पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार को अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में खालिस्तानी आतंकी ने फायरिंग की। सुरक्षाकर्मियों की मुस्तैदी की वजह से गोली दीवार पर जाकर लगी, जिसके चलते सुखबीर बादल बाल-बाल बच गए। आरोपी गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक के चौड़ा गांव का नारायण सिंह है। दैनिक भास्कर की टीम चौड़ा गांव पहुंची। यहां गांव के लोगों से बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं था। पता पूछकर नारायण सिंह के घर पहुंचे। वहां सिर्फ उसकी पत्नी जसमीत कौर थी। जसमीत कौर ने कहा- ‘पति सुबह करीब पौने 6 बजे घर से निकला था। घर पर वह यह बोलकर गया था कि श्री दरबार साहिब में बरसी का कार्यक्रम है, वहां शामिल होना है। मुझे इस घटना के बारे में कुछ नहीं पता। पहले भी वह अमृतसर, गुरदासपुर, लुधियाना, चंडीगढ़ की जेल में सजा काट चुका है। उन्होंने जो भी किया है, बिल्कुल गलत है। मुझे नहीं पता कि उन्होंने किन हालातों में यह कदम उठाया, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।’ जसमीत कौर ने मीडिया से बात की। कुछ देर बाद एक युवक आया और वह उसके साथ बाइक पर बैठकर चली गई। ग्रामीणों के मुताबिक नारायण सिंह के 2 बेटे हैं। दोनों वकील हैं। पुलिस भी घर पहुंची, सिर्फ पत्नी मिली नारायण सिंह चौड़ा के घर पहुंचे थाना डेरा बाबा नानक के सब इंस्पेक्टर कैलाश सिंह ने बताया कि पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल पर हमले के मामले में वह नारायण सिंह चौड़ा के घर पर आए हैं। यहां पर सिर्फ उनकी पत्नी ही मिली। पारिवारिक सदस्यों से बातचीत की जाएगी। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। चौड़ा ने लिखा- सिख समुदाय ने अकाली दल को खारिज किया अकाली दल के बागी गुट ने एक जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचकर सुखबीर बादल की गलतियां कबूली थीं। जिसके बाद 14 जुलाई को नारायण सिंह चौड़ा ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली। जिसमें नारायण सिंह ने लिखा- सिख समुदाय ने अकाली दल को उसके जघन्य अपराधों के कारण राजनीतिक क्षेत्र से खारिज कर दिया है और वह अपनी मृत प्रतिष्ठा को पुनर्जीवित करने के लिए अकाल तख्त साहिब की मदद ले रहा है। नाराज गुट द्वारा अकाल तख्त साहिब पर जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को सौंपा गया अनुरोध पत्र इसी कड़ी का हिस्सा है। खालसा पंथ को इस बात का ध्यान रखना चाहिए। इस पार्टी की साजिश, जो हवस के तहत लंबे समय तक अकाल तख्त साहिब के सम्मान और प्रतिष्ठा, नैतिकता, खालसाई सिद्धांतों और पंथ परम्पराओं पर राजनीतिक दबाव डालकर जत्थेदारों के पद को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने के दोषी हैं। लिखा- अपराधों की अकाल तख्त से माफी नहीं मिल सकती गुरु पंथ को समर्पित हर सिख संगठन और हर गुरु सिख का यह धार्मिक कर्तव्य है कि वह असफल होकर गुरु पंथ की ताकत को व्यक्त करे। सामूहिक उत्तरदायित्व के सिद्धांत के अनुसार अकाल तख्त साहिब पर प्रकट हुआ यह गुट बादल दल द्वारा किए गए सभी बुरे अपराधों का भी जघन्य अपराधी है और ये बुरे अपराध इतने जघन्य और जघन्य हैं कि उन्हें अकाल तख्त साहिब से वेतन प्राप्त करके माफ नहीं किया जा सकता है। गुरु पंथ के साथ गद्दारी करने वाली यह पार्टी पंथ द्रोही है और इस पार्टी को राजनीतिक क्षेत्र में पंथ का नेतृत्व करने का कोई अधिकार नहीं है। पंथ ने इसे इस क्षेत्र से खारिज करके अपना मत व्यक्त कर दिया है। खालसा पंथ को अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता, आदेश की शक्ति, प्रक्रिया और पंथ स्वीकृति को पुनर्जीवित करने के लिए खालसा सिद्धांतों का संरक्षक बनकर गुरमत कर्ण की पंथिक पद्धति को पुनर्जीवित करने के लिए प्रयास करना चाहिए और एकजुट होना चाहिए। खालसा पंथ उन्हें उनके वेतन सहित बरी करने के प्रयास को उसी प्रकार स्वीकार नहीं करेगा जिस प्रकार डेरा सरसा को उनके राजनीतिक प्रभाव में माफी देने के आदेश को सिख जगत ने स्वीकार नहीं किया तथा बरी करने वालों को भी गुरु पंथ के रोष व गुस्से का सामना करना पड़ा। *********************** नारायण सिंह चौड़ा से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- 1. पंजाब में गोल्डन टेंपल के बाहर पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल पर फायरिंग अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में बुधवार को पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर खालिस्तानी आतंकी ने फायरिंग की। सुखबीर बादल गोल्डन टेंपल के गेट पर सेवादार बनकर बैठे थे। डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम को माफी देने को लेकर सिखों की सर्वोच्च अदालत अकाल तख्त ने उन्हें यह सजा दी है। पढ़ें पूरी खबर 2. आतंकी नारायण सिंह चौड़ा की हिटलिस्ट में था बादल परिवार पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार को गोल्डन टेंपल के गेट पर फायरिंग की गई। फायरिंग करने वाले नारायण सिंह चौड़ा की हिटलिस्ट में बादल परिवार पहले से ही था। वह बादल परिवार को दल पंथ का गद्दार मानता था। चौड़ा आतंकियों के साथ जेल काट चुका है और खुद भी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। पढ़ें पूरी खबर पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार को अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में खालिस्तानी आतंकी ने फायरिंग की। सुरक्षाकर्मियों की मुस्तैदी की वजह से गोली दीवार पर जाकर लगी, जिसके चलते सुखबीर बादल बाल-बाल बच गए। आरोपी गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक के चौड़ा गांव का नारायण सिंह है। दैनिक भास्कर की टीम चौड़ा गांव पहुंची। यहां गांव के लोगों से बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं था। पता पूछकर नारायण सिंह के घर पहुंचे। वहां सिर्फ उसकी पत्नी जसमीत कौर थी। जसमीत कौर ने कहा- ‘पति सुबह करीब पौने 6 बजे घर से निकला था। घर पर वह यह बोलकर गया था कि श्री दरबार साहिब में बरसी का कार्यक्रम है, वहां शामिल होना है। मुझे इस घटना के बारे में कुछ नहीं पता। पहले भी वह अमृतसर, गुरदासपुर, लुधियाना, चंडीगढ़ की जेल में सजा काट चुका है। उन्होंने जो भी किया है, बिल्कुल गलत है। मुझे नहीं पता कि उन्होंने किन हालातों में यह कदम उठाया, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।’ जसमीत कौर ने मीडिया से बात की। कुछ देर बाद एक युवक आया और वह उसके साथ बाइक पर बैठकर चली गई। ग्रामीणों के मुताबिक नारायण सिंह के 2 बेटे हैं। दोनों वकील हैं। पुलिस भी घर पहुंची, सिर्फ पत्नी मिली नारायण सिंह चौड़ा के घर पहुंचे थाना डेरा बाबा नानक के सब इंस्पेक्टर कैलाश सिंह ने बताया कि पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल पर हमले के मामले में वह नारायण सिंह चौड़ा के घर पर आए हैं। यहां पर सिर्फ उनकी पत्नी ही मिली। पारिवारिक सदस्यों से बातचीत की जाएगी। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। चौड़ा ने लिखा- सिख समुदाय ने अकाली दल को खारिज किया अकाली दल के बागी गुट ने एक जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचकर सुखबीर बादल की गलतियां कबूली थीं। जिसके बाद 14 जुलाई को नारायण सिंह चौड़ा ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली। जिसमें नारायण सिंह ने लिखा- सिख समुदाय ने अकाली दल को उसके जघन्य अपराधों के कारण राजनीतिक क्षेत्र से खारिज कर दिया है और वह अपनी मृत प्रतिष्ठा को पुनर्जीवित करने के लिए अकाल तख्त साहिब की मदद ले रहा है। नाराज गुट द्वारा अकाल तख्त साहिब पर जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को सौंपा गया अनुरोध पत्र इसी कड़ी का हिस्सा है। खालसा पंथ को इस बात का ध्यान रखना चाहिए। इस पार्टी की साजिश, जो हवस के तहत लंबे समय तक अकाल तख्त साहिब के सम्मान और प्रतिष्ठा, नैतिकता, खालसाई सिद्धांतों और पंथ परम्पराओं पर राजनीतिक दबाव डालकर जत्थेदारों के पद को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने के दोषी हैं। लिखा- अपराधों की अकाल तख्त से माफी नहीं मिल सकती गुरु पंथ को समर्पित हर सिख संगठन और हर गुरु सिख का यह धार्मिक कर्तव्य है कि वह असफल होकर गुरु पंथ की ताकत को व्यक्त करे। सामूहिक उत्तरदायित्व के सिद्धांत के अनुसार अकाल तख्त साहिब पर प्रकट हुआ यह गुट बादल दल द्वारा किए गए सभी बुरे अपराधों का भी जघन्य अपराधी है और ये बुरे अपराध इतने जघन्य और जघन्य हैं कि उन्हें अकाल तख्त साहिब से वेतन प्राप्त करके माफ नहीं किया जा सकता है। गुरु पंथ के साथ गद्दारी करने वाली यह पार्टी पंथ द्रोही है और इस पार्टी को राजनीतिक क्षेत्र में पंथ का नेतृत्व करने का कोई अधिकार नहीं है। पंथ ने इसे इस क्षेत्र से खारिज करके अपना मत व्यक्त कर दिया है। खालसा पंथ को अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता, आदेश की शक्ति, प्रक्रिया और पंथ स्वीकृति को पुनर्जीवित करने के लिए खालसा सिद्धांतों का संरक्षक बनकर गुरमत कर्ण की पंथिक पद्धति को पुनर्जीवित करने के लिए प्रयास करना चाहिए और एकजुट होना चाहिए। खालसा पंथ उन्हें उनके वेतन सहित बरी करने के प्रयास को उसी प्रकार स्वीकार नहीं करेगा जिस प्रकार डेरा सरसा को उनके राजनीतिक प्रभाव में माफी देने के आदेश को सिख जगत ने स्वीकार नहीं किया तथा बरी करने वालों को भी गुरु पंथ के रोष व गुस्से का सामना करना पड़ा। *********************** नारायण सिंह चौड़ा से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- 1. पंजाब में गोल्डन टेंपल के बाहर पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल पर फायरिंग अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में बुधवार को पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर खालिस्तानी आतंकी ने फायरिंग की। सुखबीर बादल गोल्डन टेंपल के गेट पर सेवादार बनकर बैठे थे। डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम को माफी देने को लेकर सिखों की सर्वोच्च अदालत अकाल तख्त ने उन्हें यह सजा दी है। पढ़ें पूरी खबर 2. आतंकी नारायण सिंह चौड़ा की हिटलिस्ट में था बादल परिवार पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार को गोल्डन टेंपल के गेट पर फायरिंग की गई। फायरिंग करने वाले नारायण सिंह चौड़ा की हिटलिस्ट में बादल परिवार पहले से ही था। वह बादल परिवार को दल पंथ का गद्दार मानता था। चौड़ा आतंकियों के साथ जेल काट चुका है और खुद भी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। पढ़ें पूरी खबर पंजाब | दैनिक भास्कर
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