सुखबीर बादल ने किया हाईकोर्ट का रुख:खुद पर हुए हमले के मामले में लगाई याचिका; सीबीआई से जांच करवाने की मांग

सुखबीर बादल ने किया हाईकोर्ट का रुख:खुद पर हुए हमले के मामले में लगाई याचिका; सीबीआई से जांच करवाने की मांग

शिरोमणि अकाली दल के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने गोल्डन टैंपल में खुद पर हुए हमले के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया है। उनकी तरफ से एक याचिका अदालत में दायर की गई। इसमें कहा गया है कि मामले का आरोप जेल से बाहर आ गया है। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की जांच एनआईए या सीबीआई को सौंपी जाएगी। एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर और अर्शदीप सिंह चीमा के माध्यम से याचिका दायर की गई है । वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस चीमा सुखबीर सिंह बादल का प्रतिनिधित्व करेंगे। मामले की आज सुनवाई होगी।
2 दिसंबर को चलाई थी गोली शिरोमणि अकाली दल के पूर्व अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर 2 दिसंबर को दरबार साहिब में सेवा के दौरान गोली चलाई गई। यह हमला नारायण सिंह चौड़ा ने किया, जो खालिस्तान समर्थक गतिविधियों से जुड़ा रहा है। घटना उस समय हुई, जब सुखबीर बादल श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से लगाई गई सजा के बाद सेवा कर रहे थे। अचानक चौड़ा ने उन पर गोली चला दी, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चौड़ा को पकड़ लिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। जांच में सामने आया कि चौड़ा लंबे समय से बादल परिवार के खिलाफ था और उन पर सिख पंथ से गद्दारी के आरोप लगाता रहा है। खुफिया एजेंसियों ने पहले भी चेतावनी दी थी कि वह बादल परिवार को निशाना बना सकता है। करीब दस दिन पहले वह जमानत पर जेल से बाहर आ गया है। जांच खत्म, जेल में रखने का ठोस कारण नहीं अमृतसर की कोर्ट ने चौड़ा को जमानत देते हुए कहा कि इस मामले में जांच लगभग पूरी हो चुकी है और आरोपी को अधिक समय तक जेल में रखने का कोई ठोस कारण नहीं है। जिसके बाद उसे जमानत दे दी गई है। हालांकि, यह साफ नहीं हो सका है कि जमानत पर रिहाई के लिए किन शर्तों को रखा गया है। जानें कौन है नारायण सिंह चौड़ा नारायण सिंह चौड़ा पंजाब में आतंकवाद के दौर से सक्रिय रहा है। 1984 में वह पाकिस्तान गया, जहां उसने भारत विरोधी संगठनों से संपर्क किया और गुरिल्ला वॉर पर साहित्य लिखा। वह हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी में भी शामिल रहा और पंजाब में कई आतंकी गतिविधियों में उसकी भूमिका सामने आई। उसके खिलाफ अमृतसर, तरनतारन और रोपड़ में UAPA के तहत केस दर्ज हैं। 2013 में उसे तरनतारन से गिरफ्तार किया गया था, जहां से आरडीएक्स और हथियार बरामद हुए थे। 2004 में हुए बुड़ैल जेल ब्रेक कांड में भी उसका नाम सामने आया, जिसमें बेअंत सिंह के हत्यारे फरार हुए थे। चौड़ा पर आरोप है कि उसने जेल में इन आतंकियों की भागने की योजना में मदद की थी। चौड़ा लंबे समय से बादल परिवार के खिलाफ था। 2013 में खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया था कि वह प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल को निशाना बना सकता है। उसने खालिस्तान लिबरेशन आर्मी बनाई थी और खालिस्तानी समर्थकों के बीच रणधीर सिंह के नाम से सक्रिय था। पुलिस जांच में उसके बब्बर खालसा इंटरनेशनल से संबंधों का भी खुलासा हुआ। सुखबीर बादल ने जब अकाल तख्त से मिली सजा स्वीकार की और सेवा शुरू की, तो चौड़ा ने उन पर हमला कर दिया। शिरोमणि अकाली दल के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने गोल्डन टैंपल में खुद पर हुए हमले के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया है। उनकी तरफ से एक याचिका अदालत में दायर की गई। इसमें कहा गया है कि मामले का आरोप जेल से बाहर आ गया है। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की जांच एनआईए या सीबीआई को सौंपी जाएगी। एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर और अर्शदीप सिंह चीमा के माध्यम से याचिका दायर की गई है । वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस चीमा सुखबीर सिंह बादल का प्रतिनिधित्व करेंगे। मामले की आज सुनवाई होगी।
2 दिसंबर को चलाई थी गोली शिरोमणि अकाली दल के पूर्व अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर 2 दिसंबर को दरबार साहिब में सेवा के दौरान गोली चलाई गई। यह हमला नारायण सिंह चौड़ा ने किया, जो खालिस्तान समर्थक गतिविधियों से जुड़ा रहा है। घटना उस समय हुई, जब सुखबीर बादल श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से लगाई गई सजा के बाद सेवा कर रहे थे। अचानक चौड़ा ने उन पर गोली चला दी, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चौड़ा को पकड़ लिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। जांच में सामने आया कि चौड़ा लंबे समय से बादल परिवार के खिलाफ था और उन पर सिख पंथ से गद्दारी के आरोप लगाता रहा है। खुफिया एजेंसियों ने पहले भी चेतावनी दी थी कि वह बादल परिवार को निशाना बना सकता है। करीब दस दिन पहले वह जमानत पर जेल से बाहर आ गया है। जांच खत्म, जेल में रखने का ठोस कारण नहीं अमृतसर की कोर्ट ने चौड़ा को जमानत देते हुए कहा कि इस मामले में जांच लगभग पूरी हो चुकी है और आरोपी को अधिक समय तक जेल में रखने का कोई ठोस कारण नहीं है। जिसके बाद उसे जमानत दे दी गई है। हालांकि, यह साफ नहीं हो सका है कि जमानत पर रिहाई के लिए किन शर्तों को रखा गया है। जानें कौन है नारायण सिंह चौड़ा नारायण सिंह चौड़ा पंजाब में आतंकवाद के दौर से सक्रिय रहा है। 1984 में वह पाकिस्तान गया, जहां उसने भारत विरोधी संगठनों से संपर्क किया और गुरिल्ला वॉर पर साहित्य लिखा। वह हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी में भी शामिल रहा और पंजाब में कई आतंकी गतिविधियों में उसकी भूमिका सामने आई। उसके खिलाफ अमृतसर, तरनतारन और रोपड़ में UAPA के तहत केस दर्ज हैं। 2013 में उसे तरनतारन से गिरफ्तार किया गया था, जहां से आरडीएक्स और हथियार बरामद हुए थे। 2004 में हुए बुड़ैल जेल ब्रेक कांड में भी उसका नाम सामने आया, जिसमें बेअंत सिंह के हत्यारे फरार हुए थे। चौड़ा पर आरोप है कि उसने जेल में इन आतंकियों की भागने की योजना में मदद की थी। चौड़ा लंबे समय से बादल परिवार के खिलाफ था। 2013 में खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया था कि वह प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल को निशाना बना सकता है। उसने खालिस्तान लिबरेशन आर्मी बनाई थी और खालिस्तानी समर्थकों के बीच रणधीर सिंह के नाम से सक्रिय था। पुलिस जांच में उसके बब्बर खालसा इंटरनेशनल से संबंधों का भी खुलासा हुआ। सुखबीर बादल ने जब अकाल तख्त से मिली सजा स्वीकार की और सेवा शुरू की, तो चौड़ा ने उन पर हमला कर दिया।   पंजाब | दैनिक भास्कर