हमीरपुर के सुजानपुर के युवक का दुबई में ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। शख्स एक महीने पहले ही दुबई में नौकरी के लिए गया था। शव को आज दुबई से हवाई जहाज से दिल्ली एयरपोर्ट पर आएगा। शव को लेने परिजन दिल्ली पहुंच गए हैं। मृतक के रिश्तेदार संतोष कुमार ने बताया कि अजय कौशल बेहद गरीब परिवार से है। उसके परिवार में पत्नी और 11 साल का एक बेटा है। जबकि दो बहनों की शादी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि उसकी पत्नी 5 माह की गर्भवती है। पारिवारिक स्थिति ठीक न होने के चलते अजय इस साल 26 जून को नौकरी के लिए दुबई गया था। संतोष कुमार ने बताया कि बीते मां को 28 जुलाई को कंपनी से फोन आया कि अजय की तबीयत खराब हो गई है और उसका ऑपरेशन करना पड़ेगा। इसी दौरान उसकी पत्नी फोन पर ही कंपनी के कर्मचारियों से उसकी तबीयत तथा हाल-चाल के बारे में जानकारी लेती रही। 14 अगस्त को कंपनी से फोन आया कि अजय की मौत हो गई है। हमीरपुर के सुजानपुर के युवक का दुबई में ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। शख्स एक महीने पहले ही दुबई में नौकरी के लिए गया था। शव को आज दुबई से हवाई जहाज से दिल्ली एयरपोर्ट पर आएगा। शव को लेने परिजन दिल्ली पहुंच गए हैं। मृतक के रिश्तेदार संतोष कुमार ने बताया कि अजय कौशल बेहद गरीब परिवार से है। उसके परिवार में पत्नी और 11 साल का एक बेटा है। जबकि दो बहनों की शादी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि उसकी पत्नी 5 माह की गर्भवती है। पारिवारिक स्थिति ठीक न होने के चलते अजय इस साल 26 जून को नौकरी के लिए दुबई गया था। संतोष कुमार ने बताया कि बीते मां को 28 जुलाई को कंपनी से फोन आया कि अजय की तबीयत खराब हो गई है और उसका ऑपरेशन करना पड़ेगा। इसी दौरान उसकी पत्नी फोन पर ही कंपनी के कर्मचारियों से उसकी तबीयत तथा हाल-चाल के बारे में जानकारी लेती रही। 14 अगस्त को कंपनी से फोन आया कि अजय की मौत हो गई है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में अक्टूबर में भी छूट रहे पसीने:8 शहरों का तापमान 30 डिग्री पार; 6 दिन बारिश के आसार नहीं हिमाचल प्रदेश के 7 जिलों में अक्टूबर माह में अब तक पानी की एक बूंद भी नहीं बरसी। इससे अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में भी लोगों के दिन के वक्त पसीने छूट रहे हैं। 8 शहरों का पारा 30 डिग्री या इससे ज्यादा चल रहा है। ऊना का तापमान सर्वाधिक 34 डिग्री चल रहा है, जोकि सामान्य से 2.3 डिग्री ज्यादा है। सुंदरनगर का पारा 30.8 डिग्री, भुंतर 30.6 डिग्री, कांगड़ा 30, बिलासपुर 32.6, बरठी 30.7, नैरी 31.8 और धौलाकुआं 31.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। अगले 6 दिन बारिश के आसार नहीं प्रदेश में अगले 6 दिन तक भी बारिश के आसार नहीं है। इससे खासकर मैदानी इलाकों में लोगों से गर्मी से राहत मिलने वाली नहीं है। अक्टूबर में सामान्य से 95 प्रतिशत कम बारिश मौसम विभाग के अनुसार, 1 से 15 अक्टूबर के बीच यानी पोस्ट मानसून सीजन में सामान्य से 95 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 7 जिले बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कुल्लू, शिमला, सिरमौर और सोलन में तो पानी की एक बूंद भी नहीं बरसी। किन्नौर और लाहौल स्पीति में भी हल्की बूंदाबांदी ही हुई है। प्रदेश के किस जिला में कितनी बारिश हुई ऊना जिला में 8.6 मिलीमीटर बारिश जरूर हुई है, लेकिन यहां भी सामान्य से 34 प्रतिशत कम बारिश हुई है। प्रदेश में इससे 15 अक्टूबर बीतने के बाद भी ठंड का एहसास नहीं हो पा रहा है। ज्यादातर शहरों का न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा चल रहा है। केलांग-कल्पा जैसे ठंडे क्षेत्रों में भी सामान्य से ठंड नहीं आलम यह है कि केलांग, कल्पा, कुकुमसैरी जैसे ठंडे क्षेत्रों में जहां 15 अक्टूबर के बाद तापमान माइनस में जाता था। वहां पर अभी तापमान नॉर्मल से ज्यादा चल रहा है। केलांग का न्यूनतम तापमान नॉर्मल से 1 डिग्री ज्यादा के साथ 3 डिग्री और कल्पा का पारा सामान्य से 2 डिग्री ज्यादा के साथ 5.9 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। शिमला-मनाली में सुहावना मौसम मशहूर पर्यटन स्थल शिमला, मनाली, नारकंडा, कुफरी में भी अभी सामान्य से ज्यादा पारा है। इन शहरों में भी अभी ठंड का एहसास नहीं हो पा रहा। शिमला का न्यूनतम पारा 12 डिग्री, मनाली का 8.2 डिग्री चल रहा है। दिन में यहां इन पर्यटन स्थलों पर सुहावना मौसम बना हुआ है। प्रदेश के प्रमुख शहरों का न्यूनतम तापमान
हिमाचल मस्जिद विवाद पर बोले शहरी विकास मंत्री:विक्रमादित्य ने कहा- कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई करेंगे; प्रशासनिक दृष्टि से देखने की जरूरत
हिमाचल मस्जिद विवाद पर बोले शहरी विकास मंत्री:विक्रमादित्य ने कहा- कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई करेंगे; प्रशासनिक दृष्टि से देखने की जरूरत हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में अवैध मस्जिद विवाद को लेकर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, प्रदेश में चाहे अवैध मस्जिद बनी है या फिर दूसरे भवन बने हैं। उन सबके खिलाफ कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई की जाएगी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा, हिमाचल एक शांतिप्रिय राज्य है। हमे इन मसलों को राजनीतिक दृष्टि से नहीं देखना चाहिए, बल्कि प्रशासनिक दृष्टि से कार्रवाई की जरूरत है। संजौली और मंडी में मुस्लिम समुदाय खुद अवैध निर्माण तोड़ने को तैयार है। मंडी में मुस्लिम समुदाय ने लोक निर्माण विभाग की जमीन पर बनी अवैध दीवार को तोड़ना शुरू कर दिया है। शहरी विकास मंत्री ने कहा, वार्तालाप करके हर चीज का हल निकाला जा सकता है। उन्होंने सभी लोगों से आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, वह इस मसले से समाधान के लिए हर वक्त वार्ता के लिए तैयार है। विक्रमादित्य ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने खुद इस मामले में सर्वदलीय मीटिंग कर चुके हैं। इसमें सभी दलों ने माना कि प्रदेश में इस तरह का माहौल नहीं होना चाहिए। मस्जिद विवाद के कारण 14 दिन से तनावपूर्ण माहौल प्रदेश में बीते 1 सितंबर से अवैध मस्जिद निर्माण के कारण माहौल तनावपूर्ण हो गया है। हालांकि शिमला और मंडी में मुस्लिम समुदाय द्वारा अवैध निर्माण को तोड़ने की हामी भरने के बाद माहौल शांत हुआ है। लेकिन अन्य शहरों में आए दिन इसे लेकर प्रदर्शन हो रहे है। आज भी सुन्नी, घुमारवी, सुंदरनगर और पांवटा साहिब में प्रदर्शन किए गए। इसी तरह प्रदेशभर में सुबह 9 से 11 बजे तक व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें बंद रखी है।
हिमाचल विधानसभा में राजस्व मंत्री-नेता प्रतिपक्ष में नोक-झोंक:सदन से बाहर गया विपक्ष; 3 आपदा प्रभावित राज्यों की तर्ज पर मदद को प्रस्ताव पास
हिमाचल विधानसभा में राजस्व मंत्री-नेता प्रतिपक्ष में नोक-झोंक:सदन से बाहर गया विपक्ष; 3 आपदा प्रभावित राज्यों की तर्ज पर मदद को प्रस्ताव पास हिमाचल विधानसभा में वीरवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर में तीखी नोक-झोंक हो गई। जगत नेगी ने कहा कि, जयराम ठाकुर हमेशा बिना स्पीकर की परमिशन के बोलने के लिए उठ जाते हैं। वह अपने साथियों को भी नहीं बोलने देते। उन्होंने कहा कि, सरकार द्वारा लाए गए प्रस्ताव को समर्थन नहीं करना था। इसलिए सदन से उठकर बाहर चले गए। राजस्व मंत्री सदन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू द्वारा लाए गए उस प्रस्ताव पर बोल रहे थे, जिसमें राज्य सरकार ने सिक्किम, असम और उत्तराखंड की तर्ज पर राहत राशि की मांग की गई। जगत नेगी ने कहा, तीन प्रदेशों को केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट में सीधे तौर पर राहत राशि देने का ऐलान किया, जबकि हिमाचल को और तरीके से मदद की बात कही गई। जगत नेगी ने कहा, हम संघीय ढांचे में रह रहे हैं। केंद्र से आर्थिक मदद मांगना हमारा संवैधानिक अधिकार है। हिमाचल ने केंद्र से 9000 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की मांग की। मगर केंद्र से हमे अब तक एक रुपए की भी मदद नहीं मिली। डिप्टी सीएम बोले- प्रदेश को अस्थिर करना चाह रहा केंद्र डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि, आपदा को लेकर विपक्ष हमारे साथ खड़ा नहीं हो रहे। हमें मालूम था कि इस प्रस्ताव पर विपक्ष बाहर जाएगा। बीते साल भी जब आपदा राहत को लेकर प्रस्ताव लाया गया था और 9000 करोड़ की मांग केंद्र से की गई थी, उस दौरान भी विपक्ष ने वॉक आउट किया था। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार ने हिमाचल का जीएसटी कंपनसेशन बंद कर दिया। रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट रोक दी। फॉरेन फंडिग में कटौती की, हिमाचल की कर्ज लेने की सीमा घटा दी। क्या हिमाचल हिंदुस्तान का राज्य नहीं। उन्होंने कहा कि, केंद्र यह सब प्रदेश को अस्थिर करने के लिए कर रहा है। विपक्ष के रवैये को लेकर निंदा प्रस्ताव पास संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इसे लेकर सदन में निंदा प्रस्ताव लाया। उन्होंने कहा, विपक्ष ने एक बार भी हिमाचल के लिए राहत पैकेज की मांग नहीं की। उन्होंने कहा कि, भाजपा में कुर्सी व नेतृत्व की लड़ाई हो रही है। इस वजह से विपक्ष का आचरण इस तरह का है। आसाम, उत्तराखंड और सिक्किम की तर्ज पर हमें भी मदद मिले : CM मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया, जैसे आसाम, उत्तराखंड और सिक्किम को मदद दी जा रही है, उसी दृष्टि से हमें भी मदद दी जाए। CM ने कहा कि, हिमाचल की आर्थिक मदद की जब बात आती है तो विपक्ष बाहर चला जाता है। जब भी सत्तापक्ष का कोई विधायक बोलता है, तो जयराम और रणधीर शर्मा बोलने उठ जाते हैं। उन्होंने कहा, पूरा भाजपा विधायक दल कन्फ्यूज नजर आ रहा। जयराम सनसनी फैलाकर राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। जयराम को बहुत गुस्सा आ रहा है। विचित्र स्थिति पैदा हो गई है। सरकार ने पैकेज के नाम पर जनता को ठगा: रणधीर मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पर बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि, राज्य सरकार केंद्र से आर्थिक मदद तो मांग रही है, लेकिन जो बजट पहले मिला है, उसे सरकार खर्च नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा, 1782 करोड़ में से 142 करोड़ रुपए 31 मार्च 2024 तक अनस्पेंट थे। जनता द्वारा दान 251 करोड़ भी खर्च नहीं हो पाए। और किस मुंह से मांग रहे। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने बीते साल आपदा प्रभावितों के लिए 4500 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया। जिनके घर पूरी तरह टूटे, उन्हें सात लाख देने की बात कही। मगर यह किसी को भी नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने पैकेज के नाम पर जनता को ठगा है।