा सांसदों के निर्वाचन से संबंधित अधिसूचना 6 जून 2024 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई हैं। उस अधिसूचना के 14 दिनों में इस्तीफे संबंधी प्रक्रिया को पूरा करना हाेता है। पंजाब के सीनियर कांग्रेस नेता व पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा ने डेरा बाबा नानक सीट के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। उनकी तरफ से पंजाब विधानसभा के स्पीकर को इस्तीफा भेज दिया गया है। वह गुरदासपुर से लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। उन्होंने भाजपा के दिनेश बब्बू को चुनाव में मात दी है। उन्हें 364043 मत मिले है। वहीं वह मौजूदा समय में वह राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी भी है। 2 विधायकों का इस्तीफा रहा शेष इस बार लोकसभा चुनाव में कुल चार विधायकों ने चुनाव लड़ा था। इसमें कांग्रेस के डेरा बाबा नानक से विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व गिदड़बाहा के विधायक अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, बरनाला से आप के विधायक व मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर और कांग्रेस छोड़ आप में शामिल हुए राज कुमार चब्बेवाल शामिल है। इनमें से राज कुमार चब्बेवाल ने अपनी इस्तीफा पहले भी स्पीकर को भेज दिया था। जबकि अब सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इस्तीफा भेजा है। वहीं, शेष रहते दोनों विधायकों को भी इस्तीफा देना होगा। इसके बाद स्पीकर द्वारा इस बारे में निर्वाचन आयोग की सूचित किया जाएगा। इसके बाद निर्वाचन आयोग द्वार इन विधायकों की सीटों पर उप चुनाव करवाने संबंधी फैसला लिया जाएगा। हालांकि जालंधर वेस्ट सीट के विधायक शीतल अंगुराल ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस्तीफा दिया था। जहां पर अब चुनाव होने जा रहा है। 20 जून तक सभी को देना होगा इस्तीफा कानूनी माहिरों की माने तो सांसद चुने गए सभी नेताओं को 20 जून से पहले इस्तीफा देना होगा। क्योंकि दोनों पदों एक समय में नहीं रहा जा सकता है। अगर विधायक तय समय में इस्तीफा नहीं देते है, तो निर्वाचन आयोग द्वारा उनकी लोकसभा सीट को खाली समझ लिया जाएगा। क्योंकि इन लोगों को 4 जून 2024 को यह लोग चुनाव जीते थे। इसके बादसभी लोकसभा सांसदों के निर्वाचन से संबंधित अधिसूचना 6 जून 2024 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई हैं। उस अधिसूचना के 14 दिनों में इस्तीफे संबंधी प्रक्रिया को पूरा करना हाेता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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परमात्मा की राह पर चलने और मन को बस में करने के लिए सत्संग करना जरूरी मानव के सभी दुखों और दुर्गुणों का कारण मन की चंचलता और इंद्रियों का विकार है। यही सब उसे भक्ति और सेवा मार्ग पर चलने में बाधा पैदा करते हैं। इनसे मुक्ति पाना है और परमात्मा की राह पर चलना है तो सत्संग करना जरूरी है। सत्संग से मन और मन से इंद्रियों पर नियंत्रण किया जा सकता है। यह व्याख्यान महा मंडलेश्वर 1008 मनकामनेश्वर महाराज जी महाराज श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाण ने मंदिर माता महाकाली गुफावाला में शनिवार के सांध्य सत्संग में दिए। महा मंडलेश्वर ने फरमाया कि मानव को अपने जीवन को सफल बनाने के लिए इंद्रियों पर संयम रखना चाहिए। जिसने इंद्रियों पर संयम रखा, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि इंद्रियां पशुओं के समान होती है। जिस प्रकार पशुओं को किस खेत में खाना है। क्या खाना हैं कब खाना है इसकी जानकारी नहीं होती है। इसी प्रकार मनुष्य की इंद्रियों को अच्छा, बुरा, भला और खराब की जानकारी नहीं होती है। ऐसे में ये इंद्रियां गलत काम करती हैं। जिसके कारण भगवान इस जीव आत्मा को दोषी मानते हुए सजा देता है। इसी सीख को मानते हुए मनुष्य को अपनी इंद्रियों पर संयम रखकर भगवान की भक्ति करनी चाहिए। आगे वह कहते हैं कि यह सब तभी संभव है जब हम संतों का साथ करते हैं अर्थात सत्संग का हिस्सा बनते हैं। वह कहते हैं कि इंद्रियों को वश में किया जा सकता है केवल मन पर कंट्रोल करके। क्योंकि मन ही हमारे शरीर को संचालन कर रहा है या यूं कहें कि चलते रथ की बागडोर मन के हाथ में है। वह अपने इशारे से इस शरीर को चला रहा है। उनके मुताबिक यदि मन पर काबू किया गया और मन को समझाया गया तो, इंद्रियां अपने आप मान जाएंगी। वह कहते हैं कि मन को बस में करने के लिए सत्संग जरूरी है। क्योंकि “बिन सत्संग विवेक न होई” बिना सत्संग की हमें विवेक पैदा नहीं हो सकता है। जब तक हम पूर्व महात्माओं का सत्संग नहीं सुनेंगे, उनके उदाहरण को नहीं समझेंगे, उनके बताए हुए रास्ते पर नहीं चलेंगे। तब तक हम अपने मन को काबू में नहीं कर सकते हैं।
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RGNUL मामले में 52 घंटे बाद जागी सरकार:शिक्षामंत्री ने रजिस्ट्रार से रिपोर्ट तलब की, पूर्व केंद्रीय मंत्री बोले- मामले की जांच हो पंजाब के पटियाला में स्थित राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (RGNUL) के वाइस चांसलर (VC) के गर्ल्स हॉस्टल की अचानक चेकिंग और उनके कपड़ों पर किए कमेंट को लेकर शुरू हुए बबाल के 52.32 घंटे बाद राज्य सरकार की भी नींद खुल गई है। शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस ने इस मामले का संज्ञान लिया है। उन्होंने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार से इस बारे में रिपोर्ट तलब की है। साथ ही कहा है कि मैं छात्रों को आश्वासन देता हूं कि न्याय होगा। दूसरी तरफ पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर और करुणा नंदी भी इस मामले को लेकर आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। जब तक जांच पूरी नहीं होती है, तब वीसी को पद से हटा देना चाहिए। शिक्षामंत्री ने यह पोस्ट में लिखा है शिक्षा मंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर मंगलवार रात एक पोस्ट डाली थी। इसमें उन्होंने लिखा है कि उच्च शिक्षा विभाग ने छात्रों के चल रहे विरोध प्रदर्शन के संबंध में RGNUL, पटियाला के रजिस्ट्रार से रिपोर्ट तलब की है। मैं छात्रों को आश्वासन देता हूं कि न्याय होगा। कुलपति को निजता के संवैधानिक अधिकार का पता नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि यह पढ़कर दुख होता है कि पटियाला के RGNUL को उस समय बंद कर दिया है। जब छात्र कुलपति के इस्तीफे की मांग की है। क्योंकि पहले आधी रात के बाद शराब पीने की जांच” करने के लिए यूनिवर्सिटी के वीसी ने लड़कियों के छात्रावास का औचक निरीक्षण किया। महिलाओं पर अपमानजनक टिप्पणी की। यह चौंकाने वाली बात है कि एक विधि विश्वविद्यालय के कुलपति को अपने छात्रों के निजता के संवैधानिक अधिकार के बारे में पूरी तरह से जानकारी नहीं है। सरकार को तुरंत एक जांच आयोग नियुक्त करना चाहिए, और कुलपति को इसके निष्कर्ष जारी होने तक पद से हट जाना चाहिए। उन्होंने मीडिया की खबर भी शेयर की। आरोप सही है तो भयावह है सुप्रीम कोर्ट की सीनियर वकील करुणा नंदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि अगर RGNUL के कुलपति के खिलाफ आरोप सच हैं तो वे भयावह हैं। जांच समिति का गठन तुरंत किया जाना चाहिए, जबकि कुलपति को अंतरिम अवकाश लेने के लिए कहा जाना चाहिए। सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला अचानक VC रेजिडेंस के सामने प्रदर्शन करने लगी छात्राएं रविवार (22 सितंबर) दोपहर करीब साढ़े 3 बजे लॉ यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने अचानक वीसी रेजिडेंस के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि वाइस चांसलर अचानक गर्ल्स हॉस्टल की चेकिंग करते हैं। वह जिन कपड़ों में होती हैं, उन पर कमेंट्स करते हैं। यह उनकी प्राइवेसी के अधिकार का उल्लंघन है। छात्राएं यहां ‘नॉट यूअर डॉटर’ के पोस्टर लेकर पहुंची थीं। यह धरना पूरी रात चलता रहा। वीसी ने उस वक्त मीडिया से बात नहीं की लेकिन यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रोफेसर आनंद पंवार ने छात्राओं के आरोपों को नकार दिया। उन्होंने कहा कि अगर उनकी कोई दिक्कत है तो यूनिवर्सिटी प्रशासन को बताना चाहिए। पुलिस थाना बख्शीवाला के इंचार्ज इंस्पेक्टर जसविंदर सिंह का कहना था कि उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली, इसलिए जांच शुरू नहीं की गई। रात भर रहा धरना, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कमेटी बनाई सोमवार तक छात्राओं के साथ दूसरे स्टूडेंट्स भी जुड़ गए और वे पूरी रात धरने पर बैठे रहे। उन्होंने यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के सामने पक्का मोर्चा लगा दिया। हालात बिगड़ते देख यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 9 मेंबरी कमेटी गठित कर दी। कमेटी ने सोमवार दोपहर पौने 3 बजे छात्राओं को एडमिन ब्लॉक में आकर बयान दर्ज कराने को कहा। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट डालकर इस घटना को भयावह बताया है। साथ ही इस मामले की जांच की मांग उठाई है। भले ही यूनिवर्सिटी में अगले आदेशों तक छुट्टी कर दी गई है। लेकिन स्टूडेंट चौथे दिन भी डटे हुए है।शिक्षा मंत्री ने लिखा रिपोर्ट मांगी है। माहौल बिगड़ते देख यूनिवर्सिटी बंद की गई मामला बिगड़ते देख यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक नोटिस जारी किया। जिसमें स्टूडेंट्स के वेलफेयर का हवाला देकर यूनिवर्सिटी को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दे दिया गया। इसमें ये भी कहा गया कि जो स्टूडेंट्स घर जाना चाहते हैं, वह जा सकते हैं। हालांकि स्टूडेंट्स ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, यह आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा। वीसी ने कहा- शिकायत की जांच के लिए गए थे मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक VC जेएस सिंह ने इस मामले में कहा कि गर्ल्स हॉस्टल में क्षमता से ज्यादा लड़कियों को रखने और आधी रात के बाद गर्ल्स हॉस्टल में स्मोकिंग और शराब पीने की शिकायतें मिली थी। जिसकी जांच के लिए वह हॉस्टल में गए थे। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक वाइस चांसलर ने बातचीत में कहा कि जो लड़कियां स्मोकिंग और शराब नहीं पीती, उनकी शिकायत मिली थी। उनका कहना था कि ये सारा कार्यक्रम रात 12 बजे के बाद शुरू करते हैं। बाहर से खाने की आड़ में वे ये सब चीजें मंगवाती हैं। मैं फीमेल वार्डन और अच्छे व्यवहार वाली स्टूडेंट्स के साथ चेकिंग करने गया था। उन्होंने कहा कि हर बैच के कुछ स्टूडेंट्स विरोध कर रहे हैं। बाकी क्लासरूम में पढ़ाई करते रहे। मैंने किसी के कपड़ों पर कोई कमेंट नहीं किया। ये कुछ चुनिंदा स्टूडेंट्स की तरफ से झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।