पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल व शिरोमणि अकाली दल की सरकार के दौरान कैबिनेट में मंत्री रहे नेता मंगलवार को अकाल सख्त की सजा भुगतने के लिए गोल्डन टेंपल पहुंचे। सुखबीर बादल सुबह 9 बजे से 12 बजे तक गोल्डन टेंपल में रहे। सबसे पहले उन्होंने एक घंटा घंटाघर के बाहर गले में तख्ती और सेवादार के कपड़े पहनकर बरछा पकड़कर सेवादार की सेवा की। इसके बाद उन्होंने कीर्तन सुना। आखिर में जूठे बर्तनों की सेवा करने के बाद वह गोल्डन टेंपल से रवाना हो गए। शाम को वह दोबारा गोल्डन टेंपल आएंगे और जूतों की सेवा करेंगे। वहीं पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया और सुखदेव सिंह ढींढसा ने जूठे बर्तनों की सेवा की। इसके अलावा, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सुरजीत सिंह रखड़ा, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, बिक्रम मजीठिया और महेश इंदर ग्रेवाल ने टॉयलेट साफ किया। सुखबीर बादल को भी टॉयलेट साफ करने की सजा सुनाई गई थी, लेकिन पैर में फ्रैक्चर होने के कारण उन्हें इससे छूट दे दी गई। एक दिन पहले सोमवार को श्री अकाल तख्त में राम रहीम मामले में 5 सिंह साहिबानों की बैठक हुई, जिसमें उन्हें और शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौरान अन्य कैबिनेट सदस्यों को धार्मिक दुराचार के आरोपों के लिए सजा सुनाई गई। इस मामले में 30 अगस्त 2024 को सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त ने ‘तनखैया’ (धार्मिक दुराचार का दोषी) घोषित किया था। सुखबीर बादल समेत पूर्व मंत्रियों की धार्मिक सजा भुगतने के अपडेट्स पढ़ें… पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल व शिरोमणि अकाली दल की सरकार के दौरान कैबिनेट में मंत्री रहे नेता मंगलवार को अकाल सख्त की सजा भुगतने के लिए गोल्डन टेंपल पहुंचे। सुखबीर बादल सुबह 9 बजे से 12 बजे तक गोल्डन टेंपल में रहे। सबसे पहले उन्होंने एक घंटा घंटाघर के बाहर गले में तख्ती और सेवादार के कपड़े पहनकर बरछा पकड़कर सेवादार की सेवा की। इसके बाद उन्होंने कीर्तन सुना। आखिर में जूठे बर्तनों की सेवा करने के बाद वह गोल्डन टेंपल से रवाना हो गए। शाम को वह दोबारा गोल्डन टेंपल आएंगे और जूतों की सेवा करेंगे। वहीं पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया और सुखदेव सिंह ढींढसा ने जूठे बर्तनों की सेवा की। इसके अलावा, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सुरजीत सिंह रखड़ा, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, बिक्रम मजीठिया और महेश इंदर ग्रेवाल ने टॉयलेट साफ किया। सुखबीर बादल को भी टॉयलेट साफ करने की सजा सुनाई गई थी, लेकिन पैर में फ्रैक्चर होने के कारण उन्हें इससे छूट दे दी गई। एक दिन पहले सोमवार को श्री अकाल तख्त में राम रहीम मामले में 5 सिंह साहिबानों की बैठक हुई, जिसमें उन्हें और शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौरान अन्य कैबिनेट सदस्यों को धार्मिक दुराचार के आरोपों के लिए सजा सुनाई गई। इस मामले में 30 अगस्त 2024 को सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त ने ‘तनखैया’ (धार्मिक दुराचार का दोषी) घोषित किया था। सुखबीर बादल समेत पूर्व मंत्रियों की धार्मिक सजा भुगतने के अपडेट्स पढ़ें… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाएंगे अमित शाह:पंचकूला में होगी बैठक, 4500 कार्यकर्ता होंगे शामिल, मंडल स्तर के वर्करों को भी निमंत्रण
हरियाणा में कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाएंगे अमित शाह:पंचकूला में होगी बैठक, 4500 कार्यकर्ता होंगे शामिल, मंडल स्तर के वर्करों को भी निमंत्रण हरियाणा लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन 2019 के मुकाबले काफी निराशाजनक रहा। भाजपा का वोट प्रतिशत भी पिछली बार से कम हुआ। ऐसे में कहीं न कहीं कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर पड़ा है। इसी को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाजपा कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिए हरियाणा आएंगे। अमित शाह का कार्यक्रम पहले कुरुक्षेत्र में तय था, लेकिन अब वह पंचकूला आएंगे। हरियाणा भाजपा ने शाह के कार्यक्रम का विस्तार किया है। पहले कार्यक्रम में 2500 कार्यकर्ताओं को शामिल होना था, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ाकर 4500 कर दी गई है। अब मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया जा रहा है। इस बैठक में मंडल अध्यक्ष, मंडल महामंत्री, सभी मोर्चों के जिला पदाधिकारी, जिला पार्षद, नगर पार्षद और ब्लॉक कार्यसमिति को आमंत्रित किया गया है। कार्यकर्ताओं को आमंत्रित करने की जिम्मेदारी भाजपा के जिला अध्यक्षों को दी गई है। भाजपा ने ऐसी व्यवस्था की है, जिससे अमित शाह का संदेश बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं तक पहुंचे। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बनेगी रणनीति अमित शाह की बैठक में विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनेगी। हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाने के लक्ष्य के साथ भाजपा आगे बढ़ेगी। इस बैठक में अमित शाह हरियाणा में कांग्रेस द्वारा फैलाए गए झूठ के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा प्रचार करने पर जोर देंगे। फोटो खिंचवाने वाले कार्यकर्ताओं को फील्ड में मेहनत करने की सलाह दी जाएगी और काम न करने वाले कार्यकर्ताओं को पद छोड़ने की सलाह दी जाएगी। इसके अलावा 2014 और 2019 की तरह इस बार भी कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ ही प्रदेश भाजपा की कोर टीम के सदस्य ओपी धनखड़, सुधा यादव, कैप्टन अभिमन्यु, सुभाष बराला और रामबिलास शर्मा मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही बैठक में हरियाणा के सभी मंत्री, विधायक और सांसद हिस्सा लेंगे। इतना ही नहीं इस बैठक में 2500 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। शाह के कार्यक्रम से एक दिन पहले बैठक दूसरी ओर, अमित शाह की बैठक से पहले प्रदेश भाजपा की ओर से प्रदेश पदाधिकारियों, जिला अध्यक्षों और जिला प्रभारियों की बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में करीब 45 लोग भाग लेंगे। इस बैठक में अमित शाह के दौरे के दौरान एजेंडे तय किए जाएंगे। जिलों की क्या व्यवस्था होगी, इसकी पूरी रूपरेखा तैयार की जाएगी। आपको बता दें कि 2019 में जहां भाजपा ने लोकसभा में हरियाणा की 10 में से 10 सीटें जीती थीं, वहीं इस बार भाजपा लोकसभा में कांग्रेस से 5 सीटें हार गई। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मजबूत होकर उभरी है और हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस गठबंधन में रहते हुए 46 विधानसभा सीटों पर आगे निकली, जबकि भाजपा 42 विधानसभा सीटों पर आगे रही। ऐसे में इस बार भाजपा के लिए मुकाबला कड़ा है। इन वजहों से भाजपा के सामने कड़ी चुनौती 1. सत्ता विरोधी लहर: भाजपा को हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा में भाजपा की सरकार 10 साल से है। हरियाणा की जनता राज्य में बदलाव चाह रही है। हालांकि भाजपा ने मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दिया, लेकिन लोकसभा चुनाव में इसका कोई फायदा नहीं हुआ। लोकसभा चुनाव में भाजपा को मोदी के नाम पर वोट जरूर मिले, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव की राह कठिन है। 2. जाट और एससी समुदाय की नाराजगी: भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती जाट और एससी समुदाय को खुश करना है। लोकसभा चुनाव में दोनों समुदायों ने एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ वोट किया था। इसका नतीजा यह हुआ कि जिन विधानसभाओं में जाट समुदाय या एससी समुदाय का प्रभाव है, वहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती दोनों वर्गों को खुश करना है। 3. किसान आंदोलन और अग्निवीर योजना: भाजपा केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर लोगों से नाराज है। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय तक आंदोलन चला था। इसमें हरियाणा के किसानों ने अग्रणी भूमिका निभाई थी। हरियाणा सरकार ने किसानों के साथ कई मोर्चों पर बल प्रयोग किया और उनका साथ नहीं दिया। इससे किसान हरियाणा सरकार से नाराज हो गए। वहीं हरियाणा के युवा, खासकर ग्रामीण इलाकों से आने वाले युवा, केंद्र की अग्निवीर योजना से नाराज हैं। हरियाणा में युवा बड़े पैमाने पर सेना भर्ती की तैयारी करते हैं। अब यहां पढ़िए लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन 11.06% वोट शेयर घटा हरियाणा में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का 58 प्रतिशत वोट शेयर था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है।वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर देखें तो इस चुनाव में 43.73% वोट शेयर लेकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42% वोट शेयर मिला था। 5 साल में कांग्रेस के वोट शेयर में 15.31% वोट शेयर की बढ़ोतरी हुई है। रिजर्व सीटों पर BJP का बुरा हाल
हरियाणा में कुल 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। इनमें से मात्र 4 सीटों पर ही BJP को जीत मिली है। वहीं, कांग्रेस को 11, आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए भी बेहतर नतीजे आए हैं। AAP ने 2 सीटों पर लीड ली है। ये दोनों आरक्षित सीटें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट में आती हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 17 सीटों में से कांग्रेस ने मुलाना, सढौरा, खरखौदा, कलानौर, झज्जर, बवानीखेड़ा, उकलाना, कालांवाली, रतिया, नरवाना और होडल सीटें जीती हैं। AAP ने शाहाबाद और गुहला चीका, जबकि BJP ने नीलोखेड़ी, इसराना, पटौदी और बावल सीटें जीती हैं। इन मंत्रियों के गढ़ में पिछड़ी पार्टी
भाजपा विधायकों के अंबाला शहर से असीम गोयल (परिवहन मंत्री), जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर (कृषि मंत्री), पिहोवा से संदीप सिंह (पूर्व खेल मंत्री), कलायत से कमलेश ढांडा (पूर्व मंत्री), आदमपुर से भव्य बिश्नोई, नलवा से रणबीर सिंह गंगवा, बवानीखेड़ा से बिशंबर वाल्मीकि (राज्य मंत्री), फतेहाबाद से दूडाराम, रतिया से लक्ष्मण नापा, लोहारू से जेपी दलाल (कृषि मंत्री), कोसली से लक्ष्मण यादव, हथीन से प्रवीण डागर, होडल से जगदीश नागर के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवार की हार हुई।
हरियाणा CMO में पैठ पर खट्टर ने तोड़ी चुप्पी:बोले- हमारे यहां हैड्स चेंज होने पर कट नहीं मारते; 3 करीबियों की नियुक्ति हुई थी
हरियाणा CMO में पैठ पर खट्टर ने तोड़ी चुप्पी:बोले- हमारे यहां हैड्स चेंज होने पर कट नहीं मारते; 3 करीबियों की नियुक्ति हुई थी हरियाणा के मुख्यमंत्री ऑफिस (CMO) में अपनी पैठ पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। शुक्रवार को करनाल पहुंचे खट्टर ने कहा कि भाजपा में हैड्स चेंज होने पर कट मारने का काम नहीं होता। यहां तालमेल बनाते हुए चीजों को आगे बढ़ाते हैं। बता दें कि 3 दिन पहले प्रवीण अत्रे को CM नायब सैनी का मीडिया सचिव, तरूण भंडारी को राजनीतिक सचिव और वीरेंद्र सिंह बढ़खालसा को CM का OSD लगाया गया था। अत्रे और भंडारी पहले भी खट्टर के CM रहते इन्हीं पदों पर काम कर रहे थे। वहीं बढ़खालसा भी CMO में ही नियुक्त थे। सीएमओ में इन तीन नेताओं की हुई थी नियुक्ति मुख्यमंत्री ऑफिस में पैठ पर केंद्रीय मंत्री की अहम बातें… 1. जिले से ऑल इंडिया लेवल तक तालमेल
हमारी पार्टी और कार्यकर्ताओं का काम कंटीन्युएशन में होता है। ये दूसरी पार्टियां हैं, जब भी कभी हैंड्स चेंज होते हैं तो कट मारकर एक इधर गया और दूसरा उधर गया। यहां ऐसा नहीं है। यहां पार्टी ने जब से काम करना शुरू किया, लगातार हम तालमेल बढ़ाते हुए चीजों को आगे बढ़ाते हैं। वह चाहे जिले, प्रदेश में या फिर ऑल इंडिया लेवल पर हो। 2. भाजपा में अनुशासित तरीका
भाजपा का काम करने का तरीका बहुत अनुशासित है। जो शायद देश की किसी पार्टी का नहीं है। मैं भाजपा के साथ जुड़कर काम करने में गौरवान्वित महसूस करता हूं। 3. कांग्रेस में संगठन नाम की चीज नहीं
यहां वह समस्याएं नहीं आती कि कांग्रेस की तरह कहीं संगठन नाम की चीज नहीं है। न जिले में, न मंडल और न ही प्रदेश में। कभी भी किसी की नियुक्ति करके ऊपर से चलाते रहते हैं, नीचे से खुलापन रहता है। 4. सब तालमेल से चलता है
भाजपा की चाहे प्राइमरी मेंबरशिप हो या सक्रिय सदस्यता या चुनाव हों, चाहे सरकार हो, सब तालमेल से चलती हैं। कभी किसी तरह का विरोधाभास नहीं हुआ। हमें तो एक सम्यक और स्मूथ ढंग से की जा सकती है, उसकी भरपूर कोशिश करते हैं, ताकि जनता को किसी तरह की तकलीफ न हो। साढ़े 9 साल CM रहे खट्टर, अब केंद्र में मंत्री
मनोहर लाल खट्टर को भाजपा ने 2014 में पूर्व बहुमत की सरकार आने पर मुख्यमंत्री बनाया था। तब वे पहली बार MLA चुने गए थे। इसके बाद 2019 का चुनाव भी उन्हीं की अगुआई में लड़ा। जिसमें भाजपा 90 में से 40 ही सीटें जीत पाई। बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत थी। ऐसे में मनोहर लाल ने 10 सीटों वाली उसी जननायक जनता पार्टी (JJP) को साथ मिला लिया, जिन्हें भाजपा के विरोध में वोटें पड़ी थी। हालांकि दूसरे टर्म में साढ़े 4 साल बाद खट्टर ने इस्तीफा दे दिया और नायब सैनी नए सीएम बन गए। खट्टर ने पहली बार करनाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। सांसद चुने जाने पर उन्हें केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। ****************** मनोहर लाल खट्टर की ये खबर भी पढ़ें :- कपड़े की दुकान चलाते थे खट्टर:बंसीलाल की सरकार गिराने के लिए दाढ़ी बढ़ाई, मोदी से दोस्ती; पहले ही चुनाव में CM बने 1999 की बात है। हरियाणा में BJP और हरियाणा विकास पार्टी के गठबंधन की सरकार थी। चौधरी बंसीलाल मुख्यमंत्री थे। एक दिन BJP के संगठन मंत्री मुख्यमंत्री बंसीलाल से मिलने गए। कुछ देर बाद CM ने मैसेज भिजवाया- ‘BJP के संगठन मंत्री हमारी पार्टी के संगठन मंत्री से मिल लें। मुझसे मिलने की जरूरत नहीं है।’ पढ़ें पूरी खबर
हरियाणा में पहाड़ी हवाओं ने बढ़ाई ठिठुरन:14 जिलों में कोहरे का अलर्ट, 2 दिन में 3 डिग्री गिरा तापमान, प्रदूषण में सुधार
हरियाणा में पहाड़ी हवाओं ने बढ़ाई ठिठुरन:14 जिलों में कोहरे का अलर्ट, 2 दिन में 3 डिग्री गिरा तापमान, प्रदूषण में सुधार हरियाणा में मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। शुष्क मौसम के बाद अब मौसम विभाग ने कोहरे को लेकर अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने कल 14 जिलों में कोहरे का अलर्ट जारी किया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मौसम में यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुआ है। इस दौरान पहाड़ों पर बर्फबारी या बारिश के आसार हैं। इसके असर से 8 दिसंबर यानी कल हरियाणा के कुछ जिलों में बूंदाबांदी या हल्की बारिश के आसार हैं। रात के तापमान में 2-3 डिग्री की कमी आ सकती है। मौसम विभाग ने 7-8 दिसंबर को पंजाब और हरियाणा में कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है। यमुनानगर में सबसे सर्द रातें वहीं, पिछले दो दिनों से दिन में चल रही पहाड़ी हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी है। इससे दिन और रात के तापमान में 1.0 डिग्री से ज्यादा की गिरावट आई है। रोहतक में यह 22.9 डिग्री पर आ गया है। वहीं, प्रदेश में रात के तापमान में भी 0.9 डिग्री सेल्सियस की कमी देखी गई है। सबसे कम तापमान 8.0 डिग्री यमुनानगर में और सबसे ज्यादा तापमान 13.5 डिग्री रोहतक में दर्ज किया गया। AQI 200 से नीचे आया राज्य में AQI 200 से नीचे आ गया है। हवा चलने से प्रदूषण के स्तर में काफी सुधार हुआ है। हरियाणा के बहादुरगढ़ में सबसे ज्यादा AQI दर्ज किया गया, यहां यह 178 रहा। हालांकि, यह 200 से नीचे ही रहा। हरियाणा में AQI 200 से नीचे आ गया है। यमुनानगर में सबसे ज्यादा AQI करीब 193 दर्ज किया गया। अन्य जिलों में फरीदाबाद में 187, गुरुग्राम में 176, जींद में 174, अंबाला में 170, रोहतक में 169, हिसार में 168, बहादुरगढ़ में 167, कुरुक्षेत्र में 157 दर्ज किया गया। आगे कैसा रहेगा मौसम कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि अभी प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। पहाड़ों पर कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से हवा की दिशा में परिवर्तन होने से बादल छाने की संभावना है, जिससे रात और दिन के तापमान में कमी आने के आसार हैं। हालांकि, मौसम साफ होने और पहाड़ों से हवाएं चलने से आने वाले दिनों में दिन और रात के तापमान में कमी देखने को मिल सकती है।